खजुराहो की मूर्तियां क्यों बनाई गई? - khajuraaho kee moortiyaan kyon banaee gaee?

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जानिए क्यों खजुराहो की बाहरी दीवारों पर ही मौजूद हैं ऐसी कामुक मूर्तियां

Tamanna, Jul 27, 2017, 17:19 IST 67K

आध्यात्मिक डायरी में जोड़ें।

खजुराहो की मूर्तियां क्यों बनाई गई? - khajuraaho kee moortiyaan kyon banaee gaee?

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खजुराहो का मंदिर

खजुराहो के मंदिर अपनी अलग ही खासियत की वजह से दुनियाभर में अपनी पहचान स्थापित किए हुए हैं। जहां एक ओर हिन्दू धर्म से संबंधित अन्य मंदिर अपने आध्यात्मिक और चमत्कारी इतिहास की वजह से जाने जाते हैं वहीं खजुराहो या मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी लोकप्रियता का कारण उसकी नग्न और कामुक मूर्तियां हैं।

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आध्यात्मिक रिश्ता

हैरानी की बात तो यह है कि यह मूर्तियां केवल मंदिर की बाहरी दीवारों पर ही उकेरी गई हैं। लेकिन ऐसा क्यों? मंदिर की दीवारों पर ऐसी कामुक मूर्तियों को उकेरने के पीछे क्या उद्देश्य हो सकता है? क्या इसका भी कोई आध्यात्मिक रिश्ता है या फिर ये मात्र कला ही है?

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कामुक

कुछ लोग इन मूर्तियों को पूर्णत: आध्यात्मिक करार देते हैं तो कुछ इसे बेहद कामुक करार देकर इस बात पर जोर देते हैं इन्हें ढक देना चाहिए। लेकिन स्पष्ट तौर पर ऐसी नग्न मूर्तियों को मंदिर की बाहरी दीवारों के ऊपर उकेरे जाने के कारण के पीछे 4 मान्यताएं हैं जिन्हें बेहद प्रभावी मानकर स्वीकार किया गया है।

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भोग विलास थी वजह

सबसे पहली मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि जिस काल में खजुराहो के मंदिर का निर्माण हुआ था उस काल में जितने भी राजा-महाराजा थे वे सभी भिग विलास का जीवन हे व्यतीत करते थे, उनकेभीतर काफी उत्तेजना थी। इस वजह से खजुराहो के मंदिर के बाहर भी ऐसी ही उत्तेजित मूर्तियां बनाई गई हैं।

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दूसरी मान्यता

दूसरी मान्यता यह कहती है कि प्राचीन काल में “सेक्स” संबंधी क शिक्षा देने का कोई सार्वजनिक माध्यम नहीं था। आज तो हमारे सामने इंटरनेट और टेलिविजन जैसी सुविधाएं हैं लेकिन पहले ऐसी कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी, इसलिए यह केवल सेक्स की शिक्षा देने के लिए बनाई गई मूर्तियां हैं।

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सेक्स ही सही शिक्षा

प्राचीन काल में मंदिर ही एक मात्र ऐसा स्थान था जहां सभी लोग जाते थे, इसलिए यह लोगों तक सेक्स ही सही शिक्षा पहुंचाने का माध्यम बन सकता था।

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तीसरी मान्यता

तीसरी मान्यता यह कहती है कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए मनुष्य को चारों मार्गों को पार करना होता है जिनमें धर्म, अर्थ, काम और योग शामिल है। यही वजह है कि काम की सही शिक्षा प्रदान करने के लिए खजुराहो के मंदिर के बाहर ऐसी कामुक मूर्तियां उकेरी गई हैं। ताकि मनुष्य कोक्ष प्राप्त करने के मार्ग पर और आगे बढ़ सके।

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चौथी और आखिरी मान्यता

चौथी और आखिरी मान्यता यह कहती है कि जब खजुराहो के मंदिरों का निर्माण हुआ था तब बौद्ध धर्म अपने चरम था, उसका प्रचार-प्रसार बहुत तेजी से किया जा रहा था। ऐसी स्थिति में हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए इस मंदिर के बाहर कामुक मूर्तियों को उकेरा गया।

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हिन्दू धर्म के प्रति आकर्षण

चंदेल शासकों का यह मानना था कि सेक्स एक ऐसा विषय है जिसके प्रति सबसे ज्यादा आकर्षण रहता है, इसे मंदिर से जोड़ने का अर्थ यही था कि लोग मंदिर यानि हिन्दू धर्म के प्रति आकर्षित रहें।

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  • खजुराहो मंदिर की 'कामुक मूर्तियों' का ये है रहस्य, इन 4 मान्यताओं में छिपा है राज

खजुराहो की मूर्तियां क्यों बनाई गई? - khajuraaho kee moortiyaan kyon banaee gaee?

भारत का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश प्रांत अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां का खजुराहो मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।

भोपाल. खजुराहो में 1 और 2 सितंबर को ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हो रहा है जिसमें ब्राजील, चीन, रूस, साउथ अफ्रीका जैसे देश शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर dainikbhaskar.com आपको बता रहा है खजुराहो की कामुक प्रतिमाओं के बारे में जिसके लिए ये सारी दुनिया में फेमस है। ये प्रतिमाएं क्यों बनाई गई और इसके बारे में क्या मान्यता हैं...

-भारत का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां का खजुराहो मंदिर विश्व प्रसिद्ध है।

-इसकी विश्व प्रसिद्धि का कारण मंदिर के बाहर बनी नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां हैं।
-मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो मंदिरों के बाहर बनी इन आकृतियों को काम साहित्य का नाम दिया गया है।

पवित्र मन से देखा जा सकता है

-खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ई.से 1050 ई.के बीच हुआ है।
-इन मंदिरों में मूर्तियों का निर्माण इतनी बेहतरी से किया गया है कि इसे देखने के बाद किसी के मन में बुरा ख्याल नहीं आता,क्योंकि सभी मूर्तियों की खूबसूरती में खो जाते हैं।
-ये मूर्तियां प्राचीन सभ्यता की विशेषता बताने के लिए काफी हैं।

-हालांकि कई बार मन में यह प्रश्न उठता है कि आखिर मंदिर के बाहर इस तरह की मूर्तियां बनाने के पीछे राज क्या हो सकता है।
-इस बारे में एक राय नहीं मिलता। अलग-अलग विश्लेषकों ने अलग-अलग राय दी है। मुख्य रूप से चार कारण सामने आते हैं, जो इस प्रकार हैं।

पहली मान्यता

-कुछ विश्लेषकों का यह मानना है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा भोग-विलासिता में अधिक लिप्त रहते थे।
-वे काफी उत्तेजित रहते थे। इसी कारण खजुराहो मंदिर के बाहर नग्न एवं संभोग की मुद्रा में विभिन्न मूर्तियां बनाई गई हैं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें, खजुराहो की कामुक प्रतिमाओं की मान्यता के बारे में...

खजुराहो का मंदिर क्यों बनाया गया?

पहला कारण : खजुराहो के मंदिरों के बनाने के अलग-अलग कारण बताए जाते हैं। एक मत है कि ये मूर्तियां यहां अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष के सिद्धांत का हिस्सा हैं। इस विषय में यह भी कहा जाता है कि ये प्रतिमाएं भक्तों के संयम की परीक्षा का माध्यम हैं। मोक्ष के कई मार्गों में से एक है काम।

खजुराहो का मंदिर किसने और क्यों बनवाया?

कंदरिया महादेव मंदिर इस विशाल मंदिर का निर्माण महान चन्देल राजा विद्याधर ने महमूद गजनवी पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में किया था। लगभग 1050 ईसवीं में इस मंदिर को बनवाया गया। यह एक शैव मंदिर है। तांत्रिक समुदाय को प्रसन्न करने के लिए इसका निर्माण किया गया था।

खजुराहो में किसकी मूर्ति है?

खजुराहो एक विश्व धरोहर स्थल है। देवी जगदंबिका मंदिर, उत्तर में एक समूह में, जो कई कामुक नक्काशी के साथ खजुराहो में सबसे अधिक सजाए गए मंदिरों में से एक है। नक्काशी के तीन बैंड मंदिर के शरीर को घेरते हैं। गर्भगृह में देवी की एक विशाल प्रतिमा है।

खजुराहो का मतलब क्या होता है?

[सं-पु.] - मध्यप्रदेश का एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थान। उक्त नगर में चंदेलों ने एक भव्य मंदिर स्थापित किया था जो अपनी सुंदरता और भित्तिचित्र के लिए विश्व प्रसिद्ध है।