हाइलाइट्स Show भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है.रावण ने भद्रा काल में बहन से बंधवाई थी राखी.रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. वहीं भाई बहन की रक्षा का वचन देता है. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त दिन गुरुवार को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में ही भाइयों के कलाई में राखी बांधनी चाहिए. भद्रा मुहूर्त ने कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए. आइए जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से कि क्यों भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधनी चाहिए? ये भी पढ़ें- बेहद फायदेमंद है घर में स्नेक प्लांट लगाना, जानें इससे होने वाले लाभ जानिए शुभ मुहूर्त भद्रा
मुहूर्त ये भी पढ़ें- रक्षाबंधन 2022: इस बार बहन को दें उसके जरूरत की चीज़ें, खिल उठेगा चेहरा जानिए क्यों भद्रा मुहूर्त में नहीं बांधनी चाहिए राखी इसके पीछे पौराणिक कथा है. इस कथा के अनुसार रावण ने अपनी बहन से भद्रा काल में ही राखी बंधवाई थी, जिसका परिणाम रावण को भुगतना पड़ा. रावण की पूरी लंका का विनाश हो गया. तब से लेकर आज तक कभी भी भद्रा मुहूर्त में राखी नहीं बांधवाई जाती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Rakshabandhan FIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 13:30 IST हाइलाइट्स
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. लेकिन इस बार इस त्योहार पर भद्रा लग रहा है जिस वजह से लोग इसकी सही तारीख को लेकर बहुत कन्फ्यूज हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल भद्रा का साया पाताल लोक में है इसलिए धरती पर होने वाले शुभ और मांगलिक कामों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मान्यता के अनुसार भद्राकाल के समय बहने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कौन है भद्रा और क्यों इस समय राखी बांधने के लिए मना किया जाता है. कौन है भद्रा? क्या है मानयता? वह अक्सर शुभ कार्य में बाधा डालती थी और कोई यज्ञ आदि पूजा नहीं होने देती थी. इस वजह से सूर्य भगवान बहुत परेशान थे. उन्होंने अपनी परेशानी ब्रह्मा जी को बताई और उनसे इस पर समाधान मांगा. तब ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा, 'भद्रा अब से तुम केवल अपने काल में हो रहे शुभ कार्य में ही विघ्न डाल सकती हो. काल के खत्म होने के बाद तुम किसी के शुभ कार्य में विघ्न नहीं डालोगी. भद्रा काल का समय ये भी पढ़ें:
भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधना चाहिए?कहा जाता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का विनाश हो गया. इस वजह से भी भद्राकाल में राखी बांधने से मना किया जाता है.
भद्रा में राखी बांधने से क्या होता है?भद्रा को शनिदेव की बहन माना जाता है जो कि क्रूर स्वभाव की है, जो मांगलिक कार्य में विघ्न डालती है। मान्यता अनुसार भद्रा काल में राखी बांधने से अशुभ और अमंगल होता है। भद्रा कष्ट देती है। जब भद्रा मुख में होती है तो कार्य में विघ्न पैदा होते और कार्य का नाश में हो सकता है।
भद्रा काल में क्या नहीं करना चाहिए?भद्रा काल में कोई शुभ कार्य भी अनजाने में नहीं करने चाहिए। इस काल में विवाह संस्कार, मुंडन, रक्षाबंधन, गृह प्रवेश, नया कार्य, नया व्यवसाय आदि कोई शुभ व मांगलिक कार्य करना वर्जित बताया गया है।
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