लेखिका-परिचय – समकालीन हिन्दी कथा-साहित्य की अग्रणी लेखिका मृदुला गर्ग का जन्म सन् 1938 में कोलकाता में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. किया था। विभिन्न नगरों में रहने के बाद सन् 1974 से दिल्ली में रहकर स्वतंत्र लेखन में संलग्न रहकर अनेक कहानियों की रचना की। इन्होंने उपन्यास एवं निबन्ध भी लिखे हैं। सम्प्रति ये लेखन कर्म में प्रवृत्त हैं। Show पाठ-सार – ‘मेरे संग की औरतें’ शीर्षक कहानी में लेखिका ने सर्वप्रथम अपनी नानी की कहानी प्रस्तुत की। लेखिका की माँ की शादी होने से पहले ही उसकी नानी की मृत्यु हो गई थी। इस कारण लेखिका अपनी नानी को न देख सकी, परन्तु बाद में माँ से उसके विषय में सुनकर लेखिका को वास्तविकता ज्ञात हुई। नानी अनपढ़ थी, जबकि नाना विलायत से बैरिस्ट्री की डिग्री लेकर आये थे। नानी की इच्छानुसार लेखिका की माँ की शादी सुशिक्षित, गरीब एवं आजादी के सैनिक के साथ हुई। x इस कारण उन्हें सादा जीवन जीना पड़ा। लेखिका ने बताया कि उसकी माँ अपनी बीमारी एवं अरुचि के कारण घर का काम नहीं करती थीं। वह किताबें पढ़ने या संगीत सुनने में रुचि रखती थीं। लेखिका की परदादी लीक से हटकर थीं। उन्होंने अपनी बहू के गर्भवती होने पर मन्दिर में जाकर भगवान् से लड़की पैदा होने की मन्नत मांगी थी। शायद उसका ही असर हुआ कि घर में पाँच कन्याएँ एक के बाद एक पैदा हुईं। लेखिका की परदादी ने एक चोर को सुधार दिया था। लेखिका स्वतंत्रता – प्राप्ति के दिन बुखार से पीड़ित रही। इस कारण वह इण्डिया गेट के जश्न में नहीं जा सकीं। लेखिका की चारों बहनें भी लीक से हट कर चलती रहीं। इनका छोटा भाई राजीव हिन्दी में लेखन-कार्य करने लगा। शादी के बाद लेखिका को पहले तो बिहार के एक कस्बे में रहना पड़ा, फिर कर्नाटक के बागलकोट कस्बे में रहीं। वहाँ पर उन्होंने ‘अंग्रेजी-हिन्दी-कन्नड़’ तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला स्कूल खोला। लेखिका की छोटी बहिन रेणु हठी स्वभाव की थी। वह एक बार भारी वर्षा होने पर भी अकेली ही स्कूल गई और लबालब पानी में पैदल चलकर घर लौटी। उस दिन का स्मरण कर लेखिका सोचने लगी कि रेणु को तब कैसा अनुभव हुआ होगा? वस्तुतः अकेलेपन का मजा कुछ और ही है। कठिन-शब्दार्थ :
RBSE Class 9 Hindi मेरे संग की औरतें Textbook Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2. उनके आने पर लेखिका की नानी ने कहा कि “वचन दीजिए कि मेरी लड़की के लिए वर आप तय करेंगे।”. “आप अपनी तरह आजादी का सिपाही ढूँढ़कर इसकी शादी करवा दीजिएगा।” इस कारण उन्होंने एक ऐसे होनहार युवक से अपनी बेटी की शादी करवा दी थी, जो आजादी के आन्दोलन में भाग लेने के अपराध में आई.सी.एस. की परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था। इस प्रकार लेखिका की नानी की आजादी के आन्दोलन में परोक्ष भागीदारी रही। प्रश्न 3. (ख) लेखिका की दादी के घर का माहौल-लेखिका की दादी के घर का माहौल परम्परागत नहीं था, उसमें परिवार के सदस्यों को बँधी-बँधाई लीक से हटकर चलने की छूट थी। स्वयं दादी पर अपरिग्रह की सनक सवार थी। लेखिका की परदादी को लड़की-लड़के में भेदभाव नहीं था। इसी कारण जब लेखिका की माँ गर्भवती हुई, तो परदादी ने मन्दिर में जाकर भगवान् से लड़की होने की मन्नत मांगी थी। इसी प्रकार लेखिका की दादी भी पहली मर्तबा में ही तैयार हो गई थी कि गोद में खेलेगी, तो पोती। इस प्रकार घर में वैचारिक समानता का वातावरण था। लेखिका की माँ घर का कुछ भी काम न कर स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेती थी, किताबें पढ़ती थी और संगीत सुनती थी। लेखिका के दादाजी अंगरेज़ों के बड़े प्रशंसक थे। इतना सब होते हुए भी घर की स्त्रियाँ अपने तरीके से जीने के लिए स्वतन्त्र थीं। प्रश्न 4. प्रश्न 5. खिका की माँ ने चोर के साथ जो सहजता का व्यवहार कर उससे उन्होंने उसकी पूरी मानसिकता को ही बदल दिया और वह चोरी छोड़कर खेती करने लगा। अतएव यह कथन सत्य है कि डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही रास्ते पर लाया जा सकता है। प्रश्न 6. प्रश्न 7. लेखिका की परदादी इसलिए श्रद्धेया बनीं क्योंकि उन्होंने दो धोतियों से अधिक संचय न करने का संकल्प किया था। उन्होंने परम्परा के विरुद्ध लड़के की बजाय लड़की होने की मन्नत मांगी थी। लेखिका की माता इसलिए श्रद्धेया बनीं क्योंकि उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए कार्य किया। कभी किसी से झूठ नहीं बोला और कभी किसी की गोपनीय बात किसी अन्य से नहीं कही। ये सभी जन अपने आप में सच्चे, दृढ़-निश्चयी थे इसलिए इनके प्रति श्रद्धा प्रकट की गई। लेखिका की दादी ने चोर से क्या लाने को कहा?दादी ने लोटे का आधा पानी स्वयं पीया और आधा पानी चोर को पिलाकर कहा, “आज से हम दोनों माँ-बेटे हुए, चाहे तो तू चोरी कर चाहे खेती।” चोर ने उसी समय से चोरी का धंधा छोड़कर खेती करने लगा। इस प्रकार उसका जीवन बदल गया। शादी के बाद लेखिका को कर्नाटक के बागनकोट में रहना पड़ा वहाँ उसके बच्चों की शिक्षा हेतु उचित प्रबंध न था।
एक शब्द में उत्तर दीजिए 1 पर दादी ने चोर से क्या कहा?तब माँ जी ने लोटे का आधा पानी खुद पीकर, बाकी चोर को पिला दिया और कहा, “एक लोटे से पानी पीकर हम माँ-बेटे हुए। अब बेटा, चाहे तो तू चोरी कर, चाहे खेती । "
लेखिका की परदादी ने चोर का हृदय परिवर्तन कैसे किया?Answer: दादी ने चोर से एक लोटा पानी माँगा। बूढ़ी दादी के हठ के आगे चोर को झुकना पड़ा और वह कुएँ से पानी ले आया। परदादी ने आध लोटा पानी खुद पिया और आध लोटा पानी चोर को पिला दिया और कहा कि अब हम माँ-बेटे हो गए।
लेखिका की दादी ने चोर को एक सज्जन आदमी कैसे बना दिया?भाषा की बात 1.
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