स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?

स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?

स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?

दिल्ली और कोलकाता के बीच स्वर्णिम चतुर्भुज का एक भाग

स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?

रायपुर से गुजरता स्वर्णिम चतुर्भुज का हवाईजहाज से लिया गया चित्र

स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral) भारत का एक प्रसिद्ध राजमार्ग है जो कई औद्योगिक, सांस्कृतिक एवं कृषि सम्बन्धी नगरों को जोड़ता है। इसका आकार बहुत सीमा तक चतुर्भुज के समान दिखता है, इस कारण इसका नामक सार्थक है। इस मार्ग पर स्थित प्रमुख नगर हैं- दिल्ली, मुम्बई, चेन्नै, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम।

यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी तथा विश्व की ५वीं सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। २००१ में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू की गयी थी। यह परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना का प्रथम चरण है जिसमें ५८४६ किमी ६ लेन या ४ लेन सड़क का निर्माण हुआ। इसकी लागत लगभग ६ खरब रूपये (₹600 बिलियन) आया। यह परियोजना २०१२ में पूर्ण हुई।

वर्ष 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के चार बड़े महानगरों - दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै - को चार से छह लेन वाले राजमार्गों के नेटवर्क से जोड़ने की एक योजना बनाई। मैप पर देखे जाने पर यह राजमार्ग चतुर्भुज आकार का दिखता है और शायद इसी कारण इसे स्वर्णिम चतुर्भुज कहा गया।

वर्ष 1999 में योजना बनकर पूरी और वर्ष 2001 में आधिकारिक रूप से इसके निर्माण कार्य की शुरुआत की गई और वर्ष 2012 में जाकर यह परियोजना पूर्ण हुई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के तहत बने इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 5,846 कि.मी. है और इसके निर्माण में लगभग 6 खरब रुपए का खर्च आया । यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी परियोजना में शामिल है।

स्वर्णिम चतुर्भुज के चारों वर्ग

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को पूरा करने के लिए इसे चार भागों में बांटा गया था। भाग 1 में दिल्ली से कोलकाता को जोड़ता है, जिसकी कुल लंबाई 1454 किलोमीटर है। भाग 2 कोलकाता से चेन्नई तक विस्तृत है, जिसकी कुल लंबाई 1,684 किलोमीटर है।

भाग 3 चेन्नई और मुंबई के बिच फैला है, जिसकी कुल लंबाई 1,290 किलोमीटर है और अंतिम और चौथा भाग मुंबई से दिल्ली के बिच फैला है और इसकी कुल लंबाई 1,419 किलोमीटर है।

स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्गों के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख राज्य

स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग देश के लगभग 13 राज्यों के मध्य से होकर गुजरता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली हरयाणा बिहार झारखंड महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर जाता है।

स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्गों के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख नगर

स्वर्णिम चतुर्भुज भारत के मुख्य शहरों के बीच परिवहन का एक बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

इस राष्ट्रीय राजमार्ग ने देश के प्रमुख चार शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै के अलावा भी कई प्रमुख बंदरगाहों और शहरों को जोड़ता है। जैसे भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद और बेंगलुरु इत्यादि।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का जालघर

स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (Golden Quadrilateral Project) : स्वर्णिम चतुर्भुज योजना वर्ष 1999 में शुरू हुई थी लेकिन निर्माण कार्य आधिकारिक तौर पर 2001 में शुरू हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे बड़े राजमार्ग की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना’ की शुरुआत की थी।

स्वर्णिम चतुर्भुज की संख्या कितनी है? - svarnim chaturbhuj kee sankhya kitanee hai?
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना

स्वर्णिम चतुर्भुज योजना (Golden Quadrilateral)

  • स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना देश के चार महानगरों को राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) से जोड़ने वाली परियोजना है।
    दिल्ली-मुम्बई-चेन्नई-कोलकाता इसकी कुल लम्बाई 5846 कि०मी० है।
  • स्वर्णिम चतुर्भुज(Golden Quadrilateral) कुल 13 राज्यों से होकर गुजराता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) का नाम महानगरों के नाम कुल लम्बाई राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य में पड़ने वाले प्रमुख शहर
NH-48 दिल्ली – मुम्बई 1419 कि०मी० दिल्ली,हरियाणा, राजस्थान (जयपुर, उदयपुर), गुजरात(अहमदाबाद, सूरत), महाराष्ट्र(मुम्बई)
NH-48 मुम्बई – चेन्नई 1290 कि०मी० महाराष्ट्र (मुम्बई, थाने पुणे), कर्नाटक(बेंगलुरू), तमिलनाडु (चेन्नई)
NH-16 चेन्नई – कोलकाता 1684 कि०मी० आंध्र प्रदेश (नेल्लूर, गुंटूर, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम), ओडिशा (भुवनेश्वर), पश्चिम बंगाल (खड़गपुर, कोलकाता)
NH-16 कोलकाता – दिल्ली 1435 कि०मी० पश्चिम बंगाल (आसनसोल) झारखंड, बिहार (मोहनिया), उत्तर प्रदेश (मथुरा, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, बनारस, हरियाणा दिल्ली)

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स्वर्णिम चतुर्भुज महामार्ग में लेने की संख्या कितनी है?

यह परियोजना २०१२ में पूर्ण हुई। वर्ष 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के चार बड़े महानगरों - दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै - को चार से छह लेन वाले राजमार्गों के नेटवर्क से जोड़ने की एक योजना बनाई।

स्वर्णिम चतुर्भुज में राजस्थान के कौन कौन से जिले आते हैं?

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना द्वारा स्वर्णिम चतुर्भुज के एक भाग के रूप में उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के बीच NH 76 के लगभग 108 किलोमीटर के हिस्से को स्वर्णिम चतुर्भुज के रूप में चुना गया है।

स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग क्या है?

स्वर्णिम चतुर्भुज महाराज मार्ग : इसका आकार बहुत सीमा तक चतुर्भुज के समान दिखता है, इस कारण इसका नामक सार्थक है। इस मार्ग पर स्थित प्रमुख नगर हैं- दिल्ली, मुम्बई, चेन्नै, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम।

भारत में सड़क परिवहन का महत्व बताइए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना क्या है?

यह पूरे भारत में सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे लंबी राजमार्ग परियोजना है। गोल्डन चतुर्भुज भारत के 13 राज्यों के मध्य से गुजरती है। गोल्डन चतुर्भुज केवल देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का गठन करता है, न कि राज्य के राजमार्ग और ग्रामीण शहरी सड़को का।