नौ-खंडपुराणानुसार या प्राचीन भारतीय मान्यता के अनुसार पृथ्वी के नौ खंड- भरत, किंपुरुष, भद्र, हरि, हिरण्य, केतुमाल, इलावर्त, कुरु और रम्यक Show
नौ-'अरूसाँनौ'-ए-इंसाननौ'-ए-सुख़ननौ'-ए-इंसानीमानव-जाति, आदम की संतान नौ'-ब-नौ'रोज़-नौ-रोज़ी-ए-नौनया दिन, नई रोज़ी, यानी कल के लिए आज से फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं, आज जो कुछ मिला है उसे इत्मीनान और बेफिक्री से सिर्फ़ करो कल की बात कल के साथ, जिस ख़ुदा ने आज देव है वही कल भी देगा. इस क़ौल के मिस्दाक़ वो लोग भी हो सकते हैं जो अपनी रोज़ी रोज़ रोज़ बदला करते हैं मतला'-ए-नौ(शायरी) नया मतला, ताज़ा मतला नौ'-ब-नौ''उरूस-ए-नौनई नवेली दुल्हन 'अस्र-ए-नौआधुनिक काल, नवीन काल, मौजूदा समय बहर-ए-नौ''अजम-ए-नौता'मीर-ए-नौनए सिरे से बनाना, दुबारा बनाना नौ'-ए-दिगरदूसरे प्रकार का, बदला हुआ, विकृत, बिगड़ा हुआ, अस्त-व्यस्त, उथल-पुथल, बिगड़ा हुआ, ख़राब, बुरा, दगरगों आँख एक नहीं कजलौटियाँ नौ नौबदसूरत और इस क़दर आराइश नौ-गिरियाँनौ-घिरियाँनौ-ख़ताँजिसकी मूँछ-दाढ़ी के बाल निकलना शुरू हुए हों, अंकुरितयौवन, प्रेमिका सूँ-नौ'अहद-ए-नौआधुनिक या वर्तमान युग, नया युग, समकालीन, वर्तमान सभ्यता युग रख़्त-ए-नौतस्ख़ीर-ए-नौ
बनी-नौ'-ए-इंसानमानव जाति, मनुष्यों की जाति, मानव समष्टि मज़ामीन-ए-नौनए मज़ामीन, नए ख़्यालात निज़ाम-ए-नौमुजरिम-ए-नौ-'उम्रकिशोर अपराधी नौ-'अरूसान-ए-चमनबाग़ में नये जमे हुए पौधे, ताज़ा कलियाँ और ताज़े फूल, कलियाँ जूया-ए-'आलम-ए-नौनौ-रोज़े-ए-'अजम(संगीत) रहावी का दूसरा भाग जो छः रागिनियों पर आधारित होता है नौ-रोज़े-ए-'अरब(संगीत) 'रहावी' के पहले भाग का नाम जो छः रागिनियों पर आधारित है फ़ख़्र-ए-नौ'-ए-इंसानीनौ'-बंदीमानकीकरण,वर्गीकरण, समूहीकरण नौ'-साफ़िलनस्ल-ए-नौनई नसल, आगे आने वाली नसल, आइन्दा नसल, नई पीढ़ी, बच्चे और नौजवान, मर्ग-ए-नौताज़ा मौत, लाक्षणिक अर्थ: प्रेम मय-ए-नौहाल की खिंची हुई शराब ।। सर-ए-नौनये सिरे से, फिर से, पुनः, दुबारा नौ-दाैलतियेसाल-ए-नौनया साल, अगला वर्ष तरह-ए-नौनयी बुनियाद, नये सिरे से कोई तामीर, नये सिरे से कोई काम, अनुष्ठान । सुब्ह-ए-नौनई सुबह, नए दिन का प्रारंभ नौ'-ए-दिगर होनाबिगड़ जाना, ख़राब होना , दगरगों होना नौ'-ओ-जिंसतज़ईन-ए-नौनझ़ाद-ए-नौनौजवान नसल, नई नसल मुलाज़िम-ए-नौ, तेज़-रौनया मुलाज़िम तेज़ चलता है, नया नौकर अच्छा काम करता है बनी-नौ'-ए-बशरदे. ‘बनीनौए इंसान' ।। तस्वीर-ए-'अस्र-ए-नौज़िंदगी-ए-नौनई ज़िंदगी, नया जीवन ज़ू-नौ'आईन-ए-नौनया क़ानून नियम या रीति रिवाज, नए दौर के रुझानों के अनुसार संविधान ताइर-ए-नौनशात-ए-नौतक्वीन-ए-नौनई पैदाइश, नया जन्म
तीन लोक और नौ खंड में गुरु महान : बच्चन‘ईश्वरएक है, एक को मानो और एक हो जाओ। दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं जहां निराकार परमात्मा की पहुंच ना हो। हम सभी आपस में बैठ कर ईश्वर के बारे में आसानी से समझते हैं, उन्हें जानते हैं। तीन लोक और नौ खंड में गुरु महान है, जो हमें ईश्वर के होने के साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान कराता है। इसलिए गुरु सर्वश्रेष्ठ है। उक्त प्रवचन रविवार को शहर के केएनजे उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित सत्संग में महाराज बच्चन सिंह ने दिया। संत निरंकारी मंडल की चाकुलिया शाखा के तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर सह सत्संग के अवसर पर सदगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के शिष्य बच्चन सिंह का अनुयायियों ने कतारबद्ध होकर चरण स्पर्श कर आशीष लिया। सत्संग पर चाकुलिया, कोकपाड़ा, धालभूमगढ़, घाटशिला, बहरागोड़ा, पश्चिम बंगाल के गिधनी, झाड़ग्राम, बेलपहाड़ी, सिल्दा आदि स्थानों से लगभग 3 हजार से भी अधिक अनुयायी जुटे थे। मौके पर कई महिला अनुयायियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई। ^सत्संग में हमें बुराइयों से दूर रहने जीवन में अच्छे कर्म करने की बात बताई जाती है। लोगों की सेवा करने में जो आनंद प्राप्त होता है। वह किसी और कार्य में नहीं होता। गुराईसोरेन, सदस्य सेवा दल। ^सत्संग हमें आत्मिक शांति देता है इसके साथ ही हम सत्संग सुनकर मानसिक रूप से भी सुदृढ़ हो जाते हैं। इसका लाभ हमें हमारे जीवन में मिलता है माधवीसोरेन, अनुयायी ^सत्संग के द्वारा हम अच्छी बातों को जानते हैं, अच्छी आदतें सीखते हैं। यह हमें सकारात्मक सोचने की शक्ति प्रदान करता है जिससे हमें खुशी मिलती है। सीताटुडू, सदस्य सेवादल ^सत्संग सुनने से हमारे भीतर की नकारात्मकता बाहर निकलती है। हमारी सकारात्मक सोच की शक्ति में वृद्धि होती है। इससे हमारा मन भी पवित्र होता है। भारतीमुर्मू, महिला प्रभारी सेवा दल केएनजे उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित सत्संग में भाग लेतेे अनुयायी। बच्चन सिंह से आशीष लेते अनुयाई भारी भीड़ के कारण व्यायामशाला के बाहर तक लगी कतार केएनजेउच्च विद्यालय परिसर स्थित महावीर व्यायामशाला में सत्संग का आयोजन किया गया था। लोगों की भीड़ इतनी थी कि व्यायामशाला पूरी तरह खचाखच भर गई थी। वहीं व्यायामशाला के बाहर भी सैकड़ों अनुयायी बैठकर सत्संग सुनते रहे इधर बच्चन सिंह मुखी सुराई हांसदा का आशीष लेने के लिए लगभग 500 मीटर लंबी लाईन विद्यालय परिसर के अंदर ही लगी थी। लोगों ने किया रक्तदान विद्यालयपरिसर में ही संत निरंकारी मंडल द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 113 लोगों ने रक्तदान किया जमशेदपुर से आई चिकित्सकों विशेषज्ञों की टीम द्वारा रक्त संग्रह किया गया। शिविर सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ शाम 4 बजे तक चलता रहा इस अवसर पर जमशेदपुर से आए देवनाथ प्रसाद, समरेश कुमार, अरविंद मौर्य, सुभाष गोराई, चाकुलिया शाखा के मुखी सुराई हांसदा, कुंवर हांसदा, विक्रम मांडी, डमन हांसदा, खुदीराम मांडी, मिलन बास्के, गोपाल हांसदा, मोहन हेम्ब्रम, छतर मांडी, भरत मांडी, भारती मुर्मू, सीता टुडू, कौशल्या मुर्मू, मीठू पातर, कल्पना मुंडा, काजल बास्के आदि मौजूद थे। |