संधि में वर्णों को तोड़ने की क्रिया को ‘विच्छेद’ कहते हैं और समास में पदों के तोड़ने की क्रिया को ‘विग्रह’ कहते हैं। Show
समस्तपद —दो या दो से अधिक मिले हुए पदों को समस्तपद कहते हैं। समासविग्रह – दो या दो से अधिक मिले हुए पदों को पृथक् करना समास-विग्रह कहा जाता है।
समास के कितने भेद हैं ?समास निम्नलिखित छः प्रकार के होते हैं –
द्वंद्व समास किसे कहते है उदाहरण सहित लिखें1. द्वंद्व समास
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वंद्व समास कहते हैं। इस समास के विग्रह में बीच में और, तथा; अथवा, या आदि योजक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। यथा – समस्तपद – माता-पिता, विग्रह-माता और पिता आदि। समस्तपद विग्रहराम-लक्ष्मण राम और लक्ष्मणनमक-मिर्च नमक और मिर्चकृष्ण-बलरामकृष्ण और बलरामनर-नारी नर और नारीदाल-रोटी दाल और रोटीघी-शक्कर घी और शक्करगुण-दोष गुण और दोषऊँचा-नीचा ऊँचा और नीचाभला-बुरा भला और बुराघर-द्वार घर और द्वारछोटा-बड़ा छोटा और बड़ारोटी-कपड़ा रोटी और कपड़ारात-दिन रात और दिननिशि-वासर निशि और वासरमाँ-बापमाँ और बापभीमार्जुनभीम और अर्जुनराजा-रंक राजा और रंकराधा-कृष्णराधा और कृष्णसुख-दुःखः सुख और दुःखवेद-पुराण वेद और पराणद्विगु समास किसे कहते हैं?2. द्विगु समासजिस समस्तपद में पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो अथवा जो किसी समुदाय की सूचना देता हो, वह द्विगु समास कहलाता है। जैसे – समस्तपद विग्रहपंचवटी पाँच वटों का समूहत्रिलोक तीन लोकों का समूहचौराहा चार राहों का समाहारअष्टाध्यायी अष्ट (आठ) अध्यायों का समाहारचतुर्वर्ण चतुः (चार) वर्गों का समूहपंचतत्त्वपाँच तत्त्वों का समूहनवग्रह नौ ग्रहों का समाहारचवन्नीचार आनों का समूहअठन्नीआठ आनों का समूहदुअन्नी दो आनों का समूहत्रिवेणी तीन वेणियों का समाहारचौमासा चार मासों का समाहारसप्तर्षि सात (सप्त) ऋषियों का समूहत्रिफलात्रि (तीन) फलों कासमूह शत (सौ) अब्दों (वर्षों) का समूहत्रिभुवन तीन (त्रि) भुवनों का समूहसप्ताह सप्त (सात) अहः (दिनों) का समूहपंचमढ़ी पाँच मढ़ियों का समूहचौपाया चार पायों वालातिपहिया तीन पहियों वाली
कर्मधारय समास किसे कहते हैं ?3. कर्मधारय समासजिस समस्तपद के खण्ड विशेष्य-विशेषण अथवा उपमान उपमेय होते हैं, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। यथा – तत्पुरुष समास किसे कहते हैं उदाहरण4. तत्पुरुष समासजिस समस्तपद में दूसरा पद प्रधान हो और प्रथम पद के कारक-चिह्न का लोप हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। यथा – तत्पुरुष समस्तपदविग्रहराजकन्याराजा की कन्याजलमग्न जल में मग्नवातपीत वात से पीत
विभक्तियों के अनुसार तत्पुरुष समास के निम्नलिखित छः भेद हैं(क) कर्म तत्पुरुष (क) कर्म तत्पुरुष – इसमें कर्म कारक के विभक्ति-चिह्न ‘को’ का लोप होता है। यथा – (ख) करण तत्पुरुष – इसमें करण कारक के विभक्ति-चिह्न ‘से’ अथवा ‘द्वारा’ का लोप होता है। यथा – (ग) सम्प्रदान तत्पुरुष – इसमें सम्प्रदान कारक की विभक्ति ‘के लिए’ का लोप होता है। यथा – (घ) अपादान तत्पुरुष – इसमें अपादान कारक के विभक्ति-चिह्न ‘से’ लोप होता है । यथा – (ङ) संबंध तत्पुरुष – इसमें संबंध कारक के विभक्ति-चिह्न ‘का’, ‘की’ ‘के’ का लोप होता है। यथा – (च) अधिकरण तत्पुरुष – इसमें अधिकरण कारक के विभक्ति-चिह्न ‘में’ तथा ‘पर’ का लोप होता है। यथा – तत्पुरुष समास के कुछ अन्य भेद –
(संस्कृत के शब्दों के अतिरिक्त हिन्दी एवं उर्दू में भी निषेधार्थ में शब्द से पूर्व ‘अ’, ‘अन’, ‘अन्’ तथा ‘ना’, ‘गैर’ लगाकर बनाए गए शब्द (पद) नञ् तत्पुरुष
(ख) अलुक् तत्पुरुष समास – जिस तत्पुरुष समास में प्रथम पद का विभक्ति का लाप नहीं होता, उसे अलुक् तत्पुरुष समास कहा जाता है। यथा – अलुक् तत्पुरुष शब्द विग्रहयुधिष्ठिर युधि (युद्ध में) स्थिर (टिकने वाला)मृत्युंजय मृत्युम् + जय (मृत्यु को जीतने वाला)खेचर खे + चर (आकाश में विचरण करने वाला)सरसिज सरसि + ज (तालाब में पैदा होने वाला)मनसिज मनसि + ज (मन में उत्पन्न होने वाला)
(ग) उपपद तत्परुष – जिस समास में कोई उपपद हो तथा बाद म कृदन्त पद हो, उसे ‘उपपद तत्पुरुष’ कहते हैं। समस्तपद विग्रहजलज जल में उत्पन्न (कमल)मनोज मन में उत्पन्न (कामदेव)कुंभकार कुंभ बनानेवालापंकजपंक (कीचड़) में उत्पन्नअव्ययीभाव समास किसे कहते हैं उदाहरण सहित5. अव्ययीभाव समासजिस समास में प्रथम (पूर्व) पद अव्यय हो और जो उत्तरपद के साथ जुड़कर पूरे पद को अव्यय बना दे, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। यथा- अव्ययीभाव समस्तपद विग्रहआमरणमरणपर्यंतआजन्म जन्मपर्यंतप्रतिदिन दिन-दिनबीचोबीच बिल्कुल बीच मेंसाफ-साफ बिल्कुल साफयथासमय समय के अनुसारयथा-शक्तिशक्ति के अनुसारयथासंख्या संख्या के अनुसारआजीवन जीवनपर्यंतयथाविधि विधि के अनुसाररातोंरात रात-ही-रात मेंप्रत्येक एक-एकघर-घर प्रत्येक घरभरपेट पेट भरकरआसमद्रसमद्रपर्यंतबेखौफ बिना डर केबाकायदा कायदे के अनुसारहाथोहाथ हाथ-ही-हाथ
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31 में कौन सा समास है?(31) इक़टीस में संख्यावाचक द्विगु समास है!
29 में कौन सा समास है?29 (उन्तीस) एक संख्या है और यह संख्या का बोध कराता है इसके लिए 29 में द्विगु समास है।
55 में कौन सा समास होता है?द्वन्द समास
जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय और', 'अथवा', 'या', 'एवं' आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
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