विश्व हिंदी दिवस की थीम क्या है? - vishv hindee divas kee theem kya hai?

विश्व हिंदी दिवस की थीम क्या है? - vishv hindee divas kee theem kya hai?

आज की पीढ़ी अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देती है और हिंदी भाषा को कम महत्व देती है। हिंदी की उपेक्षा को रोकने के लिए विश्व में हर साल विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस 2022 की थीम का खुलासा होना बाकी है।

इतिहास

विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को 1975 में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। विभिन्न देशों जैसे मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1975 से विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी की है। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी 2006 को पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मनाया गया था और तब से 10 जनवरी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसे विश्व भाषा के रूप में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है।

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महत्व, और महत्व

हम भारतीयों के जीवन में हिंदी भाषा का बहुत महत्व है। हिंदी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। 10 जनवरी को सभी स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हर जगह साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को समझा जाता है। आपको बता दें कि इस खास दिन पर हमारे देश के राष्ट्रपति उन लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा में अच्छा काम किया है। आपको बता दें कि हिंदी दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है।

क्रियाएँ

इस दिन स्कूलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि छात्र हिंदी के महत्व को समझ सकें और इस भाषा का विकास कर सकें। छात्रों के बीच कविता, निबंध और अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। वहीं, देश और दुनिया में हिंदी के विकास के लिए काम करने वालों को राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और संस्थानों को राष्ट्रभाषा गुरु पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

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Hindi Diwas 2022: देश भर के हर स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय में हिंदी दिवस ( Hindi Diwas ) बेहद उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। 14 सितबंर का दिन वाकई हर भारतवासी के लिए गर्व का दिन है। ये पूरे देश को एक रखने वाली भाषा हिंदी का दिन है। सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश भारत में हिंदी दिवस के दिन की अहमियत बहुत ज्यादा है। भारत के विभिन्न क्षेत्रो में लोगों का खान-पान, रहन-सहन, वेश-भूषा, शारीरिक गठन, यहां तक की विचारधारा भी अलग-अलग प्रकार की है। भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग धर्म हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, पारसी तथा जैन धर्म के अनुयायी रहते हैं। और ये धर्म विभिन्न जातियों में बंटे हैं। विभिन्न क्षेत्रों के लोग अलग अलग भाषाएं बोलते हैं। धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति की इन विविधताओं के फासलों को हिंदी खत्म कर देती है। हिंदी ही है तो अलग अलग क्षेत्रों की लोगों के दिलों की दूरियों को मिटाती है और सभी को एकता के सूत्र में बांधे रखती है। 

कोई भी हिन्दुस्तानी जहां भी हो, दूसरे हिंदुस्तानी से हिन्दी भाषा के जरिए ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। अपनी दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो वो हिंदी ही है। आज देश का शायद ही ऐसा कोई हिस्सा हो जहां हिंदी सहजता से बोली या समझी ना जाती हो। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है।

क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस
आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था।  इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया। 

हिन्‍दी से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें
1. इंग्लिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। 

2. दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है।
ऑक्सफोर्ड ने आत्मनिर्भरता, चड्डी, बापू, सूर्य नमस्कार, आधार, नारी शक्ति और अच्छा शब्द को भी अपने प्रतिष्ठित शब्दकोश में जगह दी है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड ने करीब 70 भारतीय शब्दों को शामिल किया था, जिनमें 33 से ज्यादा हिंदी थे। ‘अरे यार!’, भेलपूरी, चूड़ीदार, ढाबा, बदमाश, चुप, फंडा, चाचा, चौधरी, चमचा, दादागीरी, जुगाड़, पायजामा, कीमा, पापड़, करी, चटनी, अवतार, चीता, गुरु, जिमखाना, मंत्र, महाराजा, मुग़ल, निर्वाण, पंडित, ठग, बरामदा जैसे शब्द पहले से शामिल हैं। 

3. दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।

4. भारत के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, फिजी, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है। 

5. हिंदी में उच्चतर शोध के लिए भारत सरकार ने 1963 में केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना की। देश भर में इसके आठ केंद्र हैं।

6. अभी विश्‍व के सैंकड़ों विश्‍वविद्यालयों में हिन्‍दी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिन्‍दी बोलते हैं। अमेरिका में लगभग एक सौ पचास से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का  पठन-पाठन हो रहा है।

7. हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 1975 से ‘विश्र्व हिंदी सम्मेलन’ का आयोजन शुरू किया गया। हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरी  को हर साल विश्व हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है। 

8. भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम ,यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है। 

9.  हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया, 11वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ नाम दिया था। यह भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और संयुक्त अरब अमीरात में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है।

10. मत बंटने से हिंदी नहीं बन पाई देश की राष्ट्रभाषा
राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिन्‍दी को जनमानस की भाषा कहा था। वह चाहते थे कि हिन्दी राष्ट्रभाषा बने। उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिन्‍दी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था। आजादी मिलने के बाद लंबे विचार-विमर्श के बाद आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्‍दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया। हिन्दी का राष्ट्रभाषा बनाए जाने के विचार से बहुत से लोग खुश नहीं थे। कइयों का कहना था कि सबको हिंदी ही बोलनी है तो आजादी के क्या मायने रह जाएंगे। ऐसे में हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी।

विश्व हिंदी दिवस 2022 थीम क्या है?

हिंदी दिवस की थीम- हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा का देश के साथ साथ पूरे विश्व में प्रचार प्रसार करना है। हिंदी दिवस मनाने के लिए जो थीम निर्धारित की गई है वह है -“भारतीय उपमहाद्वीप के सभी लोग हिंदी समझे और विदेशो में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाए।”

12वां विश्व हिंदी सम्मेलन कहाँ होगा?

इस बार '12वां विश्व हिंदी सम्मेलन' का आयोजन फिजी में किया जा रहा है। यह पहला मौका है जब पैसिफिक क्षेत्र के किसी देश में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन अगले साल 15 से 17 फरवरी तक भारतीय विदेश मंत्रालय और फिजी सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

विश्व हिन्दी दिवस सबसे पहले कहाँ मनाया गया?

वहीं, विश्व हिन्दी दिवस हर साल 10 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1975 में नागपुर में पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देना था।

विश्व हिन्दी दिवस 2022 कहाँ मनाया गया?

हिंदी दिवस, 2022 एवं अखिल भारतीय राजभाषा सम्‍मेलन, सूरत (गुजरात) : 14-15 सितंबर, 2022 | राजभाषा विभाग | गृह मंत्रालय | भारत सरकार