‘समास के भेद व उदाहरण’ शीर्षक के इस लेख में समास की विस्तृत जानकारी संकलित की गई है। जहां एक ओर संधि में दो वर्णों का मेल होता है वहीं समास में दो पदों का मेल होता है। हिंदी भाषा में संधि तत्सम शब्दों में होती है, वहीं समास संस्कृत, उर्दू व हिंदी के हर प्रकार के पदों में होता है। जहां संधि के विभाजन को विच्छेद कहतें हैं, वहीं समास के विभाजन को विग्रह कहा जाता है। Show
समास के प्रकार –प्रयोग की दृष्टि से समास के तीन प्रकार होते हैं – संयोगमूलक समास, वर्णनमूलक समास, आश्रयमूलक समास। वहीं पदों की प्रधानता के आधार पर समास चार प्रकार के होते हैं – पूर्वपद/प्रथमपद प्रधान समास (अव्ययीभाव समास), उत्तरपद प्रधान समास (तत्पुरुष, द्विगु, कर्मधारय), दोनों पद प्रधान समास (द्वंद्व समास), दोनों पद अप्रधान समास (बहुब्रीहि समास)। अव्ययीभाव समासइस समास में /पूर्व पद प्रधान और समास/सामासिक/उत्तर पद अव्यय होता है। अव्ययीभाव समास के उदाहरण –
कर्मधारय समासजिस समास में विशेष्य-विशेषण अथवा उपमेय-उपमान का संबंध होता है, उसे कर्मधारय समास के नाम से जाना जाता है। इसका पूर्व पद विशेषण होता है। परंतु कुछ कर्मधारय समास में पूर्व पद विशेष्य भी होता हैं। कर्मधाय समास के उदाहरण –
द्विगु समासजिस समास का पूर्व/प्रथम पद संख्यावाची हो और उससे समूह का बोध हो रहा हो, द्विगु समास कहलाता है। द्विगु समास के उदाहरण –
द्वंद्व समासइस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों प्रधान होते हैं और इनके अवयव शब्दों के बीच समुच्चबोधक शब्द ‘या‘, ‘और‘ का लोप हो जाता है। उदाहरण –
बहुब्रीहि समासजिस समास में पूर्व पद और सामासिक पद दोनों अप्रधान हों और किसी तीसरे का अर्थबोध हो रहा हो, वहां पर बहुब्रीहि समास होता है। बहुब्रीहि समास के भेद –
तत्पुरुष समासइसमें पूर्व पद गौण होता है और उत्तर पद की प्रधानता होती है। इसमें सामान्यतः प्रथम पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है। तत्पुरुष समास के उदाहरण –
समास के उदाहरण व समास विग्रह – इसे भी पढ़ें शब्द रूप व धातुरूप अव्ययीभाव समास के उदाहरण –यथार्थ, यथारुचि, यथाशक्ति, यथासम्भव, यथाविधि, यथाशीघ्र, प्रतिदिन, भरपेट, प्रत्यंग, दिनानुदिन, व्यर्थ, यावज्जीवन, अपादमस्तक, आजन्म, आमरण, समक्ष, परोक्ष, प्रत्यंग, प्रत्युपकार, निर्भय, उपकूल, बखूबी, निधड़क, मनमाना, बेकाम, बेलाग, बेफायदा, बेखटके, बेलगाम, बेरहम। तत्पुरुष समास के उदाहरण –गगनचुम्बी, रसोईघर, स्नानघर, मनोहर, स्वर्गप्राप्त, प्रेमरिक्त, प्रेमसिक्त, प्रेमोपासक, पापमुक्त, विधानसभा, सभाभवन, राजभवन, राजमाता, राष्ट्रपति, विद्यालय, स्नानगृह, पदच्युत, नराधम, वनवास, बलहीन, श्रमसाध्य, श्रमजीवी, सूर्योदय, गृहकार्य, त्रिपुरारि, शोकग्रस्त, देशभक्ति, लोकहितकारी, लोकोत्तर, पुरुषोत्तम, मदशून्य, माखनचोर, गृहागत, गंगाजल, दण्डपीड़ित, कविश्रेष्ठ, दुःखार्त, गोशाला, मालगोदाम, नरश्रेष्ठ, जलमग्न, सर्वोत्तम, आपबीती, शिक्षालय, देवालय, पथभ्रष्ट, पदभ्रष्ट, ऋणमुक्त, गृहप्रवेश, रणशूर, क्षत्रियाधम, मेघाच्छन्न, रसभरा, रोगग्रस्त, रोगपीड़ित, मुँहमांगा, मदान्ध, दोहचोर, शास्त्रप्रवीण, नगरसेठ, आत्मनिर्भर, आनन्दमय, पतितोद्धार, समाजोद्धार, दूरागत, पृक्षपतित, गुरुसेवा, सेनानायक, राजपुत्र, पुस्तकालय, मृगछौना, राजदरबार, सभापति, विद्यासागर, देशसेवा, पददलित, शोकाकुल, शोकग्रस्त, शोकार्त, तुलसीकृत, अकालपीड़ित, करुणापूर्ण, चन्द्रोदय, अमरस, पुरुषोत्तम, विदेशागत, जन्मरोगी, जलधारा, मार्गव्य, चन्द्रप्रकाश, ईश्वरविमुख, शरणागत, आनन्दमग्न, आत्मनिर्भर, लोकोत्तर, स्थानच्युत, ग्रामगत, कठखोदवा, प्रकाशयुक्त, बाणाहत। रेखांकित, भावपूर्ण, हस्तलिखित, नेत्रहीन, पददलित, रोगपीड़ित, शोकग्रस्त, जलसिक्त, बालामृत, युद्धभूमि, राहखर्च, गुरुदक्षिणा, हवनसामग्री, शिवार्पण, देशनिकाला, त्रिपुरारि, श्रमदान, वीरकन्या, चरित्रचित्रण, ग्रामोद्धार, पाकिटमार, चिड़ीमार, गिरहकट, मुँहतोड़, शरणागत, शास्त्रप्रवीण, मुनिश्रेष्ठ, हरफनमौला, दानवीर, ध्यानमग्न, सेनानायक, गुरुसेवा, डाकमहसूल, साधुदक्षिणा, पुत्रशोक, ब्राह्मणदेय, राहखर्च, गोशाला, देवालय, नेत्रहीन, शक्तिहीन, व्ययमुक्त, धर्मविमुख, मरणोपरांत, स्थानच्युत, ईश्वरविमुख, स्थानभ्रष्ट, मायारिक्त, धनहीन, अन्नदान, आनन्दाश्रम, रामायण, रामोपासक। कर्मधारय समास के उदाहरण –नीलाम्बर, नीलकमल, नीलोत्पल, नीलाकाश, पीताम्बर, पीतसागर, चरणकमल, घनश्याम, परमेश्वर, नराधम, महर्षि, चरमसीमा, श्वेतपत्र, सन्मार्ग, महात्मा, महापुरुष, महाकाव्य, महौषध, महावीर, सत्संगति, नवयुवक, सद्भावना, छुटभैया, कापुरुष, कदन्न, सज्जन, वीरबाला, कुमारश्रमणा, श्यामसुन्दर, मदनमोहन, नीलपीत, कृताकृत, शीतोष्ण, आम्रवृक्ष, विद्युद्वेग, शैलोन्नत, लौहपुरुष, विद्युच्चंचला, शैलोन्नत, कुसुमकोमल, नररत्न, मुखचन्द्र, नरसिंह, पदपंकज, अधरपल्लव, विद्यारत्न, भाष्याब्धि, मुखचन्द्र, स्त्रीरत्न, पुत्ररत्न। इसे भी पढ़ें लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ द्विगु समास के उदाहरण –दुअन्नी, दुधारी, दुपहर, त्रिभुवन, त्रिकाल, त्रिफला, त्रिपाद, त्रिगुण, त्रियुगी, चवन्नी, चतुर्वर्ण, चतुर्वेद, चौराहा, पंचवटी, पंचपात्र, पंचरत्न, पसेरी, पंचप्रमाण, षट्कोण, षट्रस, सतसई, शतांश, सप्ताह, अष्टसिद्धि, अष्टपदी, अष्टाध्यायी, नवरत्न, नवग्रह। बहुब्रीहि समास के उदाहरण –नीलकण्ठ, दशानन, चतुरानन, लम्बोदर, गजानन, पीताम्बर, चतुर्भुज, दिगम्बर, विश्वामित्र, घनश्याम, वीणापाण, चक्रपाणि, खङ्गपाणि, चन्द्रशेखर, गिरिधर, सहस्त्राक्ष, जलज, त्रिनेत्र, षडानन। द्वंद्व समास के उदाहरण –धर्माधर्म, रामलक्ष्मण, सीताराम, राधाकृष्ण, दालरोटी, पापपुण्य, घासकूड़ा, कीड़ेमकौड़े, शिवपार्वती, धनुर्बाण, हरिशंकर, रामकृष्ण, मातापिता, पितरौ, लवकुश, भेड़बकरी, ऊंचनीच, भलाबुरा, रातदिन। पशु पक्षी में कौन सा समास होता है?उत्तर: द्वन्द्व समास-जिस समस्त पद में पूर्वपद तथा उत्तरपद दोनों प्रधान होते हैं, उसमें द्वन्द्व समास होता है। (1) पशु-पक्षी – पशु और पक्षी। (2) वाद-विवाद – वाद और विवाद।
प्राण पक्षी का समास विग्रह क्या होगा?Answer. Answer: pashu-pakshee mein samas : 'पशु-पक्षी में द्वन्द्व समास है।
नील गाय में कौन सा समास है?'नीलगाय' शब्द में कर्मधारय समास है। 'नीलगाय' का समास विग्रह होगा 'नीली है गाय जो'। इसमें नीली और गाय शब्द के बीच विशेषण विशेष्य का संबंध है। अतः इसमें 'कर्मधारय समास' है।
गाय कौन सा समास है?द्वंद्व समास – गाय-बैल शब्द में द्वंद्व समास है।
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