उत्साह कविता के माध्यम से कवि क्या चाहते हैं? - utsaah kavita ke maadhyam se kavi kya chaahate hain?

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Short Note

‘उत्साह’ कविता का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

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Solution

कवि ने ‘उत्साह’ कविता में बादलों का आह्वान करते हुए क्रांति लाने के लिए कहा है। इस कविता में बादलों को क्रांतिदूत मानकर सोए, अलसाए और कर्तव्यविमुख लोगों को क्रांति लाने के लिए प्रेरित किया गया है। इस क्रांति या विप्लव के बिना समाज की जड़ता और कर्तव्यविमुखता में परिवर्तन लाना संभव नहीं है। लोगों में उत्साह भरना ही ‘उत्साह’ कविता का उद्देश्य है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 5: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है - अतिरिक्त प्रश्न

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NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 5 सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है
अतिरिक्त प्रश्न | Q 11

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Solution :  उत्साह कविता में कवि बादल से अनुरोध करता है कि हे बादलो तुम गगन को चारों ओर से घेर लो, घोर अंधकार कर लो और क्रांति करो। अनंत दिशा से आकर घनघोर गर्जना करके बरसों और तपती हुई धरा को शीतल कर दो। क्रांति के द्वारा परिवर्तन ले आओ। बादलों को क्रांतिदूत मानकर सोए-अलसाए, कर्तव्य-विमुख लोगों में उत्साह लाने के लिए अनुरोध करता है।

विषयसूची

  • 1 उत्साह कविता हमें क्या संदेश देती है?
  • 2 अट नहीं रही हैं कविता का उद्देश्य क्या है?
  • 3 उत्साह कविता का क्रांति दूत कौन है?
  • 4 कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया?
  • 5 कवि बादल के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहता है?
  • 6 अट नहीं रही है कविता की प्रमुख विशेषता क्या है?
  • 7 कभी बादल की गर्जना के द्वारा क्या करना चाहता है?
  • 8 कवि बादल की गर्जना के द्वारा क्या करना चाहता है?

उत्साह कविता हमें क्या संदेश देती है?

इसे सुनेंरोकें’उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मकता को अपनाने का संदेश दिया है। किसी कार्य की पूर्ति के लिए शरीर में ऊर्जा के संचार हेतु उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है।

अट नहीं रही हैं कविता का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअट नहीं रही है का भावार्थ (सार)- अट नहीं रही है कविता में कवि कहता है कि फागुन के महीने की कांति कहीं भी समा नहीं रही है। फागुन में प्राकृतिक उपमानों का सौंदर्य इतना अनुपम और मनोहारी हो गया है कि वह पूरी तरह से शरीर के अन्दर नहीं समा पा रहा है।

बादलों की गर्जना का आह्वान कर कवि क्या कहना चाहता है उत्साह कविता के आधार पर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंकवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।

उत्साह कविता का क्रांति दूत कौन है?

इसे सुनेंरोकेंबादलों के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहते है कि बादल घोर गर्जना करते है , वे बरसते है। उनके इस कार्य से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए , वे गरजकर हमारे अंदर उत्साह का संचार करते है। कवि कहते है कि बादल क्रांति दूत बनकर आए है।

कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया?

इसे सुनेंरोकें➲ ‘उत्साह’ कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। ✎… ‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है।

उत्साह कविता का प्रतिपाद्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: कवि ने उत्साह कविता मैं बादलों का आहान करते हुए कांति लाने के लिए कहां है. इस कविता में बादलों को कांति दूत मानकर सोए अलसाए और कर्त विमुख लोगों को कांति लाने के लिए प्रेरित किया गया है इस कांति या विलंब के बिना समाज की जड़ता और कर्त मुख्यता मैं परिवर्तन लाना संभव नहीं है.

कवि बादल के माध्यम से समाज को क्या संदेश देना चाहता है?

इसे सुनेंरोकें1. कवि समाज में क्रांति एवं उत्साह की भावना का संचार कर, नवजीवन व परिवर्तन लाना चाहता है। इसीलिए वह बादल को गरजने के लिए कह रहा है।

अट नहीं रही है कविता की प्रमुख विशेषता क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि ने प्रकृति की सुंदरता की व्यापकता का वर्णन कई प्रकार से किया है। फागुन के मौसम में पेड़-पौधे नए-नए पत्तों, फल और फूलों से लदे रहते हैं, हवा सुगन्धित हो उठी है, खेत- खलिहानों, बाग़-बगीचों, जीव-जन्तुओं, पशु- पक्षियों एवं चौक-चौबारों में फ़ागुन का उल्लास सहज ही दिखता है।

अट नहीं रही है नामक कविता में पाट पाट पर क्या बिखरी है?

इसे सुनेंरोकेंइस कविता में कवि ने फागुन मास की मनोहारी व मादक शोभा का सजीव चित्रण किया है। भावार्थ : पेड़ों पर नए पत्ते निकल आए हैं, जो कई रंगों के हैं। कहीं-कहीं पर कुछ पेड़ों के गले में लगता है कि भीनी‌-भीनी खुशबू देने वाले फूलों की माला लटकी हुई है। हर तरफ सुंदरता बिखरी पड़ी है और वह इतनी अधिक है कि धरा पर समा नहीं रही है।

कभी बादल की गर्जना के द्वारा क्या करना चाहता है?

कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने के लिए कहता है, क्यों?…उत्तर

  • बादल मानव-जीवन में क्रांति लाने की ओर संकेत करता है।
  • मानव-जीवन की पीड़ाओं को दूर करने की ओर संकेत करता है।
  • जीवन को उत्साह और संघर्ष के लिए प्रेरित करता है।
  • जीवन में नवीनता लाने, परिवर्तन लाने की ओर संकेत करता है।

कवि बादल की गर्जना के द्वारा क्या करना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंकवि बादल से गरजने के लिए कह रहे हैं क्योंकि ‘गरजना’ शब्द क्रान्ति विप्लव और विरोध का सूचक है। परिवर्तन के लिए आह्वान है। कवि को विश्वास है कि बादलों के गरजने से प्राणि जगत में नई स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा। वे उत्साहित होकर नव निर्माण करेंगे।

उत्साह कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

कवि ने 'उत्साह' कविता में बादलों का आह्वान करते हुए क्रांति लाने के लिए कहा है। इस कविता में बादलों को क्रांतिदूत मानकर सोए, अलसाए और कर्तव्यविमुख लोगों को क्रांति लाने के लिए प्रेरित किया गया है। इस क्रांति या विप्लव के बिना समाज की जड़ता और कर्तव्यविमुखता में परिवर्तन लाना संभव नहीं है।

उत्साह कविता में कवि ने क्या संदेश दिया है *?

'उत्साह' कविता में कवि 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' में जीवन में सकारात्मकता को अपनाने का संदेश दिया है। किसी कार्य की पूर्ति के लिए शरीर में ऊर्जा के संचार हेतु उत्साह होना आवश्यक है। उत्साह कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से यही संदेश देने का प्रयत्न किया है।

उत्साह कविता का मूल भाव क्या है?

Explanation: उत्साह का भावार्थ(सार)- उत्साह कविता में कवि कहता है की संसार के सभी लोग गर्मी के कारण व्याकुल और अनमने हो रहे थे। संसार के संपूर्ण मानव-समुदाय में बदलाव के परिणामस्वरूप व्याकुलता और अनमनी परिस्थितियों का वातावरण बना हुआ था। साहित्य के द्वारा ही समाज में चेतना का भाव आने का भरोसा बना है।

उत्साह कविता से क्या अभिप्राय है?

Answer: उत्साह कविता में कवि ने बादलों को पुकारा है। मगर, वो बादलों से बारिश करने के बजाय गरजने के लिए कहते हैं। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वो बादलों के जरिये लोगों के मन में क्रांति का बीज बोना चाहते हैं, जन-जन में उत्साह का संचार करना चाहते हैं।