निम्न में कौन आर्थिक क्रिया का चक्रीय प्रवाह है? - nimn mein kaun aarthik kriya ka chakreey pravaah hai?

समष्टि  अर्थशास्त्र ​- एक परिचय

आय का चक्रीय प्रवाह 

अति लधु महत्वपूर्ण उत्तरीय प्रश्न

प्र01. 1936 में प्रकाशित कीन्स के पुस्तक या ग्रन्थ का क्या नाम है ?
उ0 "The General Theory of Employment, Interest and Money.
प्र02. आर्थिक विश्लेषण की दो विधियों कौन सी है ?
उ0 व्यष्टि और समष्टि।
प्र03. एक अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रक क्या है ?
उ0 1. धरेलू क्षेत्रक  2. विदेशी क्षेत्रक  3. सरकारी क्षेत्रक
प्र04. भारत में कौन सी अर्थव्यवस्था है ?
उ0 मिश्रित
प्र05. प्रवाह किसे कहते है ?
उ0 वे आर्थिक चक्र जिनका सम्बन्ध एक समय काल से होता है उसे प्रवाह कहते है।
प्र06.  पँजीवाद स्टाॅक किसे कहते है ?
उ0 एक लेखा वर्ष के अन्त में उत्पादकों के पास टिकाऊ और गैर-टिकाऊ वस्तुओं का स्टाॅक पँूजीगत स्टाॅक कहलाता है। जैसे फल, केला, दूध आदि। 
प्र07. आय का चक्रीय या वास्तविक प्रवाह किसे कहते ?
उ0 परिवार फर्मों को सेवाएं प्रदान करते है और फर्मों परिवारों को वस्तुएँ प्रदान करती है। जिनका प्रवाह निरन्तर चलता रहता है। इसी को ही आय का चक्रीय या वास्तविक प्रवाह कहते है। जो कभी समाप्त नहीं होता है।
प्र08. व्यष्टि तथा समष्टि शब्द का प्रयोग अर्थशास्त्र में सर्वप्रथम किसने किया था ?
उ0 रैगनर फ्रिश ने
प्र09. समष्टि अर्थशास्त्र का जनक किसे कहा जाता है ?
उ0 प्रौ0 किन्स
प्र010. एक अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्र क्या है ?
उ0 1. धरेलू क्षेत्रक 2. सरकारी क्षेत्रक 3. विदेशी क्षेत्रक
प्र011. बचत किसे कहते है ?
उ0 आय का वह भाग जो उपभोग पर व्यय नहीं किया जाता, बचत कहलाता है
प्र012. विश्वव्यापी मन्दी की अवधि क्या थी ?
उ0 1929-33

लधु तथा विस्तृत ​महत्वपूर्ण उत्तरीय प्रश्न

प्र01. समष्टि अर्थशास्त्र  से आप क्या समझते हो ?​
उ0 समष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र का वह भाग होता है जिसका सम्बन्ध बड़े समूहो जैसे कुल माँग, कुल आय, कुल रोजगार, बचत आदि से होता है।
प्र02 समष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ एवं महत्व बताईये।
समष्टि अर्थशास्त्र में आर्थिक व्यवस्था का सम्पूर्ण रूप में अध्ययन किया जाता है। इसमें हम राष्ट्रीय आय, कुल आय, कुल उत्पादन, कुल रोजगार, कुल बचत, कुल माँग, कुल पूर्ति, सामान्य मूल्य आदि का अध्ययन समूहों या योगों में करता है।

समस्टि अर्थशास्त्र का महत्त्व

समस्टि अर्थशास्त्र का अध्ययन सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को समझने के लिए बहुत उपयोगी हैं।
यह सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के कार्य प्रणाली को समझने में सहायक है।
यह व्यष्टि अर्थशास्त्र के विकास में सहायक है।
यह किसी भी देश की आर्थिक नीतियों क निमार्ण में सहायक है।
यह भौतिक कल्याण व आर्थिक प्रगति के निमार्ण में सहायक है।
यह मुद्रा के मूल्य के निर्धारण में सहायक है।
यह विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक प्रगति की तुलना करने में सहायक है।
प्र03. पँजीवाद किसे कहते है ? इसकी महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ क्या है ?
परिभाषा 
पँजीवाद का अर्थ एक ऐसे आर्थिक संगठन से है, जिसमें उत्पादन के साधनों पर व्यक्ति का निजी अधिकार होता है तथा वह उत्पादन के साधनों का प्रयोग लाभ कमाने के लिए करता है।

पँजीवाद की विशेषताएँ 

1. पँजीवाद अर्थव्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति को सम्पत्ति तथा उत्तराधिकार रखने का अधिकार होता है।
2. पँजीवाद अर्थव्यवस्था में प्रत्येक उत्पादक का लक्ष्य लाभ कमाना होता है।
3. इसमें केन्द्रीय आर्थिक योजना का अभाव होता है।
4. यह अर्थवयवस्था कीमत यन्त्र द्वारा स्वय नियंत्रण होती है।
5. उत्पादक और उपभोक्ता दोनों पूर्णरूप से स्वतन्त्र होते है।
6. पँजीवाद अर्थव्यवस्था में वर्ग-संधर्ष, धनी तथा निर्धन के बीच होता रहता है। 
7. पँजीवाद अर्थव्यवस्था में सरकार लोगों की आर्थिक क्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करती है।
8. सामाजिक व  आर्थिक असमानताएँ अधिक होती है।

प्र04. व्यष्टि तथा स्माष्टि अर्थशास्त्र में क्या अन्तर है।

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प्र05. ​आय का चक्रीय​ वास्तविक प्रवाह किसे कहते है ?
उ0 ​परिवार फर्मों को सेवाएं प्रदान करते है और फर्मों परिवारों को वस्तुएँ प्रदान करती है। जिनका प्रवाह निरन्तर चलता रहता है। इसी को ही आय का चक्रीय या वास्तविक प्रवाह कहते है। जो कभी समाप्त नहीं होता है।

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प्र06. ​मौद्रिक प्रवाह किसे कहते है ?
उ0 - ​एक मौद्रिक अर्थव्यवस्था में, परिवारों  एवं व्यावसायिक फर्मों के बीच मुद्रा द्वारा लेन-देन होता है। उसे मौद्रिक प्रवाह कहते है। परिवार के द्वारा आर्थिक संसाधनों जैसे भूमि, श्रम, पँूजी, साहस आदि की आपूर्ति व्यावसायिक फर्मों  को की जाती है। एक व्यावसायिक फर्में उत्पादन के विभिन्न साधनों के सहयोग से ही विभिन्न वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन करती है। इन वस्तुओं तथा सेवाओं की माँग परिवार क्षेत्र द्वारा की जाती है। परिवार क्षेत्र इन वस्तुओं व सेवाओं का क्रय अपनी मौद्रिक आय से करते है।

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​प्र07 पँजीवाद, समाजवाद तथा मिश्रित अर्थव्यवस्था में क्या अन्तर है ?

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प्र08.आय के विभिन्न चक्रीय प्रवाह माॅडलों का सचित्र वर्णन किजिये
1. आय के चक्रीय प्रवाह का द्विक्षेत्रीय माॅडल
2. आय के चक्रीय प्रवाह का तीन क्षेत्रीय माॅडल
3. आय के चक्रीय प्रवाह का चार क्षेत्रीय माॅडल
1. आय के चक्रीय प्रवाह का द्विक्षेत्रीय माॅडल - आय के चक्रीय प्रवाह का दो क्षेत्रीय माॅडल में अर्थव्यवस्था में केवल दो क्षेत्रों परिवार तथा र्फाम के बीच होने वाले चक्रीय प्रवाहों या मौद्रिक प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।
इसमें केवल दो क्षेत्र होते है।
परिवार उत्पादन के क्षेत्र(फार्म) को अपनी सेवाऐं प्रदान करता है और उत्पादक क्षेत्र द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं का उपभोग करता है।
उत्पादक क्षेत्र वस्तुओं एवं सेवाओं को उत्पन्न करता है। यह क्षेत्र उत्पादन के साधनों को प्रतिफल देता है।
इसका प्रयोग एक बंद अर्थव्यवस्था में होता है। सरकार का आर्थिक क्रियाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

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2. आय के चक्रीय प्रवाह का तीन क्षेत्रीय माॅडल - ​आय के चक्रीय प्रवाह का तीन क्षेत्रीय माॅडल में तीन क्षेत्र होते है। परिवार, फर्म और सरकार इस माॅडल में सरकार के क्रियाकलाप भी आय के प्रवाह को प्रभावित करते है। सरकार के क्रियाकलापों को दो भागों में बाँटा जा सकता है।
सरकारी राजस्व-इसमें सरकार विभिन्न स्रोतों से आय प्राप्त करती है। जैसे करों, सरकारी उपक्रप आदि।
सरकारी व्यय-इसमें सरकार करों से प्राप्त आय को विभिन्न प्रकार से व्यय करती है जैसे सरकारी प्रशायन व्यय, वेतन तथा भत्ते, पेंशन, फर्मों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का क्रय, वृद्धावस्था तथा विकलांग पेंशन, बेरोजागरी भत्ता, अनुदान या आर्थिक सहायता आदि।

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3. आय के चक्रीय प्रवाह का चार क्षेत्रीय माॅडल - में चार क्षेत्र होते है। परिवार तथा व्यावसायिक फर्में, सरकार, शेष विश्व क्षेत्र और पूँजी बाजा़र। यह क्षेत्रीय माॅडल खुली अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। इसमें विदेशी क्षेत्र या शेष विश्व क्षेत्र को भी सम्मिलित किया जाता है। इसमें पुरे विश्व के साथ वस्तुओं का आयात तथा निर्यात होता है। इसमें एक अर्थव्यवस्था का शेष विश्व की और मुद्रा का प्रवाह होता है।

शेष विश्व क्षेत्र के समावेश होने पर आयात व निर्यात का भी आय के चक्रीय प्रवाह पर प्रभाव पड़ता है।
चार क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के चक्रीय प्रवाह में संतुलन की र्शत इस प्रकार है। 
Y = C+I+G+(X-M)

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​ASSESSMENT (मूल्यांकन)

सभी प्रश्न करना अनिवार्य है। प्रश्न  बहुविकल्पीय प्रकार के होगें।

कौन आर्थिक क्रिया का चक्रीय प्रवाह है?

करेगी जो उत्पादक वर्ग और परिवार क्षेत्र को प्राप्त होगी लेकिन पुन: सरकार को प्रत्यक्ष और परोक्ष कर के रूप में वापस सरकार प्रवाहित हो जाएगी | इस प्रकार किसी अर्थव्यवस्था में आय का यह प्रवाह चलता रहता है जो अर्थव्यवस्था में आय का चक्रीय प्रवाह कहलाता है।

चक्रीय प्रवाह कितने प्रकार के होते हैं?

इसमें केवल दो क्षेत्र होते है। साधन भुगतान लगान, मजदूरी, ब्याज, लाभ परिवार Page 12 2. आय के चक्रीय प्रवाह का तीन क्षेत्रीय मॉडल आय के चक्रीय प्रवाह का तीन क्षेत्रीय मॉडल में तीन क्षेत्र होते है। परिवार, फर्म और सरकार इस मॉडल में सरकार के क्रियाकलाप भी आय के प्रवाह को प्रभावित करते है।

चक्रीय प्रवाह में क्या शामिल किया जाता है?

2.2 चक्रीय प्रवाह की अवधारणा चक्रीय प्रवाह की अवधारणा एक आर्थिक इकाई से दूसरी आर्थिक इकाई के बीच वास्तविक लेन-देन या मौद्रिक लेन-देन से संबंधित है। यह प्रवाह एक तरफा नहीं है बल्कि दो तरफा है । इसलिए इसे चक्रीय प्रवाह कहा जाता है

निम्न में से कौन सा आर्थिक क्रिया का उदाहरण है?

किसान द्वारा खेती करना, श्रमिक द्वारा उद्योगों में सेवा देना, अध्यापक द्वारा कक्षा में पढ़ाना, कर्मचारी द्वारा कार्यालय में कार्य करना आदि सभी क्रियाएं आर्थिक है, जिन्हें जीविकोपार्जन के उद्देश्य से सम्पादित किया जाता है।