लाख का घर किसने बनवाया और क्यों बनवाया? - laakh ka ghar kisane banavaaya aur kyon banavaaya?

सार

भीम का शारीरिक बल और अर्जुन की युद्ध-कला से दुर्योधन को बहुत जलन थी। उसने अपने मामा शकुनि और कर्ण से विमर्श कर पांडवों के नाश की योजना बनाई। युधिष्ठिर की लोकप्रियता बढ़ रही थी। लोग उन्हें राजा के रूप में देखना चाहते थे। इस कारण दुर्योधन और भी चिंतित था।

दुर्योधन ने पिता धृतराष्ट्र को कहा कि वह किसी तरीके से पांडवों को वरणावत के मेले में भेज दें। दुर्योधन ने कुछ कूटनीतिज्ञों द्वारा भी अपने पिता पर दबाव डाला। दुर्योधन के अन्य सहयोगियों ने भी पांडवों को वारणावत की सुंदरता और खूबियों के बारे में बताकर ललचाया। उन्होंने पांडवों को वारणावत के मेले के बारे में भी बताया।

धृतराष्ट्र के अनुमति लेकर पांडव कुंती के साथ ख़ुशी से वारणावत के लिए चल पड़े। दुर्योधन को जब यह बात पता चली तो वह पांडवों और कुंती को खत्म करने की योजना बनाने लगा। उसने अपने मंत्री पुरोचन को वारणावत को अपनी योजना को पूरा करने के लिए भेजा।

पुरोचन पांडवों से पहले वारणावत पहुँचकर पांडवों के लिए सन, घी, मोम, तेल, लाख, चरबी आदि जल्दी आग पकड़ने वाली चीजों से एक सुन्दर भवन तैयार किया। पांडवों के जल्दी पहुँचने के स्थिति में एक और भवन तैयार किया ताकि वे कुछ समय तक उसमे ठहर सके। दुर्योधन की योजनानुसार पांडवों को पहले कुछ दिन तक भवन में आराम से रहने दिया जाना था और बाद में भवन में आग लगाना था। ताकि वे उसमें जल जाएँ और किसी को कौरवों पर शक भी नहीं हो।

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लाख का घर (Page 20)


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प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1  पांडवों को वारणावत भेजने में दुर्योधन की क्या सोच थी?

उत्तर-  दुर्योधन ने पुरोचन से कह कर वारणावत में लाख का भवन बनवायाथा । दुर्योधन की योजना थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से निःशंक हो जाएँ, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।

प्रश्न-2   कर्णिक नामक ब्राह्मण कौन था और उसने धृतराष्ट्र से क्या कहा?

उत्तर-  कर्णिक नाम का एक ब्राह्मण था जो शकुनि का मंत्री था। उसने धृतराष्ट्र से कहा कि जो ऐश्वर्यवान है, वही संसार में श्रेष्ठ माना जाता है। यह बात ठीक है कि पांडव आपके भतीजे हैं, परंतु वे बड़े शक्ति संपन्न भी हैं। इस कारण से अभी से चौकन्ने हो जाइए। आप पांडु पुत्रों से अपनी रक्षा कर लिजिए , वरना पीछे पछताइएगा।

प्रश्न-3पुरोचन कौन था?

उत्तर -  पुरोचन दुर्योधन का मंत्री था।

प्रश्न- 4 दुर्योधन ने पांडवों को वारणावत के मेले में भेजने के लिए किस प्रकार अपने पिता धृतराष्ट्र पर दबाब डाला?

उत्तर -  दुर्योधन ने धृतराष्ट्र पर दबाब डालने के लिए कुछ  कूटनीतिज्ञों को अपने पक्ष में मिला लिया और वे  बारी - बारी से धृतराष्ट्र के पास जाकर पांडवों के विरुद्ध उन्हें उकसाने लगे ।

प्रश्न-5   पांडवों को भी वारणावत जाने की उत्सुकता क्यों हुई?

उत्तर -  दुर्योधन ने पांडवों से कहा कि वारणावत में एक भारी मेला होनेवाला है, जिसकी सोभा देखते ही बनेगी। उनकी बातें सुन - सुनकर खुद पांडवों को भी वारणावत जाने की उत्सुकता हुई।

प्रश्न-6   पुरोचन ने वारणावत जाकर दुर्योधन के कहने पर पांडवों के लिए कैसा भवन बनवाया?

उत्तर -  वहाँ जाकर उसने पांडवों के ठहरने के लिए सन, घी, मोम, तेल, लाख, चरबी आदि जल्दी आग पकड़नेवाली चीज़ों को मिट्टी में मिलाकर एक सुंदर भवन बनवाया।

प्रश्न-7    किसने  किससे  कहा?

i.        “राजन! जो ऐश्वर्यवान है, वही संसार में श्रेष्ठ माना जाता है।”

कर्णिक ने धृतराष्ट्र से कहा।

ii.       “पिता जी, आपको कुछ नहीं करना है, सिर्फ़ पांडवों को किसी - न - किसी बहाने वारणावत के मेले में भेज दीजिए।”

दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा।

जिसने भी महाभारत पढ़ी या टीवी पर देखी होगी वह जरूर जानता होगा कि लाक्षागृह क्या है। लाक्षागृह एक भवन था जिसे लाक्षा (लाख) से बनाया गया था। आजकल इसकी चूड़ियां बनती हैं। लाख एक प्राकृतिक राल है, बाकी सब राल कृत्रिम हैं। वैज्ञानिक भाषा में लाख को लैसिफर लाक्का (Laccifer lacca) कहा जाता है। (अगले पन्नों पर जानेंगे आज कहां स्थित हैं लाक्षागृह के अवशेष)।
लक्ष एक प्रकार का कीट होता है। लाख कीट कुछ पेड़ों पर पनपता है, जो भारत, बर्मा, इंडोनेशिया तथा थाईलैंड में उपजते हैं। यह कॉक्सिडी (Coccidae) कुल का कीट है। यह उसी गण के अंतर्गत आता है जिस गण का कीट खटमल है। कुसुम, खैर, बेर, पलाश, अरहर, शीशम, पंजमन, पीपल, बबूल आदि सैकड़ों पेड़ों पर लाख पनपता है। लाख के वे ही उपयोग हैं, जो चपड़े के हैं। लाख के शोधन से और एक विशेष रीति से चपड़ा तैयार होता है। इससे और भी कई हजारों तरह के सामान बनाए जाते हैं। लाख तेजी से जलने वाला पदार्थ है।

दुर्योधन ने क्यों बनवाया था लाक्षागृह... अगले पन्ने पर...


लाख का घर किसने किसके लिए और क्यों बनवाया?

उत्तर- दुर्योधन ने पुरोचन से कह कर वारणावत में लाख का भवन बनवाया था । दुर्योधन की योजना थी कि कुछ दिनों तक पांडवों को लाख के भवन में आराम से रहने दिया जाए और जब वे पूर्ण रूप से निःशंक हो जाएँ, तब रात में भवन में आग लगा दी जाए, जिससे पांडव तो जलकर भस्म हो जाएँ और कौरवों पर भी कोई दोष न लगा सके।

लाख का घर से क्या आशय है?

लाक्षागृह एक भवन था जिसे दुर्योधन ने पांडवों के विरुद्ध एक षड्यंत्र के तहत उनके ठहरने के लिए बनाया था। इसे लाख से निर्मित किया गया था ताकि पांडव जब इस घर में रहने आएं तो चुपके से इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके। यह वार्णावत (वर्तमान बरनावा) नामक स्थान में बनाया गया था। पर पांडवों को यह बात पता चल गई थी।

लाख के घर में किसकी मृत्यु हुई?

कौरवों की तरफ़ से कुटिल शकुनि खेला।

पांडव लाख के घर से सुरक्षित कैसे निकले?

लाक्षागृह का निर्माण लाख से कराया गया था और इसमें पांडवों को ठहराया गया था। दुर्योधन ने षडयंत्र रचा था कि जब पांडव यहां ठहरेंगे तो लाख से बने इस गृह में आग लगा दी जाएगी, जिससे सभी जलकर मर जाएंगे। हालांकि, पांडवों को इस साजिश के बारे में पता चल गया था और वह गुप्त सुरंग के जरिए सुरक्षित बचकर निकल गए थे।