राष्ट्रीयता की सबसे बड़ी बाधा क्या है? - raashtreeyata kee sabase badee baadha kya hai?

सामाजिक और आर्थिक असमानता देश की राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है. इसका मूल है अहं और स्वार्थ. यही कारण है कि राष्ट्र की भावात्मक एकता के लिए अहं-विसर्जन और स्वार्थ-विसर्जन को मैं बहुत महत्व देता हूं. जातीय असमानता भी राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है.

उसका भी मूल कारण अहं ही है. दूसरों से अपने को बड़ा मानने में अहं पुष्ट होता है और आदमी अपने-आप में संतोष का अनुभव करता है. अहं का विसर्जन किये बिना जातीय भेद का अंत नहीं हो सकता. एक पेड़ की दो शाखाएं परस्पर विरोधी कैसे हो सकती हैं?

फिर भी यह कहा जाता है कि धर्म-संप्रदाय मनुष्यों में मैत्री स्थापित करने के लिए प्रचलित हुए हैं. उनमें जन्मना शत्रुता नहीं है, फिर मैत्री स्थापित करने की क्या आवश्यकता हुई? शत्रुता को मिटाने का काम धर्म-संप्रदाय ने प्रारंभ किया, किंतु आगे चल कर धर्म स्वयं निहित स्वार्थ वाले लोगों से घिर गये और मनुष्य को मनुष्य का शत्रु मानने के सिद्धांत की पुष्टि में लग गये.

इस चिंतन के आधार पर सांप्रदायिक समस्या का मूल भी अहं और स्वार्थ को छोड़ कर अन्यत्र नहीं खोजा जा सकता. इसलिए सांप्रदायिक वैमनस्य की समस्या को सुलझाने के लिए भी अहं और स्वार्थ का विसर्जन बहुत आवश्यक है. दूसरों तक विचारों को पहुंचानेवाली माध्यम भाषा को भी राष्ट्रीय एकता के सामने समस्या बना दिया जाता है. इसलिए राष्ट्रीय एकता के लिए इन विषयों पर गंभीर चिंतन करना बहुत ही आवश्यक है.

राष्ट्रीय एकता में सबसे बड़ी बाधा क्या है?

सामाजिक और आर्थिक असमानता देश की राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है. इसका मूल है अहं और स्वार्थ. यही कारण है कि राष्ट्र की भावात्मक एकता के लिए अहं-विसर्जन और स्वार्थ-विसर्जन को मैं बहुत महत्व देता हूं. जातीय असमानता भी राष्ट्रीय एकता में बहुत बड़ी बाधा है.

भारत की राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्व कौन कौन से है?

देश में व्याप्त सांप्रदायिकता, जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रीयता आदि सभी राष्ट्रीय एकता के अवरोधक तत्व हैं ।

राष्ट्रीयता का अर्थ क्या है?

राष्ट्रीयता (Nationality) किसी व्यक्ति और किसी संप्रभु राज्य (अक्सर देश) के बीच के क़ानूनी सम्बन्ध को बोलते हैंराष्ट्रीयता उस राज्य को उस व्यक्ति के ऊपर कुछ अधिकार देती है और बदले में उस व्यक्ति को राज्य सुरक्षा व अन्य सुविधाएँ लेने का अधिकार देता है।

राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने वाले अन्य कारक | Other Factors affecting National Integration. भारतीय संविधान में समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व को अपने उद्देश्यों के रूप में अपनाकर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के प्रावधान हैं