द्रव्यमान और ऊर्जा से क्या संबंध है? - dravyamaan aur oorja se kya sambandh hai?

दोस्तों हमारा आज का सवाल है कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा में संबंध है हमारे पास चार विकल्प दिए गए हैं ई बराबर एमसी स्क्वायर ई बराबर एमसी स्क्वायर बराबर इसी स्क्वायर एंड सी बराबर एमसी स्क्वायर जी हम आपको बताते हैं मान लीजिए यह कोई हमारा पदार्थ है क्या है पदार्थ है तो अगर इस पदार्थ में कोई द्रव्यमान है मान लेते हैं अगर इस प्रयास में कोई द अभिमान है तो इस द विमान के तुल्य एक किस पदार्थ में उर्जा भी होगी ठीक है और अगर किसी पदार्थ में ऊर्जा है तो तो ऊर्जा के समतुल्य उस पदार्थ में एक द्रव्यमान भी होगा ठीक है इसे हम द्रव्यमान ऊर्जा समतुल्य ता सिद्धांत भी कहते हैं क्या कहते हैं द्रव्यमान ऊर्जा संतुलन का सिद्धांत भी कहते हैं तुम्हारे जो एक साइंटिस्ट वैज्ञानिक थे अल्बर्ट आइंस्टीन

कौन थे अल्बर्ट आइंस्टीन इन्होंने द्रव्यमान और ऊर्जा को एक दूसरे से संबंधित किया था कौन से सूत्र से ई बराबर एमसी स्क्वायर जिन्होंने द्रव्यमान और ऊर्जा को एक दूसरे से संबंधित किया है तो आगे देखते हमारा विकल्प ई बराबर एमसी वाला पहला विकल्प हमारा क्या है सही है यही हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा संबंध क्या है देखे तो यहां से हम से क्या पूछा जा रहा है जो आइंस्टाइन ने जो सूत्र दिया था थाना द्रव्यमान ऊर्जा संबंधों क्या है हमको इस को बताने के लिए आपको पूछा जा रहा है ठीक है तो आइंस्टाइन ने जो एक सिद्धांत दिया था दोस्तों ठीक है जिसको हम लोग क्या बोलते हैं आइंस्टाइन यहां पर मैं लिख देता हूं ठीक है 3:00 का सापेक्षता का विशिष्ट सिद्धांत किसी भी वस्तु का जो द्रव्यमान द्रव्यमान को हम लोग ऊर्जा में परिवर्तित कर सकते हैं कोई भी द्रव्यमान है इसको हम लोग क्या कर सकते उर्जा में परिवर्तित कर सकते हैं और उठ जाओ इसका उल्टा भी सही है दोस्तों जो है

इसी से संबंधित उन्होंने एक का सूत्र दिया था दोस्तों जो सूत्र हम लोग क्या लिखते हैं इज इक्वल टू एमसी का वर्ग यह जो सूत्र है तो उसको यही बताता है द्रव्यमान और ऊर्जा बीच क्या संबंध है ठीक है सूत्र में जो हमने लिखा है दोस्तों यहां पर किसको इंडिकेट कर रहे दोस्ती जो है ऊर्जा को बता रहा है ठीक है यहां पर किसको बता रहे किसी भी वस्तु का द्रव्यमान है ना और यहां पर क्या बता रहे दोस्ती जो है प्रकाश की चाल को बता रहा है ठीक है प्रकाश की चाल ठीक है जो कितनी होती तो तो निर्वात में 3 * 10 की घात 8 मीटर प्रति सेकंड है कि निर्वाचित दोस्तों यह जो हमको सूत्र मिलता है दोस्तों यही बताता है द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच में संबंध थैंक यू

द्रव्यमान और ऊर्जा से क्या संबंध है? - dravyamaan aur oorja se kya sambandh hai?

भौतिकी में, द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता (mass–energy equivalence) के सिद्धान्त के अनुसार यदि किसी वस्तु में कुछ द्रव्यमान है तो उसमें उसके तुल्य एक ऊर्जा होती है और यदि उसमें कुछ ऊर्जा है तो उसके तुल्य एक द्रव्यमान होता है। द्रव्यमान और ऊर्जा, अलबर्ट आइंस्टीण के निम्नलिखित सूत्र से एक दूसरे से सम्बन्धित हैं-

अर्थात यदि १ kg द्रव्यमान की क्षति होती हैं तो उसके समतुल्य ९×१०१६ जुल ऊर्जा मुक्त होता हैं। यही कारण है कि सूर्य निरंतर रूप से द्रव्यमान क्षति के कारण अपार रूप से प्रकाश तथा उष्मीय ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा हैं। पृथ्वी प्रति सेकंड सूर्य की जितनी ऊर्जा अवशोषित करती हैं, उतनी ऊर्जा से एक ट्रेन लगातार दश वर्षो तक बिना रुके चलाई जा सकती हैं। स्वाभाविक है कि ऊर्जा के इतने अपार रूप से हुए अवशोषण से पृथ्वी का द्रव्यमान सदियो से बढ़ रहा है। लेकिन पृथ्वी के द्रव्यमान के सापेक्ष यह उपेछणीय हैं।

द्रव्यमान ऊर्जा (Mass-energy) परिभाषा, सूत्र

द्रव्यमान ऊर्जा (Mass-energy)
आइन्सटीन के समय से पहले यह माना जाता था कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा दो विभिन्न स्वरूप हैं। द्रव्यमान पदार्थ का एक मौलिक गुण है जोकि प्रत्येक पदार्थ में होता है। ऊर्जा पदार्थ के कार्य करने की क्षमता को कहते हैं। किसी पदार्थ में ऊर्जा उसकी विशेष स्थिति अथवा गति के कारण होती है (द्रव्यमान के कारण नहीं)। आइन्सटीन ने यह सिद्ध किया कि द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा प्रत्येक पदार्थ में उसके द्रव्यमान के कारण भी ऊर्जा होती है। 

यदि किसी पदार्थ में m द्रव्यमान की क्षति हो जाये तो इससे उत्पन्न ऊर्जा

E = mc²,


जहाँ c (= 3 x 10⁸ मीटर/सेकण्ड) प्रकाश की चाल है। इसे 'आइन्सटीन का द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण' कहते हैं। इस सम्बन्ध के अनुसार, 1 ग्राम (= 10-³ किग्रा) द्रव्यमान के लुप्त होने पर उत्पन्न ऊर्जा

E = ( 10-³ किग्रा) x (3 x 10⁸ मीटर/सेकण्ड)² = 9 × 10¹³ जूल।

अर्थात् 1 ग्राम द्रव्यमान, 9 × 10¹³ जूल ऊर्जा के तुल्य है।

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​द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध की संकल्पना

आइंस्टीन ने अपने सापेक्षिता के सिद्धांत द्वारा द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध की संकल्पना को सिद्ध किया है। आइंस्टीन के अनुसार द्रव्यमान तथा ऊर्जा एक दूसरे से सम्बंधित हैं तथा प्रत्येक पदार्थ में उसके द्रव्यमान के कारण भी ऊर्जा होती है।
यदि किसी पदार्थ में द्रव्यमान में Δm की क्षति हो जाये तो इससे उत्पन्न ऊर्जा ΔE = (Δm) C2
 जहाँ C प्रकाश की चाल है।
इस संबंध को आइंस्टीन का द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध कहते है।
द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध के अनुसार, पदार्थ का ग्राम द्रव्यमान, 9 x 1013 जूल ऊर्जा के तुल्य होता है ।
यदि किसी पदार्थ को ΔE ऊर्जा दें, तो
उसके द्रव्यमान में M की वृद्धि हो जाएगी
अर्थात Δm = ΔE/ C2
लेकिन C का मान बहुत अधिक होता है इसीलिये द्रव्यमान में यह वृद्धि बहुत कम होगी।
द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध के आधार पर कह सकते हैं कि यदि किसी पदार्थ का द्रव्यमान घटता है तो उस द्रव्यमान के तुल्य ऊर्जा की उत्पत्ति होगी।
उदाहरण : सूर्य का द्रव्यमान बराबर घटता जा रहा है, परन्तु यह उर्जा के रूप में हमें मिल भी रहा है। द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध के आधार पर कह सकते है की ब्रह्माण्ड में (द्रव्यमान + ऊर्जा ) का कुल परिमाण निश्चित है अर्थात ( द्रव्यमान + ऊर्जा ) संरक्षित है।
इस सम्बन्ध को द्रव्यमान ऊर्जा सरंक्षण नियम भी कहते हैं।
युग्म उत्पादन

जब कोई ऊर्जित गामा किरण फोटॉन किसी भारी पदार्थ पर गिरता है तो यह पदार्थ के किसी नाभिक द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है तथा उस गामा किरण फोटॉन की ऊर्जा से एक इलेक्ट्रान तथा एक पॉज़िट्रान की उत्पत्ति होती है इस प्रक्रिया को “युग्म उत्पादन” कहते है।
गामा फोटॉन  ———> इलेक्ट्रान + पॉज़िट्रान
युग्म उत्पादन के लिये गामा फोटॉन की आवश्यक ऊर्जा
विराम द्रव्यमान ऊर्जा:
द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध के अनुसार, हर उस वस्तु में भी ऊर्जा होती है जो विरामावस्था में है, जिसे विराम द्रव्यमान ऊर्जा कहते हैं।
प्रत्येक वस्तु की विराम द्रव्यमान ऊर्जा 1 MeV = 1.6 × 10-3 जूल होती है।
अतः युग्म उत्पादन के लिये यह आवश्यक है कि गामा फोटॉन की ऊर्जा कम से कम 2 × 0.51 = 1.02 MeV होनी चाहिये।
यदि गामा फोटॉन की ऊर्जा इससे कम है तो पदार्थ पर गिरने के पश्चात युग्म उत्पादन की घटना के वजाय प्रकाश विद्युत प्रवाह अथवा कॉम्पटन प्रभाव दिखाई देगा
युग्म विनाश

द्रव्यमान और ऊर्जा से क्या संबंध है? - dravyamaan aur oorja se kya sambandh hai?
जब कभी एक पॉज़िट्रान व एक इलेक्ट्रान एक दूसरे के अत्यधिक निकट आते है तो वे परस्पर क्रिया करके एक दूसरे का विनाश कर देते है तथा उनके स्थान पर दो γ – फोटानों (ऊर्जा) की उत्पत्ति हो जाती है। इस प्रक्रिया को ‘युग्म  विनाश” कहते है। यह क्रिया युग्म उत्पादन के विपरीत है।

पॉज़िट्रान + इलेक्ट्रान  ——->  γ – फोटान + γ – फोटान

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द्रव्यमान और ऊर्जा में क्या संबंध है?

Solution : द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध : यदि द्रव्यमान m को ऊर्जा में परिवर्तन किया जाये, तो प्राप्त ऊर्जा E का मान आइंस्टीन के निम्न सम्बन्ध से दिया जाता है : `E=mc^(2)` <br> जहाँ c प्रकाश की निविर्त में चाल है।

द्रव्यमान ऊर्जा संबंधी नियम क्या है?

भौतिकी में, द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्यता (mass–energy equivalence) के सिद्धान्त के अनुसार यदि किसी वस्तु में कुछ द्रव्यमान है तो उसमें उसके तुल्य एक ऊर्जा होती है और यदि उसमें कुछ ऊर्जा है तो उसके तुल्य एक द्रव्यमान होता है।

द्रव्यमान ऊर्जा संबंध का सूत्र क्या है?

Solution : `E = m c^(2)`, जहाँ c प्रकाश की चाल है।

द्रव्यमान ऊर्जा संबंध किसका निष्कर्ष है?

द्रव्यमान ऊर्जा का संबंध आइंस्टीन ने अपने विशेष सापेक्षतावाद के सिद्धांत में दिया था।