कान के दर्द के लिए कौन सी टेबलेट ले? - kaan ke dard ke lie kaun see tebalet le?

कान का दर्द या कान का दर्द बाहरी, मध्य या आंतरिक कान के संक्रमण और सूजन के कारण हो सकता है और साथ ही कान के आस-पास स्थित संरचनाओं से भी हो सकता है. Otitis Externa कान नहर की सूजन है, और अक्सर "तैराक कान" के रूप में जाना जाता है मध्य कान कान को बाहरी कान नहर से अलग किया जाता है, और यह सुनवाई से जुड़े तंत्रिकाओं का स्थान है. यह अपेक्षाकृत बंद जगह है और जो कुछ भी मध्य कान में दबाव बढ़ाता है वह दर्द का कारण बन जाएगा. हेलिक्स और ऑरिकल कान उपास्थि के बाहरी भाग को बनाते हैं और सूजन और संक्रमित हो सकते हैं.

सुनवाई सहायता उपयोगकर्ता

एक सुनवाई सहायता एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे आप अपने कान में या पीछे पहनते हैं. यह कुछ आवाज़ को जोर से बनाता है ताकि सुनवाई हानि वाला व्यक्ति दैनिक गतिविधियों में पूरी तरह से सुनने, संवाद और भाग ले सके। सुनवाई में मदद मुख्य रूप से उन लोगों की सुनवाई और भाषण समझ में सुधार करने में उपयोगी होती है जिनके पास सुनवाई हानि होती है जिसके परिणामस्वरूप आंतरिक कान में छोटी संवेदी कोशिकाओं को नुकसान होता है, जिसे बाल कोशिकाएं कहा जाता है. इस प्रकार की सुनवाई हानि को सेंसरिनियरल सुनवाई हानि कहा जाता है. रोग, उम्र बढ़ने या शोर या कुछ दवाओं से चोट लगने के परिणामस्वरूप क्षति हो सकती है.

इयरवैक्स का विघटन

कुछ इयरवैक्स आपके कानों के लिए अच्छा है, इसलिए अक्सर सबसे अच्छी नीति इसे अकेला छोड़ना है. लेकिन कई लोगों के लिए, इयरवैक्स स्पष्ट रूप से एक अच्छी चीज़ का बहुत अधिक है. इयरवैक्स के साथ प्लग किए गए इयर कैनाल कान का दर्द, संक्रमण और अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है. यदि यह एक निश्चित तरीके से दर्ज हो जाता है, तो इयरवैक्स योनि तंत्रिका की शाखा को उत्तेजित करके खांसी का कारण बन सकता है जो बाहरी कान की आपूर्ति करता है. और, आश्चर्य की बात नहीं है, इयरवैक्स से अधिक सुनवाई का कुछ नुकसान हो सकता है. अल-Eartone इयर ड्रॉप इयरवैक्स के विघटन में मदद करता है.

कान में रिंगिंग

Tinnitus कान में शोर या बजने की धारणा है. एक आम समस्या, टिनिटस लगभग 15 से 20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है. Tinnitus खुद ही एक शर्त नहीं है - यह एक अंतर्निहित स्थिति का लक्षण है, जैसे उम्र से संबंधित सुनवाई हानि, कान की चोट या संचार प्रणाली विकार. हालांकि परेशान है, टिनिटस आमतौर पर कुछ गंभीर का संकेत नहीं है. यद्यपि यह उम्र के साथ खराब हो सकता है, कई लोगों के लिए, टिनिटस अल-एर्टोन इयर ड्रॉप जैसे हर्बल उपचार के साथ सुधार कर सकता है. जब कोई बाहरी ध्वनि मौजूद नहीं होती है तो टिनिटस में सुनने की आवाज़ की अनुभूति होती है. टिनिटस के लक्षणों में आपके कानों में इन प्रकार के प्रेत शोर शामिल हो सकते हैं: रिंगिंग, गुलजार करना, गर्जन, क्लिकिंग, हिसिंग और हमिंग. प्रेत शोर पिच में भिन्न हो सकता है, और आप इसे एक या दोनों कानों में सुन सकते हैं.

ऐसी कई आम शारीरिक समस्याएं भी होती हैं, जो काफी तकलीफदेह हो जाती हैं. ऐसी ही एक समस्या कान में दर्द होना है. कान दर्द के कारण आपको बात करने व सुनाई देने में परेशानी और चिड़चिड़ाहट हो सकती है. लेकिन आपको कान के दर्द से परेशान होने की जरूरत नहीं है. बल्कि आप इन आयुर्वेदिक उपायों की मदद से कान दर्द की समस्या से राहत पा सकते हैं.

कान में दर्द का घरेलू उपाय (Ear Pain Home Remedy)
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक, कान में मैल जमने, संक्रमण, पानी जाने, साइनस आदि कारणों से कान में दर्द की समस्या हो सकती है. जो कि बड़ों से ज्यादा बच्चों को परेशान करती है. कान दर्द की दवा के रूप में आप इन घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही एक्सपर्ट ने बताया कि यदि कान में छिद्र हो तो कान में कोई तेल या रस नहीं डालना चाहिए.

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कान दर्द की दवा: लहसुन
लहसुन एक औषधीय खाद्य पदार्थ है. जिसमें सूजन व दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं. इसके लिए आप लहसुन की दो कलियों को दो चम्मच ही तिल या सरसों के तेल में काला होने तक पकाएं. इसके बाद लहसुन की कलियों को ठंडा करके कान में इसकी बूंदें डालें.

कान में दर्द का घरेलू उपाय: पुदीना का रस
पुदीना का रस पेट के साथ कान दर्द के लिए भी फायदेमंद है. पुदीने की पत्तियों का रस ठंड और कान में पानी जाने के कारण होने वाले कान के दर्द से राहत देता है. पुदीने की ताजा पत्तियां लेकर उसका रस निकालें और कान में एक-दो बूंद डालें.

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कान में दर्द के लिए तुलसी के पत्तों का रस
डॉ. अबरार मुल्तानी के मुताबिक, कान दर्द से राहत पाने के लिए आप तुलसी के पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप तुलसी के ताजा पत्ते लेकर रस निकाल लें. इसके बाद जो कान दर्द कर रहा है, उसमें इस रस की एक से दो बूंद डाल लें.

प्याज का रस
प्याज का रस बालों को मजबूत बनाता है. लेकिन यह कान दर्द के घरेलू उपाय के रूप में भी इस्तेमाल हो सकता है. प्याज के रस में इंफेक्शन से लड़ने वाले गुण होते हैं और दर्द से राहत भी मिलती है. कान दर्द की दवा के रूप में प्याज का एक चम्मच रस गुनगुना कर लें और दर्द कर रहे कान में धीरे-धीरे डालें. ऐसा दिन में दो बार करें.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

अगर आपको भी कान दर्द की शिकायत है तो ये बताने की जरूरत नहीं है कि ये कितना तकलीफदेह होता है. कई बार कान के भीतर गंदगी जम जाने से या फिर किसी तरह के संक्रमण की वजह से कान दर्द की शिकायत हो जाती है.

इसके साथ ही सामान्य सर्दी, कान में खोंट या फिर किसी दूसरी वजह से जब कान बंद हो जाता है तो दर्द होने लगता है. कान दर्द की शिकायत किसी वर्ग विशेष की नहीं है, ये छोटे से लेकर बड़ी उम्र तक किसी को भी हो सकता है.

अगर कान दर्द सामान्य स्तर का है तो आप इन घरेलू उपायों से भी उसे ठीक कर सकते हैं.

1. ऑलिव ऑयल के इस्तेमाल से
अगर आपको कान दर्द है और सहन कर पाना मुश्क‍िल है तो ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल आपको तुरंत राहत देगा. ऑलिव आयल को हल्का गर्म कर लें. इसकी दो से तीन बूंद कान में डालें या फिर कॉटन बड की मदद से तेल को कान में लगा लें.

2. लहसुन के इस्तेमाल से
अगर कान दर्द संक्रमण की वजह से है तो लहसुन का इस्तेमाल आपको राहत देगा. लहसुन की एक या दो कली को तिल के तेल में गर्म कर लें. इसे ठंडा होने दें. जब ये ठंडा हो जाए तो इसकी एक या दो बूंद को कान में डालिए. ऐसा करने से फायदा होगा.

3. प्याज के इस्तेमाल से
प्याज एक ऐसी चीज है जो लगभग सभी घरों में आसानी से मिल जाती है. इसका एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण कान दर्द में आराम देता है. प्याज के रस को हल्का गर्म कर लीजिए. इस रस के इस्तेमाल से राहत मिलेगी.

4. पानी की गर्म बोतल
कान दर्द में गर्माहट मिलने पर आराम महसूस होता है. हॉट वॉटर बोतल को कपड़े में लपेटकर कान पर लगाने से फायदा होगा.

5. नीम और तुलसी की पत्तियों से
इन दोनों में ही एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है. कान दर्द होने पर इन दोनों पत्त‍ियों का इस्तेमाल बहुत कारगर होता है. इन दोनों को ही इस्तेमाल करने का तरीका एक ही है. कुछ पत्त‍ियों को हाथ से मलकर उनका रस निकाल लें. इसकी एक या दो बूंद कान में डालने से फायदा होगा.

कान के दर्द के लिए सबसे अच्छी टेबलेट कौन सी है?

कण 500mg टैबलेट एक एंटीबायोटिक है जिसे वयस्कों और बच्चों में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, कान, नाक, गले, फेफड़े, त्वचा और आंखों के विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण का इलाज करने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है. यह टाइफॉइड बुखार और कुछ यौन संचारित बीमरियों जैसे गोनोरिया में भी असरदार है.

कान दर्द में कौन सा दवाई लेना चाहिए?

अगर कान दर्द सामान्य स्तर का है तो आप इन घरेलू उपायों से भी उसे ठीक कर सकते हैं..
ऑलिव ऑयल के इस्तेमाल से अगर आपको कान दर्द है और सहन कर पाना मुश्क‍िल है तो ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल आपको तुरंत राहत देगा. ... .
लहसुन के इस्तेमाल से ... .
प्याज के इस्तेमाल से ... .
पानी की गर्म बोतल ... .
नीम और तुलसी की पत्तियों से.

कान में हल्का दर्द हो तो क्या करें?

कान के दर्द को दूर करने के लिए अपनाएं ये 4 घरेलू नुस्खे.
तुलसी रस तुलसी को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. ... .
जैतून का तेल जैतून का तेल कान के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है. ... .
प्याज का रस कान के दर्द से राहत दिलाने का काम कर सकता है प्याज. ... .
लहसुन और तेल लहसुन की 5-6 कली मीठे तेल में डालकर पका लें. ... .
पिपरमेंट.

कान दर्द के लिए सबसे अच्छा दर्द निवारक क्या है?

दर्द से राहत: चिकित्सक दर्द को कम करने के लिए ओटीसी दर्द निवारक जैसे एसिटामिनोफेन, दर्द को कम करने के लिए और बुखार को कम करने के लिए इबुप्रोफेन लिख सकता है।