क्या कमजोरी से घबराहट होती है? - kya kamajoree se ghabaraahat hotee hai?

अक्सर हमने देखा है की लोग बिना परिश्रम करे भी थकान महसूस करते है| बिना किसी कारणवश उन्हें आलस चढ़ा हुआ रहता है, तथा कमजोरी महसूस होती रहती है| यह कमजोरी दिन की शुरुआत से ही महसूस होने लगती है| शरीर में ऊर्जा की कमी के कारण दैनिक कार्य करने भी असमर्थता महसूस होती है|

देखा गया है की जो लोग कमजोर रहते है उन्हें कुछ देर काम करने पर ही थकान और नींद घेर लेती है। कमजोरी आने के कई कारण होते है| जैसे अभी गर्मी के दिन चल रहे है तो बार पसीना ज़्यादा निकलने तथा डिहाइड्रेशन की वजह से भी कमज़ोरी आ जाती है|

कभी-कभी तो लंबे समय तक बीमार रहना और खराब जीवनशैली के कारण भी कमजोरी हो जाती है। पुरुषों के अपेक्षा महिलाओ में यह ज्यादा देखा गया है| महिलाएं घर के अत्यधिक काम के चलते खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं, जिसके परिणाम स्वरुप वो ना चाहते हुए भी शारीरिक कमजोरी का शिकार हो जाती हैं।

Updated: | Wed, 01 Aug 2018 06:58 PM (IST)

रात की नींद अच्छी हो तो आप सुबह एक नई ऊर्जा के साथ उठते हैं लेकिन अच्छी नींद के बावजूद सुबह उठने के बाद आप ताजगी महसूस नहीं करते हैं या आपको थकान महसूस होती है। सुबह उठकर मन में अजीब घबराहट और लो फील होता है और यही नहीं कम उम्र में भी जोड़ों में दर्द-सा महसूस होता है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह तो खतरे की बात है। य गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकता है। इन सारी समस्याओं से परेशान हैं तो सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि ये सब विटामिन सी की कमी की वजह से होता है।

जब शरीर में विटामिन डी की कमी आती है तो इसका प्रभाव आपके ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर बिगड़ने की वजह से आपको सुबह-सुबह घबराहट जैसी समस्या होती है। इसकी कमी से आपमें रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होने लगती है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन भी इसी की कमी की वजह से ही होता है। डिप्रेशन जैसी समस्या को बढ़ाने में विटामिन डी की कमी का हाथ होता है।

हड्डियों में दर्द, जकड़न, जोड़ों के दर्द की समस्या होने लगती है। कमजोरी बढ़ती जाती है, तभी तो सुबह उठने के बाद व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है। अगर ये सारे लक्षण हैं तो इसे नजरअंदाज करने की बजाए डॉक्टर से संपर्क करें।

जो लोग सूर्य की रोशनी के संपर्क में नहीं रहते हैं, दूध पीने से एलर्जी हो या फिर सख्त शाकाहारी आहार का पालन करते हों तो ऐसे व्यक्ति में विटामिन डी होने का खतरा सबसे अधिक होता है।

ये जरूर करें

- विटामिन डी से भरपूर चीजों का सेवन करें। इसके लिए आप संतरे या उसके जूस का प्रयोग कर सकते हैं। यह भी शरीर में विटामिन डी कमी को जल्दी पूरा करने का काम करता है। मछली, अंडे के अलावा आप अपने आहार में दूध, दही, पनीर आदि को शामिल कर विटामिन डी के स्तर में सुधार कर सकते हैं।

- व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। इससे भी आपका ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहेगा और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे।

- आप सूर्य से निकलने वाली पहली किरणों में जरूर बैठें क्योंकि, इसमें अल्ट्रा वायलेट किरणें होती हैं जो त्वचा से मिलकर विटामिन डी प्रोड्यूस करती हैं। इसलिए, रोजाना धुप में बैठने से भी विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।

- सोने का एक नियत समय होना जरूरी है। एक निश्चित समय पर सोने की और उठने की आदत डाल लें। ऐसा करने से आपके स्वस्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आप सुबह तारो-ताजा होकर उठेंगे।

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कभी-कभी ऐसा होता है कि सुबह उठते ही हमारे शरीर में बिना किसी वजह के दर्द होने लगता है या हम पूरे दिन थकान का अनुभव करते हैं. इस समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है शरीर में पोषण तत्वों की कमी होना। ऐसे में इन परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए आपको पोषक देने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जान लेना चाहिए- 

सुबह उठते ही क्यों होती है थकान 
जब शरीर में विटामिन डी की कमी आती है तो इसका प्रभाव आपके ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर बिगड़ने की वजह से आपको सुबह-सुबह घबराहट जैसी समस्या होती है। इसकी कमी से आप में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होने लगती है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन भी इसी की कमी की वजह से ही होता है। डिप्रेशन जैसी समस्या को बढ़ाने में विटामिन डी की कमी का हाथ होता है।हड्डियों में दर्द, जकड़न, जोड़ों के दर्द की समस्या होने लगती है। कमजोरी बढ़ती जाती है, तभी तो सुबह उठने के बाद व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है।
 

प्रोटीन : 
शरीर के ऊतकों को बनाने, उनके रख-रखाव व मरम्मत में प्रोटीन की जरूरत होती है। दूध, सोयाबीन, अंडा, दाल, दूध व मांस में प्रोटीन होता है।
कैल्शियम : 
हड्डियों और दांतों के अलावा मांसपेशियों और हृदय को ठीक रखता है। बढ़ते बच्चों के लिए जरूरी है। दूध, दही, पनीर, टोफू, पालक, ब्रोकली, में खूब सोयाबीन होता है।
फाइबर : 
पाचन तंत्र को ठीक रखना है तो फाइबर युक्त चीजें खाएं। इसके लिए सेब, नाशपाती, ओट्स, साबुत अनाज व सूखे मेवे खाएं।
आयरन : 
शरीर में खून बनाने और सब अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम आयरन का होता है। साबुत अनाज, बींस, मेवे, अनार, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियों में यह पर्याप्त होता है।

जरूरी बातें- 
-हरी सब्जियों को कम तेल मसालों में बनाएं। ज्यादा देर भूनने या पकाने से बचें। ’ 
-नाश्ते में हमेशा ब्रेड, मक्खन और परांठे ही न खाएं। रोटी, सब्जी, दलिया, दही, अंकुरित अनाज आदि का सेवन भी करें। इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलेगा। 
-सब्जियों को उबालने के बाद उस पानी को भी इस्तेमाल में लाएं। उबालते समय सब्जियों के 5 से 55 प्रतिशत तक पौष्टिक तत्व पानी में घुल जाते हैं। 
-अगर नाश्ता करने का समय नहीं है तो मुट्ठीभर अखरोट, बादाम और काजू जरूर खाएं। ताजे फल व सब्जियों का सेवन करें

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कमजोरी से घबराहट होती है क्या?

जब शरीर में विटामिन डी की कमी आती है तो इसका प्रभाव आपके ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। इसकी कमी से ब्लड प्रेशर बिगड़ने की वजह से आपको सुबह-सुबह घबराहट जैसी समस्या होती है। इसकी कमी से आप में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होने लगती है। डायबिटीज, हाइपरटेंशन भी इसी की कमी की वजह से ही होता है।

घबराहट होने के क्या कारण हो सकते हैं?

तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है. Anxiety attack: आमतौर पर जीवन के प्रति निराशा और डर की भावना के कारण इंसान को एंजाइटी या बेचैनी होती है. हालांकि तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है.

शारीरिक कमजोरी के लक्षण क्या है?

body weakness symptoms in hindi जैसा कि हमने पहले भी बताया सांस फूलने की समस्या, काम करने में परेशानी होना, शारीरिक काम ना कर पाना, थकान महसूस करना, आदि शारीरिक कमजोरी के लक्षण हैं. इससे अलग उबासी, चक्कर आना, उलझन महसूस करना, मांसपेशियों में ताकत महसूस ना करना, अनियमित दिल की धड़कन भी इन लक्षणों में से एक हैं.

जब मन में घबराहट हो तो क्या करना चाहिए?

घबराहट का रामबाण इलाज.
सक्रिय रहें नियमित व्यायाम केवल शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में नहीं हैं – यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ी मदद हो सकती हैं।.
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गर्म पानी का स्नान.