आज पूरी दुनिया में एंटी ड्रग डे सेलिब्रेट किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस दिवस की स्थापना साल 1987 में हुई थी. हालांकि इतने प्रयासों बावजूद देश दुनिया में अभी भी लोग नशे की लत के शिकार हो रहे हैं. यदि आपके आस-पास भी ऐसे लोग हैं तो उन्हें इस लत से बाहर निकालने में आप उनकी मदद कर सकते हैं. Show कैसे छुड़ाएं लत?- नशा छोड़ने के लिए सबसे पहले अपने मन पर काबू करना जरूरी है. अगर इंसान ठान ले तो नशे की लत छोड़ना मुश्किल नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर किन चीजों का सहारा लेकर आप नशे के कैद से आजाद हो सकते हैं लोगों से मेलजोल बढ़ाएं- नशा छोड़ने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने ध्यान को स्थिर रखें. इस दौरान लोगों से मेलजोल बढ़ाएं ताकि आपके दिमाग में नशे से जुड़े ख्याल ही न आएं. साथ ही सुबह के वक्त मेडिटेशन या वर्कआउट करना शुरू कर दें. इससे आप खुद-ब-खुद अपने स्वास्थ की देखभाल करने लगेंगे. काउंसिलर की मदद लें- नशा से मुक्त होने के लिए किसी डॉक्टर या काउंसिलर की मदद लेना भी सही होगा. इनके गाइडेंस में आपको नशे से छुटकारा पाने में काफी मदद मिलेगी. दूसरे विकल्प खोजें- नशे के सब्सिट्यूट ढूंढकर भी आप इसकी गिरफ्त से बाहर निकल सकते हैं. गुटखा या तंबाकू की जगह आप इलायची या सौंफ की आदत डाल सकते हैं. वहीं सिगरेट का सेवन करने वाले हर्बल सिगरेट का इस्तेमाल कर यह बुरी लत छोड़ सकते हैं. होम्योपेथी की दवाएं- होम्योपेथी में नशे की लत छुड़वाने वाली कई खास दवाइयां हैं. इन दवाइयों का कोई साइइफेक्ट नहीं होता, लेकिन इनका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की राय जरूर ले लें. धीरे-धीरे छोड़ें कोई भी नशा- शराब या सिगरेट की लत छोड़ने के लिए पहले उसके सेवन को कम करना जरूरी है. अगर आप किसी भी तरह के नशे से मुक्त होना चाहते हैं तो दिन के हिसाब से उनका सेवन कम करते जाइए. एकदम नशा छोड़ना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं? खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? भांग छोड़ने के बाद के लक्षण – भांग छोड़ने के उपाय – भांग का नशा इतना खतरनाक नशा माना जाता है की एक बार अगर किसी व्यक्ति को भांग खाने की लत लग जाती हैं. तो वह जल्दी नही छुटती हैं. यह नशा बड़ा ही भयानक नशा माना जाता हैं. कई बार तो अधिक भांग खाने से और अधिक समय तक भांग लेने से व्यक्ति की मौत भी हो जाती हैं. ऐसा माना जाता है की भांग खाने के बाद व्यक्ति को होश नही रहता हैं. और एक ही काम बार बार करता रहता हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भांग छोड़ने के बाद के लक्षण बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. भांग छोड़ने के बाद के लक्षणभांग छोड़ने के बाद के लक्षण हमने नीचे बताए हैं.
अजवाइन कब खाना चाहिए / अजवाइन खाने का तरीका भांग छोड़ने के उपायभांग छोड़ने के कुछ उपाय हमने नीचे बताए हैं.
हाथ के नाख़ून पर सफ़ेद निशान का मतलब होता है निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भांग छोड़ने के बाद के लक्षण बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भांग छोड़ने के बाद के लक्षण – भांग छोड़ने के उपाय आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद अचानक नशा छोड़ने से क्या होता है?अचानक शराब छोड़ने पर होगा ये असर
इसके अलावा आपको थकान, एंग्जाइटी, घबराहट, कंपकंपी, चिड़चिड़ापन, इमोशनल होना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, सिर दर्द, पसीना आना, नींदा न आना, भूख कम लगना, हार्ट बीट तेज होना और फोकस न कर पाने की स्थिति पैदा हो सकती है.
नशा छोड़ने में कितने दिन लगते हैं?नशा छुड़ाने के लिए मरीज का अफीम मुक्ति केंद्र में एक साल तक इलाज चलता है। हर रोज मरीज को दवा खानी पड़ती है। शुरुआत में मरीज को नशे की तलब मिटाने के लिए 13 टेबलेट खानी पड़ती हैं। धीरे-धीरे यह डोज कम कर दी जाती हैं।
नशा करने से दिमाग पर क्या असर होता है?मस्तिष्क पर ड्रग्स का असर
ड्रग्स, दिमाग में मौजूद न्यूरॉन्स के काम में बाधा डालना शुरू कर देती है। ये न्यूरॉन्स पूरे शरीर को सन्देश भेजने, सन्देश लेने और सिग्नल्स को प्रोसेस करने के काम काज को संतुलित करती हैं।
ज्यादा नशा करने से क्या होता है?लिवर में खराबी होने की वजह से पीलिया भी हो सकता है. धूम्रपान के कारण नशा करने वाले व्यक्ति को फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम रहता है. धूम्रपान से व्यक्ति को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा उनके फेफड़े धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
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