विषयसूची रतलाम जिले में सबसे बड़ा गांव कौन सा है?रतलाम
रतलाम के कलेक्टर का क्या नाम है?इसे सुनेंरोकेंप्रशासनिक बदलाव:12 आईएएस के तबादले, गोपाल चंद्र डाड रतलाम के नए कलेक्टर रतलाम जिले का गठन कब हुआ?इसे सुनेंरोकेंरतलाम जिला जून 1948 में बनाया गया था और जनवरी 1949 में इसे पुनर्गठित किया गया था। यह रतलाम, जोरा, सैलाना, पिपलोदा की पूर्व रियासत के क्षेत्र को कवर करता है। रतलाम में क्या प्रसिद्ध है? रतलाम के पर्यटन, दर्शनीय स्थल
रतलाम का पुराना नाम क्या था? इसे सुनेंरोकेंमहाराजा रतनसिंह और उनके पुत्र रामसिंह के नामों के संयोग से शहर का नाम रतनराम हुआ, जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा। रतलाम में कौन सा मंदिर है?इसे सुनेंरोकेंSawan: रतलाम के इस शिव मंदिर को कहा जाता है 13वां ज्योतिर्लिंग, इस मंदिर की बनावट भी है खास मध्य प्रदेश के रतलाम से 18 किमी दूर बिलपांक नामक स्थान पर प्राचीन मौर्यकालीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि, श्रावण मास सहित अन्य तीज त्योहार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। रतलाम किसकी रचना है?रतलाम ज़िला भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय रतलाम है।…रतलाम ज़िला
रतलाम का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंRatlam meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is लतर चढ़ने वाला पौधा.
रतलाम (Ratlam) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मालवा क्षेत्र में स्थित एक नगर है। यह रतलाम ज़िले का मुख्यालय भी है।[2][3] विवरण[संपादित करें]रतलाम शहर समुद्र सतह से १५७७ फीट कि ऊन्चाई पर स्थित है। रतलाम के पहले राजा महाराजा रतन सिंह थे। यह नगर सेव, सोना, सट्टा, मावा, साडी तथा समोसा, कचोरी, दाल बाटी के लिये प्रसिद्ध है। रतलाम की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रतलामी सेव हैं जिसका पुराना नाम भीलडी सेव था, सेव की खोज भील जनजाति ने करी थी।[4] महाराजा रतनसिंह और उनके पुत्र रामसिंह के नामों के संयोग से शहर का नाम रतनराम हुआ, जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा। मुग़ल बादशाह शाहजहां ने रतलाम जागीर को रतन सिह को एक हाथी के खेल में, उनकी बहादुरी के उपलक्ष में प्रदान की थी। उसके बाद, जब शहजादा शुजा और औरंगजेब के मध्य उत्तराधिकारी की जों जंग शरू हुई थी, उसमे रतलाम के राजा रतन सिंह ने बादशाह शाहजहां का साथ दिया था। औरंगजेब के सत्ता पर असिन होने के बाद, जब अपने सभी विरोधियो को जागीर और सत्ता से बेदखल किया, उस समय, रतलाम के राजा रतन सिंह को भी हटा दिया था और उन्हें अपना अंतिम समय मंदसौर जिले के सीतामऊ में बिताना पड़ा था और उनकी मृत्यु भी सीतामऊ में भी हुई, जहाँ पर आज भी उनकी समाधी की छतरिया बनी हुई हैं। औरंगजेब द्वारा बाद में, रतलाम के एक सय्यद परिवार, जों की शाहजहां द्वारा रतलाम के क़ाज़ी और सरवनी जागीर के जागीरदार नियुक्त किये गए थे, द्वारा मध्यस्ता करने के बाद, रतन सिंह के बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया गया। इसके आलावा रतलाम जिले का ग्राम सिमलावदा अपने ग्रामीण विकास के लिये पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हे। यहाँ के ग्रामीणों द्वारा जनभागीदारी से गांव में ही कई विकास कार्य किये गए हे। रतलाम से 30 किलोमीटर दूर बदनावर इंदौर रोड पर सिमलावदा से 4 किलोमीटर दूर कवलका माताजी का अति प्राचीन पांडवकालीन पहाड़ी पर स्थित मन्दिर हे। यहाँ पर दूर दूर से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने और खासकर सन्तान प्राप्ति के लिए यहाँ पर मान लेते हे। राजनीतिक क्षेत्र[संपादित करें]रतलाम जिला क्षेत्र के आधार पर जिले में कुल पाँच विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र हैं:
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र तीन हैं - रतलाम नगर, रतलाम ग्रामीण, सेलाना। जनजातियाँ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
रतलाम जिले की सबसे बड़ी तहसील कौनसी है?जावरा रतलाम जिले की बड़ी तहसील है। जावरा व पिपलौदा दोनों जावरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। करीब 3.50 लाख आबादी है।
रतलाम का पुराना नाम क्या है?रतलाम को पहले 'रत्नपुरी' कहा जाता था, जिसका अर्थ है 'कीमती रत्नों का शहर'।
रतलाम का क्या फेमस है?रतलाम जिले में मुख्य आकर्षण बीबरोड तीर्थ (जैन मंदिर), कैक्टस गार्डन, खरमौर पक्षी अभयारण्य, श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ तीर्थ, धोलावाड़ बांध आदि हैं।
रतलाम का राजा कौन है?महाराजा रतनसिंह और उनके पुत्र रामसिंह के नामों के संयोग से शहर का नाम रतनराम हुआ, जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा।
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