राजस्थान में संत सम्प्रदाय | Rajasthan ke Pramukh Sant SampradayRajasthan ke Pramukh Sant Sampraday Show
इस पोस्ट में आप राजस्थान के प्रमुख संत or सम्प्रदाय ( Rajasthan ke Pramukh Sant Sampraday in Hindi ) Raj. GK, राजस्थान के संत संप्रदाय trick के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे संत रज्जब जी
संत सुन्दरदास जी
संत पीपा जी
न कबीर के लक्ष्मी ना कोऊ मेरे ठाट । धन पीपा जिन तज दियो, रबिया राज अरू पाट । । माव जी
रामचरण जी
रामस्नेही सम्प्रदाय की राजस्थान में चार पीठे है1. शाहपुरा 2. रैण 3. सिंहथल 4. खेड़ापा
संत चरणदास जी
धन्ना जी
भक्ति कवि दुर्लभ
हरिराम दास जी
लालदास जी
हरिदास निरंजनी
संत रैदास
संत जैमलदास जी
आचार्य परशुराम
गूदड़ सम्प्रदाय
परनामी सम्प्रदाय
संत रामदास जी
संत नवलदास जी (नवल सम्प्रदाय )
अलखिया सम्प्रदाय
नरहड़ के पीर
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती
पीर फखरुद्दीन
राजस्थान के संत संप्रदाय trick एवं उनकी प्रमुख गद्दी
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Rajasthan ke Pramukh Sant Sampraday ke PDF download krne ke liye download butan pr click kre रामस्नेही संप्रदाय की कितनी शाखा है?रामसनेही सम्प्रदाय के बारे में
इन संतों ने हिंदू-मुस्लिम, जैन-वैष्णव, द्विज-शूद्र, सगुण-निर्गुण, भक्ति और योग के द्वंद्व को समाप्त कर दिया और एक समन्वित सरल मानव धर्म की स्थापना की जो सभी के लिए आसान और स्वीकार्य था।
राजस्थान में रामस्नेही संप्रदाय के 4 केंद्र कौन कौन से हैं?रामस्नेही सम्प्रदाय की राजस्थान में चार पीठे है
शाहपुरा पीठ की नींव संत रामचरण जी ने डाली थी । रैण (मैड़ता सिटी, नागौर) इसके संस्थापक संत दरियाव जी है । खेड़ापा (जोधपुर) इसके संस्थापक रामदास जी है । सिंहथल (बीकानेर) इसके संस्थापक संत हरिराम दास जी है ।
रामस्नेही संप्रदाय की स्थापना कब हुई?रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्त्तक स्वामी रामचरण जी महाराज थे। उनका प्रादुर्भाव वि. स. १७७६ में हुआ।
रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक कौन हैं?आज से 243 साल पहले आदि आचार्य दरियाव महाराज महाराज का जन्म हुआ था। इन्होंने ही रेण में रामस्नेही संप्रदाय की स्थापना की थी।
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