रेल परिवहन क्या है in Hindi? - rel parivahan kya hai in hindi?

प्रश्न रेल परिवहन की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं ?

उत्तर- भारतीय रेल परिवहन अनेक समस्याओं से जूझता हुआ विकास के पथ पर अग्रसर है। जिनमें निम्नलिखित समस्याएँ हैं
1. पूँजी का अभाव-वर्तमान में देश की जनसंख्या अधिक बढ़ गई है, जिससे रेलों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या तथा ढोये जाने वाले माल की मात्रा में भारी वृद्धि हुई है। अतः रेल परिवहन पर इनका भारी दबाव है। रेल परिवहन का विकास उसी अनुपात में करने की आवश्यकता है परन्तु देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पूँजी का अभाव है। माँग के अनुरूप विकास कर पाना संभव नहीं हो रहा है। अत: अर्थव्यवस्था को कारगार व सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है।
2. पटरी की चौड़ाई में भिन्नता- भारत में तीन गेजों अर्थात् तीन विभिन्न चौड़ाई की पटरियाँ बिछायी गई हैं। जिनके कारण निरन्तर यात्रा एवं माल ढुलाई में कठिनाई होती है क्योंकि विभिन्न गेजों वाले रेल स्टेशनों में माल एवं यात्रियों को गाड़ी बदलने की आवश्यकता होती है अत: समय की बर्बादी होती है। इससे शीघ्र नष्ट होने वाले माल खराब हो जाते हैं। अत: रेलपथ की चौड़ाई की भिन्नता को खत्म करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से रेलवे ने देशभर में सिर्फ बड़ी रेल लाइनें रखने और सभी छोटी लाइनों को बड़ी लाइन में बदलने की एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है।
3. पुराने रेलपथ–देश की रेल पटरियाँ एवं रेलवे पुल पुराने हो गये हैं। अब ये अधिक भार व यातायात के योग्य नहीं रहे। इनमें अब दुर्घटनाएँ होने की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। अत: नवीन प्रौद्योगिकी के अनुसार इनका नवीनीकरण, मरम्मत् एवं देखभाल किया जाना अत्यन्त आवश्यक हो गया है।
4. स्थानाभाव-जनसंख्या वृद्धि एवं नगरों का विस्तार होने के कारण घने बसे क्षेत्रों में रेलमार्गों के विस्तार के लिए स्थान का अभाव है। ऐसी स्थिति में महानगरों में रेलपथों का आवश्यकतानुसार विस्तार करना एक कठिन कार्य है। स्थानाभाव एवं भीड़-भाड़ की समस्या को दूर करने की दृष्टि से कोलकाता एवं दिल्ली में भूमिगत रेलपथ'' (Metro Rail) का निर्माण किया गया है।


अध्याय : 3. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

भारतीय रेल परिवहन की समस्याऐं :
1. मुख्यतया अनेक मार्ग बहुत पुराने हैं।
2. अनेक यात्राी बिना टिकट के यात्रा करते हैं।
3. लोग अधिकांशतया चैन खींच लेते हैं, जिससे रेल परिवहन को हानि उठानी पड़ती है।
4. लगातार होने वाली दुर्घटनाओं के कारण भी रेल परिवहन को हानियों का सामना करना पड़ता है।
5. वायुमार्ग इसे कठिन प्रतिस्पर्धा देता है।
रेलमार्ग को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक :
(1) भू-आकृतिक
(2) आर्थिक व प्रशासकीय
भू-आकृतिक कारक :
1. विस्तृत समतल भूमि रेल परिवहन के विकास में सहायता करते हैं।
2. बिहार तथा असम के बाढ़ वाले मैदान तथा हिमालय पर्वतों के उबड़¬-खाबड़ क्षेत्रा से बहुत कम रेल मार्ग निकलते हैं।
3. राजस्थान का रेतीला रेगिस्तान तथा सह्याद्रि पर्वतीय मार्ग रेल परिवहन के विकास के लिए अनुकूलित होते हैं।
आर्थिक कारक:
1. रेल परिवहन के विकास में मैदानों पर अत्यधिक कृषि तथा उद्योगों की गतिविधियाँ समर्थ करती है।
2. भारत की राजधानी नर्इ दिल्ली उत्तरी क्षेत्रों में स्थित है।
रेल परिवहन की उपयोगिता :
1. यह मुख्यतया लम्बी दूरी वाले याित्रायों को ले जाता है।
2. राष्ट्र के अनेक लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाता है।
3. लौह तथा इस्पात उद्योग रेल परिवहन पर निर्भर है।
4. अनेक लोगों को लाकर यह राष्ट्र के समाकलन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
5. स्थानों से पदार्थों के बड़े भागों को ले जाते हैं।


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भारत में रेल परिवहन :- भारत में पहली रेल लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल में 16 अप्रैल, 1853 को मुम्बई से थाणे के लिए चलाई गयी थी। इसकी कुल दूरी 34 कि०मी० थी। भारत की दूसरी रेल लाईन 1854 में कोलकाता से रानीगंज के बीच बिछाई गयी। indian railway related important notes in hindi for upsc pcs.

भारत में पहली विद्युतीकृत रेल लाईन लॉर्ड रीडिंग के कार्य काल में वर्ष 1925 में मुम्बई से कुर्ला के बीच चलाई गयी। इस विद्युतीकृत रेल लाईन पर चलने वाले इंजन का नाम “डेक्कन क्वीन” था।

भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी एवं विश्व की तीसरा सबसे बड़ी रेल प्रणाली है –

    1. यू०एस०ए०
    2. रूस
    3. भारत

भारतीय रेलवे लम्बाई की दृष्टि से विश्व में चौथे स्थान पर है –

    1. यू०एस०ए०
    2. चीन
    3. रूस
    4. भारत

भारतीय रेलवे जोन तथा उनके मुख्यालय

भारतीय रेलवे के सफल संचालन हेतु इसे 17 रेल जोनों में बाँटा गया है। जिनका विवरण निम्नवत है-

क्र०सं०जोन का नाममुख्यालय1उत्तरी रेलवेदिल्ली2उत्तरी मध्य रेलवेप्रयागराज3उत्तर पश्चिम रेलवेजयपुर4उत्तर पूर्वी रेलवेगोरखपुर5उत्तर पूर्वी सीमा प्रांत रेलवेमालेगांव (गुवाहाटी)6पूर्वी रेलवेकोलकाता7पूर्वी मध्य रेलवेहाजीपुर (बिहार)8पूर्वी तटवर्ती रेलवेभुवनेश्वर9दक्षिणी रेलवेचेन्नई10दक्षिणी मध्य रेलवेसिकंदरा (हैदराबाद)11दक्षिणी पश्चिमी रेलवेहुबली (कर्नाटक)12दक्षिणी पूर्वी रेलवेकोलकाता13दक्षिणी पूर्वी मध्य रेलवेबिलासपुर (छत्तीसगढ़)14पश्चिमी रेलवेमुम्बई चर्च गेट15मध्य रेलवेमुम्बई वीटी16पश्चिमी मध्य रेलवेजबलपुर17कोलकाता मेट्रोकोलकाता

 

  • मुम्बई वीटी भारत का पहला रेल जोन है जो कि वर्ष 1951 में स्थापित किया गया था।
  • कोलकाता तीन रेल जोन का मुख्यालय है पूर्वी रेलवे, दक्षिण पूर्वी रेलवे एवं कोलकाता मेट्रो।
  • मुम्बई में दो रेल जोन पश्चिमी रेलवे तथा मध्य रेलवे का मुख्यालय है।
  • कोंकण रेलवे परियोजना
      • वर्ष 1990 में इस परियोजना को प्रारम्भ किया गया।
      • इस परियोजना के अंतर्गत भारत के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों को जोड़ने के लिए महाराष्ट्र के रोहा से केरल के मंगलौर तक रेल मार्ग को बिछाया गया है।
      • ये रेल मार्ग महाराष्ट्र में एक पर्वतीय रेल सुरंग “कारबुडे रेल सुरंग”से होकर गुजरती है। ये भारत की दूसरी सबसे लम्बी रेल सुरंग है।
      • भारत की सबसे लम्बी रेल सुरंग “पीर-पंजाल रेल सुरंग” है।
      • कोंकण रेलवे परियोजना का मुख्यालय- मुम्बई नवी में है।

भारत की प्रमुख पर्यटक ट्रेनें

भारत की प्रमुख पर्यटक ट्रेनें निम्नवत हैं-

क्र०सं०पर्यटक ट्रेन का नामस्थान1डेक्कन ओडिसीमहाराष्ट्र2हेरिटेज ऑन व्हील्सराजस्थान3पैलेस ऑन व्हील्सराजस्थान4महाराजा एक्सप्रेसदिल्ली-मुम्बई5ओरिएण्ट एक्सप्रेसगुजरात

 

भारत में चलने वाली टॉय ट्रेनें

भारत में चलने वाली टॉय ट्रेन निम्नवत हैं-

क्र०सं०टॉय ट्रेन का नामटिप्पणी1दार्जिलिंगवर्ष 1999 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर घोषित2नीलगिरीवर्ष 2005 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर घोषित3शिमलावर्ष 2008 में UNESCO द्वारा विश्व धरोहर घोषित

 

  • एक्वर्थ कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1924 से रेल बजट को आम बजट से अलग किया गया।
  • भारतीय रेलवे द्वारा परिवहित की जाने वाली शीर्ष तीन सामग्री क्रमशः
    1. कोयला
    2. सीमेण्ट
    3. खाद्यान
  • सबसे लम्बा रेलमार्ग असम के डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक है। इस रेल मार्ग पर विवेक एक्सप्रेस के नाम से ट्रेन चलाई जाती है।

 

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रेल परिवहन से क्या समझते हैं?

रेल परिवहन एक ज़रिया है जिसमें यात्रियों और माल को पटरियों पर चलने वाले वाहनों पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। देश के विशालतम सामानों के आन्तरिक परिवहन तथा यात्रियों के संचालन में रेल परिवहन का महत्त्वपूर्ण स्थान है

रेल परिवहन का क्या महत्व है?

रेल परिवहन द्वारा कृषि एवं उद्योग क्षेत्र के विकास एवं विस्तार में सहायता मिलती है, क्योंकि ये कच्चे माल, मशीनरी, तैयार माल, श्रमिक एवं ईधन के व्यापक संचलन को संभव बनाता है तथा बाजार के एकीकरण में सहायता करता है। रेलवे द्वारा सूखा एवं अन्य आपदाओं से ग्रस्त क्षेत्रों में अनिवार्य वस्तुओं की त्वरित आपूर्ति की जाती है।

रेल को हिंदी में क्या कहा जाता है?

हिंदी में "रेल या ट्रेन" का अर्थ होता है "लौह पथ गामिनी" अब यदि इस शब्द का पूरा अर्थ निकाले तो लौह पथ का मतलब होता है लोहे का रास्ता और गामिनी का मतलब होता है अनुगमन करने वाली या पीछे चलने वाली। अब पूरा अर्थ समझें तो एक ऐसी गाड़ी जो लोहे के रास्ते पर चलती है।

रेल परिवहन की शुरुआत कब हुई थी?

औपचारिक उद्घाटन समारोह का आयोजन 16 अप्रैल, 1853 को हुआ, जब लगभग 400 अतिथियों के साथ 14 सवारी डिब्बों वाली रेलगाड़ी सायं 3.30 बजे "एक विशाल जनसमूह की करतल ध्वनि और 21 तोपों की सलामी के बीच बोरीबंदर से रवाना हुई। प्रथम यात्री गाड़ी 15 अगस्त, 1854 को 24 मील की दूरी तय करते हुए हवड़ा से हुगली स्टेशनों के बीच चलाई गई।