1 .सूर्य में कौन-कौन सी गैस पाई जाती है? Show
उत्तर : हाइड्रोजन 73.46%, हीलियम24.85%, ऑक्सीजन0.77%, कार्बन0.29% 2 .सूर्य से ग्रह की दूरी को क्या कहा जाता है? उत्तर : उपसौर 3 .कौन-सा ग्रह सूर्य का चक्कर सबसे कम समय में लगाता है? उत्तर : बुध 4 .पृथ्वी से चन्द्रमा का कितना भाग देख सकते हैं? उत्तर : 57% 5 . बिजली की चमक किस गैस के उत्सर्जन करती है? उत्तर : नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 6 .बंधुआ मजदूर उन्मूलन आंदोलन किसने किया था ? उत्तर : स्वामी अग्निवेश 7 .हरे फलों को कृत्रिम रूप से पकने में उपयोग किया जाता है ? विषयसूची ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा कौन सा तत्व पाया जाता है?इसे सुनेंरोकेंब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। ब्रह्मांड में कौन सा तत्व पाया जाता है?इसे सुनेंरोकेंचार तत्व ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन हैं। मानव शरीर पंच महातत्वो से मिलकर बना होता है। ब्रह्मांड में सबसे अधिक कौन सा गैस पाया जाता है? इसे सुनेंरोकेंपूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा कौन सी गैस पाई जाती है? पूरे ब्रह्मांड में सबसे ज्यादा हाइड्रोजन (H2) गैस पाई जाती है जो कि नाभिकीय संलयन द्वारा सूर्य और तारों की ऊर्जा का स्रोत बनता है। इसे सुनेंरोकेंहाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। क्या अंतरिक्ष का कोई अंत है?इसे सुनेंरोकेंस्थायी अवस्था सिद्धांत इस सिद्धांत के अनुसार, न तो ब्रह्माण्ड का कोई आदि है और न ही कोई अंत. यह समयानुसार अपरिवर्तित रहता है. यद्यपि इस सिद्धांत में प्रसरणशीलता समाहित है, परन्तु फिर भी ब्रह्माण्ड के घनत्व को स्थिर रखने के लिए इसमें पदार्थ स्वत: रूप से सृजित होता रहता है. सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्व कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी की सतह पर सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व आक्सीजन (46.6%) है। मानव शरीर में कौन सा तत्व सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है? मानव शरीर में पाए गए तत्वों में से चार उनमें से हमारे शरीर के वजन का सबसे बड़ा प्रतिशत (96.2%) बनाते हैं। चार तत्व ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन हैं। मानव शरीर में सबसे प्रचुर तत्व कौन सा है? इसे सुनेंरोकेंमानव शरीर में सबसे प्रचुर तत्व ऑक्सीजन है । ऑक्सीजन मानव शरीर का वजन से 65 प्रतिशत है। मानव शरीर में कार्बन दूसरा सबसे प्रचुर तत्व है। भारी तत्व कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंयूरेनियम आवर्त सारणी की एक अंतर्वर्ती श्रेणी, ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series), का तृतीय तत्व है। इस श्रेणी में आंतरिक इलेक्ट्रॉनीय परिकक्षा (5 परिकक्षा) के इलेक्ट्रॉन स्थान लेते हैं। प्रकृति में पाए गए तत्वों में यह सबसे भारी तत्व है। पृथ्वी पर सबसे भारी तत्व कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे भारी तत्व यूरेनियम है जिसका परमाणु क्रमांक 92 और परमाणु भार 238 ग्राम है। प्रश्न है ब्रह्मांड में सबसे अधिक वाला तत्व यह पूछा गया कि ब्रह्मांड में सर्वाधिक रा में पाए जाने वाला तत्व कौन सा है पहला विकल्प है नाइट्रोजन है दूसरा हाइड्रोजन तीसरा ऑक्सीजन और चौथा सिलिकॉन ठीक है अभी यहां पूछा जा रहा है कि ब्रह्मांड की बात हो रही है यानी कि पूरे विश्व संसार पूरी सृष्टि में सर्वाधिक मात्रा में सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व की बात करें ठीक है जैसा कि हम लाते आवर्त सारणी में तत्वों को रखा गया है उनके परमाणु क्रमांक 1 के क्रम में सीएमआरके है नाइट्रोजन गैस हाइड्रोजन गैस ऑक्सीजन गैस और सिलिकॉन ठीक है नाइट्रोजन का परमाणु क्रमांक 7 हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक 1 ऑक्सीजन का परमाणु क्रमांक 8 और सिलिकॉन एसआई का परमाणु क्रमांक सिलिकॉन का प्रतीक जी एस आई है जिसका परमाणु क्रमांक 14 ठीक है हमें बताने सबसे अधिक मात्रा में सबसे अधिक मात्रा में हाइड्रोजन पाया जाता है ठीक है पूरे ब्रह्मांड में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है हाइड्रोजन अर्थात यह सबसे हल्का और ज्वलनशील प्रकृति का होता है सबसे हल्का और ज्वलनशील प्रकृति का तत्व है प्रकृति का तत्व है सबसे हल्का होने के कारण आवर शादी में से सबसे पहले रखा गया था कि एक प्रकार का अधातु है उसका परमाणु क्रमांक एक है और प्रतीक जी एच है तो ब्रह्मांड में सबसे अधिक पाया जाने वाला तो तेरी पूछा था तो हाइड्रोजन और इसके बाद दूसरा तत्व होता है इंडियन ठीक है तो यह मेरे प्रश्न का उत्तर हो गया दोस्तों धन्यवाद
हाइड्रोजन पानी का एक महत्वपूर्ण अंग है शुद्ध हाइड्रोजन से भरी गैस डिस्चार्ज ट्यूब हाइड्रोजन की खोज 1766 में हेनरी केवेण्डिस ने की थी। इन्होने इसे लोहा पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया से प्राप्त किया था तथा ज्वलनशील वायु नाम था। 1883 में लैवाशिए ने इसका नाम हाइड्रोजन रखा क्योकि यह ऑक्सीजन के साथ जलकर जल बनाती है। [Greek:hydra =जल तथा gene :उत्पादक ] हाइड्रोजन (उदजन) (अंग्रेज़ी:Hydrogen) एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है।[3] प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमाल कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है।[4] द्रव हाइड्रोजन - 253° से. पर उबलता है और ठोस हाइड्रोजन - 258 सें. पर पिघलता है।[5] उपस्थितिअसंयुक्त हाइड्रोजन बड़ी अल्प मात्रा में वायु में पाया जाता है। ऊपरी वायु में इसकी मात्रा अपेक्षाकृत अधिक रहती है। सूर्य के परिमंडल में इसकी प्रचुरता है। पृथ्वी पर संयुक्त दशा में यह जल, पेड़ पौधे, जांतव ऊतक, काष्ठ, अनाज, तेल, वसा, पेट्रालियम, प्रत्येक जैविक पदार्थ में पाया जाता है। अम्लों का यह आवश्यक घटक है। क्षारों और कार्बनिक यौगिकों में भी यह पाया जाता है। निर्माणप्रयोगशाला में जस्ते पर तनु गंधक अम्ल की क्रिया से यह प्राप्त होता है। युद्ध के कामों के लिए कई सरल विधियों से यह प्राप्त हो सकता है। 'सिलिकोल' विधि में सिलिकन या फेरो सिलिकन पर सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया से ; 'हाइड्रोलिथ' (जलीय अश्म) विधि में कैलसियम हाइड्राइड पर जल की क्रिया से ; 'हाइड्रिक' विधि में एलुमिनियम पर सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया से प्राप्त होता है। गर्म स्पंजी लोहे पर भाप की क्रिया से एक समय बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन तैयार होता था[6] आज हाइड्रोजन प्राप्त करने की सबसे सस्ती विधि 'जल गैस' है। जल गैस में हाइड्रोजन और कार्बन मोनोक्साइड विशेष रूप से रहते हैं। जल गैस को ठंडाकर द्रव में परिणत करते हैं। द्रव का फिर प्रभाजक आसवन करते हैं। इससे कार्बन मोनोऑक्साइड (क्वथनांक 191° सें.) और नाइट्रोजन (क्वथनांक 195 सें.) पहले निकल जाते हैं और हाइड्रोजन (क्वथनांक 250° से.) शेष रह जाता है। जल के वैद्युत अघटन से भी पर्याप्त शुद्ध हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। एक किलोवाट घंटासे लगभग 7 घन फुट हाइड्रोजन प्राप्त हो सकता है। कुछ विद्युत् अपघटनी निर्माण में जैसे नमक से दाहक सोडा के निर्माण में, उपोत्पाद के रूप में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन प्राप्त होता है। गुणहाइड्रोजन वायु या ऑक्सीजन में जलता है। जलने का ताप ऊँचा होता है। ज्वाला रंगहीन होती है। जलकर यह जल (H2O) और अत्यल्प मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड (H2O2) बनाता है। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण में आग लगाने या विद्युत् स्फुलिंग से बड़े कड़ाके के साथ विस्फोट होता है और जल की बूँदें बनती हैं। हाइड्रोजन अच्छा अपचायक है। लोहे के मोर्चों को लोहे में और ताँबे के आक्साइड को ताँबे में परिणत कर देता है। यह अन्य तत्वों के साथ संयुक्त हो यौगिक बनाता है। क्लोरीन के साथ क्लोराइड, (HCl), नाइट्रोजन के साथ अमोनिया (NH3) गंधक के साथ हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), फास्फोरस के साथ फास्फोन (PH3) ये सभी द्विअंगी यौगिक हैं। इन्हें हाइड्राइड या उदजारेय कहते है। हाइड्रोजन एक विचित्र गुणवाला तत्व है। यह है तो अधातु पर अनेक यौगिकों से धातुओं सा व्यवहार करता है। इसके परमाणु में केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होते हैं। सामान्य हाइड्रोजन में 0.002 प्रतिशत एक दूसरा हाइड्रोजन होता है जिसको भारी हाइड्रोजन की संज्ञा दी गई है। यह सामान्य परमाणु हाइड्रोजन से दुगुना भारी होता है। इसे 'ड्यूटीरियम' (D) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब हाइड्रोजन (उदजन) को एक अधिक न्यूट्रॉन मिलते है और ऐसे ड्यूटेरियम को हाइड्रोजन का एक समस्थानिक कहते है। ऑक्सीजन के साथ मिलकर यह भारी जल (D2O) बनाता है। हाइड्रोजन के एक अन्य समस्थानिक का भी पत लगा है। इसे ट्रिशियम (Tritium) कहते हैं और इसका उत्पत्ति होता है जब ड्यूटीरियम को एक अधिक न्यूट्रॉन मिलते है। सामान्य हाइड्रोजन से यह तिगुना भारी होता है। परमाणुवीय हाइड्रोजनहाइड्रोजन के अणु को जब अत्यधिक ऊष्मा में रखते हैं तब वे परमाणुवीय हाइड्रोजन में वियोजित हो जाते हैं। ऐसे हाइड्रोजन का जीवनकाल दबाव पर निर्भर करता और बड़ा अल्प होता है। ऐसा पारमाण्वीय हाइड्रोजनरसायनत: बड़ा सक्रिय होता है और सामान्य ताप पर भी अनेक तत्वों के साथ संयुक्त हो यौगिक बनाता है। उपयोगहाइड्रोजन के अनेक उपयोग हैं। हेबर विधि में नाइट्रोजन के साथ संयुक्त हो यह अमोनिया बनता है जो उर्वरक के रूप में व्यवहार में आता है। तेल के साथ संयुक्त होकर हाइड्रोजन वनस्पति तेल (ठोस या अर्धठोस वसा) बनाता है। खाद्य के रूप में प्रयुक्त होने के लिए वनस्पति तेल बहुत बड़ी मात्रा (mass scale) में बनती है। अपचायक के रूप में यह अनेक धातुओं के निर्माण में काम आता है। इसकी सहायता से कोयले से संश्लिष्ट पेट्रोलियम भी बनाया जाता है। अनेक ईधंनों में हाइड्रोजन जलकर ऊष्मा उत्पन्न करता है। ऑक्सीहाइड्रोजन ज्वाला का ताप बहुत ऊँचा होता है। वह ज्वाला धातुओं के काटने, जोड़ने और पिघलाने में काम आती है। विद्युत् चाप (electric arc) में हाइड्रोजन के अणु के तोड़ने से परमाण्वीय हाइड्रोजन ज्वाला प्राप्त होती है जिसका ताप 3370° सें. तक हो सकता है। हल्का होने के कारण गुब्बारा और वायुपोतों में हाइड्रोजन प्रयुक्त होता है तथा इसका स्थान अब हीलियम ले रहा है। अभिक्रियाओं की सूचीH2+Cl2 -> 2HCl संश्लेषणप्राकृतिक गैस को गर्म तथा कुछ अन्य प्रक्रियाओं द्वारा गुज़ारने पर हाइड्रोज़न और
कार्बन मोनोऑक्साईड का मिश्रण मिलता है चित्रदीर्घाइन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
ब्रह्माण्ड में सबसे ज्यादा कौन सी गैस पाई जाती है?नाइट्रोजन पृथ्वी के वायुमंडल में सबसे प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली गैस है। पृथ्वी के वायुमंडल में गैसों का संघटन: नाइट्रोजन(78.08%)
ब्रह्मांड में सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व कौन है?Detailed Solution
ब्रह्मांड में रासायनिक तत्वों की बहुतायत में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन और हीलियम का प्रभुत्व है जो बिग बैंग में उत्पन्न हुए थे।
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