चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

सनस्क्रीन, इसका नाम लेते ही हर कोई इसे लगाने की सलाह आपको देगा। क्योंकि सनस्क्रीन, नाम से ही जाहिर है, सन के लिए बनी एक ‘स्क्रीन’। सनस्क्रीन हमारी त्वचा पर एक परत की तरह काम करती है, जो तेज धूप में सूरज की ‘पराबैंगनी किरणों’ से हमारी त्वचा को होने वाले सीधे नुकसान से बचाती है। सनस्क्रीन में त्वचा को सूरज की इन हानिकारक किरणों से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजें होती हैं जैसे जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड आदि। ये हमारी त्वचा को ‘एजिंग इफेक्टस’ यानि असमय बुढ़ापे और ‘सनबर्न’ से बचाती हैं, लेकिन सनस्क्रीन का प्रभाव सबसे ज्यादा निर्भर करता है उसमें मौजूद ‘एसपीएफ’ यानि ‘सन प्रोटेक्टिंग फैक्टर’ पर। सनस्क्रीन में एसपीएफ जितना ज्यादा होगा, सनस्क्रीन उतना ज्यादा प्रभावी होगा। बाजार में सनस्क्रीन आपको क्रीम, लोशन और माॅइश्चराइजर के रूप में मिलते हैं। 

Table of Contents

चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

  • सनस्क्रीन लगाने के फायदे
  • सनबर्न से बचाते हैं
  • टैनिंग नहीं होती
  • बेहतरीन काॅस्मेटिक ऑप्शन
  • त्वचा के स्वास्थ्य की रक्षा
  • प्रीमैच्योर एजिंग से बचाए
  • स्किन कैंसर से बचाव
  • सनस्क्रीन से जुड़ी एक और जरूरी बात
  • सनस्क्रीन के नुकसान
  • केमिकल से नुकसान
  • स्किन एलर्जी
  • आंखों में जलन
  • बढ़ते मुहांसे

सनस्क्रीन लगाने के फायदे

चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

1. सनबर्न से बचाते हैं

यह एक बहुत बड़ा कारण होता है गर्मियों में हमारी त्वचा के खराब होने का। सनबर्न से हमारी त्वचा कमजोर पड़ने लगती है। सनबर्न ‘ब्लेमिशेज’ यानि झाइयों का बहुत बड़ा कारण होता है। तो गर्मियों में रोजाना बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाएं। खासकर आंखों के नीचे सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकलने से ‘आई बैग्स’ नहीं बनते हैं। 

2. टैनिंग नहीं होती

सूरज की पराबैंगनी किरणों से हमारी त्वचा को काफी नुकसान होता है। दूसरी समस्याओं के साथ ही टैनिंग एक बहुत बड़ी दिक्कत है। टैनिंग यानि हमारे शरीर का वो खुला हिस्सा जो सूर्य के संपर्क में ज्यादा देर रहने की वजह से काला पड़ जाता है, उसे टैनिंग कहते हैं। तो इस टैनिंग का इलाज यह है कि एक तो आप बाहर निकले तो शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक कर रखें। दूसरा, 30 या उससे ऊपर के एसपीएफ वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल करें। 

3. बेहतरीन काॅस्मेटिक ऑप्शन

आजकल के ज्यादातर सनस्क्रीम में माॅइश्चराइजर का काॅम्बिनेशन एक साथ होता है। तो हमें अलग से क्रीम या माॅइश्चराइजर नहीं लेना पड़ता। इसलिए कोशिश करें कि माॅइश्चराइजर युक्त अच्छे ब्रांड के सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल करें। 

4. त्वचा के स्वास्थ्य की रक्षा 

चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

स्किन के लिए जरूरी प्रोटीन जैसे कोलेजिन, कैरोटीन और इलास्टिन हमारी त्वचा को मुलायम और हेल्दी यानि स्वस्थ रखते हैं। इन सभी तत्वों की सूर्य की हानिकारक किरणों से रक्षा करने के लिए सनस्क्रीन लगाएं। 

5. प्रीमैच्योर एजिंग से बचाए

दरअसल सनस्क्रीन आपकी त्वचा पर एक तरह की रक्षा परत बना लेता है जिससे सूरज की किरणें सीधे आपकी स्किन को नुकसान नहीं पहुंचा पाती हैं, जिससे झाइयां, फाइन लाइन्स और झुर्रियों से बचाव आसान हो जाता है। 

6. स्किन कैंसर से बचाव

सनस्क्रीन स्किन को कैंसर से भी बचाने में मदद करता है। मसलन मेलानोमा, यह त्वचा का सबसे खराब माना जाने वाला कैंसर होता है जो महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है। 

सनस्क्रीन से जुड़ी एक और जरूरी बात

हम सोचते हैं कि सनस्क्रीन लगाने के बाद हमारी स्किन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। दरअसल मई-जून के महीनों में जब धूप अपने चरम पर होती है, उस दौरान जितना हो सके, त्वचा को धूप के सीधे संपर्क में आने से भी बचाना चाहिए। सनस्क्रीन लगाने के साथ-साथ पूरे और ज्यादा कपड़े पहनें। खासकर इन दिनों वाॅटर बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।  

सनस्क्रीन के नुकसान

चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

1. केमिकल से नुकसान

सनस्क्रीन को सचमुच के सनस्क्रीन यानि सुरक्षा गार्ड में बदलने के लिए इसे बनाने में कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। इनमें से कुछ केमिकल्स त्वचा के माध्यम से अंदर टिश्यू तक पहुंच जाते हैं। मसलन टेट्रासाइक्लिन, सल्फा फेनोथियाजिन आदि रसायन जो त्वचा के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। 

2. स्किन एलर्जी

चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से क्या होता है? - chehare par sanaskreen lagaane se kya hota hai?

सनस्क्रीन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन जब त्वचा पर लगते हैं तो उससे खुजली, लाल चकत्ते, त्वचा पर लालपन, सूजन जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। अगर कोई भी सनस्क्रीन लगाने से किसी भी तरह की एलर्जी महसूस हो तो तुरंत उसका इस्तेमाल बंद कर दें। 

3. आंखों में जलन

सनस्क्रीन लगाते वक्त कई बार हमारी आंखों में भी चला जाता है। आंखों में सनस्क्रीन जाने से दर्द, जलन की समस्या हो सकती है। कुछ सनस्क्रीन में काफी अधिक मात्रा में केमिकल होते हैं, इसलिए अगली बार जब भी सनस्क्रीन लगाते समय आंखों में चला जाए, तो उन्हें ठंडे पानी से धो लें। हां, अगर कभी इसके बाद भी समस्या महसूस हो, तो अपने डाॅक्टर से तुरंत संपर्क करें। 

4. बढ़ते मुहांसे 

अगर आपकी त्वचा पहले से ही सेंसिटिव है, तब आपके लिए सनस्क्रीन का प्रयोग हानिकारक हो सकता है। क्यों? क्योंकि सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स मुहांसों की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। मेरी तो आपको यही सलाह है कि आप अपने लिए या तो कोई मेडिकेटेड सनस्क्रीन का चयन करें या फिर अपने डाॅक्टर की सलाह लें। 

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चेहरे पर सनस्क्रीन का उपयोग कैसे करें?

बाहर निकलने से कुछ देर पहले लगाएं सनस्क्रीन लेकिन आपको बता दें त्वचा सनस्क्रीन को आब्जॉर्ब करने में 10 से 15 मिनट का समय लेती है. जिसके बाद ही सनस्क्रीन सूरज से यूवी प्रोटेक्शन देना शुरू करती है. इसलिए घर से निकलने के 10-15 मिनट पहले ही सनस्क्रीन लगा लें.

सनस्क्रीन आपके चेहरे के लिए अच्छा क्यों है?

सनस्क्रीन हमारी त्वचा पर एक परत की तरह काम करती है, जो तेज धूप में सूरज की 'पराबैंगनी किरणों' से हमारी त्वचा को होने वाले सीधे नुकसान से बचाती है। सनस्क्रीन में त्वचा को सूरज की इन हानिकारक किरणों से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चीजें होती हैं जैसे जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड आदि।

क्या रात को सनस्क्रीन लगा सकते हैं?

*यदि आप कोई भी डर्मा प्रोसीजर करवाते है, तो आपको सनस्क्रीन और नाइट क्रीम लगाना बहुत जरूरी है। घर से बाहर निकलने पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। वहीं रात में सोते समय नाइट क्रीम को जरूर लगाएं। *सनस्क्रीन कम से कम एसपीएफ 40 वाला होना चाहिए।

चेहरे पर कितना सनस्क्रीन लगाना है?

कितना एसपीएफ है सही (Right SPF) तो इतनी तेज धूप से त्वचा को बचाने के लिए कम से कम 30 या 50 एसपीएफ का सनस्क्रीन ही काम करता है। सनस्क्रीन लगाने में एक जरूरी और ध्यान देने वाली बात यह भी है, कि इसे लगाने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए। शरीर का जितना भी खुला भाग हो उसमें एक लेयर की तरह इसे लगाने से अच्छा इफेक्ट आता है।