3 भारत के दक्षिण में क्या है? - 3 bhaarat ke dakshin mein kya hai?

पश्चिम बंगाल के निवासी मोहम्मद मोशिरुदीन को उनके गृह राज्य में एक रेलवे स्टेशन के पास पश्चिम बंगाल के एटीएस (एंटी टैररिस्ट स्क्वायड) ने गिरफ़्तार किया था. मोशिरुदीन पांच साल से भी अधिक वक्त से तिरुपुर में काम कर रहे थे.

उन पर युवाओं को बहलाकर इस्लामिक स्टेट संगठन में शामिल करने के आरोप लगे थे. तिरुपुर शहर उत्तर भारत से आए प्रवासी मज़दूरों के लिए जाना जाता है.

मोशिरुदीन ने अपने परिवार की मर्जी की ख़िलाफ़ जाकर अपनी पसंद की लड़की से शादी की थी और उसके बाद वे तिरुपुर चले गए थे. उन्हें 'किरानावाला' के नाम से जाना जाता था.

मोशिरुदीन पर अंतरराष्ट्रीय चरमपंथी संगठन के साथ कथित तौर पर संबंधों के आरोप लगने के बाद कुछ वक्त के लिए तिरुपुर इलाक़े में उत्तर भारतीय मजदूरों की नकारात्मक छवि बन गई थी, शहर के स्थानीय निवासी सभी उत्तर भारतीय कामगारों को शक़ भरी निगाहों से देखने लगे थे.

दक्षिण भारत में मौजूद उत्तर भारतीय मज़दूरों को अक्सर इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जब कभी किसी उत्तर भारतीय मज़दूर पर किसी अपराध में शामिल होने के आरोप लगते हैं तो पूरे समुदाय पर संदेह जताया जाने लगता है.

तमिलनाडु के एक रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रामचंद्रन ने बीबीसी तमिल से कहा, ''हर समाज में एक या दो प्रतिशत लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल होते ही हैं. लेकिन हमें बाक़ी के 90 प्रतिशत से अधिक लोगों पर शक़ नहीं करना चाहिए, वे अच्छे इंसान होते हैं.''

किसी अन्य राज्य के व्यक्ति को गिरफ़्तार करने में किस तरह की परेशानियां आती हैं. इस बारे में रामचंद्रन बताते हैं, ''जब किसी दूसरे राज्य का व्यक्ति कोई अपराध करता है तो उसे गिरफ़्तार करना काफ़ी मुश्किल होता है. यहां तक कि अगर सर्विलांस कैमरा में उनका चेहरा भी दिख गया हो या फिर पुलिस को उनकी तस्वीरें भी प्राप्त हो गई हों तब भी उन्हें पकड़ना आसान नहीं होता, क्योंकि स्थानीय लोग इन बाहरी लोगों के चेहरों को इतनी आसानी से पहचान नहीं पाते.''

''अगर हम तमाम मुश्किलें पार कर उनके गृह राज्य जाकर उन्हें पकड़ने की कोशिश करें तो भी उनके गिरफ़्तार होने की कोई गारंटी नहीं होती.''

रामचंद्रन इस संबंध में अपने साथ हुई एक घटना को याद करते हैं, ''साल 2014 में राजस्थान से काम करने आए एक कामगार को कोयंबटूर ज़िले में एक सुनार ने नौकरी पर रखा, लेकिन वह आदमी उस सुनार की हत्या कर और दो किलो सोना चोरी कर भाग गया. बहुत कोशिश के बाद हमने उस आदमी को बाड़मेर ज़िले में ढूंढ निकाला.''

''जब जांच में शामिल राजस्थान पुलिस का एक अफ़सर हमारी टीम के साथ उस आदमी के घर में दाख़िल हुआ तो गांव वालों ने उस पुलिस अफ़सर पर उलटा आरोप लगा दिया कि वे अकेली महिला के घर में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में हमारे पास वहां से वापिस लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. वह आदमी आज तक गिरफ़्तार नहीं हुआ है.''

रामचंद्रन एक और वाक़ये को याद करते हुए कहते हैं कि अगर किसी दूसरे राज्य का आदमी किसी अपराध में शामिल होता है तो वह अपराध करने के तुरंत बाद वापस लौट जाता है.

रामचंद्रन कहते हैं, ''उत्तर भारत से आने वाला कोई आदमी हवाई यात्रा के ज़रिए तमिलनाडु पहुंचता है. वह किसी भी तरह से पकड़ में ना आए इसके लिए वह हवाई टिकट का पैसा कैश में ही देता है, कभी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करता.''

वे कहते हैं, ''एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह किसी ख़ास जगह के लिए कैब बुक करता है. लेकिन रास्ते में तबियत खराब होने की शिकायत कर कैब को नज़दीकी अस्पताल में ले चलने के लिए कहता है. आमतौर पर वह दोपहर का वक्त चुनता है, क्योंकि इस वक्त पर डॉक्टर मरीज़ों के पास नहीं होते.''

''बड़े अस्पतालों में वार्ड ब्वॉय या नर्स सभी डॉक्टरों को नहीं पहचानते. कैब से आया आदमी ओपीडी वार्ड में पहुंचता है और स्टेथोस्कोप पहनकर वार्ड के स्टाफ़ से कोई भी दस्तावेज़ लाने के लिए उसे वार्ड से बाहर भेज देता है. एक बार जब वार्ड का स्टाफ़ बाहर निकल गया तो वे उस महिला मरीज़ के पास जाएगा जिसने कोई गहना पहना है. फिर उसका निरीक्षण करने का झूठा अभिनय करते हुए वह उनके गहने उतार लेगा.''

''इसके बाद वह उस मरीज से उल्टा लेटने के लिए कहेगा और फिर गहने लेकर फ़रार हो जाएगा.''

रामचंद्रन अंत में कहते हैं, ''आम तौर पर वे प्रवासी कामगार जो लंबे वक्त से दूसरे राज्यों में रह रहे होते हैं वे सिर्फ तभी कोई अपराध जब किसी आपसी लड़ाई में शामिल होते हैं. योजना बनाकर किए गए अपराध बहुत कम होते हैं. इसलिए इन अपराधों के होने पर सभी पर शक़ नहीं किया जाना चाहिए और दक्षिण भारत में रह रहे उत्तर भारतीय लोगों को एक ही नज़र से भी नहीं देखना चाहिए.''

कन्याकुमारी अंतरीपकैलीमियर प्वॉइंटनिकोबार द्वीप में स्थित इंदिरा प्वॉइंटत्रिवेंद्रम में स्थित कोवलम

Solution : भारत का दक्षिण बिंदु बड़ा निकोबार द्वीप में स्थित इंदिरा प्वॉइंट है, इसे .पिग्मेलियन प्वॉइंट. भी कहा जाता था। भारत के मुख्य भूमि का दक्षिणी छोर कन्याकुमारी है।

दक्षिण भारत पाँच भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के साथ-साथ तीन केंद्र शासित प्रदेशों लक्षद्वीप, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह और पुडुचेरी का क्षेत्रफल है, जो भारत के 19% क्षेत्र (635,780 कि॰मी2 या 245,480 वर्ग मील) है।[1] भारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं। अपनी संस्कृति, इतिहास तथा प्रजातीय मूल की भिन्नता के कारण यह पहचान बना चुका है। दक्षिण भारत में लोकसभा की 130 सीटें हैं।[2]

दक्षिण भारतीय लोग मुख्यतः द्रविड़ भाषा जैसे तेलुगू ,तमिल, कन्नड़ और मलयालम बोलते हैं और मुख्यतः द्रविड़ मूल के हैं।

कार्बन डेटिंग पद्धति से यह पता चला है कि इस क्षेत्र में ईसा पूर्व 8000 से मानव बस्ती रही है। लगभग 1000 ईसा पूर्व से लौह युग का सूत्रपात हुआ। मालाबार और तमिल लोग संगम प्राचीन काल में यूनान और रोम से व्यापार किया करते थे। वे रोम, यूनान, चीन, अरब, यहूदी आदि लोगों के सम्पर्क में थे। प्राचीन दक्षिण भारत में विभिन्न समयों तथा क्षेत्रों में विभिन्न शासकों तथा राजवंशों ने राज किया। सातवाहन, चेर, चोल, पांड्य, चालुक्य, पल्लव, होयसल, राष्ट्रकूट आदि ऐसे ही कुछ राजवंश हैं। मध्यकालीन युग के आरंभिक मध्य में क्षेत्र मुस्लिम शासन तथा प्रभाव के अधीन रहा। सबसे पहले तुगलकों ने दक्षिण में अपना प्रभाव बढ़ाया। अलाउद्दीन खिलजी ने यूँ तो मदुरै तक अपना सैनिक अभियान चलाया था पर उसकी मृत्यु के बाद उसका साम्राज्य टिक नहीं सका। सन् 1323 में यहाँ तुर्कों द्वारा मुस्लिम बहमनी सल्तनत की स्थापना हुई। इसके कुछ सालों बाद हिन्दू विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई। इन दोनों में सत्ता के लिए संघर्ष होता रहा। सन् 1565 में विजयनगर का पतन हो गया। बहमनी सल्तनत के पतन के कारण 5 नए साम्राज्य बने - बीजापुर तथा गोलकोण्डा सबसे शक्तिशाली थे। औरंगजेब ने सत्रहवीं सदी के अन्त में दक्कन में अपना प्रभुत्व जमा लिया पर इसी समय शिवाजी के नेतृत्व में मराठों का उदय हो रहा था। मराठों का शासन अट्ठारहवीं सदी के उत्तरार्ध तक रहा जिसके बाद मैसूर तथा अन्य स्थानीय शासकों का उदय हुआ। पर इसके 50 वर्षों के भीतर पूरे दक्षिण भारत पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। 1947 में स्वराज्य आया।

भाषा और सास्कृतिक रूप से यह शेष भारत से भिन्न भारत का ही अंग है।

दक्षिण भारत, गर्मियों के दौरान एक अत्यधिक मांग वाला पर्यटन स्थल, दक्षिण भारत में कई लोकप्रिय गर्मियों की छुट्टियों के स्थानों के साथ बिंदीदार। इतिहास, वास्तुकला, सुंदर दृश्य, सुखद मौसम, रोमांच और अविश्वसनीय अनुभव आकर्षण में इजाफा करते हैं। तो दक्षिण भारत सुंदरता और रहस्य का एक पूर्ण पैकेज है, और गर्मी और आर्द्रता से दूर है। समुद्र तटों, बैकवाटर्स, हिल स्टेशनों, वन्यजीव अभयारण्यों, प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक शहरों और बहुत कुछ का आनंद लें[3]।

इस क्षेत्र को तथा इसके कई अंगों को भूगोल और संस्कृति के आधार पर कई विशेष नाम दिए जाते हैं। इनका विवरण नीचे है -

हमारे भारत के दक्षिण में क्या है?

दक्षिण भारत पाँच भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के साथ-साथ तीन केंद्र शासित प्रदेशों लक्षद्वीप, अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह और पुडुचेरी का क्षेत्रफल है, जो भारत के 19% क्षेत्र (635,780 कि॰मी2 या 245,480 वर्ग मील) हैभारत के दक्षिणी भाग को दक्षिण भारत भी कहते हैं।

भारत के दक्षिण में कौन सा पहाड़ है?

Detailed Solution. सही उत्तर कार्डमम पर्वत है। भारत की सबसे दक्षिणी पर्वत शृंखला कार्डमम पर्वत है, जो केरल में स्थित है।

भारत के दक्षिण दिशा में क्या अवस्थित है?

श्रीलंका (Sri Lanka) : श्रीलंका पहले सीलोन के नाम से जाना जाता था भारत के दक्षिण में स्थित इस देश की दूरी भारत से मात्र ३१ किलोमीटर ही है

पूरे भारत के दक्षिण में व्यंजन कौन है?

दक्षिण भारत का सबसे मशहूर व्यंजन है डोसा. दाल और चावल के खमीर उठे घोल से बनाया गया यह डोसा सांभर और कई प्रकार की चटनी के साथ परोसा जाता है. डोसा भी नाना प्रकार के होते हैं, जैसे कि- मैसूर डोसा, रवा डोसा, प्याज डोसा, मसाला डोसा, पेपर डोसा आदि.