साधारण ब्याज कैसे निकाला जाता है? - saadhaaran byaaj kaise nikaala jaata hai?

फिंतरा के साधारण ब्याज कैलकुलेटर के बारे में

किसी योजना या निधि पर अर्जित निवेश की गणना संचित ब्याज के विरुद्ध संचित लाभ के रूप में की जाती है। इस तरह की कमाई एक चक्रवृद्धि या साधारण ब्याज में संकलित की जाती है, और ब्याज की गणना मूल राशि पर की जाती है।

ब्याज के आधार पर एक विशेष अवधि के बाद आपको मिलने वाली राशि की गणना करना महत्वपूर्ण है। यदि कोई निवेश साधारण ब्याज के आधार पर धन जमा करता है तो साधारण ब्याज कैलकुलेटर का उपयोग करें। मैच्योरिटी पर आपके द्वारा जेनरेट की जाने वाली कुल राशि की गणना करने के लिए फिंतरा के साधारण ब्याज कैलकुलेटर का उपयोग करें

फिंतरा के साधारण ब्याज कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?

सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित डेटा प्रदान करने की आवश्यकता है:

निवेश राशि

वार्षिक ब्याज दर

समय अवधि (वर्ष)

जब सभी डेटा फिंतरा के साधारण ब्याज कैलकुलेटर में भर दिया जाता है, तो "सबमिट" पर क्लिक करें, और तुरंत परिणाम प्रदर्शित होंगे।

गणितीय सूत्र है: साधारण ब्याज : (मूलधन * दर * समय)/100

अब ऑनलाइन बैंकिंग के नवोन्मेषी तरीकों से, कुछ ही सेकंड में ऑनलाइन बचत खाता खोलना आसान हो गया है!  उदाहरण के लिए, कोटक 811 बचत खाता खोलने के लिए कृपया यहां (क्लिक करें) और एक्सिस बैंक बचत खाता खोलने के लिए कृपया यहां (क्लिक करें)।

साधारण ब्याज के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

एक साधारण ब्याज कैलकुलेटर कैसे मदद कर सकता है?

साधारण ब्याज कैलकुलेटर को निवेश की अवधि में अर्जित धन के मूल्य का निर्धारण करने के लिए सबसे अच्छा कंप्यूटिंग उपकरण माना जाता है। साधारण ब्याज दर की गणना करते समय आपको पता चल जाएगा कि निवेश पर कितना ब्याज मिलेगा, जबकि मूल राशि स्थिर रहती है। इस प्रकार का कैलकुलेटर मूलधन और ब्याज की गणना करके एक आउटपुट प्रदान करता है। भले ही छोटी अवधि के लिए साधारण ब्याज की गणना करना आसान हो, लेकिन लगातार लंबे वर्षों के लिए गणना करते हुए, मैनुअल तंत्र गलतियों की संभावना को बढ़ा सकता है। इस प्रकार, सटीक गणना के लिए, एक साधारण ब्याज कैलकुलेटर का उपयोग करें। साधारण ब्याज कैलकुलेटर का उपयोग करने का एक अन्य लाभ यह है कि ब्याज में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक त्वरित और आसान तरीका है, यह निवेशित पूंजी में वृद्धि की अंतर्दृष्टि भी देता है।

साधारण ब्याज कैलकुलेटर की सहायता से क्या निर्धारित किया जा सकता है?

साधारण ब्याज कैलकुलेटर की मदद से, आप मूल राशि पर ब्याज दर और कार्यकाल पूरा होने के बाद किए गए कुल रिटर्न का निर्धारण कर सकते हैं।

क्या आप राशि की इकाई को विभिन्न मुद्राओं में बदल सकते हैं?

हां, विभिन्न मुद्राओं के अनुसार आप उनके मूल्यों की गणना कर सकते हैं।

आप साधारण ब्याज की अवधारणा का उपयोग कहाँ कर सकते हैं?

साधारण ब्याज सूत्र का प्रयोग निम्नलिखित वित्तीय स्थितियों में किया जाता है:

  1. पैसा उधार लेना: अगर आपने कर्ज लिया है, तो आपको उधार ली गई राशि पर ब्याज देना होगा।
  2. पैसे उधार देना: बचत खाते, सावधि जमा, या आवर्ती जमा के संबंध में, आप अपने मूलधन पर ब्याज के रूप में राशि प्राप्त करेंगे।

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जब कभी भी धन को किसी दूसरे इंसान से उधार लिया जाता है, तो उस लोन पर एक ब्याज राशि भी लगी होती है। ये ब्याज, वो धनराशि होती है, जिसे उधार देने वाले इंसान को, असल राशि (मूलधन या उधार लिया हुआ पैसा) के साथ में वापस दिया जाना होता है। जब लोन पर ब्याज लगाया जा रहा है, तब इसे उधार लेने वाले के ऊपर बनने वाली राशि को इस प्रिंसिपल या मूल धनराशि (जिसे एक वेरिएबल P से दर्शाया जाता है) को ब्याज रेट या ब्याज दर (जिसे r से दर्शाया जाता है) से मल्टीप्लाय (गुणा) किया जाता है और फिर इसे उधार लिए गए समय (जिसे t से दर्शाया जाता है) से गुणा किया जाता है। इन सबको मिलाकर साधारण ब्याज कैलकुलेट करने की एक इक्वेशन,

साधारण ब्याज कैसे निकाला जाता है? - saadhaaran byaaj kaise nikaala jaata hai?
बन जाती है।[१]

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    का इस्तेमाल करके ब्याज की गणना करें।

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    दिये जाने वाली कुल धनराशि (ऋण) पाएँ: उधार लेने वाले इंसान को ब्याज के साथ में शुरुआत में ली हुई धनराशि भी लौटना होती है, तो इसलिए उस पर बनने वाली कुल धनराशि के बराबर होगी। आप चाहें तो इसे आखिर में जोड़कर भी देख सकते हैं या फिर इस कुल धनराशि को पाने के लिए सीधे एक इक्वेशन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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    उदाहरण 1: एक बैंक आपको 55,000 रूपये, 3% के साधारण ब्याज की दर पर उधार देता है। 10 साल के बाद आप पर कितना ब्याज बनेगा?

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    उदाहरण 2: आपका फ्रेंड आप से Rs.70 उधार लेता है और हर हफ्ते इसके लिए 5% साधारण ब्याज देने का वादा करता है। दो महीने के बाद, आपके फ्रेंड पर आपका कितना पैसा बकाया होगा?

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    ब्याज समझिए: आखिर ब्याज लिया ही क्यों जाता है? वो इंसान, जो पैसे उधार दे रहा है, वो उस वक़्त तक उन पैसों को अपने लिए इस्तेमाल नहीं कर पाता, जब तक कि वो पैसे वापस उसकी हांथ में न आ जाएँ। इसलिए इस पर ब्याज इस एक वजह से लगाया जाता है, कि अगर वो पैसे उसके (उधार देने वाले इंसान) पास में होते, तो वो अपने लिए किसी और लाभ के तरीके में इनका लगाकर इस्तेमाल कर सकता था।[२]

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    हर एक लोन के टाइम पीरियड (समयावधि) पर ध्यान दीजिये: ब्याज नियमित रूप से समय-समय पर जमा होता है। वार्षिक ब्याज के लिए ये समय अवधि साल में होगी, लेकिन ब्याज की समय सीमा में महीनों, हफ्तों और यहाँ तक कि दिनों का भी इस्तेमाल होता है। समय अवधि जितनी कम होगी, उतना ही बार आपके लोन पर ब्याज लगेगा।

    • इससे काफी बड़ा अंतर भी हो सकता है। वार्षिक अवधि पर लिए गए लोन में, 10 वर्ष में 10 बार ब्याज दर लगती है। मासिक अवधि से लिए गए लोन पर 10 वर्षों में वही ब्याज दर 120 बार जुड़ती है।

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    प्रिंसिपल या मूलधन को न भूलें: जब लोन वापस दिया जाता है, तब इसे उधार लेने वाले को सिर्फ ब्याज नहीं लौटना होता है — उन्हें इसके साथ में वो धनराशि भो अदा करनी होती है, जो इन्होंने शुरू में ली थी। ब्याज की कुल धनराशि निकाली जाती है इसके साथ ही इसमें जोड़ी हुई मूलधन राशि को लोन की "भावी राशि (future value)" या "मेच्योरिटी वैल्यू (maturity value)" कहा जाता है।[३]

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    साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) के बीच का अंतर समझें: आपने अभी सिर्फ साधारण ब्याज की गणना ही की है, जिसमें आप उधार लिए हुए मूलधन राशि पर ब्याज देते हैं। बहुत सारे क्रेडिट कार्ड्स और अन्य तरह के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया जाता है, जिसमें आप पर आने वाला ब्याज, उस ब्याज का भी ब्याज होता है। चक्रवृद्धि ब्याज में, समय के साथ-साथ साधारण ब्याज के मुक़ाबले ज्यादा ब्याज लगता है। चक्रवृद्धि ब्याज का हिसाब लगाने के लिए एक अलग तरह के फॉर्मूला की जरूरत होती है। यहाँ पर दोनों ही तरह के ब्याज के बीच के अंतर दर्शाए गए हैं:

    • आप 30% की साधारण ब्याज की दर पर 100 रूपये उधार लेते हैं। एक समय अवधि पूरी होने का बाद आपको Rs.30 का ब्याज देना होगा, दूसरी समय अवधि पूरी होने के बाद Rs.60, तीसरी अवधि के बाद Rs.90 और चौथी समय अवधि के बाद में आपको Rs.120 का ब्याज देना होगा।
    • आप 30% की चक्रवृद्धि ब्याज की दर पर Rs.100 उधार लेते हैं। एक समय अवधि पूरी होने का बाद आपको Rs.30 का ब्याज देना होगा, दूसरी समय अवधि पूरी होने के बाद Rs.69, तीसरी अवधि के बाद Rs..119.70, और चौथी समय अवधि के बाद में आपको Rs.285.61 का ब्याज देना होगा।
    • ब्याज के ज्यादा जटिल रूपों की गणना करते समय कई तरह के अन्य कारक आपके सामने आ सकते हैं, जिनमें क्रेडिट रिस्क या ऋण जोखिम और मुद्रास्फीति (inflation) शामिल हैं।

सलाह

रेफरेन्स

विकीहाउ के बारे में

आर्टिकल समरी (Summary)X

साधारण ब्याज या सिम्पल इंट्रेस्ट कैलकुलेट करने के लिए, प्रिंसिपल या मूल धनराशि, जो कि शुरुआत में उधार ली हुई धनराशि होती है, को डेसिमल में लिखी हुई लोन की इंट्रेस्ट रेट या ब्याज दर के साथ में गुणा करें। फिर, साधारण ब्याज निकालने के लिए उस नंबर को लोन की शुरुआत से लेकर अब तक के गुजरे समय के साथ में गुणा करें। जैसे कि, अगर आपकी मूल धन राशि Rs.55,000 है, ब्याज दर 0.03 प्रतिशत है और लोन की शुरुआत से लेकर अब तक का समय 10 साल है, तो पहले आपको 55,000 को 0.03 से गुणा करके, उसके जवाब में 1,650 मिलेगा। फिर, आप 1,650 को 10 से गुणा करेंगे, जिससे आपको 16,500 मिलेगा। इसलिए, Rs.16,500 आपका साधारण ब्याज होगा। इस इक़्वेशन के हर एक पहलू के बारे में और जानकारी पाने के लिए, पढ़ते जाएँ।

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

साधारण ब्याज निकालने का फार्मूला क्या है?

Q. आप साधारण ब्याज की गणना कैसे करते हैं? Ans: साधारण ब्याज की गणना निम्न सूत्र का उपयोग करके की जाती है: SI = P × R × T, जहां P = मूलधन, R = ब्याज दर, और T = समय अवधि है.

ब्याज कैसे निकालते हैं समझाइए?

ब्याज हमेशा मूलधन पर लगाया जाता है उदहारण के लिए अगर आपने किसी से Rs 10,000 का उधार लिया तो ब्याज हमेशा मूलधन अमाउंट पर कुछ परसेंटेज लगाकर ही वापास किया जायेगा. अगर किसी से आपने Rs 10,000 उधार लिया और आपका सालाना ब्याज दर 10% होगा तो आपको एक साल बाद Rs 10,000 के साथ Rs 1000 ज्यादा देना होगा.

साधारण ब्याज क्या है उदाहरण सहित?

साधारण ब्याज :- ब्याज जब केवल मूलधन पर एक निश्चित समय के लिए एक ही दर पर लगाया जाता हैं, तो उसे साधारण ब्याज कहते हैं। मूलधन (Principal) : वह धन, जो कर्ज के रूप में ली जाती है या दी जाती है। वह मूलधन कहलाता है। इसे P से व्यक्त किया जाता है।

18440 पर 15% की वार्षिक दर से 4 वर्ष का साधारण ब्याज कितना होगा?

साधारण ब्याज SI = रु 11064 होगा