व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री सुभद्रा कुमार चौहान जी कहती हैं कि उनका ह्रदय व्यथित है। अपने ह्रदय के दुःख को दूर करने के लिए वे माता के मंदिर में जाना चाहती हैं। उनके साथ अपना दुःख साझा करके अपने ह्रदय का बोझ कुछ कम करना चाहती हैं। माता के चरणों को कवयित्री अपने आँसुओं से धोकर अपना दुःख व्यक्त करेगी, इसीलिए वह माता के मंदिर के दर्शन के लिए जाना चाहती हैं। Show २. किन्तु यह हुआ अचानक ध्यान दीन हूं, छोटी हूं, अञ्जान! मातृ-मन्दिर का दुर्गम मार्ग तुम्हीं बतला दो हे भगवान ! मार्ग के बाधक पहरेदार सुना है ऊंचे-से सोपान । फिसलते हैं ये दुर्बल पैर चढ़ा दो मुझको यह भगवान ! व्याख्या - सहसा कवयित्री को ध्यान आता है कि वह दीं हीन हैं और माता के मंदिर जाने का मार्ग दुर्गम हैं, इसीलिए माता से प्रार्थना करती हैं वे उसे मंदिर तक पहुँचने का मार्ग दिखला दे। मंदिर के सीढ़ियां बहुत ऊँची ऊँची हैं, रास्ते में बाधक पहरेदार खड़े हैं, जो कवयित्री का मार्ग रोकने के लिए तत्पर हैं। उसके दुर्बल पैर फिसलते हैं .अतः ऐसी स्थिति में माता ही मंदिर तक पहुँचने में सहायता करें। ३. अहा ! वे जगमग-जगमग जगी ज्योतियां दीख रहीं हैं वहां । शीघ्रता करो, वाद्य बज उठे भला मैं कैसे जाऊं वहां ? सुनाई पड़ता है कल-गान मिला दूं मैं भी अपने तान । शीघ्रता करो, मुझे ले चलो मातृ-मन्दिर में हे भगवान ! व्याख्या - कवयित्री कहती हैं कि वह भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने को तत्पर हैं .माता पर कभी भी अत्याचार नहीं होने देंगी .अपना माता का अपमान व अत्याचार नहीं होने देंगी ,चाहे उन्हें अपने जीवन को न्योछावर करना ही पड़े. जब भी भारत माता की रक्षा के लिए पुकार हो ,तब वह अपना आत्म - बलिदान करने को तत्पर हैं। ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – स्वर्ग बना सकते हं [कविता]ICSE SolutionsSelina ICSE SolutionsML Aggarwal Solutions प्रश्न क-i: उत्तर: प्रश्न क-ii: उत्तर : प्रश्न क-iii: उत्तर: प्रश्न क-iv: उत्तर: प्रश्न ख-i: उत्तर: प्रश्न ख-ii: उत्तर: प्रश्न ख-iii: उत्तर: प्रश्न ख-iv: उत्तर: शब्दअर्थशमितशांतविकीर्णबिखरे हुएकोलाहलशोरविघ्नरूकावटचैनशांतिपलक्षणस्वर्ग बना सकते है कविता के कवि का क्या नाम है?लेखक परिचय रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार हैं। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है।
स्वर्ग का कवि कौन है?रामधारी सिंह 'दिनकर' (२३ सितंबर १९०८- २४ अप्रैल १९७४) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
स्वर्ग बना सकते हैं कविता क्या संदेश देती है?रामधारी सिंह दिनकर की कविता "स्वर्ग बना सकते हैं" के माध्यम से कवि का उद्देश्य समानता को समाज में विकसित करना है। Explanation: देश से धर्म, जाति,रंग,रूप,और भाषा के नाम पर जो राजनीति चलती रही है उसे मिटाने का उद्देश्य है। उस न्यायोचित सुख के पक्षधर हैं जिसके वे अधिकारी है।
इस धरती पर शांति लाने के लिए क्या आवश्यक है?धरती पर शांति के लिए सभी मनुष्य को समान रूप से सुख-सुविधाएँ मिलनी आवश्यक है। हैं जन्मना समान परस्पर, इसके सभी निवासी। सबको मुक्त प्रकाश चाहिए, सबको मुक्त समीरण, बाधा-रहित विकास, मुक्त आशंकाओं से जीवन।
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