रूस में खूनी रविवार की घटना क्या थी - roos mein khoonee ravivaar kee ghatana kya thee

रूस में खूनी रविवार की घटना क्या थी - roos mein khoonee ravivaar kee ghatana kya thee

प्रदर्शनकारी

ख़ूनी रविवार, 22 जनवरी, 1905 को रूस की ज़ार सेना ने शांतिपूर्ण मजदूरों तथा उनके बीबी-बच्चों के एक जुलूस पर गोलियाँ बरसाई, जिसके कारण हजारों लोगों की जान गईं। इस दिन चूँकि रविवार था, इसलिए यह ख़ूनी रविवार के नाम से जाना जाता है। [1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Hayes, Patrick; Campbell, Jim (2005). Bloody Sunday: Trauma, Pain and Politics (अंग्रेज़ी में). Pluto Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780745318547. मूल से 4 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2018.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Petition prepared for presentation to the Tsar

खूनी रविवार, 22 जनवरी, 1905 को रूस की जार सेना ने शांतिपूर्ण मजदूरों तथा उनके बीबी-बच्चों के एक जुलूस पर गोलियाँ बरसाई, जिसके कारण हजारों लोगों की जान गईं। इस दिन चूँकि रविवार था, इसलिए यह खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है।

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आज का इतिहास:रूस का खूनी रविवार, जब जार से मिलने जा रहे निहत्थे मजदूरों पर सैनिकों ने गोलियां बरसाईं

रूस में खूनी रविवार की घटना क्या थी - roos mein khoonee ravivaar kee ghatana kya thee

रूसी क्रांति की शुरुआत 1905 में 22 जनवरी दिन रविवार को हुई थी। उस दौरान रूस में जार निकोलस द्वितीय का शासन था। जार निकोलस की कई नीतियों के खिलाफ मजदूरों में गुस्सा था। इसके चलते मजदूर इस दिन अपने मेहनताने और काम के घंटों जैसे मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे।

मजदूरों का काफिला जार से मिलने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग के विंटर पैलेस की तरफ बढ़ रहा था। वे अपनी मांगों को लेकर जार निकोलस से मिलना चाहते थे, लेकिन जार के पास पहुंचने से पहले ही सैनिकों ने निहत्थे मजदूरों पर गोलियां बरसा दी। इस घटना में 500 से ज्यादा लोग मारे गए।

रूस में खूनी रविवार की घटना क्या थी - roos mein khoonee ravivaar kee ghatana kya thee

जार निकोलस की कई नीतियों के खिलाफ मजदूरों में गुस्सा था और जब वे जार से मिलने निकले तो सैनिकों ने उन पर गोलियां बरसा दी थीं।

इस दिन को रूस के इतिहास में ब्लडी संडे, यानी खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है। इसी घटना के बाद 1917 में व्लादिमिर लेनिन के नेतृत्व में रूसी क्रांति की शुरुआत हुई। यानी रूसी क्रांति दो चरणों में हुई। पहले चरण में 1905 में रूसी साम्राज्य में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन हुआ था।

इस क्रांति के दौरान ही जार के शासन का अंत हुआ था। जार को उसकी पत्नी और 5 बच्चों समेत फांसी दे दी गई थी। क्रांति के बाद रूस में गृह युद्ध छिड़ गया। ये रेड आर्मी और व्हाइट आर्मी के बीच था। रेड आर्मी समाजवाद की समर्थक थी और व्हाइट आर्मी पूंजीवाद, राजशाही की समर्थक थी। 1920 में समाजवाद के विरोधी हार गए। 1922 में सोवियत संघ, यानी USSR की स्थापना हुई।

पृथ्वी से 3.50 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो नए ग्रहों की खोज
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 22 जनवरी 1996 को पृथ्वी से करीब 3.50 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो नए ग्रहों की खोज की। प्रकाश एक साल में जितनी दूरी तय करता है उसे एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। प्रकाश एक सेकंड में करीब तीन लाख किलोमीटर चलता है।

ऑस्कर में नॉमिनेट हुई स्लमडॉग मिलियनेयर फिल्म
हॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर डैनी बॉयल की एक फिल्म आई थी। नाम था स्लमडॉग मिलिनेयर। स्लम में पैदा हुए जमाल और सलीम नाम के दो भाइयों की कहानी इस फिल्म में दिखाई गई थी। जमाल बड़ा होकर कौन बनेगा करोड़पति के शो में जाता है।

इस शो में वो सभी सवालों के जवाब देता है। पुलिस चींटिंग के जुर्म में उसे पकड़ लेती है। इस फिल्म ने पूरी दुनिया में धूम मचाई। आज ही के दिन 2009 में इस फिल्म का नॉमिनेशन ऑस्कर के लिए हुआ था। इस फिल्म ने 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे। भारत से एआर रहमान को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर मिला था।

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डैनी बॉयल के डायरेक्शन में बनी फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर ने 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे

भारत और दुनिया में 22 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः

2015: यूक्रेन के दोनेत्स्क में हुए विस्फोट में 13 लोगों की माैत हुई।

2008: NDA ने लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी को 2009 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया।

2006: श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से बातचीत की पेशकश की।

1998: अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर मोनिका लेवेंस्की ने अवैध संबंध स्थापित करने का आरोप लगाया।

1993 : इंडियन एयरलांइस का विमान औरंगाबाद में क्रैश हुआ, जिसमें 61 यात्रियों की मौत हो गई।

1976: कर्नाटक संगीत शैली के प्रसिद्ध गायक और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता टीएम कृष्णा का जन्म हुआ।

1963: देहरादून में दृष्टिहीन लोगों के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना हुई।

1837: दक्षिणी सीरिया में भूकंप से हजारों लोगों की जान चली गई।

1760: वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसिसियों को हराया।

1673: न्यूयॉर्क और बोस्टन के बीच डाक सेवा की शुरुआत हुई।

1666: मुगल सम्राट शाहजहां का निधन हुआ।

रूस में खूनी रविवार की घटना क्या थी - roos mein khoonee ravivaar kee ghatana kya thee

रूस में खूनी रविवार की घटना क्यों हुई?

22 जनवरी, 1905 को जब रूसी जनता प्रदर्शन करते हुए 'सेंट पिट्सबर्ग' में स्थित महल के तरफ जा रही थी, तब जार सेना ने इन सभी प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बौछार शुरू कर दी, जिससे कई हजारों निहत्थे लोगों की मौत हो गई. क्योंकि यह घटना बड़ी और रविवार के दिन हुई थी इसलिए इसे “खूनी रविवार” Bloody Sunday के नाम से याद करते हैं.

खूनी रविवार में कितने लोग मारे गए?

इस घटना में 500 से ज्यादा लोग मारे गए। जार निकोलस की कई नीतियों के खिलाफ मजदूरों में गुस्सा था और जब वे जार से मिलने निकले तो सैनिकों ने उन पर गोलियां बरसा दी थीं। इस दिन को रूस के इतिहास में ब्लडी संडे, यानी खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है।

खूनी रविवार क्या है और कब हुआ था?

22 जनवरी 1905खूनी रविवार / शुरू होने की तारीखnull

रविवार से क्या तात्पर्य है?

रविवार या इतवार सप्ताह का एक दिन है। यह शनिवार के बाद और सोमवार से पूर्व आता है। यह रवि से आया है जिसका अर्थ सूर्य होता है। पंचाग के अनुसार यह शुभ दिन है।