प्राचीन काल में आयात और निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की सूची - praacheen kaal mein aayaat aur niryaat kee jaane vaalee vastuon kee soochee

भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया है कि भारत के निर्यात में 2017-18 (अप्रैल-नवंबर) की अवधि में इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पादों के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई थी; कच्चे तेल और उसके उत्पादों तथा कृषि और संबद्ध उत्पादों के निर्यात में मध्यम वृद्धि हुई थी जबकि रत्न और आभूषण के निर्यात में 3.8% की नकारात्मक वृद्धि हुई थी. यह लेख भारत के निर्यात में सबसे अधिक योगदान देने वाले 10 सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बता रहा है.

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Top 10 exporting items from India

भारत के आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में बताया गया है भारत के निर्यात में 2017-18 (अप्रैल-नवंबर) की अवधि में इंजीनियरिंग सामान और समुद्री उत्पादों के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई थी; कच्चे तेल और उसके उत्पादों तथा कृषि और संबद्ध उत्पादों के निर्यात में मध्यम वृद्धि हुई थी जबकि रत्न और आभूषण के निर्यात में 3.8% की और  ड्रग्स और फार्मा क्षेत्र में -0.7% की नकारात्मक वृद्धि हुई थी.
ज्ञातव्य है कि इंजीनियरिंग सामान का भारत के कुल निर्यात में लगभग 26% योगदान है, इसके बाद रत्न और आभूषण क्षेत्र के योगदान (14.4%) का नंबर आता है.
यह लेख भारत के निर्यात में सबसे अधिक योगदान देने वाले 10 सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बता रहा है.

 क्षेत्र /वस्तुएं

 निर्यात में योगदान

(2017-18 की अप्रैल–नवम्बर अवधि)

 निर्यात वृद्धि दर

 (2017-18 की अप्रैल–नवम्बर अवधि)

 1. इंजीनियरिंग सामान

 25.9

 22.4

 2. रत्न और आभूषण

 14.4

 -3.8

 3. रासायनिक और संबद्ध उत्पाद

 14.5

 11.9

 4. वस्त्र और संबंधित उत्पाद

 11.8

 3.8

 5. पेट्रोलियम क्रूड और संबद्ध उत्पाद

 11.8

 17.6

 6. कृषि और संबद्ध उत्पाद

 9.7

 15.0

 7. इलेक्ट्रॉनिक सामान

 2.0

 4.5

 8. समुद्री उत्पाद

 2.7

 29.5

 9. अयस्क और खनिज

 1.0

 12.9

 10. चमड़ा और चमड़ा उत्पाद

 1.9

 0.9

       कुल निर्यात

 100.0

  11.2

भारत के निर्यात के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
वित्त वर्ष 2016-17 में कपड़ा और संबद्ध उत्पादों के निर्यात की दर नकारात्मक -0.5 थी जबकि चमड़े और इससे सम्बंधित उत्पादों के निर्यात की दर सबसे ज्यादा ऋणात्मक अर्थात -4.4% इसके अलावा फार्मा क्षेत्र की विकास दर भी -1.2% नकारात्मक थी. इन तीनों क्षेत्रों के अलावा सभी क्षेत्रों की निर्यात दर सकारात्मक थी इसमें सबसे अधिक वृद्धि दर से बढ़ने वाला क्षेत्र ‘अयस्क और खनिज’ का है जिसकी वृद्धि दर 62% के लगभग थी. हालाँकि भारत के कुल निर्यात में अयस्क और खनिज क्षेत्र का योगदान 1.2% ही था.

वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल भारतीय निर्यात में इंजीनियरिंग सामान का योगदान सबसे अधिक अर्थात 24.4% था और इसकी विकास दर 11.1% थी. इसी अवधि में रत्न और आभूषण भारत की दूसरी सबसे बड़ी निर्यात मद थी अर्थात भारत के कुल निर्यात में इसका योगदान 15.7% था.
पिछले 3 वर्षों के निर्यात के बारे में;

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वित्त वर्ष 2014-15 में भारत की निर्यात दर -1.3% थी जो कि 2015-16 में और भी नीचे गिरकर -15.5% पर पहुँच गयी थी लेकिन 2016-17 से इसमें सुधार होना शुरू हुआ और 2017-18 के अंत तक यह 12.1% तक पहुँच गयी थी.
इस प्रकार आपने पढ़ा कि भारत से सबसे अधिक कौन सी वस्तुएं निर्यात की जातीं हैं और भारत के कुल निर्यात में किस मद और क्षेत्र का कितना योगदान है.
ऊपर दिए गए निर्यात सम्बन्धी आंकड़े विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही उपयोगी हैं इसलिए इन्हें बहुत ही ध्यान से पढने की जरूरत है.

क्या मुद्रा स्फीति हमेशा ही अर्थव्यवस्था के लिए ख़राब होती है?

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प्राचीन काल के चार प्रमुख व्यापारिक मार्ग कौन से थे?

कुछ प्रसिद्ध व्यापार मार्ग ये थे, [[अम्बर माभारत रोमन पाठ ]], मसाला मार्ग, पुर्तगालियों द्वारा खोजा गया यूरोप से भारत पहुँचने का समुद्री मार्ग, रेशम मार्ग, रोमन-भारत मार्ग, ग्रैंड ट्रंक रोड आदि।

प्राचीन काल में व्यापार कैसे होता था?

यह व्यापार मुख्यतः जल-मार्ग से होता था । लोथल उस काल का प्रसिद्ध समुद्री बन्दरगाह था, जैसाकि वहाँ से प्राप्त गोदीबाड़ा से स्पष्ट होता है । वैदिक युग में भी पश्चिमी जगत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध चलता रहा । भारत के व्यापारी फारस की खाड़ी तक जाते थे तथा वहाँ वस्तुओं का क्रय-विक्रय किया करते थे ।

भारत विदेश से क्या क्या आयात करता है?

भारत क्या आयात करता है (What India Imports) कच्चा तेल, सोना, मोती, कीमती पत्थर, पेट्रोलियम उत्पाद, दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, औद्योगिक मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स, पशु / वनस्पति वसा, तेल, मोम, प्लास्टिक, और चिकित्सा उपकरण इत्यादि.

भारत में सर्वाधिक निर्यात किसका होता है?

लेख की विषय वस्तु दिखाएँ.
1 रीफाइंड पेट्रोलियम:.
2 खनिज ईधन:.
3 रत्न एवं कीमती पत्थर:.
4 मशीनरी एवं यांत्रिक उपकरण:.
5 जैविक रसायन:.
6 दवा एवं दवा से सम्बंधित उत्पाद:.
7 विद्युत् मशीनरी एवं उपकरण.
8 लोहा एवं स्टील.