सत्ता के उद्बोधन वितरण से आप क्या समझते हैं? - satta ke udbodhan vitaran se aap kya samajhate hain?


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सत्ता के ऊध्वाधर वितरण और क्षै...

सत्ता के ऊध्वाधर वितरण और क्षैतिज वितरण में अंतर स्पष्ट करें।

लिखित उत्तर

Solution : ऊर्ध्वाधर वितरण में सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच विभाजित किया जाता है जो कि केंद्र सरकार राज्य सरकार स्थानीय सरकार है। सत्ता के क्षैतिज वितरण में शक्ति विधायी कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विभाजित है।

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सत्ता के उद्बोधन वितरण से आप क्या समझते हैं? - satta ke udbodhan vitaran se aap kya samajhate hain?

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Q.सत्ता के ऊर्ध्वाधर वितरण से क्या अभिप्राय है? भारत के सन्दर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।


उत्तर:

(1) उच्चतर और निम्नतर स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के बँटवारे को ऊर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है।
(2) भारत में पूरे देश के लिए बनने वाली सामान्य सरकार को संघ या केंद्र सरकार कहते हैं। प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों को राज्य सरकार कहते हैं।
(3) राज्य सरकारों से नीचे के स्तर की सरकारों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था है। नगरपालिका और पंचायतें ऐसी ही इकाइयाँ हैं।  


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Q. What does vertical distribution of power mean? Explain it in the context of India.

Answer: 

(1) The distribution of power between higher and lower level governments is called vertical distribution.
(2) The general government formed for the entire country in India is called Union or Central Government. Provincial or regional level governments are called state governments.
(3) There is a similar system for the governments below the state governments. Municipalities and Panchayats are similar units.



अध्याय : 1. सत्ता की साझेदारी

सत्ता की साझेदारी के रूप

एक अच्छे लोकतांित्राक शासन में समाज के विभिन्न समूहों और उनके विचारों को उचित सम्मान दिया जाता है और सार्वजनिक नीतियाँ तय करने में सबकी बातें शामिल होती हैं इसलिए उसी लोकतांित्राक शासन को अच्छा माना जाता है जिसमें ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को राजनीतिक सत्ता में हिस्सेदार बनाया जाए।
आधुनिक लोकतांित्राक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते है।
शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है।
1. सत्ता का क्षैतिज वितरण
(A) अगर फैसले लेने की शक्ति बिखर गर्इ, तो तुरंत फैसले लेना और उन्हें लागू करना संभव नहीं होगा।
(B) शासन के विभिन्न अंग, जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। इसे हम सत्ता का क्षैतिज वितरण कहेंगे कयोंकि इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते है।
(C) ऐसे बँटवारे से यह सुनिश्चित हो जाता है कि कोर्इ भी एक अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता।
(D) हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इसमें विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बनता है।
(E) इस व्यवस्था को “नियंत्राण और संतुलन की व्यवस्था” भी कहते है।
2. सत्ता का उध्र्वाधर वितरण :
(A) सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा हो सकता है : जैसे, पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रांत या क्षेत्राीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे।
(B) पूरे देश के लिए बनने वाली ऐसी सामान्य सरकार को अक्सर संघ या केंद्र सरकार कहते हैं।
(C) जिन देशों में ऐसी व्यवस्था है वहाँ के संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा किस तरह होगा।
(D) उच्चतर और निम्नतर स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के ऐसे बँटवारे को उध्र्वाधर वितरण कहा जाता है।
3. विभिन्न सामाजिक समूहों में सत्ता का बँटवारा :
(A) सत्ता का बँटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है।
(B) इस तरह की व्यवस्था विधायिका और प्रशासन में अलग-अलग सामाजिक समूहों को हिस्सेदारी देने के लिए की जाती है ताकि लोग खुद को शासन से अलग न समझने लगें।
(C) अल्पसंख्यक समुदायों को भी इसी तरीके से सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी जाती है।
4. विभिन्न प्रकार के राजनीतिक दल, दबाव-समूह और आंदोलनों द्वारा सत्ता में साझेदारी :
सत्ता के बँटवारे का एक रूप हम विभिन्न प्रकार के दबाव-समूह और आंदोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियंत्रितकरने के तरीके में भी लक्ष्य कर सकते है। लोकतंत्रा में लोागों के सामने सत्ता के दावेदारों के बीच चुनाव का विकल्प जरूर रहना चाहिए।


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सत्ता के ऊर्ध्वाधर वितरण से आप क्या समझते हैं?

(1) उच्चतर और निम्नतर स्तर की सरकारों के बीच सत्ता के बँटवारे को ऊर्ध्वाधर वितरण कहा जाता है। (2) भारत में पूरे देश के लिए बनने वाली सामान्य सरकार को संघ या केंद्र सरकार कहते हैं। प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकारों को राज्य सरकार कहते हैं। (3) राज्य सरकारों से नीचे के स्तर की सरकारों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था है।

सत्ता के क्षैतिज वितरण एवं ऊर्ध्वाधर वितरण में क्या अंतर है?

Solution : ऊर्ध्वाधर वितरण में सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच विभाजित किया जाता है जो कि केंद्र सरकार राज्य सरकार स्थानीय सरकार है। सत्ता के क्षैतिज वितरण में शक्ति विधायी कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विभाजित है।

सत्ता का क्षेत्र वितरण क्या है?

Solution : (1) जब शासन के विभिन्न अंग जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता के बँटवारे की व्यवस्था हो तब इसे सत्ता का क्षेतिज वितरण कहा जाता है। (2) भारत में राष्ट्रपति और मंत्री परिषद कार्यपालिका के रूप में कार्य करते हैं। वैसे ही संसद विधायिका तथा सर्वोच्च न्यायालय, न्यायपालिका के भाग होते हैं।

सत्ता का क्षैतिज विभाजन क्या है?

सत्ता की साझेदारी के रूप शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा: सत्ता के विभिन्न अंग हैं; विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन अंगों के बीच सत्ता के बँटवारे से ये अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इस तरह के बँटवारे को सत्ता का क्षैतिज बँटवारा कहते हैं।