प्लासी की लड़ाई वर्ष 1757 में पश्चिम बंगाल के प्लासी क्षेत्र में भागीरथी नदी के पूर्व में लड़ी गई थी।
पृष्ठभूमि
युद्ध
युद्ध के बाद की स्थिति
बक्सर की लड़ाई
पृष्ठभूमि
युद्ध
युद्ध के बाद की स्थिति
इलाहाबाद की संधि, 1765
नोट:कर्नाटक युद्ध (वर्ष 1740-48, वर्ष 1749-53 और वर्ष 1758-63), प्लासी का युद्ध (वर्ष 1757) और बक्सर की लड़ाई (वर्ष 1764) के महत्त्व में प्रमुख अंतर है:
× प्लासी का युद्ध से आप क्या समझते हैं?प्लासी का पहला युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर नदिया जिले में भागीरथी नदी के किनारे 'प्लासी' नामक स्थान में हुआ था। इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना थी तो दूसरी ओर थी बंगाल के नवाब की सेना। कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
प्लासी का मतलब क्या होता है?इस विजय से भारत में अंग्रेजों के पाँव जम गये। युद्ध के बाद लार्ड कर्जन ने यहां पर अंग्रेजों की जीत का स्मारक भी बनवाया था। पलाश असल में बंगाली भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है "फूलों का इलाक़ा", हिंदी और उर्दू में पलाश को कभी कभी पलासी भी कहा जाता है।
प्लासी युद्ध का क्या महत्व है?भारतीय इतिहास में प्लासी के युद्ध का ऐतिहासिक महत्त्व है। इस युद्ध के कारण अंग्रेज भारत में अपना शासन स्थापित करने में सफल हो सके। प्लासी की सफलता और बंगाल की विजय ने अंग्रेजों द्वारा कालान्तर में उत्तर भारत की विजय के प्रयासों को सफल बनाया। प्लासी ने अंग्रेजों की शक्ति और साधनों में व्यापक वृद्धि कर दी।
प्लासी का युद्ध के क्या कारण थे समझाइए?10 अप्रैल 1756 को अलवर्दी की मृत्यु हुई। और सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना परन्तु शुरु से ही ईस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ उसका संघर्ष अवश्यभावी हो गया। अंत में 23 जून 1757 को दोनों के बीच युद्ध छिड़ा जिसे प्लासी युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध के अनेक कारण थे जो इस प्रकार है।
|