Karwa Chauth 2022 Sargi Timing: पंचांग अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय शुभ मुहूर्त में पूजा करती हैं। फिर रात में चांद को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण करती हैं। मान्यता है इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है। इस व्रत की शुरुआत महिलाएं सुबह-सुबह सरगी खाकर करती हैं। जानिए करवा चौथ पर सरगी खाने का मुहूर्त। Show ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण कर लेना चाहिए। 13 अक्टूबर को सरगी खाने का मुहू्र्त सुबह 4 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। क्या होती है सरगी? सरगी एक प्रकार की थाली होती है जिसमें खाने की कुछ विशेष चीजें रखी जाती हैं। सरगी सास अपनी बहू को देती है। सरगी की थाली में खाने के अलावा 16 श्रृंगार की समाग्री, ड्रायफ्रूट्स, फल और मिष्ठान भी होते हैं। सरगी में रखे गए भोजन को ग्रहण करके ही महिला दिनभर निर्जला उपवास करती है। सास न होने पर सरगी जेठानी या बहन भी सकती है। सरगी खाने की विधि: सरगी ग्रहण करने के लिए सुबह-सुबह सूर्योदय से पहले ही उठ जाएं। फिर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। फिर सास का आशीर्वाद लें और उनके द्वारा दी गई सरगी ग्रहण करें। ध्यान रखें कि सरगी में सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं। सरगी की थाली में मिष्ठान्न, फल, दूध, दही जैसी सात्विक चीजें रखी जाती हैं। आनलाइन डेस्क, जालंधर। Karwa Chauth 2022: करवाचौथ के दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु व अच्छी सेहत की प्रार्थना करती हैं। इस बार यह व्रत वीरवार यानि 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। नियम अनुसार, महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। इसके बाद वह दिनभर भूखी-प्यासी रहती हैं और रात को चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोलती हैं। सरगी की बात करें तो यह व्रत का सबसे अहम हिस्सा है। हिंदू धर्म में सरगी खाए बिना व्रत अधूरा माना जाता है। चलिए जानते हैं कि करवाचौथ पर सरगी खाना क्यों जरूरी है और इसका शुभ मुहूर्त क्या है। Ludhiana News: महिला को दूर तक स्कूटर से घसीटता ले गया था झपटमार, कोर्ट ने की सख्त कार्रवाई यह भी पढ़ेंइस आशीर्वाद के साथ सास बहू को देती है सरगी की थालीकरवाचौथ व्रत के दौरान महिलाएं दिनभर भूखी रहती हैं। ऐसे में सरगी पूरा दिन एनरजेटिक रहने में मदद करती है। सरगी की थाली का करवाचौथ के व्रत में विशेष महत्व है। सास अपनी बहू को सरगी की थाली 'सदा सुहागन रहों' के आशीर्वाद साथ देती है। इस थाली में कपड़े, आभूषण, श्रृंगार का सामान, खाने की चीजें रखी जाती हैं। सास के हाथों सरगी ग्रहण करने के बाद महिलाएं व्रत रखती हैं। इस दौरान पूरा दिन कुछ नहीं खाया जाता। वहीं रात में चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य के बाद महिलाएं पति के हाथों जल ग्रहण करती हैं। Punjab News: दूसरे दिन भी किसानों का धरना जारी, मांगे पूरी न होने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी यह भी पढ़ेंतारों की छांव में सरगी खाने के साथ होता व्रत का आगाजपंडित भोला नाथ त्रिवेद्धी के मुताबिक करवाचौथ व्रत का आगाज सुबह तड़के तारों की छांव में सरगी खाने के साथ होता है। वहीं चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत संपन्न होता है। करवा चौथ के दिन महिलाओं को 4 से 5 बजे के बीच सरगी का सेवन कर लेना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में सरगी के सेवन का बहुत महत्व है। 13 अक्टूबर के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:46 से लेकर सुबह 5:36 के बीच रहेगा। Punjab News: कर्मचारियों के आउट सोर्स पर भड़की यूनियन, पंजाब में हुए रोडवेज के 18 डिपो बंद यह भी पढ़ेंयह भी पढ़ेंः- Karwa Chauth 2022: जालंधर के बाजारों में उमड़ी भीड़, आज व कल एसीपी रैंक के अधिकारी रहेंगे तैनात यह भी पढ़ेंः- Punjab Weather Karva Chauth: बदलते मौसम ने बढ़ाई सुहागिनों की धड़कनें, करवाचौथ पर विघ्न डाल सकते हैं मेघ Karwa Chauth Vrat 2022: हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है. करवा चौथ का त्योहार ऋंगार और सुहाग का दिन होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल 13 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ की व्रत रखेंगी. करवा चौथ पर चंद्रमा पूजन और सोलह ऋंगार का भी विशेष महत्व बताया गया है. करवा चौथ के व्रत की शुरूआत सरगी के साथ होती है. आइए जानते हैं करवा चौथ पर सरगी का महत्व और इसे खाने का शुभ मुहूर्त क्या है. करवा चौथ तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है करवा चौथ की सरगी? सरगी के सेवन का मुहूर्त करवा चौथ शुभ योग ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 46 मिनट से सुबह 05 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. सरगी कब खानी चाहिए?ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले यानी भोर में 4 से 5 बजे के बीच सरगी ग्रहण कर लेना चाहिए। सरगी खाने का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 36 मिनट तक है। सरगी खाने के लिए सबसे पहले जल्दी जाग जाएं और स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
सरगी कितने बजे करना चाहिए?करवा चौथ व्रत वाले दिन सरगी सूर्योदय से पूर्व 4-5 बजे के करीब कर लेना चाहिए. सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें. इससे व्रत का फल नहीं मिलता. ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है.
करवा चौथ में सरगी कितने बजे खाई जाती है?ज्योतिषाचार्यों के अनुसार करवा चौथ के दिन महिलाओं को 4-5 बजे के बीच सरगी का सेवन कर लेना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में सरगी के सेवन का बहुत महत्व है।
सरगी कैसे खाएं?सरगी में खाए जाने वाली चीज़ों में दूध और इससे बनी चीज़ों को शामिल करें। इससे भी पेट भरा रहता है। शरीर में एनर्जी बनी रहती है। मेवों के साथ दूध, केले के साथ दूध के अलावा खीर, दूध से बनी मिठाइयां भी सरगी ने खाई जा सकती हैं।
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