2 इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए? - 2 is lekh ko padhane ke baad kya tumhaaree soch mein kuchh badalaav aae?

Solution : पहले मुझे लगता था कि अपंग व्यक्ति शारीरिक रूप से ही नहीं वरन् मानसिक रूप से भी कमजोर होते हैं। उन्हें सहारे और सहानुभूति की जरूरत होती है। वे खुद से कोई काम नहीं कर सकते, स्कूल में दाखिला लेकर लिखने-पढ़ने की बात तो बहुत दूर है। लेकिन अब मेरी सोच बिल्कुल बदल गई है। अब मैं उन्हें आत्मविश्वास. और साहस से भरा पाती हूँ। वे हमसे थोड़ा भी कम नहीं हैं। बल्कि कभी-कभी तो कार्यकुशलता में वे हमसे इतने आगे हो जाते हैं कि वे हमसे नहीं, हम उनसे प्रेरणा लेने लग जाते हैं।

प्रश्न 1: इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन कौन से प्रश्न उठते?

उत्तर: यदि इला जैसी कोई लड़की मेरी कक्षा में दाखिला लेती तो मेरे मन में तरह तरह के सवाल उठते। मुझे उसपर तरह आता। मेरी जिज्ञासा होती कि वह अपने जरूरी काम कैसे करती है। कोई उसका तिरस्कार तो नहीं करता है।

प्रश्न 2: इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?

उत्तर: इस लेख को पढ़ने के बाद मेरे मन में विकलांग के प्रति सम्मान बढ़ गया। जहाँ चाह वहाँ राह वाली कहावत पर मेरा विश्वास और बढ़ गया।

प्रश्न 3: यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन किन कामों में परेशानी आएगी?

उत्तर: इला को विद्यालय में कई कामों में परेशानी होगी। उसे लिखने में, कई खेल खेलने में, अपना बस्ता ढ़ोने, आदि में परेशानी होगी।


2 इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए? - 2 is lekh ko padhane ke baad kya tumhaaree soch mein kuchh badalaav aae?

Chapter 5: जहाँ चाह वहाँ राह

जहाँ चाह वहाँ राह

NCERT solutions for Hindi - Rimjhim Class 5 CBSE [हिंदी - रिमझिम ५ वीं कक्षा] Chapter 5 जहाँ चाह वहाँ राह जहाँ चाह वहाँ राह [Pages 44 - 46]

जहाँ चाह वहाँ राह

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. | Page 44

इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन-से प्रश्न उठते?

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 2. | Page 44

इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?

मैं भी कुछ कर सकती हूँ..

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. | Page 44

यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 2. | Page 44

उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकती हो?

प्यारी इला…

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. | Page 44

इला के बारे में पढ़कर जैसे भाव तुम्हारे मन में उठ रहे हैं उन्हें इला को चिट्ठी लिखकर बताओ। चिट्ठी की रूपरेखा नीचे दी गई है।

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प्रिय इला

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तुम्हारा/तुम्हारी।

सवाल हमारे, जवाब तुम्हारे

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. | Page 45

इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर का कारण लिखो।

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 2. | Page 45

इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी?

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 3. | Page 45

सही विकल्प चुनकर लिखो।

इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि ______

  • परीक्षा के लिए उसने अच्छी तरह तैयारी नहीं की थी।

  • वह परीक्षा पास करना नहीं चाहती थी।

  • लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।

  • उसको पढ़ाई करना कभी अच्छा लगा ही नहीं।

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 4. | Page 45

क्या इला अपने पैर के अंगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते?

कशीदाकारी

जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. (क) | Page 45

इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। अब देखो कि इस पाठ को पढ़कर तुमने कितने नए शब्द सीखे।

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जहाँ चाह वहाँ राह | Q 1. (ख) | Page 45

नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों ही) इकट्ठा करो।

फुटबाल बुनाई (ऊन) बागबानी पतंगबाजी
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जहाँ चाह वहाँ राह | Q 2. | Page 46

एक सादा रूमाल लो या कपड़ा काटकर बनाओ। उस पर नीचे दिए गए टॉकों में से किसी एक टाँके का इस्तेमाल करते हुए बड़ों की मदद से कढ़ाई करो।

ये काम कक्षा के लड़के-लड़कियाँ सब करें।

Chapter 5: जहाँ चाह वहाँ राह

जहाँ चाह वहाँ राह

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NCERT solutions for Hindi - Rimjhim Class 5 CBSE [हिंदी - रिमझिम ५ वीं कक्षा] chapter 5 - जहाँ चाह वहाँ राह

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