वर्तमान में भारत में थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष क्या है? - vartamaan mein bhaarat mein thok mooly soochakaank ka aadhaar varsh kya hai?

Facebook

邮箱或手机号 密码

忘记帐户?

新建帐户

无法处理你的请求

此请求遇到了问题。我们会尽快将它修复。

  • 返回首页

  • 中文(简体)
  • English (US)
  • 日本語
  • 한국어
  • Français (France)
  • Bahasa Indonesia
  • Polski
  • Español
  • Português (Brasil)
  • Deutsch
  • Italiano

  • 注册
  • 登录
  • Messenger
  • Facebook Lite
  • Watch
  • 地点
  • 游戏
  • Marketplace
  • Meta Pay
  • Oculus
  • Portal
  • Instagram
  • Bulletin
  • 筹款活动
  • 服务
  • 选民信息中心
  • 小组
  • 关于
  • 创建广告
  • 创建公共主页
  • 开发者
  • 招聘信息
  • 隐私权政策
  • 隐私中心
  • Cookie
  • Ad Choices
  • 条款
  • 帮助中心
  • 联系人上传和非用户
  • 设置
  • 动态记录

Meta © 2022

This question was previously asked in

UPPSC Combined State Exam 24 Oct 2021 Official General Studies - I

View all UPPCS Papers >

  1. भारतीय रिजर्व बैंक
  2. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
  3. वित्त मंत्रालय
  4. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

Free

Paper 1 : Hindi Mock Test

15 Questions 45 Marks 15 Mins

सही उत्तर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय है।

वर्तमान में भारत में थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष क्या है? - vartamaan mein bhaarat mein thok mooly soochakaank ka aadhaar varsh kya hai?
Key Points

  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत में थोक मूल्य (WPI) आंकड़े लाता है।
  • थोक मूल्य सूचकांक थोक व्यवसायों द्वारा अन्य व्यवसायों को बेचे गए और थोक में व्यापार किए गए सामानों की कीमतों में बदलाव को मापता है।
  • यह आर्थिक सलाहकार कार्यालय (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
  • WPI का आधार वर्ष 2011-12 है।
  • यह अप्रैल 2017 से प्रभावी है।
  • यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के विपरीत है, जो उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को ट्रैक करता है।
  • यह माल के थोक मूल्यों की औसत गति को पकड़ता है और मुख्य रूप से GDP अपस्फीतिकारक के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • WPI (2011-12) केवल मूल कीमतों की गणना करता है और इसमें कर, छूट/व्यापार छूट, परिवहन और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं.

Last updated on Sep 27, 2022

The Jharkhand Staff Selection Commission (JSSC) has released the tentative exam date of the JSSC CGL for 2021 cycle. The exam is scheduled to be conducted on 21st, 22nd, 28th & 29th January 2023. The JSSC CGL Admit Cards are expected to be released 10-15 days prior to the scheduled exam. A total of 956 vacancies were released for the JSSC CGL Recruitment 2021. Candidates can refer to the JSSC CGL Exam Analysis to know the difficulty level and good attempts for the examination.

Ace your General Knowledge and Economy preparations for Money and Banking with us and master Inflation and Employment for your exams. Learn today!

प्रेस प्रकाशनी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रास्फीति सूचकांकित बाण्ड - 2013-14 के लिए योजना घोषित की

15 मई 2013

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रास्फीति सूचकांकित बाण्ड - 2013-14 के लिए योजना घोषित की

` 12,000-15,000 करोड़ के लिए
श्रृंखलाओं में जारी किया जाने वाला
` 1000-2000 करोड़ के लिए 4 जून 2013 को पहली श्रृंखला

वर्ष 2013-14 के केंद्रीय बजट में लिखत जो गरीब और मध्यम वर्ग की बचत की मुद्रास्फीति से सुरक्षा करेंगे तथा स्वर्ण की खरीद की अपेक्षा वित्तीय लिखतों में बचत के लिए पारिवारिक क्षेत्रों को प्रोत्साहित करेंगे, को लागू करने के लिए की गई घोषणा के अनुपालन में भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया है कि मुद्रास्फीति सूचकांकित बाण्ड (आईआईबी) शुरू किए जाएं।

2. तथापि, समुचित मूल्य का पता करने और बाजार विकास के लिए यह आवश्यक है कि सांस्थिक निवेशकों जैसेकि पेंशन निधियों, बीमा और पारस्परिक निधियों आदि को नीलामियों के माध्यम से तुलनात्मक लिखत जारी किए जाए। इससे आईआईबी के लिए मांग सृजित होगी और द्वितीयक बाजार में उन्हें कारोबार योग्य बनाया जा सकेगा। अत: यह प्रस्तावित है कि सांस्थिक निवेशकों सहित निवेशकों की सभी श्रेणियों के लिए प्रारंभिक श्रृंखलाएं जारी की जाएं और बाद में विशेष रूप से खुदरा निवेशकों के लिए दूसरी श्रृंखलाएं जारी की जाएं। आईआईबी की पहली श्रृंखला वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में जारी की जाएगी। इस श्रृंखला के लिए व्यापक खुदरा सहभागिता के लक्ष्य से भी यह निर्णय लिया गया है कि खुदरा और मध्यवर्ती खण्ड निवेशकों के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी खण्ड को  भारत सरकार की सामान्य प्रतिभूतियों की नीलामी के लिए लागू 5 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाए।

3. आईआईबी की पहली श्रृंखला के ब्योरे निम्नप्रकार हैं:

  • आईआईबी में एक निर्धारित वास्तविक कूपन दर और एक सांकेतिक प्रधान मूल्य होगा जिससे मुद्रास्फीति के बदले समायोजित किया जाएगा। सावधिक कूपन भुगतान समायोजित मूलधन पर भुगतान किए जाते हैं। इस प्रकार ये बाण्ड मूल और कूपन भुगतान दोनों को मुद्रास्फीति से सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। परिपक्वता पर समायोजित मूलधन अथवा अंकित मूल्य जो भी अधिक होगा उसका भुगतान किया जाएगा।

  • सूचकांक अनुपात (आईआर) की गणना निर्गम की तारीख के लिए संदर्भ सूचकांक द्वारा निपटान की तारीख हेतु संदर्भ सूचकांक से विभाजित करके (उदाहरणार्थ आईआर निर्धारण तारीख = संदर्भ. मुद्रास्फीति सूचकांक निर्धारण तारीख / संदर्भ मुद्रास्फीति सूचकांक निर्गम की तारीख) की जाएगी।

  • अंतिम थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) का उपयोग इस उत्पाद में मुद्रास्फीति सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। थोक मूल्य सूचकांक श्रृंखला के लिए आधार वर्ष में संशोधन के मामले में आधार योजक पद्धति का उपयोग सूचकांकन हेतु एक निरंतर श्रृंखला के निर्माण के लिए किया जाएगा।

  • सूचकांकन अंतराल : चार महीनों के अंतराल के साथ अंतिम थोक मूल्य मुद्रास्फीति का उपयोग किया जाएगा अर्थात् सितंबर 2012 और अक्टूबर 2012 की अंतिम थोक मूल्य मुद्रास्फीति का उपयोग क्रमश: 1 फरवरी 2013 और 1 मार्च 2013 के लिए संदर्भ थोक मूल्य मुद्रास्फीति के रूप में किया जाएगा। 1 फरवरी और 1 मार्च 2013 के बीच की तारीखों के लिए संदर्भ थोक मूल्य मुद्रास्फीति की गणना अंतर्वेशन के माध्यम से की जाएगी।

  • निर्गम पद्धति : ये बाण्ड नीलामी पद्धति द्वारा जारी किए जाएंगे।

  • खुदरा सहभागिता : खुदरा और अन्य पात्र निवेशकों की सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए अधिसूचित राशि के गैर-प्रतिस्पर्धी अंश को वर्तमान के 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा।

  • परिपक्वता : बेंचमार्क के लिए निर्गम परिपक्वता वक्र के विभिन्न बिंदुओं को लक्षित करेगा। शुरूआत में ये बाण्ड 10 वर्षों की अवधि के लिए जारी किए जाएंगे।

  • निर्गम आकार : आईआईबी की प्रत्येक श्रृंखला `1,000-2,000 करोड़ के लिए होगी और वर्ष 2013-14 में कुल निर्गम लगभग `12,000-15,000 करोड़ के लिए होगा।

  • निर्गम की तारीख : ऐसी पहली रृंखला 4 जून 2013 को जारी की जाएगी और उसे वर्ष 2013-14 के दौरान बाद के प्रत्येक महीने के अंतिम मंगलवार को नीलामी के माध्यम से नियमित रूप से जारी किया जाएगा।

4. विशेषकर खुदरा निवेशकों के लिए आईआईबी की दूसरी श्रृंखला वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में जारी की जाएगी। आईआईबी की पहली श्रृंखला नीलामी के माध्यम से बाण्डों के लिए कूपन दर निर्धारित करने में सहायता करेगी। इससे आईआईबी की बेंचमार्किंग में सहायता मिलेगी। प्रारंभिक निर्गमों में अनुभव के आधार पर खुदरा निवेशकों के लिए अक्टूबर के आसपास आईआईबी की दूसरी श्रृंखला को जारी किया जाना प्रस्तावित है। खुदरा निवेशकों के लिए आईआईबी के निर्गम की शर्तें उचित समय पर घोषित की जाएंगी।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1902


2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

पुरालेख

भारत का थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष क्या है?

जनवरी, 2022 के लिए भारत में थोक मूल्य (आधार वर्ष 2011-12) की सूचकांक संख्याएं जारी जनवरी, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 12.96 प्रतिशत (अनंतिम) रही। यह नवम्‍बर 2021 के 14.87 प्रतिशत तथा दिसम्‍बर, 2021 के 13.56 से निरंतर गिरावट है।

भारत में थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़े कौन जारी करता है?

सही उत्तर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत में थोक मूल्य (WPI) आंकड़े लाता है।

राजस्थान में थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष कौन सा है?

सही उत्तर 1999 - 2000 है। आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के कार्यालय ने राजस्थान में 1 जनवरी 2005 से प्रभाव में आने वाले थोक मूल्य सूचकांक (आधार 1999 - 2000 = 100) की संशोधित श्रृंखला को पहले के WPI (आधार 1952 - 53 = 100) श्रृंखला के स्थान पर प्रस्तुत किया है।

भारत में थोक मूल्य पर मुद्रास्फीति मापने का आधार वर्ष क्या है?

यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक (Inflation Indicator) है। इस सूचकांक की सबसे प्रमुख आलोचना यह की जाती है कि आम जनता थोक मूल्य पर उत्पाद नहीं खरीदती है। वर्ष 2017 में भारत के लिये WPI का आधार वर्ष 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया है।