भारत में सामाजिक-आर्थिक असमानता
यह एडिटोरियल 13/12/2021 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Rags To Rags” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में आर्थिक असमानता और कोविड-19 महामारी के कारण इससे संबंधित समस्याओं में और वृद्धि के संबंध में चर्चा की गई है। Show संदर्भनिस्संदेह भारत एक अत्यधिक विषमतापूर्ण अर्थव्यवस्था है। भारत का घरेलू सर्वेक्षण उपभोग, आय और धन को व्यापक रूप से कम करके दिखाने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसके साथ ही इस अनुमान पर संदेह कर सकना कठिन है कि कोविड-19 ने विद्यमान दोषों को और गहरा कर दिया है, जिससे गहन रूप से व्याप्त असमानताओं में और वृद्धि हो रही है। इस अवधि के दौरान अत्यंत अमीर लोगों की संपत्ति में हुई वृद्धि की तुलना पैदल ही अपने गाँव लौटने को विवश उन लाखों प्रवासी श्रमिकों की विपदा के साथ करें तो देश में आर्थिक विषमताओं की चरम स्थिति स्पष्ट नज़र आ जाती है। इस संदर्भ में, विश्व असमानता रिपोर्ट (2022)का नवीनतम संस्करण एक उपयोगी अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है और यह दर्शाता है कि आय की एकाग्रता पिरामिड के शीर्ष पर हो रही है। भारत में सामाजिक-आर्थिक विषमता:
विश्व असमानता रिपोर्ट के भारत संबंधित विशिष्ट निष्कर्ष:
आगे की राह
निष्कर्ष
अभ्यास प्रश्न: भारत में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिये ‘नॉर्डिक इकोनॉमिक मॉडल’ को अपनाना विवेकपूर्ण होगा। चर्चा कीजिये। समाज में आर्थिक असमानता का क्या कारण है?इसमें वृद्धि के लिए प्रमुख रूप से तेजी से होता निजीकरण और आय की असमानता जिम्मेदार है। निजीकरण के चलते लोगों को पूरा पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है। इससे आर्थिक असमानता की खाई बढ़ रही है। आय असमानता और लाखों की संख्या में रोजगारों की कमी की वजह से गरीब, गरीब ही बना हुआ है और अमीर ज्यादा अमीर बनते जा रहे हैं।
समाज में असमानता का क्या कारण है?भारत में, असमानता के कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण गरीबी, लिंग, धर्म और जाति हैं। भारतीय बहुसंख्यक लोगों की निम्न स्तर की आय बेरोज़गारी और ठेका और परिणामस्वरूप श्रम की कम उत्पादकता है। कम श्रम उत्पादकता का तात्पर्य है आर्थिक विकास की कम दर जो लोगों के बड़े पैमाने पर गरीबी और असमानता का मुख्य कारण है।
लोगों में असमानता क्यों है इसके मुख्य कारण क्या है?प्राकृतिक असमानताएँ लोगों में उनकी विभिन्न क्षमताओं, प्रतिभा और उनके अलग-अलग चयन के कारण पैदा होती हैं | समाजजनित असमानताएँ वे होती हैं, जो समाज में अवसरों की असमानता होने या किसी समूह का दूसरे के द्वारा शोषण किए जाने से पैदा होती हैं।
भारत में आर्थिक असमानता क्या है?सबसे कम आय वाले वर्ग में भी स्वरोजगार वाले कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। देश की बेरोजगारी दर 4.8% (2019-20) है और कामगार-आबादी का अनुपात 46.8% है। स्वास्थ्य अवसंरचना के क्षेत्र में, अवसंरचना क्षमता में काफी विकास हुआ है, जिसमें ग्रामीण इलाकों पर ध्यान अधिक केंद्रित रहा है।
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