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लघु (मध्य) हिमालय की भौगोलिक विशेषताएँ एवं पर्वत श्रेणियाँAug 05, 2022 02:08PM 763 लघु हिमालय का भौगोलिक विस्तारलघु हिमालय का विस्तार महान हिमालय के दक्षिण में है। इस पर्वत श्रेणी की चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर तथा औसत ऊँचाई लगभग 3,000 से 4,500 मीटर है। इस पर्वत श्रेणी के उत्तर में MCT (Main Central Thrust) तथा दक्षिण में MBF (Main Boundary Fault) संरचना पाई जाती है। भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.) लघु हिमालय की पर्वत श्रेणियाँलघु हिमालय को पश्चिम से पूर्व की ओर निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है– भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.) लघु हिमालय की घाटियाँमहान हिमालय और लघु हिमालय के बीच निम्नलिखित घाटियाँ अवस्थित हैं– भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.) लघु हिमालय के प्रमुख स्थललघु हिमालय की ढाल पर छोटे-छोटे घास के मैदान पाए जाते हैं। इन्हें कश्मीर में 'मर्ग' कहा जाता है। उदाहरण के लिए सोनमर्ग, गुलमर्ग आदि। उत्तराखण्ड में इन मैदानों को 'बुग्याल' या 'पयार' कहा जाता है। लघु हिमालय और शिवालिक श्रेणी
के बीच भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्यवर्द्धक पर्यटन स्थल पाये जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं– भूगोल के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Geography.) I hope the above information will be useful and important. मध्य हिमालयमध्य हिमालय या लघु हिमालय (अंग्रेजी: Lower Himalaya या Lesser Himalaya) हिमालय पर्वत तंत्र की एक श्रेणी है जो महान हिमालय के दक्षिण में और शिवालिक श्रेणी के उत्तर में स्थित है। इसे क्षेत्रीय रूप से कई नामों से जाना जाता है जैसे कुमाऊँ में धौलाधार श्रेणी, नेपाल में महाभारत श्रेणी इत्यादि। शिवालिक और मध्य हिमालय के बीच दून नमक घाटियाँ पायी जाती है। मध्य हिमालय और महान हिमालय के बीच दो प्रमुख घाटियाँ स्थित हैं, पश्चिम में कश्मीर घाटी और पूर्व में काठमाण्डू घाटी। श्रेणी:हिमालय. 3 संबंधों: हिमालय, कश्मीर, काठमांडू उपत्यका। हिमालयहिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीता:10.25)। . नई!!: मध्य हिमालय और हिमालय · और देखें » कश्मीरये लेख कश्मीर की वादी के बारे में है। इस राज्य का लेख देखने के लिये यहाँ जायें: जम्मू और कश्मीर। एडवर्ड मॉलीनक्स द्वारा बनाया श्रीनगर का दृश्य कश्मीर (कश्मीरी: (नस्तालीक़), कॅशीर) भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल प्रदेश है। आज ये आतंकवाद से जूझ रहा है। इसकी मुख्य भाषा कश्मीरी है। जम्मू और कश्मीर के बाक़ी दो खण्ड हैं जम्मू और लद्दाख़। . नई!!: मध्य हिमालय और कश्मीर · और देखें » काठमांडू उपत्यकानगरकोट के समीप काठमाण्डू उपत्यका का दृष्य काठमांडू उपत्यका (नेपाली: काठमाडौं उपत्यका, नेपाल भाषा: स्वनिगः / नेपाः गाः), नेपाल में स्थित उपत्यका है जो एशिया के प्राचीन सभ्यताओं के सन्धिबिन्दु पर स्थित है। इसके अन्तर्गत १३० से भी अधिक महत्वपूर्ण स्मारक एवं हिन्दू और बौद्ध तीर्थस्थान हैं। इस उपत्यका में यूनेस्को द्वारा घोषित सात विश्व विरासत स्थल भी हैं। श्रेणी:नेपाल श्रेणी:काठमांडू श्रेणी:नेपाल में विश्व धरोहर स्थल. नई!!: मध्य हिमालय और काठमांडू उपत्यका · और देखें » यहां पुनर्निर्देश करता है:महाभारत श्रेणी। मध्य हिमालय से आप क्या समझते हैं इसकी दो घाटियों के नाम लिखिए?मध्य हिमालय और महान हिमालय के बीच दो प्रमुख घाटियाँ स्थित हैं, पश्चिम में कश्मीर घाटी और पूर्व में काठमाण्डू घाटी। इस हिमालय के में पर्वतीय ढालो में छोटे-छोटे घास के मैदान पाए जाते है जिन्हें कश्मीर में मर्ग कहा जाता है जैसे - सोनमर्ग,गुलमर्ग,आदि। जबकि उत्तराखंड के इन्हें पयार कहा जाता है।
मध्य हिमालय से आप क्या समझते हैं?यह श्रेणी महान हिमालय के दक्षिण तथा शिवालिक हिमालय के उत्तर में उसके समानांतर पहली है। यहां 80 से 100 किलोमीटर चौड़ी है। इस श्रेणी की ऊंचाई 3700 से 4500 मीटर है। पीर पंजाल श्रेणी इसका पश्चिमी विस्तार है; जिसका जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल राज्य में पहला मिलता है।
मध्य हिमालय में क्या स्थित है?मध्य हिमालय मध्य हिमालय का क्षेत्रफल 1,16,800 वर्ग किमी है और संपूर्ण नेपाल इसमें स्थित है। पश्चिम में कर्नाली नदी, मध्य में गंडक और पूर्व में कोसी नदी द्वारा यहाँ के जल का निकास होता है। नेपाल की मध्य घाटी, जहाँ नेपाल की राजधानी काठमांडू: स्थित है, नेपाल को दो भागों में विभक्त करती है।
मध्य हिमालय का निर्माण कैसे हुआ?हिमालय को विश्व का युवा पर्वत कहते हैं क्योंकि भूगर्भिक काल के हिसाब से विश्व का नवीनतम् पर्वत है, जिसका निर्माण कोई 2 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ है। इसकी दक्षिणी शाखा, शिवालिक तो मात्र 20 लाख वर्ष पूर्व निर्मित मानी जाती है और वर्तमान समय में भूहलचलों की वजह से आज भी इसमें निर्माण प्रक्रिया बलती रहती है।
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