दोस्तों आज hindiamrit आपके लिए प्रमुख अंतरों की श्रृंखला में स्थैतिक और गतिक घर्षण में अंतर लेकर आया है। Show
तो आज हम आपको स्थैतिक घर्षण क्या है,गतिक घर्षण क्या है,स्थैतिक घर्षण के नियम,गतिक घर्षण के नियम,sthaitik gharshan aur gatik gharshan me antar, आदि की जानकारी प्रदान करेंगे। Contents
Sthaitik aur gatik gharshan me antar जानने से पहले हम लोग ये जान लेते है। sthaitik gharshan kise kahte hai,gatik gharshan kise kahte hai,sthaitik gharshan ke niyam,gatik gharshan ke niyam, Difference between static and dynamic friction,Sthaitik aur gatik gharshan me antar,स्थैतिक घर्षण किसे कहते हैं || static frictionजब एक वस्तु को दूसरी वस्तु के तल पर चलाने का प्रयत्न किया जाता है। तो गति अवस्था में आने से पूर्व दोनों स्पर्शी तलों के मध्य कार्य करने वाले घर्षण-बल को स्थैतिक घर्षण कहते हैं। स्थैतिक धर्षण-बल का परिमाण तलों के बीच गति उत्पन्न करने वाले बाह्य नेट बल के बराबर तथा दिशा, बाह्य बल की दिशा के विपरीत होती है। स्थैतिक घर्षण के नियम || rules of static friction(1) सम्पर्क में रखे दो तलों के बीच लगने वाला सीमान्त घर्षण-बल, सम्पर्क तल के बीच लग रही। अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपाती होता है। और बाह्य खिंचाव बल की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है। (2) सीमान्त घर्षण-बल सम्पर्क में रखी वस्तुओं के आकार एवं उनकी आकृति पर निर्भर नहीं करता है। बशर्तें कि अभिलम्ब प्रतिक्रिया अपरिवर्तित रहे। गतिक घर्षण किसे कहते हैं || dynamic frictionसीमान्त घर्षण की अवस्था में स्थैतिक घर्षण का मान अधिकतम होता है। यदि बाह्य बल का मान सीमान्त घर्षण बल से आधिक कर दिया जाए तो वस्तु बाह्य बल की दिशा में गति करने लगती है। जब वस्तु गति करने लगती है। तो स्पर्श तलों के मध्य कार्य करने वाले घर्षण-बल को गतिक घर्षण कहते हैं। इसका मान सदैव सीमान्त घर्षण से कम होता है। गतिक घर्षण के नियम || rules of dynamic friction(1) गतिक घर्षण अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपाती होता है। और सदैव स्थैतिक घर्षण से कम होता है। (2) गतिक घर्षण वस्तु के वेग पर निर्भर नहीं करता है।बशर्ते कि वेग का मान न तो बहुत अधिक हो और न ही बहुत कम हो। स्थैतिक और गतिक घर्षण में अंतर || difference between static and dynamic frictionघर्षण स्वत: समायोजित (sclf-adjusting) होने वाला बल है। और जब वस्तु विरामावस्था में रहती है। तब तक यह बाह्य बल के साथ-साथ बढ़ता रहता है। एक तस्तु के पृष्ठ पर रखी दूसरी वस्तु को गति में लाने के लिए आवश्यक बल को ही स्थैतिक घर्षण-बल कहते हैं। एक बार वस्तु जब गति में आ जाती है तो घर्षण-बल कुछ कम हो जाता है। और फिर जब तक वस्तु गतिशील रहती है, घर्षण-बल नियत रहता है। इसे गतिक घर्षण कहते हैं। घर्षण-बल फिर नहीं बढ़ता है भले ही बाहरी बल को बढ़ा दिया जाए।
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`( ग घर्षण कोण से क्या तात्पर्य है ?`?Solution : (1) घर्षण कोण-सीमान्त घर्षण बल और अभिलम्ब प्रतिक्रिया का परिणामी बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया के साथ जो कोण बनाता है, उसे घर्षण कोण कहते हैं। <br> (2) विराम कोण-नत तल पर स्थित किसी पिण्ड की सीमान्त सन्तुलन की स्थिति में नत तल का क्षैतिज से झुकाव विराम कोण कहलाता है।
घ सीमान्त घर्षण से आप क्या समझते हैं?Solution : स्थैतिक घर्षण -बल के अधिकतम मान को सीमांत घर्षण-बल कहते है। इसे `f_(s)` से प्रदर्शित करते है। सीमांत घर्षण-बल `f_(s)` अभिलम्ब प्रतिक्रिया बल R के अनुक्रमानुपाती होता है।
घर्षण से क्या उत्पन्न होता है?Explanation: तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते हैं। किसी तरल पर लगने वाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है। घर्षण बल वस्तु की आकृति तथा तरल की प्रकृति पर भी निर्भर करता है।
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