गोली लगने के बाद क्या होता है? - golee lagane ke baad kya hota hai?

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पेट में गोली लगने के एक साल बाद बुजुर्ग की मौत

भास्कर न्यूज - बरवाला
करीब एक साल पहले आपसी विवाद में गोली लगने से घायल एक व्यक्ति की मंगलवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक पिछले एक साल से निजी अस्पताल में उपचाराधीन था। सरसौद निवासी 54 वर्षीय बलबीर को 19 मई, 2013 को गांव के ही एक व्यक्ति ने पेट में गोली मार दी थी। जिससे वह घायल हो गया और सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर उसे यहां से रेफर कर चंडीगढ़ ले जाया गया। हालत में सुधार न होने से दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर सुधार होने लगा।
इसके बाद परिजन बलबीर को हिसार के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण मंगलवार देर रात बलबीर ने दम तोड़ दिया। बलबीर गांव में खेतीबाड़ी करता था। उसके दो बेटे हैं। इनमें एक कुलदीप तथा दूसरा सुखबीर है।
यह था मामला
मृतक के परिजनों ने बताया कि 18 मई, 2013 को बलबीर के भतीजे प्रदीप व पड़ोस में रह रहे रवि के बीच कहासुनी हो गई थी। बच्चों का झगड़ा अगले दिन बड़ों के बीच हो गया। 19 मई 2013 को गांव के ही महेंद्र, सुनील, करमल, शीला व रामनिवास ने बलबीर के घर में घुसकर उसके व परिवार के साथ मारपीट की व महेंद्र ने बलबीर के पेट में गोली मार दी।
साथ ही बलबीर के भाई शमशेर व बलबीर की पत्नी बीरमति को गंडासा मार घायल कर दिया था। इसके बाद घायलों को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शमशेर व बीरमति की हालत तो ठीक हो गई, लेकिन बलबीर ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। किसान की मौत गोली लगने से हुई या अन्य किसी कारण इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा।

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गोली लगने से मौत क्यों हो जाती है? (Why does a bullet cause death?)

गोली लगने के बाद क्या होता है? - golee lagane ke baad kya hota hai?

आज हम आपको बतायेंगे कि गोली लगाने से इंसान की मौत क्यों हो जाती है? गोली लगने के दर्द से या gun पाउडर के जहर से हम सभी लोग जानते हैं

गोली (Goli lagne se maut kyu hoti hai Hindi) लगने से इंसान की मौत जल्दी हो जाती है इसीलिए सैनिकों से लेकर पुलिस वालों तक हर किसी को बन्दूक दी जाती है ताकि वो इसका use करके सामने वाले मुजरिम को घायल कर सकें और समय आने पर उसे मौत के घाट उतार सकें.

आपके दिमाग में कभी न कभी तो ये सवाल आपके दिमाग में आता ही होगा कि आखिर गोली लगने से किसी की मौत कैसे होती है गोली लगने के दर्द से या फिर gun पाउडर से, इस सवाल का जवाब आज हम आपको बतायेंगे.

हम सभी लोग जानते हैं कि आज के advance time में हथियार भी बहुत ही advance हो गये हैं वरना पहले time में अगर हमें किसी को कोई नुकसान पहुँचाना होता था तो हम उस पर किसी भारी चीज से वार करना पड़ता था फिर धीरे-धीरे समय बदलता गया और लोगों ने धारदार हथियारों को बनाना शुरू कर दिया जिससे सामने मौजूद जानवर या इंसान को ज्यादा अच्छे तरीके से घायल किया जा सके.

सभी जानते हैं हथियार तो धारदार होता है लेकिन इसका use हमे दुश्मन के पास जाकर करना पड़ता है इतनी देर में दुश्मन भी हम पर पलट कर वार कर सकता है इन्हीं सब चीजों को सोचकर बन्दूक का निर्माण हुआ था जिससे इसके अंदर मौजूद बुलेट को आप दूर से ही वार करके किसी को भी मार सकें.

आज के time में तो बहुत ही advance तरह की बंदूके आ गयी है जिससे न तो निशाना चूकता है और आप बहुत दूर से वार भी कर सकते है लेकिन अगर हम एक normal बन्दूक के बारे में बात करें तो उसके काम करने के तरीके के बारे में ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि बन्दूक से निकलने वाली गोली की speed से इंसान की मौत होती है लेकिन सच बात आपको तभी पता चलेगी जब आप ये जान लेंगे कि बन्दूक से निकलने वाली बुलेट क्या होती है?

और कैसे work करती है? हम लोगों में से बहुत लोग ये मानते हैं कि बन्दूक से निकलने वाली गोली की आकृति को बुलेट कहते हैं लेकिन ऐसा नही है बुलेट आगे को ठोस धातु होता है और बाकी का हिस्सा बुलेट case कहलाता है लोग बुलेट case को भी बुलेट ही कहते हैं बुलेट को साधारण तौर पर खोखा भी कहते है क्युकी उसी में gun पाउडर भरा होता है और इस गोले के last में एक पिन point होता है जिस पर प्रहार किया जाता है इसे english में primer कहते है.

अब बात करते हैं कि ये गोली काम कैसे करती हैं? अगर simple भाषा में कहें तो ये गोली छोटी सी मिसाइल या रॉकेट होती है क्युकी जिस तरह रॉकेट का आगे का हिस्सा काम का होता है और बाकि के हिस्से में केवल ईंधन लेकर जाता है ठीक उसी तरह गोली भी होती है क्युकी गोली के बुलेट case में खास तरह का विस्फोटक पदार्थ भरा होता है जिसे gun पाउडर कहा जाता है इसीलिए जब गोली चलाते हैं

तब बन्दूक बुलेट case के पीछे की तरफ होने वाला एक point (जिसे primer कहा जाता है) पर जबरदस्त प्रेशर डाला जाता है और primer पर दबाव पड़ने पर उस पर लगा स्प्रिंग चिनगारी पैदा करता है और इस चिंगारी से gun पाउडर में तेज विस्फोट होता है और इसकी वजह से बुलेट को आगे की तरफ कसके झटका लगता है

बुलेट case गरम होकर फैलने लगता है जिससे कारण इसकी बुलेट पर इसकी पकड़ कमजोर होने लगती है और gun पाउडर के विस्फोट के कारण उत्पन्न हुआ फ़ोर्स बुलेट को तेजी से आगे की तरफ धक्का देता है ऐसा होने से बुलेट तेजी से घूमते हुए आगे की तरफ या निशाने की तरफ बढ़ती है.

गोली लगने के बाद क्या होता है? - golee lagane ke baad kya hota hai?

अब आप समझ गये होंगे कि मैंने बुलेट को रॉकेट क्यों कहा था क्युकी जिस तरह रॉकेट के पीछे फायर करके इसे ऊपर उड़ाया जाता है उसी तरह से ही primer पर प्रेशर डाल कर चिनगारी पैदा की जाती है जिससे gun पाउडर में आग लग जाए और बुलेट अपने निशाने की तरफ बढ़ जाये.

अब हम आपको बतायेंगे कि गोली लगने से मौत क्यों हो जाती है? आप ये तो जान ही गये हैं कि बुलेट पर कोई जहर नही लगा होता है बल्कि ये तेज फ़ोर्स से अपने निशाने की तरफ बढ़ती है और इसी फ़ोर्स के कारण इंसान के आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचता है क्युकी गोली लगने से शरीर का ब्लड flow गोली लगने वाले उस हिस्से में रुक जाता है

और वहां पर होने वाला ब्लड बाहर की तरफ बहना start हो जाता है इसीलिए गोली लगने से अधिकतर मौतें ज्यादा ब्लड बहने की वजह से भी हो जाती हैं कुछ मामले ऐसे भी देखे जाते है कि जिसमे बुलेट हड्डियों में फंस जाती है और फिर वो कभी बाहर नही निकल पाती है जब बुलेट सिर या फिर दिल पर लगती है

क्युकी ये हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंग होते है क्युकी अगर इसमें ब्लड circulation टूट जाता है या इनमें ब्लड circulation रुक जाता है तो मौत होने में ज्यादा time नही लगता इसीलिए जब किसी की मौत करनी होती है तो गोली उसके सिर पर या फिर सीने पर मारी जाती है क्युकी कही और गोली लगने से इंसान बच भी सकता है इसी कारण से जब भी कभी police वालों को गोली दी जाती है

तो उनसे पैर पर गोली मारने को कहा जाता है जिससे मुजरिम घायल हो जाय और चल न पाए क्युकी कभी भी मुजरिम के सीने या फिर सिर पर गोली मारने की इजाजत नही होती है और हाँ अगर कोई police वाला encounter कर रहा है तो वो इन जगहों पर गोली मार सकता है वरना ज्यादातर पैर पर ही गोली मरने की permission दी जाती है.

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आज नया क्या सिखा?

हम उम्मीद करते है कि (Goli lagne se maut kyu hoti hai Hindi) आज इस article में बताई हर बात गोली के निकलने से लेकर इंसान के शरीर में लगने तक की सारी बातें आपको समझ में आ गयी होंगी और इसी के साथ हम आपसे उम्मीद करते हैं कि हमारा ये article आपके लिए काफी helpful रहा होगा.

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गोली कितनी दूर तक जाती है?

छोटे शाट यानि रिवाल्वर या पिस्टल से मारी गई गोली 200-300 गज तक जा सकती है. लेकिन इसी में लंबी दूरी वाली बंदूकों से 600 गज तक की मार की जा सकती है. वैसे औसत बंदूक की गोली की रफ्तार 2500 फीट प्रति सेकेंड होती है.

गोली में कौन सा जहर होता है?

गोली बनाने के लिए बहुत सारे हेवी मेटल इस्तेमाल होते हैं जैसे लेड और आजकल कैल्शियम सिलिकेट. इन सारे मेटल्स के दुष्प्रभाव के कारण जान जाती है, जो गैस फ्यूम निकलती है उसके कारण भी मौत होती है. अनबर्न पाउडर यानी वो बारूद जो पूरी तरह से जला नहीं होता, उसकी वजह से भी जान जा सकती है.

गोली के अंदर क्या होता है?

गोली लगने के बाद शरीर में क्या होता है दरअसल गोली यानि कार्ट्रिज(Cartridge) के तीन हिस्से होते हैं, जिसका पहला हिस्सा बुलेट, दूसरा खोखा, जिसमें बारूद भरा होता है और तीसरा प्राइमर कंपाउंड होता है. बुलेट वाला हिस्सा शरीर में जाकर नुकसान पहुंचाता है, जिससे खून बहने लगता है.

बंदूक से चली गोली में कौन सी ऊर्जा होती है?

जब बंदूक से गोली चलाई जाती है, तो इसकी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। जब गोली को रासायनिक ऊर्जा के रूप में चलाया जाता है तो स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है और ऊष्मा के कारण गोली बैरल से बाहर निकल जाती है। स्थितिज ऊर्जा और गतिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा के रूप में जाना जाता है।