लखनऊ का सबसे बड़ा स्टेशन कौन सा है? - lakhanoo ka sabase bada steshan kaun sa hai?

लखनऊ आते ही दीवाना बना देता है चारबाग रेलवे स्टेशन, पहले नाम था चहार बाग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Sat, 12 Jan 2019 02:39 PM IST

दूसरे शहर से आने वाले शख्स के कदम जैसे ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर पड़ते हैं यहां की खूबसूरती और भव्यता उसे दीवाना बना देेती है। देश के सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में शुमार चारबाग को ऊपर से देखने पर ये शतरंज की बिसात जैसा लगता है। तो आइये कुछ इतिहासकारों से बात करके चारबाग रेलवे स्टेशन के इतिहास और खूबियों से कराते हैं आपको रूबरू...

नवाब आसफुद्दौला के पसंदीदा बाग ऐशबाग की तरह चारबाग भी शहर के खूबसूरत बाग में से एक था। यह कहना है इतिहासकार योगेश प्रवीन का। किसी चौपड़ की तरह चार नहरें बिछाकर चार कोनों पर चार बाग बनवाएं गए थे। इस तरह के बागों को फारसी जबान में चहार बाग कहा जाता है। यहीं चाहर बाग बाद में चारबाग में तब्दील हो गया।

अंग्रेजों ने रखी थी स्टेशन की नींव 
इतिहासकार रोशन तकी बताते हैं कि लखनऊ के मुनव्वर बाग के उत्तर में चारबाग की बुनियाद पड़ी थी। जब नवाबी दौर खत्म हुआ तो इस बाग की रौनक भी फीकी पड़ गई। उसी दौरान अंग्रेज सरकार ने बड़ी लाइन के एक शानदार स्टेशन की योजना बनाई। अंग्रेज अधिकारियों को मोहम्मद बाग और आलमबाग के बीच का ये इलाका बहुत पसंद आया। ये वो दौर था जब ऐशबाग में लखनऊ का रेलवे स्टेशन था। चारबाग और चार महल के नवाबों को मुआवजे में मौलवीगंज और पुरानी इमली का इलाका देकर यहां ट्रैक बिछा दिए गए। 21 मार्च 1914 को बिशप जॉर्ज हरबर्ट ने इस की बुनियाद रखी

70 लाख आई थी लागात 
उस दौर के प्रसिद्ध वास्तुकार जैकब ने इस इमारत का नक्शा तैयार किया। चारबाग स्टेशन के बनने में उस वक्त 70 लाख रुपये खर्च हुए। राजपूत शैली में बने इस भवन में निर्माण कला के दो कौशल दिखाई देते हैं। पहला ऊपर से देखने पर इस इमारत के छोटे-बड़े छतरीनुमा गुंबद मिलकर शतरंज की बिछी बिसात का नमूना पेश करते हैं।

बाहर नहीं जाती ट्रेन की आवाज
अपनी जिन खूबियों की वजह से चारबाग स्टेशन का शुमार मुल्क के खास स्टेशनों में होता है उन्हीं में से एक है यहां ट्रेन की आवाज बाहर न आना है। योगेश बताते हैं कि चाहे जितने शोरशराबे के साथ ट्रेन प्लेटफार्म पर आए उसकी आवाज स्टेशन के बाहर नहीं आती।

लखनऊ जंक्शन का दूसरा नाम क्या है?

लखनऊ जंक्शन (आधिकारिक तौर पर लखनऊ एनईआर, स्टेशन कोड: एलजेएन) 5 ft 6 in (1,676 mm) ब्रॉड गेज ट्रेनों के लिए लखनऊ के दो मुख्य रेलवे स्टेशनों में से एक है।

लखनऊ में सबसे बड़ा स्टेशन कौन सा है?

लखनऊ रेलवे स्टेशन (उर्दू: چارباغ ریلوے سٹیشن) लखनऊ का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। चारबाग में स्थित होने के कारण इसे चारबाग स्टेशन भी कहते हैं।

उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा जंक्शन कौन है?

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन (Gorakhpur Railway Station) की पहचान देश के साथ-साथ दुनिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप में होती है. गोरखपुर रेलवे स्टेशन की लंबाई 1366.4 मीटर (4,483 फीट) है, जिसे भारत तथा दुनिया का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन माना जाता है.

लखनऊ में कुल कितने स्टेशन है?

है। लखनऊ में कितने रेलवे स्टेशन हैं? लखनऊ में 18 रेलवे स्टेशन हैं।