रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 9 with Solutions

निर्धारित समय : 3 घंटे
अधिकतम अंक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्नपत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और ‘ख’। खंड-क में वस्तुपरक/बहुविकल्पीय और खंड-ख में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  • प्रश्नपत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  • खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 49 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

खंड ‘क’
वस्तुपरक/बहुविकल्पीय प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 5 = 5)
प्रत्येक राष्ट्र के जीवन निर्वाह के लिए यह आवश्यक है कि प्राकृतिक सम्पत्ति की रक्षा की जाए तथा उस सम्पत्ति की अभिवृद्धि के पूरे-पूरे प्रयत्न किए जायें। देश की कृषि की पैदावार, देश की खानों तथा देश की दस्तकारी की रक्षा किए बिना, उनकी उन्नति किए बिना तथा देश के धन को देश के बाहर जाने से रोके बिना किसी भी देश के बच्चों का पालन करना अथवा उन्हें दरिद्रता तथा दुष्काल के भयानक परिणामों से बचाना सर्वथा दुष्कर है। साथ ही हमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि राष्ट्रीय जीवन तथा राष्ट्रीय उन्नति के लिए देश की प्राकृतिक सम्पत्ति को बढ़ाने की अपेक्षा देश की मानसिक व नैतिक सम्पत्ति को बढ़ाना अधिक आवश्यक है। जो राष्ट्र अपनी नैतिक सम्पत्ति की उचित रक्षा करता है तथा उसकी उन्नति के पूरे-पूरे प्रयत्न करता है, केवल वही राष्ट्र सम्मान, उत्साह तथा स्वतन्त्रता के साथ इस संसार में जीवित रह सकता है। राष्ट्र के बालक-बालिकाएँ राष्ट्र की नैतिक सम्पत्ति हैं जो प्राकृतिक सम्पत्ति से अधिक मूल्यवान और महत्व की हैं। जो राष्ट्र इस धन की उचित रक्षा तथा उन्नति नहीं करता, वह राष्ट्र उन्नति के पथ से हटकर अवनति के गड्ढे की ओर फिसलने लगता है। उपर्युक्त सम्पत्तियों की रक्षा और वृद्धि तभी ठीक-ठीक हो सकती है जब हम अपने कर्तव्यों तथा अधिकारों को समझें और अपने कर्तव्यों को पूरा करने और अधिकारों को प्राप्त करने के लिए कटिबद्ध हों। वास्तव में किसी देश की प्राकृतिक सम्पत्ति की रक्षा तथा वृद्धि भी उस देश की नैतिक सम्पत्ति की रक्षा और वृद्धि पर ही निर्भर है।

(क) राष्ट्र के जीवन निर्वाह के लिए क्या आवश्यक है?
(i) प्राकृतिक संपत्ति की रक्षा की जाए
(ii) देश के धन को बाहर भेजना
(iii) नैतिक संपत्ति की अवहेलना
(iv) राष्ट्र को न मानना
उत्तरः
(i) प्राकृतिक संपत्ति की रक्षा की जाए

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

(ख) राष्ट्रीय उन्नति के लिए क्या आवश्यक है?
(i) देश की प्राकृतिक सम्पत्ति को बढ़ाना
(ii) देश की सामाजिक संपत्ति को बढ़ाना
(iii) देश की मानसिक और नैतिक संपत्ति को बढ़ाना
(iv) देश की आर्थिक संपत्ति को बढ़ाना
उत्तरः
(iii) देश की मानसिक और नैतिक संपत्ति को बढ़ाना

(ग) राष्ट्र की नैतिक संपत्ति कौन हैं?
(i) राष्ट्र की नीतियाँ
(ii) राष्ट्र का धन
(iii) राष्ट्र के बालक और बालिकाएँ
(iv) राष्ट्र
उत्तरः
(iii) राष्ट्र के बालक और बालिकाएँ

(घ) ‘मानसिक’ और ‘नैतिक’ शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय अलग कीजिए।
(i) ईक
(ii) तिक
(iii) सिक
(iv) इक
उत्तरः
(iv) इक

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A): राष्ट्र के बालक-बालिका ही उसकी नैतिक संपत्ति होते हैं।
कारण (R) : नैतिक संपत्ति की रक्षा देश की समृद्धि के लिए आवश्यक है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उसकी व्याख्या नहीं करता।
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।
उत्तरः
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।(1 × 5 = 5)
अरबों-खरबों वर्षों से चमकने वाले सूर्य की आभा कभी मंद नहीं पड़ी। लाख भूचाल आए, तूफान आए किंतु धरती अभी भी कायम है। वायु का जोश कम नहीं हुआ, यद्यपि हमने उसे दूषित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसलिए देना सीखो। तुम्हारे पास विद्या है उसे दो, वह बढ़ेगी। तुम्हारे पास धन है, उसे जरूरतमंदों को दो, तुम्हें आत्मिक आनंद मिलेगा। तुम्हारे पास शारीरिक शक्ति है, उससे दूसरों की सहायता करो, वह बढ़ेगी। तुम्हारे पास प्यार है, उसे लुटाओ, जमाना तुम्हें प्यार करेगा। देवलोक और पृथ्वीलोक में ऐसे देवताओं और मनुष्यों की संख्या कम नहीं है, जिन्होंने केवल देना ही सीखा है। भगवान शंकर ने देवासुर संग्राम में सागर-मंथन से निकले विष को स्वयं पी लिया था और अमृत को सबमें बाँट दिया था। दधीचि ऋषि ने वृत्रासुर के वध के लिए देवताओं को अपनी अस्थियाँ तक दान कर दी थीं, जिनसे इंद्र ने अपना वज्र बनाया और वृत्रासुर का वध किया। महाराजा शिवि ने शरण में आए भयभीत कबूतर के प्राण बाज़ से बचाने के लिए, कबूतर के बराबर अपने शरीर का मांस तराजू के पलड़े पर रख दिया था। रतिदेव ने अपना सब कुछ परोपकार के लिए दान कर दिया था। उन्हें अड़तालीस दिन तक जल भी पीने के लिए नसीब नहीं हुआ। उनचासवें दिन भोजन मिला। वे भोजन कर पाते उससे पहले ही एक अतिथि, एक शूद्र, एक ब्राह्मण और एक कुत्ता एक साथ आ धमके अपने हिस्से का भोजन रतिदेव ने उस अतिथि को दे दिया। पानी बचा था, सो एक प्यासे को पिला दिया। ईसा, मुहम्मद साहब, बुद्ध, महावीर, नानक, राम, कृष्ण आदि ने अपना संपूर्ण जीवन दूसरों के कल्याण में लगा दिया। गाँधी, पटेल, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद, दयानंद, विवेकानंद, तिलक, गोखले आदि अनेक महापुरुषों ने अपने प्राणों पर खेलकर दूसरों के सुख के लिए संघर्ष किया। आज इसी कारण उन्हें सम्मान सहित याद किया जाता है।

(क) सूर्य के सम्बन्ध में क्या कहा गया है ?
(i) सूर्य की आभा कभी मंद नहीं पड़ती।
(ii) सूर्य कभी नहीं छिपता।
(iii) सूर्य कभी नज़र नहीं आता।
(iv) सूर्य का ताप अधिक होता है।
उत्तरः
(i) सूर्य की आभा कभी मंद नहीं पड़ती।

(ख) भगवान शंकर ने मानवता के हित के लिए क्या किया था?
(i) समुद्र मंथन से निकले हुए अमृत का पान किया था।
(ii) समुद्र मंथन में देवों की सहायता की थी।
(iii) समुद्र मंथन से निकले हुए विष का पान किया था।
(iv) देवताओं के हित के लिए समुद्र मंथन करवाया
उत्तरः
(iii) समुद्र मंथन से निकले हुए विष का पान किया था।

(ग) वृत्रासुर के वध के लिए किसने अपनी अस्थियाँ दान कर दी थी?
(i) राजा शिवि ने
(ii) ऋषि दधीचि ने
(iii) इंद्र देव ने
(iv) भगवान शिव ने
उत्तरः
(ii) ऋषि दधीचि ने

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

(घ) प्यार लुटाने पर क्या होता है ?
(i) प्यार समाप्त हो जाता है
(ii) प्यार नहीं रह जाता है
(iii) ज़माना भी प्यार देता है
(iv) प्यार की सीमा समाप्त हो जाती है
उत्तरः
(iii) ज़माना भी प्यार देता है

(ङ) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
(I) सूरज हमें परोपकार की सीख देता है।
(II) हमें अपने सुख के लिए संघर्ष करना चाहिए।
(III) राजा रंतिदेव ने अपना सब कुछ गंवा दिया था।
(IV) विद्या देने से बढ़ती है। गद्यांश के आधार पर कौन-सा कथन/से कथन सही है?
(i) केवल II
(ii) केवल III
(iii) II और III
(iv) I और IV
उत्तरः
(iv) I और IV

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार वाक्यों में रेखांकित पदबंधों के भेद पहचानिए और सही विकल्प छाँटकर उत्तर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) उसकी कल्पना में वह एक अद्भुत साहसी युवक था।
(i) संज्ञा पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तरः
(iii) विशेषण पदबंध

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

(ख) उसकी व्याकुल आँखें वामीरो को ढूँढने में व्यस्त थीं।
(i) सर्वनाम पदबंध
(ii) संज्ञा पदबंध
(iii) विशेषण पदबंध
(iv) क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तरः
(ii) संज्ञा पदबंध

(ग) रमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ आ पहुँची।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) सर्वनाम पत्र
उत्तरः
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध

(घ) सभी लोगों की अपमानजनक बातें सुनकर वह क्रोध से भर गया।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) क्रिया पदबंध
(iii) संज्ञा पदबंध
(iv) सर्वनाम पदबंध
उत्तरः
(ii) क्रिया पदबंध

(ङ) वह निर्निमेष याचक की तरह उसे अपलक निहार रहा था।
(i) विशेषण पदबंध
(ii) सर्वनाम पदबंध
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध
(iv) संज्ञा पदबंध
उत्तरः
(iii) क्रिया विशेषण पदबंध

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 4 = 4)
(क) पास में एक गाँव था। उसमें एक शक्तिशाली युवक रहा करता था। इन दो वाक्यों से बना हुआ मिश्र वाक्य होगा
(i) पास में जो गाँव था उसमें एक शक्तिशाली युवक रहा करता था।
(ii) उस पास के गाँव में एक शक्तिशाली युवक रहा करता था।
(iii) पास में एक गाँव था और उसमें एक शक्तिशाली युवक रहा करता था।
(iv) जिस गाँव में वह युवक रहता था वह पास में ही था।
उत्तरः
(i) पास में जो गाँव था उसमें एक शक्तिशाली युवक रहा करता था।

(ख) वह युवती अचानक सचेत होकर घर की तरफ दौड़ गई। रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद है
(i) मिश्र वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य
(iv) उप वाक्य
उत्तरः
(ii) सरल वाक्य

(ग) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य छाँटिए
(i) यदि स्कूल का समय निकट न होता तो बड़े भाई साहब की उपदेशमाला समाप्त न होती
(ii) स्कूल का समय निकट न होने पर भाई साहब की उपदेशमाला समाप्त न होती
(iii) स्कूल का समय निकट न होता और भाई साहब के उपदेशमाला समाप्त न होती।
(iv) भाई साहब की उपदेशमाला समाप्त न होती यदि स्कूल का समय निकट न होता।
उत्तरः
(ii) स्कूल का समय निकट न होने पर भाई साहब की उपदेशमाला समाप्त न होती

(घ) कर्नल पूरी फौज लिए वज़ीर अली का पीछा कर रहा था। वाक्य का भेद है
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) प्रश्न वाचक वाक्य
उत्तरः
(i) सरल वाक्य

(ङ) वजीरअली ने वकील का कत्ल किया और आजमगढ़ की ओर भाग गया। रचना के आधार पर वाक्य का भेद है
(i) सरलवाक्य
(ii) संयुक्तवाक्य
(iii) मिश्रवाक्य
(iv) उपवाक्य
उत्तरः
(ii) संयुक्तवाक्य

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 5.
समास विषय पर आधारित निम्नलिखित में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
(क) ‘देश-विदेश’ का समास विग्रह व भेद होगा
(i) देश रूपी विदेश – कर्मधारय समास
(ii) देश का विदेश –तत्पुरुष समास
(iii) देश-विदेश का समूह -द्विगु समास
(iv) देश और विदेश -द्वंद्व समास
उत्तरः
(iv) देश और विदेश -द्वंद्व समास

(ख) विष को धारण करने वाला’-समस्त पद और भेद है
(i) विषधर-तत्पुरुष समास
(ii) विषधारी-अव्ययीभाव समास
(iii) विषधर-बहुव्रीहि समास
(iv) विषाधर -बहुव्रीहि समास
उत्तरः
(iii) विषधर-बहुव्रीहि समास

(ग) ‘चौमासा’ का समास विग्रह और समास का भेद होगा
(i) चार हैं जो मास-बहुव्रीहि समास
(ii) चार मासों का समूह-तत्पुरुष समास
(iii) चार मास है जिसमें-कर्मधारय समास
(iv) चार मासों का समूह-द्विगु समास
उत्तरः
(iv) चार मासों का समूह-द्विगु समास

(घ) ‘पाप-पुण्य -समास विग्रह और समास का भेद है
(i) पाप और पुण्य-तत्पुरुष समास
(ii) पाप और पुण्य-द्वंद्व समास
(iii) पाप के लिए पुण्य-अव्ययीभाव समास
(iv) जिसका पाप है पुण्य-बहुव्रीहि समास
उत्तरः
(ii) पाप और पुण्य-द्वंद्व समास

(ङ) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए।
(I) शरणागत (I) अव्ययीभाव समास
(II) अन्धकूप (II) तत्पुरुष समास
(III) शरणागत (III) तत्पुरुष समास
(IV) त्रिनेत्र (IV) द्विगु समास
इनमें से कौन सा/कौन से युग्म सही हैं?
(i) केवल I
(ii) केवल III
(iii) III और IV
(iv) I और III
उत्तरः
(iii) III और IV

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प्रश्न 6.
मुहावरों पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर लिखिए- (1 × 4 = 4)
(क) हमारे संस्कार अधिकांश भारतवासियों के दिल में ………….. भरे हुए हैं।
(i) कूटकूटकर भरना
(ii) आवाज़ उठाना
(iii) आकाश-पाताल एक करना
(iv) हवा में उड़ाना
उत्तरः
(i) कूटकूटकर भरना

(ख) जिसे हम मूर्ख समझते थे प्रतियोगिता परिणाम में उसका नाम सबसे ऊपर देखकर गए।
(i) त्योरियाँ चढ़ाना
(ii) हक्का-बक्का रह जाना
(iii) माथा ठनकना
(iv) आँखें फेरना
उत्तरः
(ii) हक्का-बक्का रह जाना

(ग) मैं प्रण लेता हूँ कि यदि कोई मेरे देश को हानि पहुँचाएगा तो मैं उसका ………………… कर दूंगा।
(i) आँखों में धूल झोंकना
(ii) मुँह तोड़ जवाब देना
(iii) सिर पर कफन बाँधना
(iv) कामतमाम करना
उत्तरः
(iv) कामतमाम करना

(घ) मैंने चोर की यह कहकर ………………………. दी कि तुम्हें सुधरने का एक मौका दे रहा हूँ।
(i) जान में जान आना
(ii) प्राण सूखने
(iii) जान बख्शना
(iv) पलकें बिछाना
उत्तरः
(iii) जान बख्शना

(ङ) मुहावरे और अर्थ से उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए।
(i) एक टांग पर खड़े होना-तपस्या करना
(ii) आसमान सिर पर उठाना-बहुत मेहनत करना
(iii) मुट्ठी गर्म करना-रिश्वत देना
(iv) बाल भी बांका ना होना-पूरी शांति देना
उत्तरः
(iii) मुट्ठी गर्म करना-रिश्वत देना

(च) ‘बुरी नजर रखना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा
(i) आसमान में उड़ना
(ii) नजरें चुराना
(iii) गिद्ध दृष्टि रखना
(iv) आँख बचाना
उत्तरः
(iii) गिद्ध दृष्टि रखना

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प छाँटकर दीजिए (1 × 4 = 4)
उड़ गया अचानक लोग भू
धर, फड़का अपार पारद के पर। रव शेष रह गए हैं निर्झर, है टूट पड़ा भू पर अंबर। धस गए धरा में सभयशाल, उठ रहा धुआँ जल गया ताल। यू जल्द यान में विचर विचर,
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।
(क) कवि ने क्या बाकी रह जाने की बात इन पंक्तियों में कही है?
(i) वर्षा का जल
(ii) घने बादल
(iii) झरनों का सौंदर्य
(iv) झरनों की आवाज
उत्तरः
(iv) झरनों की आवाज

(ख) ऊपर अंबर टूट पड़ने का अर्थ है
(i) बादल फटना
(ii) पहाड़ गिरजाना।
(iii) बहुत तेज वर्षा होना
(iv) बिजली गिरना
उत्तरः
(iii) बहुत तेज वर्षा होना

(ग) इस पद्यांश में इंद्रजाल किसे कहा गया है?
(i) गोलाकार में फैले पर्वतों को
(ii) पर्वतीय क्षेत्र के अलौकिक सौंदर्य को
(iii) दर्पण रूपी तालाब को
(iv) आकाश को छूते वृक्षों को
उत्तरः
(ii) पर्वतीय क्षेत्र के अलौकिक सौंदर्य को

(घ) इस पद्यांश के कवि और कविता का नाम है
(i) पर्वत प्रदेश में पावस-कैफी आज़मी
(ii) कर चले हम फिदा-सुमित्रा नंदन पंत
(iii) पर्वत प्रदेश में पावस-सुमित्रा नंदन पंत
(iv) पर्वत प्रदेश में पावस-कैफ़ी आज़मी
उत्तरः
(iii) पर्वत प्रदेश में पावस-सुमित्रा नंदन पंत

(ङ) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए
(I) बादल पंख लगा के उड़ गए थे।
(II) बादलों ने पर्वतों को पूरी तरह ढक लिया था।
(III) बड़े-बड़े वृक्ष धराशाई हो गए थे।
(IV) संपूर्ण दृश्य इंद्रजाल-सा प्रतीत हो रहा था।
पद्यांश से मेल खाते हुए वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए।
(i) II, IV
(ii) I, II
(iii) III, IV
(iv) IV
उत्तरः
(i) II, IV

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘मीरां रा प्रभु गिरिधर नागर, हिबडों घणों अधीरा’ यह पंक्ति क्या दर्शा रही है?
(i) मीरा के प्रति कृष्ण का असीम प्रेम।
(ii) कृष्ण को लोकरक्षक रूप।
(iii) कृष्ण को पाने के लिए मीरा की व्याकुलता।
(iv) मीरा और कृष्ण का प्रेम।
उत्तरः
(iii) कृष्ण को पाने के लिए मीरा की व्याकुलता।

(ख) ‘कस्तूरी कुंडली बसै, मृग ढूंढे बन माहि’ कबीर ने ऐसा कहकर हमें समझाया है कि
(i) मृग खुशबू की तलाश में भटकता रहता है।
(ii) मनुष्य सुकून की तलाश में भटकता रहता
(iii) हम ईश्वर को बाहर ढूंढते हैं, जबकि उसका वास कण-कण में है।
(iv) मृग को खुशबू की तलाश अपने भीतर करनी चाहिए।
उत्तरः
(iii) हम ईश्वर को बाहर ढूंढते हैं, जबकि उसका वास कण-कण में है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प छाँटकर दीजिए- (1 × 5 = 5)
दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो, लेकिन धरती. किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समुंद्र आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह बात और है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था, अब टुकड़ों में बंटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आगनों में सब मिलजुल कर रहते थे। अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समुंद्र को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है। पेड़ों को रास्ते से हटाना शुरू कर दिया है। फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है।

(क) धरती के संबंध में लेखक की क्या राय है?
(i) धरती किसी की नहीं है
(ii) धरती पर मनुष्य का अधिकार है
(iii) धरती का कोई वजूद नहीं है
(iv) धरती किसी एक की नहीं है
उत्तरः
(iv) धरती किसी एक की नहीं है

(ख) धरती को अलग-अलग देशों और प्रदेशों में किसने बाँटा है?
(i) मनुष्य ने
(ii) समुद्र ने
(iii) नदियों ने
(iv) दीवारों ने
उत्तरः
(i) मनुष्य ने

(ग) बढ़ते प्रदूषण के परिणाम स्वरूप क्या हुआ है?
(i) समुद्र पीछे सरक गए हैं
(ii) पेड़ कट गए हैं
(iii) पक्षी बेघर हो गए हैं
(iv) धरती का वजूद समाप्त हो गया है
उत्तरः
(iii) पक्षी बेघर हो गए हैं

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

(घ) प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण है
(i) आबादी बढ़ना
(ii) पेड़ कटना
(iii) समुद्र का पीछे सरकना
(iv) पक्षियों का बेघर हो जाना
उत्तरः
(i) आबादी बढ़ना

(ङ) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तत्पश्चात् दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प छांट कर उत्तर दीजिए।
कथन (A) : धरती किसी एक की नहीं है।
कारण (R) : छोटे-छोटे घरों में जीवन सिमटने लगा है।
(i) कथन (A) सही है कारण (R) उसकी सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) सही नहीं है, कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उससे मेल नहीं खाता।
(iv) कथन (A) गलत है कारण (R) सही है।
उत्तरः
(iii) कथन (A) सही है किन्तु कारण (R) उससे मेल नहीं खाता।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- (1 × 2 = 2)
(क) ‘आज तो जो कुछ हुआ, वह अपूर्व हुआ’ ऐसा कहकर लेखक कहना चाहते हैं कि
(i) कोलकाता में ऐसी सजावट पहले कभी नहीं हुई थी।
(ii) सुभाष बाबू ने कभी ऐसे जुलूस नहीं निकाले थे।
(iii) ब्रिटिश सरकार का ऐसा रवैया कभी नहीं देखा था।
(iv) इतने बड़े स्तर पर स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रयास पहली बार हुए थे।
उत्तरः
(iv) इतने बड़े स्तर पर स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रयास पहली बार हुए थे।

(ख) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य पाठ तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ के संदेश को दर्शाते हैं?
(I) यदि समाज संगठित होकर प्रयास करे, तो कोई कार्य असंभव नहीं है।
(II) एक सच्चा कलाकार झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाता।
(III) आत्म संतुष्टि के लिए किया गया कार्य अद्भुत सुकून देता है।
(IV) अपने आजाद देश की रक्षा करना हम सब का कर्त्तव्य है।
(i) II, III
(ii) I, II
(iii) I, IV
(iv) III, IV
उत्तरः
(i) II, III

खंड ‘ब’
दर्णनाल्कक प्रश्न (अंक : 40)

प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 60 से 70 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) ‘घर का भेदी लंका ढाए’ यह लोकोक्ति सआदत अली के चरित्र को दर्शा रही है। कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
वज़ीर अली के पिता थे आसिफउद्दौला और सआदत अली उनका भाई था अर्थात् सआदत अली वज़ीर अली का चाचा था, किन्तु वह वज़ीर अली को अपना दुश्मन मानता था, क्योंकि जिस राज-पाट पर वह अपना अधिकार समझता था, वह वज़ीर अली के जन्म के साथ ही उसे छिनता नज़र आ गया था। वही सआदत अली कर्नल का दोस्त था। वह एक ऐशपसन्द आदमी था, इसलिए उसे खुश करके अवध पर कब्जा बनाए रखना अंग्रेज़ों के लिए आसान था। उसने अपनी आधी जायदाद व दस लाख रुपए कर्नल को दे दिए और दोनों मजे कर रहे थे।

(ख) “रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ लगने लगें तो उनका टूट जाना ही बेहतर है।” पाठ ‘ततांरा वामीरो कथा’ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तरः
समय व आवश्यकता के अनुसार हमेशा से नियम-कानून बनते आए हैं। उस समय उनका महत्व भी होता है व उपयोगिता भी, किन्तु समय के साथ-साथ जैसे-जैसे वातावरण और ज़रूरतें बदलती हैं, इन नियम-कानूनों में भी बदलाव आना चाहिए अन्यथा ये बोझ बनने लगते हैं। पाठ ‘ततारा वामीरो कथा’ में भी ऐसा ही हुआ। दो गाँवों में विद्वेष की जड़ें गहरी होने के कारण विवाह की निषेध परम्परा बनाई गई थी, किन्तु विद्वेष के कारण को तो लोग भूल भी चुके थे, केवल उस निषेध परम्परा का बोझ लिए घूम रहे थे, जिसके कारण एक युवा युगल को अपने प्रेम व जीवन का बलिदान देना पड़ा। यदि सही समय पर उस परम्परा को तोड़ दिया होता और ततांरा-वामीरो के प्रेम को स्वीकृति दे दी जाती तो यह अन्याय न होता। अत: यह कहना सर्वथा उचित है कि रूढ़ियाँ जब बन्धन बन बोझ लगने लगें तो उनका टूट जाना ही बेहतर है।

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

(ग) ‘इश्क और युद्ध में सब जायज है’-इस कथन के आलोक में बताइए। कि वजीर अली ने किसका कत्ल किया और वह कहाँ तक उचित था?
उत्तरः
वजीर अली भारत का एक जांबाज सिपाही था। उसके मन में अंग्रेजों के लिए कूट-कूट कर नफरत भरी हई। उसने कुछ महीने अवध पर राज्य किया और उतने से समय में अवध को अंग्रेजों के अधिपत्य से मुक्त कर दिया था। उसे अवध के शासन से बेदखल करके उसके निसबती भाई सआदत अली को अवध का राज्य दे दिया गया और उसे बनारस भेज दिया गया। गवर्नर जनरल उसे बार-बार अपने पास बुलाता था। शिकायत लेकर जो वजीर अली वकील के पास गया तो वकील ने उसकी बात न सुनकर उसे ही भला-बुरा कह दिया। उसने गुस्से में आकर वकील का काम तमाम कर दिया। अपने देश के प्रति वजीर अली के प्रेम ने उसे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था, किंतु फिर भी इसे उचित नहीं कहा जा सकता, क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर इतना क्रोध हमारी कमजोरी को ही दर्शाता है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर 50 से 60 शब्दों में दीजिए- (3 × 2 = 6)
(क) सीमा पर भारतीय सैनिकों के द्वारा सहर्ष स्वीकार की जा रही कठिन परिस्थितियों का उल्लेख कीजिए और प्रतिपादित कीजिए। कि ‘कर चले हम फिदा’ गीत सैनिकों के हृदय की आवाज है।
उत्तरः
हम करोड़ों भारतीय अपने-अपने घरों में सुरक्षित हैं, क्योंकि हमारे देश की सीमाओं पर हमारे रवि से अधिक हर पल तैनात हैं। हमें विश्वास है कि उनके होते हुए कोई हमारे देश का बाल भी बांका नहीं कर सकता। वह सैनिक मरते दम तक, हंसते-हंसते देश की हिफाजत करते हैं। शत्रु देश का सामना करते हुए भले ही उनकी नब्ज रुक जाए और खून जमने लगे पर उनके कदम रुकते नहीं है। उनका जोश और उत्साह अंतिम सांस तक बना रहता है। जीते जी ही नहीं, वह मरने के बाद भी देश की सुरक्षा की ही कामना करते हैं। कवि उन सैनिकों की भावनाओं को समझते हैं और उन्हीं के दिल की आवाज को उन्होंने इस कविता के माध्यम से हम तक पहुँचाया है कि वह हम सब से क्या अपेक्षा करते हैं?
हमारे अंदर देशभक्ति का जज्बा जगाने के लिए उन्होंने हमें साथियों कहकर संबोधित किया है, क्योंकि हम सब ने मिलकर ही देश की रक्षा करनी हैं।

(ख) मीरा कृष्ण की सेविका क्यों बनना चाहती है?
उत्तरः
मीरा कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। उन्हें पाने के लिए वे कुछ भी करने को तैयार थीं। मीरा ने अपने पद में कृष्ण से प्रार्थना की है कि वे उन्हें अपनी सेविका के रूप में स्वीकार कर लें, ऐसा होने पर मीरा हर पल कृष्ण की भक्ति-भावना में ही लीन रहकर उनके लिए कार्य करेंगी, हर पल उन्हीं का स्मरण रहेगा और प्रतिपल कृष्ण के दर्शन कर सकेंगी। यह अवसर प्राप्त करना ही मीरा के लिए जागीर पाने के समान है। इस प्रकार कृष्ण का भजन, सुमिरण व दर्शन; ये तीनों इच्छाएँ वे उनकी दासी बनकर पूरा करना चाहती हैं।

(ग) हमारे देश में विभिन्न राजनैतिक दल बन गए हैं और हर दल एक-दूसरे का विरोध करता हुआ ही पाया जाता है। इस कथन को ध्यान में रखते हुए कबीर की साखी ‘निदक नियरे राखिए’ की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कथन में हमारे देश के राजनैतिक माहौल की इस सच्चाई को दर्शाया गया है कि सत्ताधारी दल और विरोधी दलों का आपसी संबंध कभी अच्छा नहीं रहा। विरोधी दल स्वस्थ आलोचना करें, जिसका उद्देश्य देश व समाज का हित हो और सत्ताधारी दल भी उनकी आलोचना को सकारात्मक दृष्टि से देखें तो देश और समाज का बहुत भला हो सकता है। हमारे राजनैतिज्ञों को कबीर के दोहे से सीख लेनी चाहिए जिसमें उन्होंने निंदक को अपने लिए बहुत उपयोगी बताया है। उनका कहना है कि हमें निंदक को अपने पास रखना चाहिए। वह हमारे स्वभाव को सुधारने का सर्वोत्तम साधन है। जब वह हमारी कमिंयाँ निकालेगा तब हमें उन्हें सुधारने का अवसर मिल पाएगा और इस प्रकार हम अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह भली-भांति कर पाएंगे। इसी बात से सिद्ध होता है, कि कबीर के दोहे हर काल और परिस्थिति में आज भी महत्वपूर्ण सिद्ध होते हैं।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 80 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
(क) प्रदूषण-एक चुनौती संकेत बिन्दु

  • प्रदूषण का अर्थ
  • दुष्परिणाम
  • निवारण।

उत्तरः
प्रदूषण-एक चुनौती
हमें जीवन देने वाले पाँच तत्व ‘हवा, पानी, अग्नि, पृथ्वी और आकाश’ धरती पर उचित मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए धरती ही एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन सम्भव हुआ है। जब इनमें से कोई तत्व घट जाए या उपयोग करने लायक न रह जाए तो प्रकृति व पर्यावरण असन्तुलित हो जाता है जिसे ‘प्रदूषण’ नाम भी दिया जा सकता है। जिस हवा में हम साँस लेते हैं, जिस जल को ग्रहण करते हैं, जिस धरती पर पैदा होने वाला अन्न खाते हैं, जब वे ही विषैले तत्वों से घिर जायेंगे तो हमारा जीवन सुरक्षित कैसे रह सकता है ? आज हम विषैली हवा में साँस ले रहे हैं, दूषित जल का सेवन कर रहे हैं व अनेक रसायनों से निर्मित अन्न ग्रहण कर रहे हैं। इसका कारण भी हम ही हैं और दुष्परिणाम भी हमें ही भोगना पड़ रहा है किन्तु फिर भी हम प्रकृति का शोषण करते जा रहे हैं। वृक्षों की मात्रा घटती जा रही है, जनसंख्या व जरूरतें/इच्छाएँ बढ़ती जा रही हैं। जब तक इनमें सन्तुलन नहीं लाया जाएगा, तब तक प्रदूषण नामक भयानक राक्षस से मुक्त होना सम्भव नहीं है। अतः ‘ पर्यावरण की सुरक्षा का बीड़ा उठायें, बदले में स्वास्थ्य लाभ पायें’।

अथवा

(ख) कम्प्यूटर-आज की ज़रूरत संकेत बिन्दु

  • कम्प्यूटर का विवरण
  • लाभ
  • हानियाँ
  • आदर्श स्थिति।

उत्तरः
कम्यूटर-आज की जरूरत
आधुनिक युग को मशीन युग तो कहा ही जाता है, किन्तु कम्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसने मानव के जीवन में क्रान्तिकारी परिवर्तन पैदा किए हैं। प्रत्येक क्षेत्र में कार्य को आसान करके इसने हमारी बहुत-सी मुश्किलों को हल कर दिया है और इसमें इण्टरनेट के आने से तो मानो दुनिया ही हमारी मुट्ठी में आ गई है। दूरियाँ मिट गयीं, सभी सुविधायें हमारी पहुँच में आ गर्यीं, घर बैठे विश्व भ्रमण सम्भव हो गया। कम्प्यूटर को वैज्ञानिक तकनीक से उत्पन्न अत्यधिक विकसित बुद्धि कहा जा सकता है, किन्तु इसकी सीमा यही है कि इस यांत्रिक बुद्धि को चलाने वाली मानवीय बुद्धि ही है। अतः यह मानव के ही हाथ में है कि इसका किस प्रकार उपयोग करना है; विध्वंस करना है या निर्माण करना है। यदि हम इसका सदुपयोग करें तो यह वरदान से कम नहीं, किन्तु दुरुपयोग किए जाने पर यह भयानक अभिशाप भी सिद्ध हो सकता है। अतः ध्यान रहे-
मानव ही वह जीव है जो सही-गलत पहचानता है,
कम्प्यूटर मात्र मशीन है, उसके इशारों को मानता है।

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

अथवा

(ग) मित्रता संकेत बिन्दु

  • मित्रता का महत्व
  • सच्चे मित्र की पहचान
  • सच्ची मित्रता के लाभ।

उत्तरः
मित्रता
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पैदा होते हैं तो परिवार ही हमारे लिए पूरा संसार होता है, घर से बाहर निकलते हैं तो परिवार का दायरा बड़ा होता जाता है। अनगिनत लोगों से मिलते हैं, कुछ लोगों से हमारे विचार मिलने लगते हैं, वे हमारे सुख-दुःख के साथी बन जाते हैं, अपने मन की हर बात हम उनके साथ बाँटना पसन्द करते हैं। ऐसे रिश्ते को ही ‘मित्रता’ कहा जाता है। यह एक ऐसा सम्बन्ध है जिसकी ज़रूरत सभी को होती है, क्योंकि कुछ बातें ऐसी होती हैं जो हम खून के रिश्तों में भी नहीं बाँट सकते, किन्तु मित्र के सामने मन खोलकर मन हल्का कर लेते हैं। मित्रता यदि विवेकशील, संस्कारी व नि:स्वार्थी व्यक्ति से हो जाए तो वह जीवन को स्वर्ग बना देता है, किन्तु मित्र के चुनाव में भूल हो जाने पर जीवन खोखला हो जाता है। कपटी मित्र विष के समान होता है। जीवन को बोझिल व सारहीन बनाकर रख देता है। अतः मित्र के चुनाव में सावधानी बरतनी चाहिए और स्वयं एक अच्छा व सच्चा मित्र साबित होना बहुत आवश्यक है। अतःसच्चा मित्र दर्पण बने, गुण और दोष दिखाए। पत्थर बन न तोड़िए, शुद्ध विचारों से उसे चमकाएँ।

प्रश्न 14.
विद्यालय में आयोजित वन महोत्सव’ में मुख्य अतिथि के रूप में पर्यावरण मंत्री को आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
अथवा
अपने क्षेत्र में लाउडस्पीकरों का अनुचित प्रयोग रुकवाने के लिए पुलिस आयुक्त को पत्र लिखिए।
उत्तरः
परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक……………………
पर्यावरण मंत्री महोदय,
नई दिल्ली……………………

विषय-वन महोत्सव के आयोजन के लिए निमंत्रण।

आदरणीय महोदय,
मैं रामकृष्ण विद्यालय का प्रबन्धक अपने विद्यालय की ओर से आपको विद्यालय में आयोजित होने जा रहे ‘वन महोत्सव’ में सादर आमंत्रित करता हूँ। कार्यक्रम का विवरण नीचे दिया गया है। कृपया निश्चित स्थान व समय पर पधारकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाइए, हम सब आपके आभारी रहेंगे।
कार्यक्रम की तिथि – 12 जून, 2018
समय – प्रातः 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक
विशेष आकर्षण – वृक्षारोपण, छात्रों की नृत्य नाटिका, संगीत व नृत्य, प्रधानाचार्या का भाषण व पुरस्कार वितरण
मुझे आशा है आप इस निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित होकर छात्रों को पर्यावरण के सम्बन्ध में जागरूक बनायेंगे व हम सबका मार्गदर्शन करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय,
क ख ग

अथवा

परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक………………

पुलिस आयुक्त,
विकासपुरी क्षेत्र,
नई दिल्ली।

विषय-लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबन्ध का अनुरोध।

आदरणीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं विकासपुरी का एक जागरूक नागरिक आपको अपने क्षेत्र में लाउडस्पीकरों के गैर-कानूनी ढंग से इस्तेमाल की जानकारी देना चाहता हूँ। हम सब जानते हैं कि लाउडस्पीकर के प्रयोग के कुछ नियम हैं, किन्तु खुलेआम मन्दिरों में, उत्सवों के समय घरों में, बाज़ारों में ऊँची आवाज़ में, वक्त-बेवक्त लाउडस्पीकर चलाए जाते हैं। यह ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण है व इससे हर उम्र के लोगों को परेशानी होती है, विशेष रूप से बच्चों को परीक्षा के दिनों में बहुत मुश्किल होती है। आपसे प्रार्थना है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी नज़र रखी जाए, चेतावनी दी जाए तथा आवश्यकतानुसार दण्डित किया जाए।
आशा है आप इस विषय पर गम्भीरता से विचार करेंगे व उचित निर्णय लेंगे।
धन्यवाद
भवदीय,
क ख ग

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 15.
विद्यालय के बाहर खड़े खोमचे वालों से कोई छात्र कुछ न खरीदे। यह हिदायत देने के लिए प्रधानाचार्या की ओर से सूचना 30-40 शब्दों में लिखिए।
अथवा
जन्माष्टमी के अवसर पर आप अपनी सोसायटी में बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता रखना चाहते हैं। सचिव होने के नाते 30-40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तरः

रामकृष्ण विद्यालय

सूचना

दिनांक………….

छात्रों की सुरक्षा हेतु आवश्यक निर्देश

विद्यालय के सभी छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को सख्त निर्देश दिए जाते हैं कि छुट्टी होने पर विद्यालय के बाहर खड़े खोमचे वालों से कुछ न खरीदें, बाहर बिना रुके सीधे घर जाएँ। यदि कोई छात्र विद्यालय के बाहर खड़ा हुआ या नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जायेंगे।
धन्यवाद।
श्रीमती सरिता अग्रवाल
प्रधानाचार्या

अथवा

उत्सव सोसायटी

सूचना

दिनांक………………………

जन्माष्टमी के अवसर पर नृत्य प्रतियोगिता

सभी सदस्यों को जानकर खुशी होगी कि 15 अगस्त को सायं 4 बजे से 8 बजे तक जन्माष्टमी के अवसर पर एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 6 से 15 साल तक के बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता भी होगी। कृपया हस्ताक्षरकर्ता को 30 जुलाई तक नामांकन करायें।
धन्यवाद।
अनिल गर्ग
सचिव

प्रश्न 16.
‘सोलर कुकर’ बनाने वाली एक कम्पनी के लिए विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
‘आत्मविश्वास’ कोचिंग सेण्टर के लिए 25-50 शब्दों में आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

अथवा

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 17.
दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 120 शब्दों में लघु कथा का निर्माण कीजिए

  • संत का मिलना…हृदय में परिवर्तन ..जीवन सफल

अथवा
दिए गए प्रेरक बिंदु के आधार पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए-

  • स्वास्थ्य सबसे बड़ी नियामत है।

उत्तरः
सत्संगति का महत्व
दूसरों की कमियाँ निकालना, दूसरों में बुराइयाँ देखना तो बहुत आसान है। यदि यही काम हम अपने प्रति कर सकें, तो सुधार निश्चित है। मेरे स्वभाव में कितनी कमियाँ हैं यह मुझे जिस आईने ने दिखाया मैं उसका सदा उपकार मानती रहूँगी। मुझे लोगों की बातें बहुत जल्दी चुभ जाती थीं। मुझे लगता था कि मैं सबसे केवल स्नेह चाहती हूँ और वह भी मुझे क्यों मिल नहीं पाता।

एक बार घर में माँ ने सत्संग करवाया एक ज्ञानी व्यक्ति प्रवचन दे रहे थे। कार्यक्रम की समाप्ति पर मैंने उनसे पूछा “क्या किसी से प्रेम की अपेक्षा करना भी गलत है।” केवल कुछ शब्दों में मेरी बात का उत्तर देते हुए कहा “प्रेम की अपेक्षा नहीं की जाती।”

मुझे लगा वे इसके आगे भी कुछ बोलेंगे, पर उनकी तरफ से बात पूरी हो चुकी थी। मुझे उन पर भी गुस्सा आया। यह क्या जवाब दिया है। मन में मंथन चलता रहा, बार-बार विचार करने पर बात समझ में आई कि ‘प्रेम की अपेक्षा नहीं की जाती, यदि हम प्रेम करेंगे तो हर तरफ से हमें प्रेम ही मिलेगा।’ मैंने इस बात को समझ कर अपने स्वभाव में थोड़ा परिवर्तन किया जैसे ही किसी की कमी पर ध्यान जाता, मैं अपना ध्यान हटा लेती और उसके गुणों पर ले जाती। मन में किसी के प्रति नफरत का भाव आता, तो उसी क्षण प्रेम के भाव या दया के भाग में बदलने की कोशिश करती। देखते ही देखते सारा संसार मुझे सुंदर लगने लगता है। यह सच्चाई हम जितनी जल्दी जान लें उतना ही बेहतर है।

अथवा

स्वास्थ्य सबसे बड़ी नियामत है
जब मैं विद्यार्थी था तब मुझे हमेशा कक्षा में प्रथम आने की लालसा रहती थी। परीक्षा के दिनों में मैं खाना-पीना तक भूल जाता था। अच्छे कॉलेज में दाखिला हुआ वहाँ भी स्वर्ण पदक हासिल करने की लिए मैं दिन-रात मेहनत करता रहता। नौकरी मिली, परिवार बढ़ा, बहुत कुछ बदला पर मेरा सबसे आगे निकलने का जुनून कम नहीं हुआ। पहले माता-पिता समझाया करते थे, फिर पत्नी और अब बच्चे भी समझाने लगे। पर बात समझ तब आई जब स्वास्थ्य ने साथ देना छोड़ दिया। सबसे आगे निकलने का जुनून मुझे धीरे-धीरे सबसे पीछे करने लगा आखिर एक दिन इस शरीर की मशीन ने जवाब दे दिया। पैसा कमाने की और सबसे आगे निकलने की होड़ में मैंने स्वास्थ्य गवाँ दिया था उसी स्वास्थ्य को पाने के लिए आज पैसा पानी की तरह बह रहा था किंतु फिर भी बिगड़ा हुआ स्वास्थ्य सुधरने का नाम नहीं ले रहा था। काश मैं समय रहते समझ लेता कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी नियामत है। शरीर स्वस्थ है तो कमियों में भी गुजारा किया जा सकता है, थोड़ा पीछे रहकर भी बुलंदियों का सुख पाया जा सकता है, किंतु यदि स्वास्थ्य ही नहीं रहा तो बड़ी-से-बड़ी सफलता, कमाया हुआ सारा धन व्यर्थ लगने लगता है। यह सच्चाई हम जितनी जल्दी जान लें उतना ही बेहतर है।

रूढ़ियाँ जब बंधन बन जाएँ तब उनका टूट जाना ही अच्छा है |

प्रश्न 18.
आप राजीव/रीना हैं। आपकी सोसाइटी ‘वसुंधरा’ में काफी समय से सफाई नहीं हो रही है। इसकी शिकायत सोसायटी अध्यक्ष को करने हेतु लगभग 60 शब्दों में ई-मेल तैयार कीजिए।
उत्तरः
प्राप्तकर्ता-vasu.co.in
भेजने वाला
दिनांक……………………….
समय……………………

विषय-सोसाइटी में सफाई ने होने की शिकायत व सुझाव

आदरणीय महोदय,
मैं रीना, वसुंधरा सोसायटी की निवासी सोसाइटी में फैली गंदगी की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ। आपने जिन सफाई कर्मचारियों को काम पर लगाया हुआ है, वह अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण सोसाइटी में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं। सीढ़ियों में बहुत गंदगी है, मेरा सुझाव है कि उन सफाई कर्मियों को सख्त निर्देश दिए जाएं और आवश्यकता पड़ने पर सफाई कर्मियों को बदल दिया जाए। ऐसा करना सोसाइटी के सभी निवासियों के लिए हितकर होना।
धन्यवाद
सोसाइटी निवासी
रीना बी-56

रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ लगने लगे तो उनका टूट जाना क्यों अच्छा है?

रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए। Solution : रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं, परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है।

रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब क्या करना चाहिए?

1 Answer. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें, तब वास्तव में उनका टूट जाना ही उचित है तथा इनमें परिवर्तन करना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि रूढ़ियाँ व्यक्ति को बंधनों में जकड़ लेती हैं, जिससे व्यक्ति का विकास होना बंद हो जाता है। इनके टूट जाने से व्यक्ति के दिलो-दिमाग पर छाया बोझ हट जाता है।