डिलीवरी के बाद पीरियड्स क्यों नहीं आते? - dileevaree ke baad peeriyads kyon nahin aate?

डिलीवरी के बाद पीरियड्स क्यों नहीं आते? - dileevaree ke baad peeriyads kyon nahin aate?

ड‍िलीवरी के बाद होने वाले पहले पीर‍ियड्स की अवध‍ि क‍ितनी लंबी होती है? पीर‍ियड्स की अवध‍ि पांच से सात द‍िन की हो सकती है। कुछ महि‍लाओं में अध‍िक ब्‍लीड‍िंग होने पर ये अवध‍ि एक सप्‍ताह भी हो सकती है। अगर आप गर्भवती हैं और जल्‍दी आपकी ड‍िलीवरी होने वाली है तो आपको ड‍िलीवरी के बाद पहली बार होने वाले पीर‍ियड्स से जुड़ी 5 जरूरी बातें जान लेना चाह‍िए। गर्भावस्‍था के नौ महीने बाद जब पहली बार पीर‍ियड्स आते हैं तो वो सामान्‍य पीर‍ियड्स से अलग होते हैं। ड‍िलीवरी के बाद पहली बार पीर‍ियड्स होने पर आपको सामान्‍य से ज्‍यादा दर्द हो सकता है, फ्लो हैवी हो सकता है पर आपको लक्षण बढ़ने पर डॉक्‍टर से सलाह भी लेनी है। अगर हर एक घंटे में पैड बदलने की जरूरत पड़ती है तो आपको तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाह‍िए। ड‍िलीवरी के बाद पहली बार होने वाले पीर‍ियड्स को अनुभव करने से पहले आपको इन 5 बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए। इस विषय पर ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोजि‍स्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

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(image source:herstep.com)

1. ड‍िलीवरी के बाद पहली बार पीर‍ियड्स कब आते हैं? (First period after delivery)

ड‍िलीवरी के बाद 45 से 90 द‍िनों के बीच पहली बार पीर‍ियड्स आ सकते हैं। जो मांएं स्‍तनपान नहीं करवाती हैं उनको पहले पीर‍ियड्स का अनुभव ड‍िलीवरी के छह महीने बाद भी हो सकता है। वहीं कुछ केस में इससे ज्‍यादा समय भी लग सकता है पर ज्‍यादातर केस में ड‍िलीवरी के डेढ़ से दो महीने के भीतर पीर‍ियड्स आ जाते हैं। स्‍तनपान का सीधा संबंध पीर‍ियड्स से होता है। स्‍तनपान करवाने वाली मांओं में प्रोलेक्‍ट‍िन हार्मोन बनता है ज‍िससे र‍िप्रोडक्‍टिव हार्मोन पर भी फर्क पड़ता है और पीर‍ियड्स सही समय पर आ जाते हैं पर जो मांएं स्‍तनपान नहीं करवाती उन्‍हें पीर‍ियड्स जल्‍दी न आने की समस्‍या हो सकती है। ड‍िलीवरी के बाद होने वाले पहले पीर‍ियड्स में आपको ऐंठन ज्‍यादा हो सकती है। इस दौरान आपको खून के थक्‍के भी नजर आ सकते हैं, ऐसा यूट्रस की परतों में वृद्धि के कारण होता है। ड‍िलीवरी के बाद ये परतें हटती है इसल‍िए ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। कई मह‍िलाओं में ब्‍लड फ्लो कम भी हो सकता है।

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2. ड‍िलीवरी के बाद होने वाले पहले पीर‍ियड्स में संक्रमण से बचें (Infection during periods)

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हर मह‍िला की शारीर‍िक रचना अलग ढंग से होती है इसल‍िए एक तय समय बता पाना मुश्‍क‍िल है। लेक‍िन ज्‍यादातर मामलों में मास‍िक चक्र ड‍िलीवरी के 6 से 8 सप्‍ताह में शुरू हो जाते हैं। ड‍िलीवरी के बाद आपको पहली बार होने वाले पीर‍ियड्स में संक्रमण से भी खुद को सुरक्ष‍ित रखना है। अगर आपको इस दौरान बुखार आता है या बदबूदार ड‍िसचार्ज होता है तो ये इंफेक्‍शन के लक्षण हो सकते हैं, इससे बचने के ल‍िए डॉक्‍टर आपको एंटी-बैक्‍टीर‍ियल या एंटी-फंगल दवाएं दे सकते हैं। यूर‍िन करते समय दर्द, स‍िर में दर्द या सांस लेने में समस्‍या होने पर भी आपको सतर्क हो जाना चाह‍िए। ये सभी लक्षण पीर‍ियड्स के दौरान होने वाले इंफेक्‍शन की ओर संकेत करते हैं, इसे ठीक करने के ल‍िए आप च‍िकि‍त्‍सा सहायता लें। इसके साथ ही आपको हेल्‍दी डाइट का सेवन करना है ज‍िसमें फाइबर को अपनी डाइट में एड करें और ज्‍यादा तला-भुना खाना ड‍िलीवरी के बाद न खाएं।

3. ड‍िसचार्ज और पीर‍ियड्स की ब्‍लीड‍िंग में फर्क समझें (Difference between discharge and bleeding during periods)

ड‍िलीवरी के ठीक बाद यूट्रस से होने वाला ड‍िसचार्ज पीर‍ियड्स के दौरान होने वाली ब्‍लीड‍िंग से अलग होता है। ये वो ड‍िसचार्ज होता है जो ड‍िलीवरी के बाद इनर लाइन‍िंग से न‍िकलता है। इसे आम भाषा में म्‍यूकस या वजाइनल ड‍िसचार्ज के नाम से जाना जाता है। इस ड‍िसचार्ज का रंग लाल, भूरा, पीला भी हो सकता है। ड‍िलीवरी के बाद आप अपनी साफ-सफाई का खास खयाल रखें, डॉक्‍टर की बताई बातों का पालन करें और क‍िसी भी इमरजेंसी की स्‍थ‍िति में डॉक्‍टर को संपर्क करें, वजाइनल एर‍िया में तेज दर्द, हैवी ब्‍लीड‍िंग, बुखार आद‍ि लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

4. ड‍िलीवरी के बाद पहली महावारी में दर्द हो सकता है (Heavy and irregular flow during periods after delivery)

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आपकी हाल ही में ड‍िलीवरी हुई है या होने वाली है तो आपको बता दें क‍ि ड‍िलीवरी के बाद होने वाले पहले पीर‍ियड्स के दौरान होने वाले दर्द से ज्‍यादा दर्द आपको बर्दाश करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको आपको हैवी फ्लो भी हो सकते हैं जो सामान्‍य से ज्‍यादा होंगे। इसके साथ ही ड‍िलीवरी के दौरान पहली बार जब पीर‍ियड्स होते हैं तो उसका फ्लो असामान्‍य हो सकता है। इसके साथ ही मूड स्‍व‍िंग की समस्‍या भी इस दौरान हो सकती है। आपको ड‍िलीवरी के बाद जब पहली बार पीर‍ियड्स हों तो खासकर उस दौरान ढेर सारा पानी प‍िएं, फाइबर युक्‍त भोजन खाएं, आराम करें और दर्द होने पर गरम पानी की बोतल से सिकाई करें। इस दौरान आपको भारी फ‍िजिकल वर्क करने से बचना चाह‍िए।

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5. इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज (Do not avoid these symptoms)

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ड‍िलीवरी के बाद पीर‍ियड्स से जुड़े इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें- ड‍िलीवरी के बाद पहली बार पीर‍ियड्स होना थोड़ा अलग अनुभव होता है, लेक‍िन इस दौरान कुछ खास लक्षण हैं ज‍िन्‍हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाह‍िए इनमें से एक है पीर‍ियड्स में ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग यानी हैवी ब्‍लीड‍िंग होना। ज्‍यादा ब्‍लीड‍िंग होने का पता आप ऐसे लगा सकती हैं क‍ि अगर आपको हर आधे घंटे या एक घंटे में पैड बदलने की जरूरत पड़ रही है तो मतलब हैवी फ्लो है। ऐसा होने पर आप तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं। इसके अलावा अगर ब्‍लीड‍िंग बहुत ज्‍यादा है, ब्‍लड क्‍लॉट या खून के थक्‍के ज्‍यादा बन रहे हैं और साथ में बुखार आ रहा है तो भी आपको डॉक्‍टर के पास जाना चाह‍िएा, ये ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं तो ड‍िलीवरी के बाद कुछ केस में यूट्स में हो जाता है। इसके अलावा इंफेक्‍शन के कारण भी पीर‍ियड्स का फ्लो हैवी हो सकता है।

अब आपको ड‍िलीवरी के बाद होने वाले पीर‍ियड्स से जुड़ी जानकारी म‍िल गई है तो अपना ध्‍यान रखें, हेल्‍दी डाइट लें, ढेर सारा पानी प‍िएं और साफ-सफाई बरकरार रखें।

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डिलीवरी के बाद पीरियड न आये तो क्या करे?

अगर डिलीवरी के बाद भी पीरियड्स सामान्य नहीं हो रहे तो अपनी डॉक्टर से जरूर मिल लें। क्योंकि सामान्यत बच्चे के जन्म के बाद पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। लेकिन अगर इनके नियमित होने या खुलकर होने की शिकायत हो तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह जरूर करें।

नॉर्मल डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आएगा?

डिलीवरी के लगभग छह से आठ सप्‍ताह के बाद पीरियड्स आते हैं, वो भी अगर आप स्‍तनपान नहीं करवा रही हों तो। स्‍तनपान करवाने की स्थिति में पीरियड आने का समय हर महिला में अलग हो सकता है। वहीं, कुछ महिलाओं को तो तब तक पीरियड्स नहीं आते, जब तक कि वो शिशु को दूध पिलाती हैं।

डिलीवरी के बाद पीरियड कैसे शुरू करें?

यदि आप अपने शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाती हैं, तो आपके पीरियड्स डिलीवरी के बाद पांच सप्ताह से तीन महीनों के बीच शुरु हो सकते हैं। इसका मतलब है कि आप शिशु को जन्म देने के केवल तीन हफ्ते बाद फिर से जननक्षम हो जाएंगी। शिशु की निप्पल चूसने की क्रिया डिंबोत्सर्जन (ओव्यूलेशन) पैदा करने वाले हॉर्मोनों को दबा देती है।

डिलीवरी के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम 12 महीने तक इंतजार करना चाहिए। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हैल्‍थ एंड ह्यूमन सर्विसेस के अनुसार दूसरी प्रेगनेंसी में इतने समय का गैप तो होना ही चाहिए।