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जानें पूजा-पाठ के सही नियम, शाम के समय भूलकर भी न करें ये गलतीशाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य और श्रद्धा भाव के अनुसार अपने इष्ट देव की पूजा करता है, लेकिन कई बार कुछ जातकों को पूजा-पाठ का सही फल नहीं मिल पाता. ऐसा अक्सर पूजा पाठ में बताए गए नियमों में कुछ गड़बड़ी के कारण होता है. इसलिए सुबह या शाम को पूजा करते समय कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है.अधिक पढ़ें ...
हिंदू धर्म शास्त्रों में स्नान के बाद सुबह और शाम को पूजा करना अनिवार्य बताया गया है. हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य और श्रद्धा भाव के अनुसार अपने इष्ट की पूजा करता है, लेकिन कई बार कुछ जातकों को पूजा पाठ का सही फल नहीं मिल पाता. ऐसा अक्सर पूजा पाठ में बताए गए नियमों में कुछ गड़बड़ी के कारण होता है. इसलिए सुबह या शाम को पूजा करते समय कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है. धर्म हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि खासकर शाम के वक्त पूजा करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. भोपाल के रहने वाले पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष बताते हैं कि संध्या में पूजा करने के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. – कुछ लोग शाम के वक्त पूजा करने के लिए संध्या से पहले फूल तोड़ लेते हैं, लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता. सुबह के वक्त पूजा के दौरान भगवान को ताजे फूल चढ़ाना अच्छा होता है, लेकिन शाम के वक्त पूजा के लिए फूल तोड़ना अशुभ माना जाता है. यह भी पढ़ें – तिलक लगाते समय किस उंगली का करें प्रयोग? जानें सभी उंगलियों का महत्व – हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कि बताया गया है कि शाम के वक्त पूजा के दौरान घंटी या शंख नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि सूर्य अस्त होने के बाद देवी देवता शयन को चले जाते हैं और घंटी और शंख बजाने से उनके आराम में खलल पड़ता है. – हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ या अनुष्ठानों में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना बहुत शुभ बताया गया है, लेकिन शाम के वक्त तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही शाम के समय होने वाली पूजा में तुलसी का प्रयोग करना चाहिए. यह भी पढ़ें – घर खरीदते समय रखें वास्तु के इन नियमों का ध्यान, खूब फलेगा नया मकान – हिंदू धर्म में की जाने वाली लगभग सभी पूजा में सूर्य देव का आह्वान जरूर किया जाता है, लेकिन यदि यह पूजा रात के वक्त हो तो सूर्य देव का आह्वान गलती से भी नहीं करना चाहिए, यह अशुभ होता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Religion FIRST PUBLISHED : April 28, 2022, 07:16 IST हिन्दु धर्म में सुबह व शाम पूजा का काफी महत्व है और लगभग सभी घरों में दोनों समय पूजा होती है। कहा जाता है सूरज की पहली किरण के साथ ही पूजा करना काफी शुभ होता है और उस समय घंटियां और शंख बजाने को भी शुभ माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शाम की पूजा में शंख व घंटियां नहीं बजानी चाहिए। शाम की पूजा करते समय वैसे विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानिए शाम की पूजा में ध्यान रखने की जरूरी बातें - अधिकतर घरों की शाम की पूजा और सुबह की पूजा में कोई खास फर्क नहीं होता। शाम की पूजा में भी घंटी और शंख बजाई जाती है, जिसे अशुभ माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार सूर्यास्त के बाद देवी देवताओं के सोने का समय हो जाता है, ऐसे में शंख और घंटी नहीं बजानी चाहिए। - शाम की पूजा के लिए दिन में भी फूल तोड़कर रखें, क्योंकि शाम को वनस्पति को छेड़ना अशुभ होता है। इसीलिए कभी भी शाम को फूल नहीं तोड़ना चाहिए। - भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण की पूजा तुलसी के पत्ते के बिना अधूरी मानी जाती है, लेकिन अगर आप इनकी पूजा शाम को कर रहे हैं तो उस समय कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। - भगवान सूर्य को दिन का देवता माना जाता है। इसीलिए शाम को या रात में इनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
शाम को घंटी क्यों नहीं बजाना चाहिए?रात में घंटी बजाने से ये होते हैं प्रभावित
शंख की तरह घंटी बजाने से शुप्त जीव प्रभावित होते हैं। इसलिए शास्त्रों में बताया है कि सूर्यास्त के बाद घंटी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
शाम को कितने बजे पूजा करनी चाहिए?सर्व सनातनि जनता को यह पता होना चाहिए कि सायंकाल की पूजा किस समय कर लेनी चाहिए । उस पूजा का ठीक समय है जब सूर्यास्त हो रहा हो और ये समय भारतीय दर्शन के अनुसार 06: 30से 07:00 बजे के मध्य होता है ।
घंटी बजने से क्या होता है?घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण
जिससे फायदा यह होता है कि घंटी की कंपन के प्रभाव से वातावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं और हमारे आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं घंटी बजाने से निकलने वाली आवाज से सात सेकंड तक गूंज बनी रहती है.
पूजा करते समय घंटी बजाने से क्या होता है?मान्यता है कि जो भी पूजा के समय घंटी बजाता है उसकी देवताओं के समक्ष हाजिरी लग जाती है। इतना ही नहीं मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है।
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