ऊर्जा के 2 प्रकार क्या हैं? - oorja ke 2 prakaar kya hain?

ऊर्जा के 2 प्रकार क्या हैं? - oorja ke 2 prakaar kya hain?

उर्जा किसे कहते हैं?

परिभाषा: किसी वस्तु, मशीन, मनुष्य अथवा किसी अन्य जीव द्वारा कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy)कहते हैं। कार्य के समान ऊर्जा का मात्रक भी जूलहै। ऊर्जा एक अदिश राशि है। ऊर्जा का SI पद्धति में मात्रक जूलहै।

उर्जा के प्रकार

ऊर्जा विभिन्न वस्तुओं में पायी जाती है इसलिए ऊर्जा के विभिन्न स्वरूप हैं :-

  1. यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy)
  2. रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy)
  3. विद्युत ऊर्जा (Electrical Energy)
  4. नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy)
  5. ऊष्मीय ऊर्जा (Thermal Energy) आदि।

ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों को समग्र रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है :-

  1. गतिज ऊर्जा
  2. स्थितिज ऊर्जा

1. गतिज ऊर्जा किसे कहते हैं?

किसी वस्तु में उसकी या स्वयं की गति के कारण उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic energy)कहते हैं।

गतिज ऊर्जा का सूत्र,

गतिज ऊर्जा (KE) = 1/2mV2

गतिज ऊर्जा के उदाहरण –

यह निम्न प्रकार से हैं-

  • चलती हवा में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • घूमते पहिए में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • बहते जल में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • दौड़ती वाष्प में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • चलती रेलगाड़ी में गतिज ऊर्जा विद्यमान होती है।

2. स्थितिज ऊर्जा किसे कहते हैं?

किसी वस्तु में अपनी स्थित के कारण उत्पन्न ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा (Potential energy)कहते हैं।

स्थितिज ऊर्जा का सूत्र,

स्थितिज ऊर्जा (PE) = mgh

स्थितिज ऊर्जा के उदाहरण –

यह निम्न प्रकार से हैं-

  • घड़ी में लिपटी हुई स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • जमीन से उंचाई पर स्थित जल में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • ओवरहेड टंकी में दबाई गई गैस में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।
  • किसी भी ऊंचाई पर रखी वस्तु में स्थितिज ऊर्जा विद्यमान होती है।

ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए उपयोग में लाए जा सकने वाले सभी स्रोतों को ऊर्जा स्रोत कहा जाता है। इनका उपयोग बिजली और ऊर्जा के दूसरे स्वरूपों को तैयार करने के लिए किया जाता है। ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं- नवीकरणीय या रिन्यूएबल और अ-नवीकरणीय या नॉन रिन्यूएबल। ऊर्जा के कभी खत्म नहीं होने वाले स्रोतों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। पानी, हवा, सूर्य की किरणें और बायोमास इसके कुछ उदाहरण हैं। जबकि दूसरे प्रकार के ऊर्जा स्रोत सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं। कोयला और पेट्रोलियम उत्पाद इसी श्रेणी में आते हैं।

प्रकाशित तिथि:मई 28, 2014

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physics July 5, 2020 November 11, 2018

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(what is energy in hindi) ऊर्जा की परिभाषा क्या है , उदाहरण , प्रकार , मात्रक , इकाई , विमा , ऊर्जा किसे कहते हैं इसके प्रकार बताइए

परिभाषा : किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते है।
ऊर्जा भौतिक विज्ञान में बहुत अधिक उपयोग में लाया जाने वाले शब्द है जो किसी वस्तु का वह गुण होता है जिसे किसी एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित करके किसी कार्य को किया जाता है।
ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है अर्थात ऊष्मा संरक्षित रहती है या संरक्षण के नियम की पालना करती है।

ऊर्जा का मात्रक (unit of energy)

ऊर्जा का मापन ‘जूल’ में किया जाता है अर्थात उर्जा का मात्रक जूल होता है।  ऊर्जा के मापन में जूल शब्द महान भौतिकविद जेम्स प्रेस्कॉट जौले (James Prescott Joule) के नाम पर दिया गया था जिन्होंने इस क्षेत्र में काफी योगदान दिया था।

ऊर्जा के विभिन्न रूप

ऊर्जा कई रूप में हो सकती है जैसे उष्मीय ऊर्जा , प्रकाश ऊर्जा , ध्वनि ऊर्जा , रासायनिक उर्जा , यान्त्रिक उर्जा आदि।

किसी एक वस्तु द्वारा दूसरी वस्तु पर कार करने की क्षमता को ऊर्जा कहा जाता है।

ऊर्जा दो प्रकार की हो सकती है –

1. गतिज ऊर्जा

2. स्थितिज ऊर्जा

1. गतिज ऊर्जा : किसी वस्तु में उसकी गति के कारण उसमे एक ऊर्जा निहित होती है उस ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते है अर्थात वस्तु की गति के कारण गतिज ऊर्जा होती है।

जब किसी पिण्ड पर बल आरोपित किया जाता है तो बल के कारण वस्तु गति करना शुरू कर देती है अर्थात हमारे द्वारा लगाया गया बल या कार्य वस्तु में स्थानांतरित हो जाता है और इस कार्य के कारण वस्तु गति करने लगती है , जिसके कारण वस्तु में गतिज ऊर्जा निहित हो जाती है।

m द्रव्यमान का पिण्ड यदि v वेग से गति कर रहा हो तो इसमें निहित गतिज ऊर्जा का मान –

ऊर्जा के 2 प्रकार क्या हैं? - oorja ke 2 prakaar kya hain?

किसी वस्तु में भविष्य में कार्य करने के लिए एक प्रकार की ऊर्जा निहित रहती है , इस ऊर्जा को स्थितिज उर्जा कहते है।

यह ऊर्जा वस्तु में संचित रहती है जिसका उपयोग वस्तु कार्य करने के लिए कर सकती है।

ऊर्जा

किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा एक अदिश राशि है। इसका ैप् मात्रक जूल है। वस्तु मे जिस कारण से कार्य करने की क्षमता आ जाती है, उसे ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा दो प्रकार की होती है- गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा।

गतिज ऊर्जा- किसी वस्तु मे गति के कारण जो कार्य करने की क्षमता आ जाती है, उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं। यदि द्रव्यमान की वस्तु वेग से चल रही हो, तो गतिज ऊर्जा

अर्थात किसी वस्तु का द्रव्यमान दोगुना करने पर उसकी गतिज ऊर्जा दोगुनी हो जाएगी और द्रव्यमान आधी करने पर उसकी गतिज ऊजा आधा हो जाता है। इसी प्रकार वस्तु का वेग दोगुना करने पर वस्तु की गतिज ऊर्जा चार गुनी हो जाएगी और वेग आधा करने पर वस्तु की गतिज ऊर्जा 1/4 गुनी हो जाएगी।

गतिज ऊर्जा एवं संवेग मे संबंध- जहाँ = संवेग = अर्थात संवेग दो गुणा करने पर गतिज ऊर्जा चार गुनी हो जाएगी।

स्थितिज ऊर्जा– किसी वस्तु मे उसकी अवस्था या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता को स्थितिज ऊर्जा कहते है। जैसे- बाँध बना कर इकट्ठा किए गए पानी की ऊर्जा, घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा, तनी हुई स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा। गुरूत्व बल के विरूद्ध संचित स्थितिज ऊर्जा का व्यंजक है-

च्ण्म्ण् = उही जहाँ उ = द्रव्यमान, ह = गुरूत्वजनित त्वरण, ी= ऊँचाई

ऊर्जा संरक्षण का नियम- ऊर्जा का न तो निर्माण होता है न विनाश अर्थात विश्व की कुल ऊर्जा नियत रहती है। ऊर्जा का केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरण होता है। जब भी ऊर्जा किसी रूप मे लुप्त होती है, ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट हो जाती है। यह ऊर्जा संरक्षण का नियम कहलाता है।

ऊर्जा का रूपान्तरण- ऊर्जा रूपानतरण के कुछ उदाहरण नीचे दिये गये है।

उपकरण ऊर्जा का रूपान्तरण

सौर सेल प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में

डायनमो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में

विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में

माइक्रोफोन ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में

लाउडस्पीकर विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में

सितार यांत्रिक ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में

बल्ब/ट्यूब-लाइट/हींटर का जलना विद्युत ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में

मोमबत्ती का जलना रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा में

कोयले का जलना रासायनिक ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में

विद्युत सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में

इंजन ऊष्मा ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में

प्रकाश विद्युत सेल प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में

सौर ऊर्जा– सूर्य, ऊर्जा का विशाल स्त्रोत है। सूर्य का लगभग 70ः द्रव्यमान हाइड्रोजन से, 28ः हीलियम से तथा 2ः अन्य भारी तत्वों से बना है। सूर्य के केन्द्र (बवतम) का तापमान और दाब क्रमशः 1.5 ग 107ज्ञ तथा 2 ग 1016 न्यूटन प्रति वर्ग मीटर है। केन्द्र में उच्च ताप एवं दाब होने के कारण वहाँ नाभिकीय संलयन (निेपवद) की क्रिया होती है। सूर्य के केन्द्र में चार हाइड्रोजन नाभिक संलयित होकर हीलियम नाभिक बनाते है, जिससे अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। सूर्य से प्रति सेकण्ड 3ण्86ग1026 जूल ऊर्जा निकलती है। यह ऊर्जा विद्युत-चुम्बकीय तरंगें तथा आवेशित कणों के रूप में निकलती हैं। पृथ्वी पर सूर्य की ऊर्जा मुख्यतः विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के रूप में पहुँचती है, उसे सौर विकिरण कहते है। विकिरण के गुण उसके अन्दर उपस्थित तरंगों के तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करते है। ऊष्मा का अनुभव कराने वाली विकिरण को अवरक्त विकिरण एवं वस्तुओं का दर्शन कराने वाली विकिरण को दृश्य विकिरण या प्रकाश कहते है।

ऊर्जा कितने प्रकार की होती है?

प्रकृति में ऊर्जा कई अलग अलग रूपों में मौजूद है। इन के उदाहरण हैं: प्रकाश ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा, गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा, रसायनिक ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा। प्रत्येक ऊर्जा को एक अन्य रूप में परिवर्तित या बदला जा सकता है। ऊर्जा के कई विशिष्ट प्रकारों में प्रमुख रूप गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा है।

ऊर्जा क्या है इसके दो प्रकार लिखिए?

Solution : ऊर्जा मुख्यतः दो प्रकार की होती है (i) यांत्रिक ऊर्जा एवं (ii) अयांत्रिक ऊर्जा। स्थितिज तथा गतिज ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा के रूप हैं। ताप, प्रकाश, विद्युत, ध्वनि आदि अयांत्रिक ऊर्जा के रूप हैं।

2 ऊर्जा स्रोत क्या हैं?

ऊर्जा स्रोत दो प्रकार के होते हैं- नवीकरणीय या रिन्यूएबल और अ-नवीकरणीय या नॉन रिन्यूएबल। ऊर्जा के कभी खत्म नहीं होने वाले स्रोतों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। पानी, हवा, सूर्य की किरणें और बायोमास इसके कुछ उदाहरण हैं। जबकि दूसरे प्रकार के ऊर्जा स्रोत सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं

ऊर्जा के कितने मात्रक है?

ऊर्जा का मात्रक क्या है? ऊर्जा का मात्रक जुल होता है। कार्य , ऊर्जा और ऊष्मा तीनो का मात्रक जुल होता है। जुल SI यूनिट है जबकि इसका CGS यूनिट अर्ग होता है।