पशु पक्षी में कौन समास है? - pashu pakshee mein kaun samaas hai?

‘समास के भेद व उदाहरण’ शीर्षक के इस लेख में समास की विस्तृत जानकारी संकलित की गई है। जहां एक ओर संधि में दो वर्णों का मेल होता है वहीं समास में दो पदों का मेल होता है। हिंदी भाषा में संधि तत्सम शब्दों में होती है, वहीं समास संस्कृत, उर्दू व हिंदी के हर प्रकार के पदों में होता है। जहां संधि के विभाजन को विच्छेद कहतें हैं, वहीं समास के विभाजन को विग्रह कहा जाता है।

समास के प्रकार –

प्रयोग की दृष्टि से समास के तीन प्रकार होते हैं – संयोगमूलक समास, वर्णनमूलक समास, आश्रयमूलक समास। वहीं पदों की प्रधानता के आधार पर समास चार प्रकार के होते हैं – पूर्वपद/प्रथमपद प्रधान समास (अव्ययीभाव समास), उत्तरपद प्रधान समास (तत्पुरुष, द्विगु, कर्मधारय), दोनों पद प्रधान समास (द्वंद्व समास), दोनों पद अप्रधान समास (बहुब्रीहि समास)।

अव्ययीभाव समास

इस समास में /पूर्व पद प्रधान और समास/सामासिक/उत्तर पद अव्यय होता है।

अव्ययीभाव समास के उदाहरण –

  • यथाक्ति – शक्ति के अनुसार
  • यथार्थ – अर्थ के अनुसार
  • यथाशीघ्र – जितना शीघ्र हो सके
  • यथारुचि – रुचि के अनुसार
  • यथाविधि – विधि के अनुसार
  • यथासंभव – संभावना के अनुसार
  • आजन्म – जन्मपर्यंत या जन्म तक
  • आमरण – मरण तक
  • यावज्जीवन – जब तक जीवन है
  • बेशर्म – बिना शर्म के
  • बखूबी – खूबी के साथ
  • व्यर्थ – बिना अर्थ का
  • दिनानुदिन – दिन के बाद दिन
  • नर्भय – बिना भय के
  • उपकूल – कूल के समीप
  • बेकाम – बिना काम का
  • प्रत्यंग – अंग अंग
  • समक्ष – अक्षि के सामने
  • प्रत्यक्ष – अक्षि(आँख) के प्रति(आगे)
  • परोक्ष – अक्षि के परे
  • निधड़क – बिना धड़क(डर से बड़ी धड़कन) के
  • आपादमस्तक – पाद(पैर) से मस्तक तक
  • प्रत्युपकार – उपकार के प्रति
  • भर पेट – पेट भरकर
  • मनमाना – मन के अनुसार

कर्मधारय समास

जिस समास में विशेष्य-विशेषण अथवा उपमेय-उपमान का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास के नाम से जाना जाता है। इसका पूर्व पद विशेषण होता है। परंतु कुछ कर्मधारय समास में पूर्व पद विशेष्य भी होता हैं।

कर्मधाय समास के उदाहरण –

  • नीलाम्बर – नीला है अम्बर जो
  • पीताम्बर – पीत है अम्बर जो
  • पीतसागर – पीत है सागर जो
  • सज्जन – सत् हो जो जन
  • नीलोत्पल – नील हो उत्पल जो
  • वीरबाला – वीर है बाला जो
  • नवयुवक – नया युवक
  • सन्मार्ग – सत् का मार्ग
  • महात्मा – महान् है आत्मा जो
  • महावीर – महान् वीर
  • सद्भावना – सत् भावना
  • परमेश्वर – परम् है ईश्वर जो
  • महापुरुष – महान् है पुरुष जो
  • महाकाव्य – महान् है काव्य जो
  • कदन्न – कुत्सित अन्न
  • महौषधि – महान् हो औषधि जो
  • कापुरुष – कुत्सित पुरुष
  • छुटभैया – छोटा भइया
  • मदनमोहन – मदन जो मनोहर है
  • श्यामसुंदर – श्याम जो सुंदर है
  • जनकखेतिहर – खेती करने वाला जनक
  • कुमारश्रमणा – संन्यास ग्रहण की हुई कुमारी
  • आम्रवृक्ष – आम का पेंड़
  • नीलपीत – नीले व पीले का मिश्रण
  • शीतोष्ण – शीतल और उष्ण का मिला जुला रूप
  • कृताकृत – किया बेकिया

द्विगु समास

जिस समास का पूर्व/प्रथम पद संख्यावाची हो और उससे समूह का बोध हो रहा हो, द्विगु समास कहलाता है।

द्विगु समास के उदाहरण –

  • त्रिभुवन – तीन भुवनों का समाहार
  • त्रियुगी – तीन युगों का समाहार
  • त्रिफला – तीन फलों का समाहार
  • पंचपात्र – पांच पात्रों का समहार
  • पंचरत्न – पांच रत्नों का समूह
  • नवरत्न – नौ रत्नों का समूह
  • नवग्रह – नौ ग्रहों का समूह
  • सतसई – सात सौ का समाहार

द्वंद्व समास

इस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों प्रधान होते हैं और इनके अवयव शब्दों के बीच समुच्चबोधक शब्द ‘या‘, ‘और‘ का लोप हो जाता है।

उदाहरण –

  • रामलखन – राम और लक्ष्मण
  • रामकृष्ण – राम और कृष्ण
  • लवकुश – लव और कुश
  • धर्माधर्म – धर्म और अधर्म
  • हरिशंकर – हरि और शंकर
  • धनुर्बाण – धनुष और वाण
  • शिवपार्वती – शिव और पार्वती

बहुब्रीहि समास

जिस समास में पूर्व पद और सामासिक पद दोनों अप्रधान हों और किसी तीसरे का अर्थबोध हो रहा हो, वहां पर बहुब्रीहि समास होता है।

बहुब्रीहि समास के भेद –

  • दशानन – दश हैं आनन(शीश) जिसके अर्थात् ‘रावण’
  • जलज – जल में जन्मा अर्थात ‘कमल’
  • लम्बोदर – लम्बा है उदर जिसका अर्थात् ‘गणेश’
  • चतुर्भुज – चार हैं भुजाएं जिसकी अर्थात् ‘विष्णु’
  • चंद्रशेखर – चंद्र है शिखर पर जिसके अर्थात् ‘शिव’
  • वीणापाणि – वीणा है पाणि(हाथ) में जिसके अर्थात् ‘सरस्वती’
  • गिरिधर – गिरि को धारण करने वाले अर्थात ‘श्रीकृष्ण’
  • सहस्त्राक्ष – सहस्त्र आँखों वाले अर्थात ‘इंद्र’

तत्पुरुष समास

इसमें पूर्व पद गौण होता है और उत्तर पद की प्रधानता होती है। इसमें सामान्यतः प्रथम पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण –

  • गगनचुम्बी – गगन को चूमने वाली अर्थात बहुत ऊंची
  • पुरुषोत्तम – पुरुषों में उत्तम
  • मनोहर – मन को हरने वाला
  • स्वर्ग प्राप्त – स्वर्ग को प्राप्त
  • शोकग्रस्त – शोक से ग्रस्त
  • कविश्रेष्ठ – कवियों में श्रेष्ठ
  • श्रमजीवी – श्रम पर जीने वाला
  • गोशाला – गो के लिए शाला
  • मालगोदाम – माल के लिए गोदाम
  • देशभक्ति – देश के लिए भक्ति
  • नराधम – नरों में अधम
  • देवालय – देव के लिए आलय
  • सभाभवन – सभा के लिए भवन
  • राजभवन – राजा का भवन
  • सूर्योदय – सूर्य का उदय
  • प्रेमसिक्त – प्रेम से सिक्त

समास के उदाहरण व समास विग्रह –

पदविग्रहसमासगगनचुम्बी/गगनचंबीगगन को चूमने वालीकर्म तत्पुरुषकठफोड़वाकाठ को फोड़ने वालीकर्म तत्पुरुषस्वर्णप्राप्तस्वर्ण को प्राप्तकर्म तत्पुरुषगृहागतघर को आगतकर्म तत्पुरुषमनोहरमन को हरने वालाकर्म तत्पुरुषस्वर्गप्राप्तस्वर्ग को प्राप्तकर्म तत्पुरुषमाखनचोरमाखन को चुराने वालाकर्म तत्पुरुषमोक्ष प्राप्तमोक्ष को प्राप्तकर्म तत्पुरुषग्रामगतग्राम को गया हुआकर्म तत्पुरुषमदशून्यमद से शून्यकरण तत्पुरुषप्रेमसिक्तप्रेम से सिक्तकरण तत्पुरुषनेत्रहीननेत्र से हीनकरण तत्पुरुषहस्तलिखितहस्त से लिखितकरण तत्पुरुषरेखांकितरेखा से अंकितकरण तत्पुरुषप्रकाशयुक्तप्रकाश से युक्तकरण तत्पुरुषशोकग्रस्तशोक से ग्रसितकरण तत्पुरुषभावपूर्णभाव से पूर्णकरण तत्पुरुषदुःखार्तदुख से आर्तकरण तत्पुरुषदंडपीड़ितदण्ड से पीड़ितकरण तत्पुरुषबाणाहतबाण से आहतकरण तत्पुरुषश्रमसाध्यश्रम से साध्यकरण तत्पुरुषजलशक्तिजल से शक्तिकरण तत्पुरुषरोगपीड़ितरोग से पीड़ितकरण तत्पुरुषदेशभक्तिदेश के लिए भक्तिसम्प्रदान तत्पुरुषसभाभवनसभा के लिए भवनसम्प्रदान तत्पुरुषगोशालागो के लिए शालासम्प्रदान तत्पुरुषशिक्षालयशिक्षा के लिए आलयसम्प्रदान तत्पुरुषमालगोदाममाल के लिए गोदामसम्प्रदान तत्पुरुषलोकहितकारीलोक के लिए हितकारीसम्प्रदान तत्पुरुषदेशभक्तिदेश के लिए भक्तिसम्प्रदान तत्पुरुषदेवालयदेव के लिए आलयसम्प्रदान तत्पुरुषयुद्धभूमियुद्ध के लिए भूमिसम्प्रदान तत्पुरुषबालामृतबालकों के लिए अमृतसम्प्रदान तत्पुरुषराहखर्चराह के लिए खर्चसम्प्रदान तत्पुरुषगुरुदक्षिणागुरु के लिए दक्षिणासम्प्रदान तत्पुरुषहवनसामग्रीहवन के लिए सामग्रीसम्प्रदान तत्पुरुषनववर्षोपहारनववर्ष के लिए उपहारसम्प्रदान तत्पुरुषशिवार्पणशिव के लिए अर्पणसम्प्रदान तत्पुरुषसभाभवनसभा के लिए भवनसम्प्रदान तत्पुरुषविधानसभाविधान के लिए सभासम्प्रदान तत्पुरुषपदभ्रष्टपद से भ्रष्टअपादान तत्पुरुषऋणमुक्तऋण से मुक्तअपादान तत्पुरुषदूरागतदूर से आगतअपादान तत्पुरुषबलहीनबल से हीनअपादान तत्पुरुषदेशनिकालादेश से निकालाअपादान तत्पुरुषविदेशागतविदेश से आगतअपादान तत्पुरुषलोकोत्तरलोक से उत्तरअपादान तत्पुरुषपदच्युतपद से च्युतअपादान तत्पुरुषपथभ्रष्टपथ से भ्रष्टअपादान तत्पुरुषईश्वरविमुखईश्वर से विमुखअपादान तत्पुरुषवृक्षपतितवृक्ष से पतितअपादान तत्पुरुषधर्मभ्रष्टधर्म से भ्रष्टअपादान तत्पुरुषजन्मरोगीजन्म से रोगीअपादान तत्पुरुषस्थानच्युतस्थान से च्युतअपादान तत्पुरुषप्रेमरिक्तप्रेम से रिक्तअपादान तत्पुरुषपापमुक्तपाप से मुक्तअपादान तत्पुरुषसूर्योदयसूर्य का उदयसंबध तत्पुरुषगंगाजलगंगा का जलसंबध तत्पुरुषगृहकार्यगृह का कार्यसंबध तत्पुरुषस्नानगृहस्नान का ग्रहसंबध तत्पुरुषनगरसेठनगर का सेठसंबध तत्पुरुषराजमाताराजा की मातासंबध तत्पुरुषश्रमदानश्रम का दानसंबध तत्पुरुषसमाजोद्धारसमाज का उद्धारसंबध तत्पुरुषपतितोद्धारपतित का उद्धारसंबध तत्पुरुषविद्यालयविद्या का आलयसंबध तत्पुरुषराजभवनराजा का भवनसंबध तत्पुरुषराष्टपतिराष्ट्र का पतिसंबध तत्पुरुषचंद्रप्रकाशचंद्र का प्रकाशसंबध तत्पुरुषजलधाराजल की धारासंबध तत्पुरुषवीरकन्यावीर की कन्यासंबध तत्पुरुषप्रेमोपासकप्रेम का उपासकसंबध तत्पुरुषचरित्रचित्रणचरित्र का चित्रणसंबध तत्पुरुषग्रामोद्धारग्राम का उद्धारसंबध तत्पुरुषजलमग्नजल में मग्नअधिकरण तत्पुरुषपुरुषोत्तमपुरुषों में उत्तमअधिकरण तत्पुरुषशरणागतशरण को आगतअधिकरण तत्पुरुषशास्त्रप्रवीणशास्त्रों में प्रवीणअधिकरण तत्पुरुषआत्मनिर्भरआत्म पर निर्भरअधिकरण तत्पुरुषआनन्दमग्नआनन्द में मग्नअधिकरण तत्पुरुषवनवासवन में वासअधिकरण तत्पुरुषगृहप्रवेशगृह में प्रवेशअधिकरण तत्पुरुषनरश्रेष्ठनरों में श्रेष्ठअधिकरण तत्पुरुषकविश्रेष्ठकवियों में श्रेष्ठअधिकरण तत्पुरुषआपबीतीआप पर बीतीअधिकरण तत्पुरुषनराधमनरों में अधमअधिकरण तत्पुरुषसर्वोत्तमसब में उत्तमअधिकरण तत्पुरुषरणशूररण में शूरअधिकरण तत्पुरुषक्षत्रियाधमक्षत्रियों में अधमअधिकरण तत्पुरुषप्रतिदिनदिना दिनअव्ययीभावयथार्थअर्थ के अनुसारअव्ययीभावयथासंभवसंभावना के अनुसारअव्ययीभावप्रत्यक्षअक्षि के प्रतिअव्ययीभावपरोक्षअक्षि के परेअव्ययीभावयथाशक्तिशक्ति के अनुसारअव्ययीभावव्यर्थबिना अर्थ काअव्ययीभावयथाशीघ्रजितना शीघ्र होअव्ययीभावआमरणमरने तकअव्ययीभावआजन्मजन्मपर्यंतअव्ययीभावमनमानामन के अनुसारअव्ययीभावनिर्भयबिना भय केअव्ययीभावभरपेटपेट भर करअव्ययीभावबेकामबिना काम काअव्ययीभावयाज्जीवनजब तक जीवन हैअव्ययीभावबेशर्मबिना शर्म केअव्ययीभावप्रत्यंगअंग अंगअव्ययीभावनीलकमलनीला है कमल जोकर्मधारयमहात्मामहान है आत्मा जोकर्मधारयमहापुरुषमहान है पुरुष जोकर्मधारयपीताम्बरपीत है अम्बर जोकर्मधारयमहर्षिमहान है ऋषि जोकर्मधारयपरमेश्वरपरम है ईश्वर जोकर्मधारयनीलाकाशनीला है आकाश जोकर्मधारयनराधमअधम है नर जोकर्मधारयसत्संगतिसज्जनों की संगतिकर्मधारयश्वेतपत्रश्वेत है पत्र जोकर्मधारयचरमसीमासीमा का चरमकर्मधारयत्रिलोकतीन लोकों का समाहारद्विगु समासचतुर्वर्णचार वर्णों का समाहारद्विगु समासपंचवटीपांच वृक्षों का समूहद्विगु समासषट्कोणछः कोनों वालाद्विगु समाससप्ताहसात दिनों का समूहद्विगु समासअष्टसिद्धिआठ सिद्धियांद्विगु समाससप्तशतीसात सौ पदों का समूहद्विगु समासअषंटपदीआठ पदों का समाहारद्विगु समासरात दिनरात और दिनद्वंद्व समासपाप पुण्यपार और पुण्यद्वंद्व समाससीता रामसीता और रामद्वंद्व समासलव कुशलव और कुशद्वंद्व समासघास कूड़ाघास और कूड़ाद्वंद्व समासमाता पितामाता और पिताद्वंद्व समासधनुर्बाणधनुष और बाणद्वंद्व समासभेंड़ बकरीभेंड़ और बकरीद्वंद्व समासदाल रोटीदाल और रोटीद्वंद्व समासभला बुराभला और बुराद्वंद्व समासऊँचा नीचाऊँचा और नीचाद्वंद्व समासकीड़े मकौड़ेकीड़े और मकौड़ेद्वंद्व समासराधाकृष्णराधा और कृष्णद्वंद्व समासदशाननदश हैं आनन(सर) जिसकेबहुब्रीहिगजाननगज के आनन वालाबहुब्रीहिलम्बोदरलम्बा है उदर जिसकाबहुब्रीहिदिगम्बरदिशा ही हैं अम्बर जिसकीबहुब्रीहिघनश्यामघन के समान श्यामबहुब्रीहित्रिनेत्रतीन नेत्रों वालेबहुब्रीहिजलजजल में जन्म लेने वालाबहुब्रीहिचतुर्भुजचार हैं भुजाएं जिनकीबहुब्रीहिनीलकंठनीले कंठ वालेबहुब्रीहिषडाननछः हैं मुख जिनके अर्थात् कार्तिकेयबहुब्रीहिधर्म - अर्थधर्म और अर्थद्वंद्व समासराम - लक्ष्मणराम और लक्ष्मणद्वंद्व समासकन्दमूलफलकन्द और मूल और फलद्वंद्व समासनर नारीनर और नारीद्वंद्व समासराजा - रानीराजा और रानीद्वंद्व समासधर्माधर्मधर्म और अधर्मद्वंद्व समासईशकृष्णईश और कृष्णद्वंद्व समासशुभाशुभशुभ और अशुभद्वंद्व समासपथ्यापध्यपथ्य और अपथ्यद्वंद्व समासचरारचरचर और अचरद्वंद्व समासजीवन - मरणजीवन और मरणद्वंद्व समासपाणिपादपाणि और पादद्वंद्व समासमुखनासिकामुख और नासिकाद्वंद्व समासअहिनकुलअहि और नकुलद्वंद्व समाससत्यासत्यसत्य और असत्यद्वंद्व समासपशु - पक्षीपशु और पक्षीद्वंद्व समाससुरासुरसुर और असुरद्वंद्व समासशेषाशेषशेष और अशेषद्वंद्व समासउत्तर दक्षिणउत्तर और दक्षिणद्वंद्व समासपञ्चगव्यपाँच गायों का समूहद्विगु समासपञ्चपात्रपाँच पात्रों का समूहद्विगु समासदुथारीदो धार वालीद्विगु समासत्रिदेवतीन देवोंं का समूहद्विगु समासत्रिकोणतीन कोणों का समूहद्विगु समासत्रिशूलतीन काँटों का समूहद्विगु समासपञ्चमुखपाँच मुखों का समूहद्विगु समासद्विचक्रीदो चक्रों वालाद्विगु समासचौराहाचार राहों का समूहद्विगु समासचतुष्पादचार पैरों वालाद्विगु समासत्रिभुजतीन भुजाओं का समूहद्विगु समासचारपाईचार पायों का समूहद्विगु समासत्रिभुवनतीन भुवन/लोक का समूहद्विगु समासदशावतारदश अवतारों का समूहद्विगु समासअष्टध्यायीआठ अध्यायों का समूहद्विगु समासदशाब्ददश अब्द/वर्षद्विगु समासचौमासाचार मासों का समूहद्विगु समासचतुर्युगचार युगों का समूहद्विगु समाससप्तद्वीपसात द्वीपों का समूहद्विगु समासअष्टावक्रआठ वक्रों का समूहद्विगु समासनवरात्रनौ रात्रियों का समूहद्विगु समासशताब्दीशत/सौ अब्दी/वर्ष का समूहद्विगु समासकृष्णसर्पकाला सर्पकर्मधारयविद्याधनविद्यारूपी धनकर्मधारयमुखकमलमुखरूपी कमलकर्मधारयस्वर्ण कलशसोने का कलशकर्मधारयमहाकिवमहान है कवि जोकर्मधारयनीलाम्बुजनीला अम्बुज/कमलकर्मधारयनीलगगननीला है गगन जोकर्मधारयरक्तवस्त्रलाल वस्त्रकर्मधारयमहावीरमहान है वीर जोकर्मधारयश्वेताम्बरश्वेत अम्बर/वस्त्रकर्मधारयमहाजनमहान है जो जनकर्मधारयमहामानवमहान है मानव जोकर्मधारयनोलीत्पलनीला उत्पल/कमलकर्मधारयघनश्यामघन के समान काले श्यामकर्मधारयरक्त वर्णलाल वर्ण/रंगकर्मधारयनीलाश्वनीला घोड़ाकर्मधारयश्वेतकमलसफेल कमलकर्मधारयश्रेष्ठपुरुषश्रेष्ठ है पुरुष जोकर्मधारयपीतकमलपीला कमलकर्मधारयपीतवसनपीला अम्बर/वस्त्रकर्मधारयविशालाक्षविशाल आँखों वालाकर्मधारयसज्जनसदाचारी जनकर्मधारयमहात्मामहान आत्माकर्मधारयपीतपृष्ठपीला पृष्ठकर्मधारयरक्ताम्बरलाल अम्बर/वस्त्रकर्मधारयचंद्रमुखचांद के समान मुखकर्मधारयकुमाताबुरी माकर्मधारयमहाधनमहान है जो धनकर्मधारयनीलाम्बरनीला वस्त्रकर्मधारयपुरुषव्याघ्रपुरुषरूपी व्याघ्रकर्मधारयपीताम्बरपीले हैं वस्त्र जिसकेबहुब्रीहिचंद्रशेखरचंद्रमा है शिखर पर जिनकेबहुब्रीहिचक्रपाणिचक्र है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहिचक्रपाणिचक्र है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहिलम्बकर्णलंबे हैं कान जिसकेबहुब्रीहिचतुराननचार आनन/रस हैं जिसकेबहुब्रीहिसभार्यभार्या/स्त्री के साथबहुब्रीहिमीनाक्षीमीन/मछली के समान आँखों वालीबहुब्रीहिसार्जुनअर्जुन के साथबहुब्रीहिसकलकलाओं से युक्तबहुब्रीहिचंद्रमुखीचांद के समान मुख वालीबहुब्रीहियशपाणियश है पाणि/हाथ में जिनकेबहुब्रीहिचंद्रचूड़चंद्र है चूड़ पर जिनकेबहुब्रीहिलम्बकेशीलंबे हैं केश जिसकेबहुब्रीहिगदाहस्तगदा है हाथों में जिनकेबहुब्रीहियशोधनयश है धन जिसकाबहुब्रीहिजितेंद्रियइंद्रियों को जीतने वालाबहुब्रीहिधनुष्पाणिधनुष है पाणि/हाथ में जनकेबहुब्रीहिविषधरविष को धारण करने वालाबहुब्रीहिसानुजअनुज के सहितबहुब्रीहिसपत्नीकपत्नी के सहितबहुब्रीहिसपुत्रपुत्र के सहितबहुब्रीहिसकुटुम्बकुटुम्ब के सहितबहुब्रीहियथेच्छाइच्छा के अनुसारअव्ययीभावउपगंगागंगा के समीपअव्ययीभावउपतटतट के समीपअव्ययीभावप्रत्येकहर एकअव्ययीभावनिर्जनलोगों का अभावअव्ययीभावअधिगृहघर परअव्ययीभावअधिहरिहरि के विषय मेंअव्ययीभावसहरिहरि के सदृश्यअव्ययीभावअधिगिरिदिरि परअव्ययीभावनिर्मक्षिकमक्खियों से रहितअव्ययीभावअनुदिनदिन के बादअव्ययीभावनिर्धनधन से रहितअव्ययीभावआसमुद्रजहां तक समुद्र होअव्ययीभावअतिहिमहिम की अतिअव्ययीभावप्रत्यक्षआँखों के सामनेअव्ययीभावनिर्मशकमच्छरों से वियुक्तअव्ययीभावउपतीर्थतीर्थ के समीपअव्ययीभावअनुविष्णुविष्णु के पीछेअव्ययीभावआजन्मजन्म से लेकरअव्ययीभावसुमद्रमद्र देश की समृद्धिअव्ययीभावभयप्राप्तभह को प्राप्ततत्पुरुषधनप्राप्तधन को प्राप्ततत्पुरुषहरित्रातहरि द्वारा रक्षिततत्पुरुषविद्याशून्यविद्या से शून्यतत्पुरुषज्ञानशून्यज्ञान से शून्यतत्पुरुषदुखातीतदुख से परेतत्पुरुषशरणागतशरण में आया हुआतत्पुरुषसुखयुक्तसुख से युक्ततत्पुरुषविनयशून्यविनय से शून्यतत्पुरुषमदमत्तमद से मत्ततत्पुरुषविस्मयापन्नविस्मय को प्राप्ततत्पुरुषबाणविद्धबांण से वेधा हुआतत्पुरुषपुत्रहितपुत्र के लिए हिततत्पुरुषज्ञानलोभज्ञान के लिए लोभतत्पुरुषधनलोभधन के लिए लोभतत्पुरुषसत्याग्रहसत्य के लिए आग्रहतत्पुरुषसुखोपविष्टसुख से उपविष्टतत्पुरुषगुणहीनगुणों से हीनतत्पुरुषधनहीनधन से हीनतत्पुरुषपदलोभपद के लिए लोभतत्पुरुषमूर्तिपूजामूर्ति की पूजातत्पुरुषराजगृहराजा का घरतत्पुरुषदेशनिर्वासितदेश से निर्वासिततत्पुरुषराजपुरुषराजा का पुरुषतत्पुरुषनरपतिनरों का पतितत्पुरुषगोहितगायों के लिए हितकरतत्पुरुषदेवमंदिरदेवताओं का मंदिरतत्पुरुषमतिभ्रममति का भ्रमतत्पुरुषराजभयराजा से भयतत्पुरुषचौरभयचोरों से भयतत्पुरुषराज्यच्युतराज्य से च्युततत्पुरुषरोगमुक्तरोग से मुक्ततत्पुरुषभूतबलिप्राणियों के लिए बलितत्पुरुषसुखभोगसुख का भोगतत्पुरुषदेवपूजादेव की पूजातत्पुरुषराजनीतिराजा की नीतितत्पुरुषनिशावसानरात की समाप्तितत्पुरुषआचारनिपुणआचरण में निपुणतत्पुरुषशास्त्रनिपुणशास्त्रों में निपुणतत्पुरुषआम्रवृक्षआम का पेंड़तत्पुरुषराजपुत्रराजा का पुत्रतत्पुरुषपुत्रलाभपुत्र का लाभतत्पुरुषअध्ययनकुशलअध्ययन में कुशलतत्पुरुषकार्यदक्षकार्य में दक्षतत्पुरुषईश्वरभक्तिईश्वर की भक्तितत्पुरुषयुद्धनिपुणयुद्ध में निपुणतत्पुरुषकार्यकुशलकार्य में कुशलतत्पुरुषभूतपूर्वपहले हुआभूतार्थपहले की बातदिनानुदिनदिन के बाद दिनअव्ययीभावउपकूलअव्ययीभावअव्ययीभावसमक्षअक्षि के सामनेअव्ययीभावनिधड़कबिना घड़क केअव्ययीभावबखूबीखूबी के साथअव्ययीभावबेलागबिना लाग काअव्ययीभावअपादमस्तकपाद (पैर) से मस्तक तकअव्ययीभावप्रत्युपकारउपकार के प्रतिअव्ययीभावबेफायदाबिना फायदे केअव्ययीभावबेखटकेबिना खटके केअव्ययीभावबेरहमबिना रहम केअव्ययीभावपाकिटमारपाकिट मारने वालातत्पुरुष (कर्म)चिड़ीमारचिड़ियों को मारने वालातत्पुरुष (कर्म)गिरहकटगिरह को काटने वालातत्पुरुष (कर्म)मुँहतोड़मुँह को तोड़ने वालातत्पुरुष (कर्म)जलसिक्तजल से सिक्ततत्पुरुष (करण)रसभरारस से भरातत्पुरुष (करण)मदमातामद से मातातत्पुरुष (करण)मेखाच्छन्नमेघ से आछन्नतत्पुरुष (करण)रोगपीड़ितरोग से पीड़िततत्पुरुष (करण)रोगग्रस्तरोग से ग्रस्ततत्पुरुष (करण)मुँहमाँगामुँह से माँगातत्पुरुष (करण)दुःखार्तदुख से आर्ततत्पुरुष (करण)मदान्धमद से अन्धतत्पुरुष (करण)देहचोरदेह से चोरतत्पुरुष (करण)श्रमजीवीश्रम से जीने वालातत्पुरुष (करण)मुँहचोरमुँह से चोरतत्पुरुष (करण)कामचोरकाम से जी चुरानातत्पुरुष (करण)पददलितपद से दलिततत्पुरुष (करण)तुलसीकृततुलसी द्वारा कृततत्पुरुष (करण)दुःखसन्तप्तदुःक से सन्तप्ततत्पुरुष (करण)शोकाकुलशोक से आकुलतत्पुरुष (करण)करुणापूर्णकरुणा से पूर्णतत्पुरुष (करण)शोकार्तशोक से आर्ततत्पुरुष (करण)शोकग्रस्तशोक से ग्रस्ततत्पुरुष (करण)अकालपीड़ितअकाल से पीड़िततत्पुरुष (करण)सरोईघररसोई के लिए घरतत्पुरुष (सम्प्रदान)मार्गव्ययमार्ग के लिए व्ययतत्पुरुष (सम्प्रदान)स्नानघरस्नान के लिए घरतत्पुरुष (सम्प्रदान)डाकमहसूलडाक के लिए महसूलतत्पुरुष (सम्प्रदान)साधुदक्षिणासाधु के लिए दक्षिणातत्पुरुष (सम्प्रदान)पुत्रशोकपुत्र के लिए शोकतत्पुरुष (सम्प्रदान)ब्राह्मणदेयब्राह्मण के लिए देयतत्पुरुष (सम्प्रदान)स्थानभ्रष्टस्थान से भ्रष्टतत्पुरुष (अपादान)मायारिक्तमाया से रिक्ततत्पुरुष (अपादान)शक्तिहीनशक्ति से हीनतत्पुरुष (अपादान)मरणोत्तरमरण के बादतत्पुरुष (अपादान)धर्मच्युतधर्म से च्युततत्पुरुष (अपादान)धर्मविमुखधर्म से विमुखतत्पुरुष (अपादान)व्ययमुक्तव्यय से मुक्ततत्पुरुष (अपादान)जलरिक्तजल से रिक्ततत्पुरुष (अपादान)रामायणराम का अयनतत्पुरुष (सम्बन्ध)त्रिपुरारित्रिपुर का अरितत्पुरुष (सम्बन्ध)रामोपासकराम का उपासकतत्पुरुष (सम्बन्ध)अन्नदानअन्न का दानतत्पुरुष (सम्बन्ध)खरारिखर का अरितत्पुरुष (सम्बन्ध)आनन्दाश्रमआनन्द का आश्रमतत्पुरुष (सम्बन्ध)चन्द्रोदयचन्द्र का उदयतत्पुरुष (सम्बन्ध)देशसेवादेश की सेवातत्पुरुष (सम्बन्ध)हिमालयहिम का आलयतत्पुरुष (सम्बन्ध)पुस्तकालयपुस्तक का आलयतत्पुरुष (सम्बन्ध)राष्ट्रपतिराष्ट्र का पतितत्पुरुष (सम्बन्ध)विद्यासागरविद्या का सागरतत्पुरुष (सम्बन्ध)सभापतिसभा का पतितत्पुरुष (सम्बन्ध)राजदरबारराजा का दरबारतत्पुरुष (सम्बन्ध)अमरसआम का रसतत्पुरुष (सम्बन्ध)गुरुसेवागुरु की सेवातत्पुरुष (सम्बन्ध)मृगछौनामृग का छौनातत्पुरुष (सम्बन्ध)सेनानायकसेना का नायकतत्पुरुष (सम्बन्ध)पुरुषसिंहपुरुषों में सिंहतत्पुरुष (अधिकरण)मुनिश्रेष्ठमुनियों में श्रेष्ठतत्पुरुष (अधिकरण)रणसूररण में सूरतत्पुरुष (अधिकरण)ध्यानमग्नध्यान में मग्नतत्पुरुष (अधिकरण)हरफनमौलाहर फन में मौलातत्पुरुष (अधिकरण)नरोत्तमनरों में उत्तमतत्पुरुष (अधिकरण)दानवीरदान में वीरतत्पुरुष (अधिकरण)सन्मार्गसत् मार्गकर्मधारयनीलोत्पलनील उत्पलकर्मधारयकदन्नकुत्सित अन्नकर्मधारयकापुरुषकुत्सित पुरुषकर्मधारयछुटभैयाछोटे भैयाकर्मधारयनवयुवकनव युवककर्मधारयसदभावनासत् भावनाकर्मधारयवीरबालावीर बालाकर्मधारयमहाकाव्यमहान् काव्यकर्मधारयवायसदम्पतिवायस है जो दम्पतिकर्मधारयकुमारश्रमणासंन्यास ग्रहण की हुई कुमारीकर्मधारयश्यामसुन्दरश्याम जो सुंदर हैंकर्मधारयमदनमनोहरमदन जो मनोहर हैंकर्मधारयजनकखोतिहरजनक खेतिहरकर्मधारयशीतोष्णशीत उष्णकर्मधारयकृताकृतकिया बेकियाकर्मधारयकहनी अनकहनीकहना न कहनाकर्मधारयनीतपीतनीला पीलाकर्मधारयलौहपुरुषलोहो के समान पुरुषकर्मधारयविद्युच्चंचलाविद्युत जैसी चंचलकर्मधारयघनश्यामघन जैसा श्यामकर्मधारयशैलोन्नतशैल के समान उन्नतकर्मधारयकुसमुकोमलकुसुम के समान कोमलकर्मधारयविद्युद्वेगविद्युत के समान वेगकर्मधारयचरण कमलचरण कमल के समानकर्मधारयपदपंकजपंकज के समान पदकर्मधारयअधरपल्लवपल्लव के समान अधरकर्मधारयनररत्नरत्न के समान नरकर्मधारयमुखचन्द्रचन्द्र के समान मुखकर्मधारयमुखचंद्रमुख ही चन्द्ररूपक ककर्मधारयस्त्रीरत्नस्त्री ही रत्नरूपक ककर्मधारयपुत्ररत्नपुत्र ही रत्नरूपक ककर्मधारयभाष्याब्धिभाष्य ही है अब्धिरूपक ककर्मधारयपुरुषरत्नपुरुष ही है रत्नरूपक ककर्मधारयविद्यारत्नविद्या ही है रत्नरूपक ककर्मधारयत्रिकालतीनो कालों का समाहारद्विगुचवन्नीचार आनों का समाहारद्विगुत्रिपादतीन पादों का समाहारद्विगुपसेरीपाँच सेरों का समाहारद्विगुनवग्रहनौ ग्रहों का समाहारद्विगुत्रिगुणतीन गुणों का समाहारद्विगुचतुर्वेदचार वेदों का समाहारद्विगुपंचपात्रपाँच पात्रों का समाहारद्विगुसतसईसात सौ का समाहारद्विगुनवरत्ननौ रत्नों का समाहारद्विगुदुअन्नीदो आनो का समाहारद्विगुत्रिफलातीन फलों का समाहारद्विगुषट् रसछः रसों का समाहारद्विगुदुपहरदूसरा पहरद्विगुशतांशशत अंशद्विगुपँचहत्थड़पाँच हत्थड़ (हैंडेल)द्विगुदुधारीदो धारों वालीद्विगुदुसूतीदो सूतों वालीद्विगुपंचप्रमाणपाँच प्रमाणद्विगुमिठबोलामीठी है बोली जिसकीबहुब्रीहिसहस्त्राननअहस्त्र (1000) हैं आनन जिसकेबहुब्रीहिसहस्त्रकरसहस्त्र हैं कर जिसकेबहुब्रीहिशांतिप्रियशांति है प्रिय जिसकोबहुब्रीहिवज्रायुधवज्र है आयुध जिसकाबहुब्रीहिप्राप्तोदकप्राप्त है उदक जिसकाबहुब्रीहिसतखण्डासात हैं खंड जिसमेंबहुब्रीहिदत्तभोजनदत्त है भोजन जिसेबहुब्रीहिनेकनामनेक है नाम जिसकाबहुब्रीहिवज्रदेहवज्र है देह जिसकीबहुब्रीहिचन्द्रवदनचन्द्र के समान वदन वालीबहुब्रीहिवीणापाणिवीणा है पाणि में जिनकेबहुब्रीहिचन्द्रभालचन्द्र है भाल पर जिसकेबहुब्रीहिशूलपाणिशूल हा पाणि में जिनकेबहुब्रीहिसदेहदेह के साथ है जोबहुब्रीहिसचेतचेतना के साथ है जोबहुब्रीहिसबलबल के साथ है जोबहुब्रीहिसपरिवारपरिवार सहितबहुब्रीहिबाताबातीबातबात से हुई लड़ाईबहुब्रीहिडण्डाडण्डीडण्डे डण्डे से हुई लड़ाईबहुब्रीहिलाठालाठीलाठी लाठी से जो हुई लड़ाईबहुब्रीहिमुक्कामुक्कीमुक्के मुक्के से जो हुई लड़ाईबहुब्रीहिबेरहमनहीं है रहम जिसमेंबहुब्रीहिहरिशंकरहरि और शंकरद्वन्द्वभाईबहनभाई और बहनद्वन्द्वदेशविदेशदेश और विदेशद्वन्द्वदालभातदाल और भातद्वन्द्वधर्माधर्मधर्म या अधर्मद्वन्द्वदेवासुरदेव और असुरद्वन्द्वगौरीशंकरगौरी और शंकरद्वन्द्वलेनदेनलेन और देनद्वन्द्वलाभालाभलाभ या अलाभद्वन्द्वकपड़ा लत्ताकपड़ा लत्ता वगरहद्वन्द्वरुपया पैसारुपया पैसा वगरहद्वन्द्वठण्डा गरमठण्डा या गर्मद्वन्द्वनाक काननाक और कानद्वन्द्वघर द्वारघर द्वार वगरहद्वन्द्वनहाया धोयानहाना धोना आदिद्वन्द्वघर आँगनघर आँगन वगैरहद्वन्द्वशिवपार्वतीशिव और पार्वतीद्वन्द्व

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अव्ययीभाव समास के उदाहरण –

यथार्थ, यथारुचि, यथाशक्ति, यथासम्भव, यथाविधि, यथाशीघ्र, प्रतिदिन, भरपेट, प्रत्यंग, दिनानुदिन, व्यर्थ, यावज्जीवन, अपादमस्तक, आजन्म, आमरण, समक्ष, परोक्ष, प्रत्यंग, प्रत्युपकार, निर्भय, उपकूल, बखूबी, निधड़क, मनमाना, बेकाम, बेलाग, बेफायदा, बेखटके, बेलगाम, बेरहम।

तत्पुरुष समास के उदाहरण –

गगनचुम्बी, रसोईघर, स्नानघर, मनोहर, स्वर्गप्राप्त, प्रेमरिक्त, प्रेमसिक्त, प्रेमोपासक, पापमुक्त, विधानसभा, सभाभवन, राजभवन, राजमाता, राष्ट्रपति, विद्यालय, स्नानगृह, पदच्युत, नराधम, वनवास, बलहीन, श्रमसाध्य, श्रमजीवी, सूर्योदय, गृहकार्य, त्रिपुरारि, शोकग्रस्त, देशभक्ति, लोकहितकारी, लोकोत्तर, पुरुषोत्तम, मदशून्य, माखनचोर, गृहागत, गंगाजल, दण्डपीड़ित, कविश्रेष्ठ, दुःखार्त, गोशाला, मालगोदाम, नरश्रेष्ठ, जलमग्न, सर्वोत्तम, आपबीती, शिक्षालय, देवालय, पथभ्रष्ट, पदभ्रष्ट, ऋणमुक्त, गृहप्रवेश, रणशूर, क्षत्रियाधम, मेघाच्छन्न, रसभरा, रोगग्रस्त, रोगपीड़ित, मुँहमांगा, मदान्ध, दोहचोर, शास्त्रप्रवीण, नगरसेठ, आत्मनिर्भर, आनन्दमय, पतितोद्धार, समाजोद्धार, दूरागत, पृक्षपतित, गुरुसेवा, सेनानायक, राजपुत्र, पुस्तकालय, मृगछौना, राजदरबार, सभापति, विद्यासागर, देशसेवा, पददलित, शोकाकुल, शोकग्रस्त, शोकार्त, तुलसीकृत, अकालपीड़ित, करुणापूर्ण, चन्द्रोदय, अमरस, पुरुषोत्तम, विदेशागत, जन्मरोगी, जलधारा, मार्गव्य, चन्द्रप्रकाश, ईश्वरविमुख, शरणागत, आनन्दमग्न, आत्मनिर्भर, लोकोत्तर, स्थानच्युत, ग्रामगत, कठखोदवा, प्रकाशयुक्त, बाणाहत।

रेखांकित, भावपूर्ण, हस्तलिखित, नेत्रहीन, पददलित, रोगपीड़ित, शोकग्रस्त, जलसिक्त, बालामृत, युद्धभूमि, राहखर्च, गुरुदक्षिणा, हवनसामग्री, शिवार्पण, देशनिकाला, त्रिपुरारि, श्रमदान, वीरकन्या, चरित्रचित्रण, ग्रामोद्धार, पाकिटमार, चिड़ीमार, गिरहकट, मुँहतोड़, शरणागत, शास्त्रप्रवीण, मुनिश्रेष्ठ, हरफनमौला, दानवीर, ध्यानमग्न, सेनानायक, गुरुसेवा, डाकमहसूल, साधुदक्षिणा, पुत्रशोक,  ब्राह्मणदेय, राहखर्च, गोशाला, देवालय, नेत्रहीन, शक्तिहीन, व्ययमुक्त, धर्मविमुख, मरणोपरांत, स्थानच्युत, ईश्वरविमुख, स्थानभ्रष्ट, मायारिक्त, धनहीन, अन्नदान, आनन्दाश्रम, रामायण, रामोपासक।

कर्मधारय समास के उदाहरण –

नीलाम्बर, नीलकमल, नीलोत्पल, नीलाकाश, पीताम्बर, पीतसागर, चरणकमल, घनश्याम, परमेश्वर, नराधम, महर्षि, चरमसीमा, श्वेतपत्र, सन्मार्ग, महात्मा, महापुरुष, महाकाव्य, महौषध, महावीर, सत्संगति, नवयुवक, सद्भावना, छुटभैया, कापुरुष, कदन्न, सज्जन, वीरबाला, कुमारश्रमणा, श्यामसुन्दर, मदनमोहन, नीलपीत, कृताकृत, शीतोष्ण, आम्रवृक्ष, विद्युद्वेग, शैलोन्नत, लौहपुरुष, विद्युच्चंचला, शैलोन्नत, कुसुमकोमल, नररत्न, मुखचन्द्र, नरसिंह, पदपंकज, अधरपल्लव, विद्यारत्न, भाष्याब्धि, मुखचन्द्र, स्त्रीरत्न, पुत्ररत्न।

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द्विगु समास के उदाहरण –

दुअन्नी, दुधारी, दुपहर, त्रिभुवन, त्रिकाल, त्रिफला, त्रिपाद, त्रिगुण, त्रियुगी, चवन्नी, चतुर्वर्ण, चतुर्वेद, चौराहा, पंचवटी, पंचपात्र, पंचरत्न, पसेरी, पंचप्रमाण, षट्कोण, षट्रस, सतसई, शतांश, सप्ताह, अष्टसिद्धि, अष्टपदी, अष्टाध्यायी, नवरत्न, नवग्रह।

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

नीलकण्ठ, दशानन, चतुरानन, लम्बोदर, गजानन, पीताम्बर, चतुर्भुज, दिगम्बर, विश्वामित्र, घनश्याम, वीणापाण, चक्रपाणि, खङ्गपाणि, चन्द्रशेखर, गिरिधर, सहस्त्राक्ष, जलज, त्रिनेत्र, षडानन।

द्वंद्व समास के उदाहरण –

धर्माधर्म, रामलक्ष्मण, सीताराम, राधाकृष्ण, दालरोटी, पापपुण्य, घासकूड़ा, कीड़ेमकौड़े, शिवपार्वती, धनुर्बाण, हरिशंकर, रामकृष्ण, मातापिता, पितरौ, लवकुश, भेड़बकरी, ऊंचनीच, भलाबुरा, रातदिन।

पशु पक्षी में कौन सा समास होता है?

उत्तर: द्वन्द्व समास-जिस समस्त पद में पूर्वपद तथा उत्तरपद दोनों प्रधान होते हैं, उसमें द्वन्द्व समास होता है। (1) पशु-पक्षीपशु और पक्षी। (2) वाद-विवाद – वाद और विवाद।

प्राण पक्षी का समास विग्रह क्या होगा?

Answer. Answer: pashu-pakshee mein samas : 'पशु-पक्षी में द्वन्द्व समास है।

नील गाय में कौन सा समास है?

'नीलगाय' शब्‍द में कर्मधारय समास है। 'नीलगाय' का समास विग्रह होगा 'नीली है गाय जो'। इसमें नीली और गाय शब्द के बीच विशेषण विशेष्य का संबंध है। अतः इसमें 'कर्मधारय समास' है।

गाय कौन सा समास है?

द्वंद्व समासगाय-बैल शब्द में द्वंद्व समास है।