राज्य स्तरीय डिजीटल क्विजथॉन का आयोजन Show
राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शशि सांचीहर ने बताया कि भारत में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार कान्ति के जनक एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के योगदान युवा पीढ़ी तक पहुंचाने एवं देश में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे विकास के बारे में युवाओं को जागरुक करने के लिये] ताकि इस युवा शक्ति का विकास के लिये सदुपयोग हो सके] कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान दिनांक 1-7 सितम्बर 2021 की अवधि में एक राज्य स्तरीय डिजीटल क्विजथॉन का आयोजन करवाने जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किया जा चुका है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (DolT) राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस राजीव-2021 डिजीटल क्विजथॉन में राजस्थान के राजकीय एवं निजी सभी उच्च शिक्षण संस्थानों महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों] पॉलीटेक्निक एवं इन्जीनियरिंग कॉलेजों के वर्तमान में नियमित पंजीकृत विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। इसमें प्रतिभागियों के लिये आयु सीमा 17 वर्ष से 23 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें 1 जनवरी 2021 को न्यूनतम आयु वर्ष एवं 31 अगस्त 2021 को अधिकतम आयु 23 वर्ष को आधार माना जायेगा। एक सप्ताह तक चलने वाले इस डिजीटल क्विजथॉन में तीन प्रतियोगिताएं- 1 सितंबर को सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति एवं कंप्यूटर” विषय पर 3 सितंबर को स्थानीय शासन में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति से सुशासन” विषय पर तथा 8 सितंबर को सामान्य ज्ञान एवं जागरूकता विषय पर ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जायेंगी। इस डिजीटल क्विजथॉन में भाग लेने के लिये सभी इच्छुक विद्यार्थियों को सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (DolT) की वेबसाइट https://doitc.rajasthan.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसकी सूचना कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान की वेबसाइट https://hte.rajasthan.gov.in/dept/dce/ पर भी उपलब्ध है। रजिस्ट्रेशन के लिये ई-मेल आई डी एवं मोबाइल नम्बर अनिवार्य हैं, तथा एक ई-मेल आई डी से एक ही रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। साथ ही लॉग इन करने के लिये सभी को अपनी SSO आईडी का उपयोग अनिवार्य रखा गया है। यदि किन्ही विद्यार्थियों के पास अभी SSO आईडी नहीं है तो उन्हें SSO अपनी आईडी बना लेने के लिये निर्देशित करें] ताकि वे इस प्रतियोगिता में भाग ले सकें। इस डिजीटल क्विजथॉन में भाग लेने के लिये रजिस्ट्रेशन आरम्भ हो चुके हैं] जो कि 28 अगस्त 2021 तक किये जा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन पूर्णतः निःशुल्क है। यह डिजीटल क्विजथॉन ऑनलाइन मोड पर आयोजित करवाई जायेगी एवं इसमें प्रत्येक दिन होने वाली ऑनलाइन प्रतियोगिता में 75 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रतियोगिता का माध्यम हिंदी भाषा रहेगा। परीक्षा का समय एक घण्टा मध्यान्ह 12.00 से अपराह्न पश्चात 1.00 बजे तक रहेगा। इस डिजीटल क्विजथॉन की तीनों
प्रतियोगिताओं में से प्रत्येक में श्रेष्ठतम 25 प्रतिभागियों को प्रथम पुरस्कार रूप में एक-एक टैब दिया जाएगा, तथा इनसे अगले 30 प्रतिभागियों को द्वितीय पुरस्कार रूप में एक-एक मोबाइल फोन अथवा कोई अन्य आकर्षक पुरस्कार दिया जाएगा। इस प्रकार तीनों प्रतियोगिताओं में मिलाकर कुल 75 प्रथम पुरस्कार एवं 90 द्वितीय पुरस्कार दिये जायेंगे। इस क्विजथॉन के परिणाम 10 सितम्बर को घोषित किये जायेंगे। २००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में) सूचना प्रौद्योगिकी (अंग्रेज़ी: information technology) आँकड़ों की प्राप्ति, सूचना संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिज़ाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से संबंधित (सम्बन्धित) है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब दूरसंचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है। परिभाषा[संपादित करें]1. सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित (सम्बन्धित) संक्षिप्त विश्वकोश में -सूचना प्रौद्योगिकी को सूचना से संबद्ध (सम्बद्ध) माना गया है। इस प्रकार के विचार कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग) का शब्दकोश (डिक्शनरी ऑफ़ कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग)) में भी व्यक्त किए गए है। 'मैकमिलन डिक्शनरी ऑफ़ इनफ़ोर्मेशन टेक्नोलाॅजी' में सूचना प्रौद्योगिकी को परिभाषित करते हुए यह विचार व्यक्त किया गया है कि कंप्यूटिंग (कम्प्यूटिंग) और दूरसंचार के संमिश्रण पर आधारित माईक्रो-इलेक्ट्रानिक्स द्वारा मौखिक, चित्रात्मक, मूलपाठ विषयक और संख्या संबंधी (सम्बन्धी) सूचना का अर्जन, संसाधन (प्रोसेसिंग), भंडारण (भण्डारण) और प्रसार है। 2. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी को इन शब्दों मे परिभाषित किया गया है-सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ है, सूचना का एकत्रिकरण, भंडारण (भण्डारण), प्रोसेसिंग, प्रसार और प्रयोग। यह केवल हार्डवेयर अथवा सॉफ़्टवेयर तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस प्रौद्योगिकी के लिए मनुष्य की महत्ता और उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना, इन विकल्पों के निर्माण में निहित मूल्य, यह निर्णय लेने के लिए प्रयुक्त मानदंड (मानदण्ड) है कि क्या मानव इस प्रौद्योगिकी को नियंत्रित (नियन्त्रित) कर रहा है। और इससे उसका ज्ञान संवर्धन रहा है। 3. युनेस्को के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी की परिभाषा -सूचना प्रौद्योगिकी, "वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और इंजीनियरिंग विषय है। और सूचना की प्रोसेसिंग, उनके अनुप्रयोग की प्रबंध तकनीकें है। कंप्यूटर (कम्प्यूटर) और उनकी मानव तथा मशीन के साथ अंत:क्रिया एवं संबद्ध (सम्बद्ध) सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक विषय।' कारक[संपादित करें]
इस कारण यह उपयोगी है। सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व[संपादित करें]
साथ ही लोकतंत्र (लोकतन्त्र) की सभी पहलुओं को जन केंद्रित (केन्द्रित) किया जा सकता है । सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक[संपादित करें]कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकीइसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं। कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकीइसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं। दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकीइसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं। तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव[संपादित करें]सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था (Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है। सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्य (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-govermance), उद्योग, अनुसंधान व विकास, संगठन, प्रचार, धर्म, आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है। सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य[संपादित करें]सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी। इतिहास[संपादित करें]सूचना प्रौद्योगिकी विभिन्न कालखण्डों में अपने समय की सूचना से सम्बन्धित समस्याओं (इन्पुट, प्रसंस्करण, आउटपुट, संचार आदि) को हल करने की जिम्मेदारी सम्भालती है। अतः इसके इतिहास को चार मूल कालखण्डों में बांटा जा सकता है- (१) यांत्रिक युग के पूर्व (Premechanical)(२) यांत्रिक युग (Mechanical)(३) विद्युतयांत्रिक युग (Electromechanical), तथा(४) एलेक्ट्रॉनिक युग (Electronic)भारत में सूचना प्रौद्योगिकी[संपादित करें]भाषा, अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। भाषा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। इलेक्ट्राॅनिक माध्यम के फलस्वरूप विश्व का अधिकांश भाग जुड़ गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इंटरनेट द्वारा डाक भेजना, इलेक्ट्राॅनिक वाणिज्य, संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक ई-प्रशासन, ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन, शिक्षासामग्री के लिए ई-एज्यूकेशन आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहुआयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे हैं। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयोगों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडे (डेटा) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथा अन्य बहुत से क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहे हैं। आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफल हुई है। इस नये युग में ई-कॉमर्स, ई-मेडीसिन, ई-एज्यूकेशन, ई-गवर्नंस, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधिकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है। सन्दर्भ[संपादित करें]इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
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