Bharat mein internet patrakarita ka pahla daur kab shuru hua: आजके समय में हम सब भी बहुत सी जानकारी इंटरनेट से प्राप्त करते है अगर आंकड़ों की बात करे तो आज हर व्यक्ति इंटरनेट पर ही निर्भर है चाहे वो जानकारी के लिए ही या किसी और चीज़ के लिए हो Show
इंटरनेट का इस्तेमाल भारत में 15 अगस्त 1995 में हुआ था, यह वह समय था जब हम भारवासी के जीवन में इंटरनेट आया था और आज के समय में तो इंटरनेट हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर तो 19 वी सदी में ही शुरू हो गया था क्योंकि इंटरनेट के आने के बाद ही लोगों के इंटरनेट के जरिया पत्रकारिता शुरू की और तो आज इन्टरनेट ब्लोगिंग के माध्यम से भी हम एक दुसरे से और जानकारी से जुड़े हुए है ज़रा सोचिये इंटरनेट आने से पहले हमें जानकारी कैसे मिलती थी और तो और पत्रकारिता का क्या हाल था, पत्रकारों को अपनी जानकारी जगह-जगह पहुचाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती थी उसके बाद भी पूरे भारत वासी तक जानकारी पहुंचा पाना संभव नही था इंटरनेट की सहायता से लोग एक दुसरे से जुड़ने लग गये थे और जानकारी सांझी की जानी शुरू हो गई थी, आज इंटरनेट पत्रकारिता और ऑनलाइन ब्लोगिंग का अलग ही कारोबार है, आज इसके कारण सब लोग अपने देश के प्रति, नई आपदाओं और औसरो के प्रति जागरूक है Bharat mein internet patrakarita ka pahla daur kab shuru hua
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Bharat mein internet patrakarita ka pahla daur kab shuru huaइंटरनेट की सुविधा के शुरू होने के बाद ही भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर शुरू हो गया था सबसे पहले ऑनलाइन पत्रकारिता डॉटकॉम से शुरू हुई थी ऐसी कुछ साईट की शुरुआत हुई थी जो ऑनलाइन पत्रकारिता का काम करती थी ripid.com भारत की पहली वेबसाइट थी जिसपे देश दुनिया से जुडी जानकारी दी जाती थी पर यह उतना बदलाव नही ले आ पाई जितना बदलाव तेहलका.com की वजह से आया, इसी वेबसाइट के कारण पूरा भारत इंटरनेट पत्रकारिता से जुडा और इसके बारे में जागरूक होता गया internet patrakarita को हिंदी में internet journalism कहते है
Internet patrakarita ka pahla daur | भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर
विकिपीडिया इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर 1995 से 1998 तक था, 1998 तक कुल 48 दैनिक समाचार पत्रों को ऑनलाइन डाला गया था जो धीरे-धीरे करके भारत की जनता को ऑनलाइन पत्रकारिक की ओर जागरूक कर रहे थे The Hindu Newspaper पहला समाचार पत्र था जिसे ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था यह 1996 में प्रकाशित किया गया था पहला न्यूज़पेपर जिसे ऑनलाइन भी डाला गया था, वह अंग्रेज़ी भाषा में था क्योंकि उस समय सबसे ज्यादा विश्व में अंग्रेज़ी भाषा का इस्तेमाल होता था और इस न्यूज़पेपर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुचाना था इसलिए विश्व की प्रचलित भाषा का इस्तेमाल किया गया था समय के साथ और भाषाओं में भी समाचार पत्र ऑनलाइन पब्लिश किया जाने लगा था पर शुरुआत में एक बार पब्लिश करने के बाद उसको edit करने की सुविधा नही थी
पहले के समय में ऑनलाइन पोस्टिंग का ज्यादा फायदा नही मिलता था उल्टा पैसों की दिक्कत ही हो जाती थी और तबके समय में पोस्टिंग की ज्यादा सुविधा भी नही मौजूद थी Internet patrakarita ka dusra daur | भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का दूसरा दौरऑनलाइन पत्रकारिता का दूसरा दौर 1998 से 2006 तक था इस समय ऑनलाइन पत्रिका डालने वाले अखबार की संख्या 116 तक पहुच गई थी, दुसरे दौर में भी ज्यादा तर पब्लिश होने वाले पत्रिकाएँ अंग्रेज़ी भाषा में थी इनका भी वही कारण था की वह अंग्रेज़ी भाषा के माध्यम से ज्यादा ऑडियंस तक पहुचना चाहते थे
Internet patrakarita ka pahla daur के कुछ डिजिटल पब्लिशर
यह कुछ पब्लिशर है जो उस समय सिर्फ ऑनलाइन ही अपनी जानकारी प्रकाशित करते थे, यह सब खेल, विश्व, देश आदि से जुडी जानकारी प्रदान करते थे, ऑनलाइन ब्लोगिंग की शुरुआत पत्रकारिता के लिए ही की गई थी एक विश्व अध्ययन से पता चला था की इन्टरनेट पर डाले जाने वाले पत्रकारिता को सबसे ज्यादा भारत में लोग पढ़ते है, यह भी पता चला की रीडर पढ़े लिखे शिक्षित लोग है जो और देश दुनिया की खबर से ज्यादा भारत की खबर में दिलचस्पी रखते है इस दौरान बहुत सी चीज़ों के बारे में पता चला और ऑनलाइन पत्रकारिक और ब्लॉग्गिंग की सुविधा भी बढाई थी गई और ऑनलाइन पत्रकारिता में भारत में आए काफी साल हो गए थे जिसके कारण अब इसके खुदके ग्राहक थे और तो और दुसरे दौर में ही भारत के ब्लॉगर और पत्रकारों को आर्थिक रूप से भी फायदा होने लगा था Internet patrakarita ka tisara daur | भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौरइंटरनेट पत्रकारिता का तीसरा दौर 2006 से अब तक माना जाता है, भारत में इंटरनेट ब्लॉग्गिंग में बहुत ही ज्यादा फायदा देखने को मिला 2007 में भारत में कुल 42 मिलियन(4 करोड़ से अधिक) ऑनलाइन पत्रकारिता को पढने वाले यूजर हो गए थे भारत में ऑनलाइन पत्र को पढने वाले लोगो की संख्या और देशो में पढने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से 5 वे नंबर पर थी अर्थात भारत ऑनलाइन पत्र पढने वालो की गिनती में 5 वें स्थान पर है भारत में लोग अलग-अलग भाषा बोलते है, इसलिए उनका एक ही भाषा अंग्रेज़ी को समझ पाना बहुत मुश्किल हो रहा था जिसके कारण भी भारत की ज्यादा जनता तक पंहुचा नही जा रहा था इसी समस्या को दूर करने के लिए अंग्रेजी को मिला के कुल 13 भाषा में समाचार पत्र ऑनलाइन पब्लिश होने शुरू हुए थे
इंटरनेट पत्रकारिता को e- newspaper भी कहा जाता हैआजके समय में तो अलग-अलग भाषा में जानकारी और समाचार पत्र मौजूद है आज तो हिंदी के अलग से समाचार पत्र आते है और आजके समय में भाषा हमारे लिए समस्या का विषय नही है
आजके समय में भारत में प्रचलित e-newspaper ऑनलाइन समाचार पत्रसमाचार पत्र भाषा पब्लिश करने की जगह Amar Ujala हिंदी उत्तर भारत से Asian Age इंग्लिश महानगरीय शहर Ananda Bazar Patrika बंगाली वेस्ट बंगाल Business Daily इंग्लिश भारत के बड़े शहरों से Dina Tanthi तमिल तमिलनाडु Dainik Bhaskar हिंदी भारत के बड़े शहरों से Dainik Jagran हिंदी मध्य, पूर्व और उत्तर भारत से Hindustan Times इंग्लिश भारत के बड़े शहरों से Maharashtra Times मराठी महाराष्ट्र Punjab Kesari हिंदी उत्तरी भारत The Hindu इंग्लिश भारत के बड़े शहरों से The Times of India इंग्लिश भारत के कोने कोने से The Indian Express इंग्लिश भारत के बड़े शहरों से The Telegraph इंग्लिश उत्तरी भारततो आज हमने bharat mein internet patrakarita ka pahla daur kab shuru hua इसके बारे में डिटेल में जाना आइये इंटरनेट पत्रकारिता के बारे में और जानते है इंटरनेट पत्रकारिता क्या है | What is internet journalism In Hindiइंटरनेट के माध्यम से समाचार देने की प्रक्रिया को इंटरनेट पत्रकारिता कहा जाता है इससे हम इंटरनेट पर समाचार का आदान प्रदान कर सकते है आपको इस बात का पता तो होगा ही की हमारे फ़ोन और लैपटॉप में उपस्थित जी मेल या ई मेल की सुविधा भी नेट से ही चलती है और पहले के समय में पत्रकार एक जगह से जानकारी इकट्ठी करके दूसरी जगह ईमेल के ज़रिये भेजते थे फिर दूसरी तरफ के पत्रकार उस जानकारी को प्रकाशित करते थे और साथ में इस बात का भी ध्यान रखा जाता था की जानकारी की सत्यता भी परखी जाये जैसे हमारी टीवी पर समाचार के चैनल ब्रॉडकास्ट किये जाते थे उसी प्रकार इंटरनेट पर भी जानकारी प्रकाशित की जाति है जिससे इंटरनेट चलाने वाला हर व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से उस जानकारी तक पहुच सके, यह सारी प्रक्रिया इंटरनेट की सहायता से कीजाती है जिस वजह से इसको इंटरनेट पत्रकारिता कहा जाता है इसे ऑनलाइन पत्रकारिता, e-newspaper, साईबर पत्रकारिता, इंटरनेट पत्रकारिता और वेब पत्रकारिता के नाम से भी जाना जाता है हमने आपको इसके चरण तो बता ही दिए है पर आजके समय में हमें जब भी कुछ जानना होता है तो हम किसी विशेष पब्लिशर द्वारा पब्लिश किये गए आर्टिकल की जगह गूगल पर जो भी जानना होता है डालते है और आये गए विकल्पों के द्वारा जानकारी प्राप्त करते है
इसे इंटरनेट बब्लोगिंग कहा जाता है यह भी इंटरनेट पत्रकारिता का ही एक रूप है इसमें भी जानकारी ही दी जाति है इसकी सबसे ख़ास बात यह है की यह स्वतंत्र है अर्थात इसके द्वारा हर व्यक्ति अपनी बात और लोगो तक बिना किसी रोक टोक के पंहुचा सकता है इंटरनेट डिजिटल पत्रकारिता का इतिहास | History Of Online journalism In Hindiइंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत इंटरनेट के आते ही भारत में हो गई थी, भारत में इन्टरनेट की सुविधा 1995 में शुरू हुई थी उसी समय से ही लोगों ने किसी न किसी तरह से अपनी जानकारी इंटरनेट पर डालनी शुरू कर दी थी शुरुआत में तो बस सिर्फ मुख्य अखबार लिखने वाले लोग या जिनको अधिकार हो वह ही लोग इंटरनेट पर जानकारी share कर सकते थे पर समय के साथ साथ इसमें सुधार आता गया और तो और यह समय के साथ कई चरणों से गुजरती गई और आज हम लोग इंटरनेट से खबरे पढ़ते और सुनते है इंटरनेट ब्लोगिंग या हम जिसे आज इंटरनेट पत्रकारिता के नाम से जानते है उसकी शुरुआत 1995 में हुआ था, इसका पहला चरण 1995 से 1998 तक था और इसका दूसरा चरण 1998 से लेके 2006 तक था इसका तीसरा चरण अभी भी चल रहा है हर चरण में बहुत से सुधार और उपलब्धि देखने को मिली है और इन सबके बारे में हमने ऊपर डिटेल में बताया है, आप जो यह हमारा आर्टिकल पढ़ रहे है ये भी इंटरनेट पत्र कारिता के तहत ही पढ़ पा रहे है जिसे हम इंटरनेट ब्लोगिंग कहते है इंटरनेट पर ब्लॉग लिखना | Internet bloggingजब एक स्वतंत्र व्यक्ति अपने विचार या जानकारी इंटरनेट पर डालता है तो उसे इंटरनेट ब्लोगिंग कहते है, आज इसी के माध्यम से बहुत से लोगो को रोजगार मिला है, इंटरनेट ब्लोगिंग की वजह से ही आज हमारा जीवन और आसान हो गया है हमें जिस भी चीज़ के बारे में जानना होता है हम उसके बारे में इंटरनेट पर डालते है और लोगो के लिखे ब्लॉग पढ़कर हमें उस चीज़ के बारे में पता चलता है हमारे मोबाइल में उपस्थित गूगल पर जब हम कुछ सर्च करते है तो वहाँ पर जितने भी विकल्प दीखते है वह सब ब्लॉग है अर्थात वह भी किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा इंटरनेट पर डाला गया है इंटरनेट पर ब्लोगिंग करने के लिए आपकी खुद की साईट व वेबसाइट होनी चाहिए जिसके माध्यम से आप इंटरनेट पर अपना कंटेंट डाल सकते है, आप जितनी साफ़ और अच्छी जानकारी प्रदान करेंगे वह उतने ही ज्यादा लोगों तक पहुचेगी और आपको उतना ही फायदा होगा गूगल पर वेबसाइट बनाने के बाद आप वर्डप्रेस, ब्लागस्पाट आदि की सहायता ले सकते है यह आपको लिखने के लिए डैशबोर्ड देते है जिसपे आप अपने हिसाब से अपना ब्लॉग लिख कर इंटरनेट पर पब्लिश कर सकते है इंटरनेट ब्लॉग्गिंग के कारण ही आज इंटरनेट पर हर चीज़ मौजूद है और हम यह भी मानते है की गूगल सब जनता है ऐसा इसलिए है क्योंकि उसपे लोग एक लम्बे समय से जानकारी डाल रहे है जिसके कारण गूगल पे लगभग हर विषय की जानकारी उपलब्ध है समय के साथ लोग और भी अच्छे तरीके से ब्लोगिंग सीख रहे है और टाइम टू टाइम अपने कंटेंट को अपडेट कर रहे है और इंटरनेट पर जानकारी डाल रहे है
इंटरनेट डिजिटल पत्रकारिता के फायदे
FAQs – bharat mein internet patrakarita ka pahla daur kab shuru huaQ1: भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का शुरू हुई? भारत में इन्टरनेट पत्रकारिता की शुरुआत 1995 में इंटरनेट के भारत में आते ही हुई थी Q2: भारत में इंटरनेट पत्रिका का पहला दौर कब शुरू हुआ? भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर 1995 में हुआ था और यह 1995 – 1998 तक था Q3: इंटरनेट पत्रकारिता के कितने रूप हैं? इसके दो रूप है Q4: इंटरनेट का पुराना नाम क्या है? ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) इन्टरनेट का पुराना नाम है Q5: हिंदी में नेट पत्रकारिता का आरंभ कैसे हुआ? हिंदी में पत्रकारिता का आरंभ एक पोर्टल के द्वारा हुआ था वेबदुनिया नाम के पोर्टल द्वारा हिन्दी में जानकारी का आदान प्रदान शुरू हुआ था Q6: पत्रकारिता की शुरुआत किसने की? पत्रकारिता की शुरुआत जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा की गई थी Conclusionआज हमने “भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर कब शुरू हुआ” के बारे में जाना, इसका साधारण शब्दों में अर्थ “समाचार पत्र ऑनलाइन रूप में उपलब्ध होना” है, इसका एक रूप वेब ब्लॉगिंग भी है जिसकी वजह से हम आज अपने विचार स्वतंत्र रूप से रख सकते है, ब्लॉगिंग की प्रसिद्धि और ज़रूरत के कारण ही तो आज गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है आजका टॉपिक भारत में “इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत कब हुई थी” के बारे में जाना, हमें आशा है की आपको यह लेख पढके अच्छा लगा होगा इसे और लोगों को भी share करिये और हमें अपने सुझाव Comment Box के ज़रिये दीजिए धन्यवाद् हिंदी नेट पत्रकारिता क्या है?इंटरनेट पत्रकारिता ऑनलाइन लेखन प्रकिया है , जिसमे पत्रकार अपने लेख को इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक पहुंचाता है . जब हम किसी न्यूज़ या लेखन सामग्री को ऑनलाइन , इंटरनेट के जरिए लोगो तक पहुंचाते है , उसका आदान पर्दान करते है तो इसे ही इंटरनेट पत्रकारिता कहा जाता है .
हिंदी में नेट पत्रकारिता की शुरुआत कैसे हुई?हिंदी में नेट पत्रकारिता का आरंभ 'वेबदुनिया' नाम के पोर्टल से शुरू हुआ था। 'वेबदुनिया' नाम का पोर्टल 1999 में शुरू हुआ था, जिसे इंदौर के नई दुनिया नामक समाचार पत्र समूह ने उन्हें शुरू किया था। यह पोर्टल पूरी तरह नेट समाचारों के लिए समर्पित था और उसका कोई मुद्रित संस्करण नहीं प्रकाशित होता था।
पत्रकारिता कितने प्रकार के होते हैं?पत्रकारिता के प्रमुख रूप या प्रकार. खोजी पत्रकारिता. खेल पत्रकारिता. महिला पत्रकारिता. बाल-पत्रकारिता. आर्थिक पत्रकारिता. पत्रकारिता के अन्य रूप. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला दौर कब से माना जाता है?भारत में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत 1993 में हुई थी। तथा इसके बाद 2002 में इसमें काफी विकसित रूप ले लिया था इसीलिए 2002 को इसका दूसरा चरण कहा जाता है।
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