लक्ष्मण जी ने वीर और कायर के कौन कौन से बताए हैं? - lakshman jee ne veer aur kaayar ke kaun kaun se batae hain?

परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुई उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएं अपने शब्दों में लिखिए।


राम और लक्ष्मण दोनों एक ही पिता की संतान थे। उन्होंने एक ही गुरु से शिक्षा पाई थी और एक-से वातावरण में ही रहे थे पर दोनों के स्वभाव में बहुत बड़ा अंतर था। राम स्वभाव से शांत थे पर लक्ष्मण उग्र स्वभाव के थे। धनुष टूट जाने पर राम ने शांत भाव से परशुराम से कहा था कि धनुष तोड़ने वाला कोई उनका दास ही होगा पर लक्ष्मण ने उन्हें मनचाही जली-कटी सुनाई थी। राम ने उनके क्रोध को शांत करने का प्रयास किया तो लक्ष्मण ने अपनी व्यंग्यपूर्ण वाणी से उकसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। परशुराम के क्रोध करने पर-राम शांत भाव से बैठे रहे थे पर लक्ष्मण उन पर व्यंग्य करते हुए उन्हें उकसाते रहे थे। राम ऋषि-मुनियों का आदर-मान करने वाले थे पर लक्ष्मण का स्वभाव ऐसा नहीं था। लक्ष्मण की वाणी तो परशुराम रूपी यज्ञ की अग्नि में आहुति के समान थी तो राम की वाणी शीतल जल के समान उस अग्नि को शांत करने वाली थी।

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लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?


लक्ष्मण ने किसी भी वीर योद्धा की विशेषताओं के बारे में कहा था कि वे व्यर्थ ही अपनी वीरता की डींगें नहीं हाँकते बल्कि युद्ध भूमि में युद्ध करते हैं। अपने अस्त्र--शस्त्रों से वीरता के जोहर दिखाते हैं। शत्रु को सामने पाकर जो अपने प्रताप की बातें करते हैं, वे तो कायर होते हैं।

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परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्‌यांश के आधार पर लिखिए-
बाल ब्रह्‌मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
      मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
      गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर।।


परशुराम ने अपने विषय में कहा था कि वे बाल ब्रह्मचारी थे। वे स्वभाव के अति क्रोधी थे। सारा संसार जानता था कि वे क्षत्रिय वंश के प्रति द्रोही थे। उन्होंने पृथ्वी से क्षत्रिय राजाओं को समाप्त कर देने की प्रतिज्ञा कर रखी थी। उन्होंने न जाने कितनी बार अपने बाहुबल से इस पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं का वध कर ब्राहमणों को उनके राज्य सौंप दिए थे। वह तो सहस्रबाहु जैसे अपार बलशाली की भुजाओं की काट देने वाले पराक्रमी वीर थे। उन्होंने अपने फरसे से लक्ष्मण को डराने के लिए कहा था कि अरे राजा के बालक! तू मेरे द्वारा मारा जाएगा। क्यों अपने माता-पिता को चिंता में डालता है। वे मानते थे कि उनका फरसा बड़ा भयानक था जो गर्भ मे ही बच्चों का नाश कर देने वाला था। गुस्सा आने पर वे छोटे-बड़े में कोई अंतर नहीं करते थे और किसी का भी वध कर देते थे।

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परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? 


सीता-स्वयंवर के अवसर पर श्री राम ने शिव जी के धनुष को तोड़ दिया था जिस कारण परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए थे। तब लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के कारण बताते हुए कहा था कि वह धनुष नहीं था बल्कि धनुही थी। वह बहुत पुराना था और राम के द्वारा छूते ही वह टूट गया था। इसमें राम का कोई दोष नहीं था।

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भाव स्पष्ट कीजिये- 
बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू।।


लक्ष्मण ने परशुराम के अभिमानपूर्ण स्वभाव पर व्यंग्य किया है। वीर वह होता है जो वीरता का प्रदर्शन करे न कि व्यर्थ में डींगें हांके। जब परशुराम ने यह कहा था कि उन्होंने अपनी भुजाओं के बल से कई बार पृथ्वी के क्षत्रिय राजाओं को मिटा कर उनके राज्य ब्राह्मणों को दे दिए थे और उन्होंने सहस्रबाहु की भुजाओं को काट डाला था तो लक्ष्मण ने मुस्करा कर कहा था कि मुनीश्वर तो अपने आप को बहुत बड़ा योद्धा समझते थे और बार -बार कुल्हाड़ी दिखा कर डराना चाहते थे। वे तो फूंक मार कर पहाड़ उड़ाने का कार्य करना चाहते थे। भाव है कि राम और लक्ष्मण ऐसे क्षत्रिय वीर नहीं थे जो सरलता और सहजता से परशुराम से हार जाते।

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विषयसूची

  • 1 वीर और कायर में लक्ष्मण ने क्या अंतर बताया है?( 2?
  • 2 वीर और कयर के स्वभाव में क्या अंतर है?
  • 3 धिुषटूटिेकेबाद परशुराम िे फरसे की तरफ देखकर भी लक्ष्मर् को ि मारिे के पीछे क्या तकण ददए?
  • 4 लक्ष्मण ने शूरवीरों की क्या पहचान बताई?
  • 5 साहसी मनुष्य की पहचान क्या है?
  • 6 परशुराम के क्रोि करने पर लक्ष्मर् ने धनुष के टूट जाने के ललए कौन कौन से तकि हदए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: लक्ष्मण ने कहा जो व्यक्ति वीर होते हैं वो अपनी वीरता का प्रदर्शन युद्ध भूमि में लड़कर दिखाता है का केवल मात्र दिखाने के लिए वीरता भरी बातें नहीं करता। जो व्यक्ति कायर होता है, वही युद्ध में शत्रु के सामने अपनी वीरता का बखान करता है ।

वीर और कायर में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: 1)अर्थात जो व्यक्ति वीर होता है, वह अपनी वीरता का प्रदर्शन युद्धभूमि में लड़कर करता है, केवल मात्र दिखाने के लिये वीरता भरी बातें नही करता। जो व्यक्ति कायर होता है, वही युद्ध में शत्रु को सामने पाकर अपने वीरता का बखान करता है।

वीर और कयर के स्वभाव में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण के अनुसार वीर और कायर के स्वभाव में क्या अन्तर है? वीर योद्धा कभी भी धैर्य को नहीं छोड़ता, वह युद्धभूमि में वीरता का प्रदर्शन शत्रु से युद्ध करके करता है, वीर योद्धा रणभूमि में शत्रु का वध करता है, कायरों की भाँति अपने प्रताप का केवल बखान नहीं करता।

साहस और हिम्मत में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंसाहस खतरे, भय या कठिनाई का सामना करने की मानसिक शक्ति है जबकि बहादुरी वह गुण है जो किसी को ऐसे काम करने की अनुमति देता है जो खतरनाक या भयावह हैं। साहस और बहादुरी के बीच मुख्य अंतर यह है कि बहादुरी का अर्थ है कि वास्तविक या शारीरिक खतरा है जबकि साहस एक मानसिक गुण को दर्शाता है।

धिुषटूटिेकेबाद परशुराम िे फरसे की तरफ देखकर भी लक्ष्मर् को ि मारिे के पीछे क्या तकण ददए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. उत्तर: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कई तर्क दिए। उन्होंने कहा कि वह तो बड़ा ही पुराना धनुष था जो श्रीराम के छूने से ही टूट गया। उन्होंने कहा कि बचपन में खेल खेल में उन्होंने कई धनुष तोड़े थे इसलिए एक टूटे धनुष के लिए इतना क्रोध करना उचित नहीं है।

1 ऱक्ष्मण ने वीर और कायर के कौन कौन से गणु बताए ह ैं?

इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई है – वीर पुरुष स्वयं पर कभी अभिमान नहीं करते। वीरता का व्रत धारण करने वाले वीर पुरुष धैर्यवान और क्षोभरहित होते हैं। वीर पुरुष किसी के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करते। अर्थात् दूसरों को सदैव समान रुप से आदर व सम्मान देते हैं।

लक्ष्मण ने शूरवीरों की क्या पहचान बताई?

इसे सुनेंरोकेंलक्ष्मण ने किसी भी वीर योद्धा की विशेषताओं के बारे में कहा था कि वे व्यर्थ ही अपनी वीरता की डींगें नहीं हाँकते बल्कि युद्ध भूमि में युद्ध करते हैं। अपने अस्त्र–शस्त्रों से वीरता के जोहर दिखाते हैं। शत्रु को सामने पाकर जो अपने प्रताप की बातें करते हैं, वे तो कायर होते हैं। बिहसि लखनु बोले मृदु बानी।

कुम्हड़बतिया की क्या विशेषता है?

इसे सुनेंरोकेंआपको कुल्हाड़ा दिखाकर आप हमें ऐसा जताना चाहते हैं, जैसे फूँक मारकर पहाड़ उड़ाना चाहते हों, लेकिन हम (राम-लक्ष्मण) भी कोई कुम्हड़बतिया नहीं हैं, अर्थात हम यानी राम और लक्ष्मण कोई कमजोर नहीं जो आपकी तर्जनी देखकर डर जाएंगे। लक्ष्मण ने के इस कथन से उनके साहसी और वीर व्यक्तित्व का पता चलता है।

साहसी मनुष्य की पहचान क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: साहसी मनुष्य की पहली पहचान है कि वह इस बात की चिन्ता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है।

परशुराम के क्रोि करने पर लक्ष्मर् ने यक्ष के िूि जाने के ललए कौन कौन से तका टदए?

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने पर निम्नलिखित तर्क दिए –

  • हमें तो यह असाधारण शिव धुनष साधारण धनुष की भाँति लगा।
  • श्री राम को तो ये धनुष, नए धनुष के समान लगा।
  • श्री राम ने इसे तोड़ा नहीं बस उनके छूते ही धनुष स्वत: टूट गया।
  • इस धनुष को तोड़ते हुए उन्होंने किसी लाभ व हानि के विषय में नहीं सोचा था।

परशुराम के क्रोि करने पर लक्ष्मर् ने धनुष के टूट जाने के ललए कौन कौन से तकि हदए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कई तर्क दिए। उन्होंने कहा कि वह तो बड़ा ही पुराना धनुष था जो श्रीराम के छूने से ही टूट गया। उन्होंने कहा कि बचपन में खेल खेल में उन्होंने कई धनुष तोड़े थे इसलिए एक टूटे धनुष के लिए इतना क्रोध करना उचित नहीं है।

लक्ष्मण ने वीर एवं कायर की क्या विशेषता बताई है *?

लक्ष्मण ने किसी भी वीर योद्धा की विशेषताओं के बारे में कहा था कि वे व्यर्थ ही अपनी वीरता की डींगें नहीं हाँकते बल्कि युद्ध भूमि में युद्ध करते हैं। अपने अस्त्र--शस्त्रों से वीरता के जोहर दिखाते हैं। शत्रु को सामने पाकर जो अपने प्रताप की बातें करते हैं, वे तो कायर होते हैं।

लक्ष्मण ने वीर और कायर में क्या अंतर बताया है?

वीर और कायर में लक्ष्मण ने क्या अंतर बताया है?( 2? इसे सुनेंरोकेंAnswer: लक्ष्मण ने कहा जो व्यक्ति वीर होते हैं वो अपनी वीरता का प्रदर्शन युद्ध भूमि में लड़कर दिखाता है का केवल मात्र दिखाने के लिए वीरता भरी बातें नहीं करता। जो व्यक्ति कायर होता है, वही युद्ध में शत्रु के सामने अपनी वीरता का बखान करता है ।

लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या क्या विशेषताएं बताइए कोई दो विशेषताएं लिखिए?

(1) वीर पुरुष स्वयं अपनी वीरता का बखान नहीं करते अपितु वीरता पूर्ण कार्य स्वयं वीरों का बखान करते हैं।.
(2) वीर पुरुष स्वयं पर कभी अभिमान नहीं करते। ... .
(3) वीर पुरुष किसी के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करते। ... .
(4) वीर पुरुष दीन-हीन, ब्राह्मण व गायों, दुर्बल व्यक्तियों पर अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं करते हैं।.

प्रश्न 19 लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या क्या विशेषताएँ बताई?

लक्ष्मण ने वीर योद्धा की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई है - वीर पुरुष स्वयं पर कभी अभिमान नहीं करते। वीरता का व्रत धारण करने वाले वीर पुरुष धैर्यवान और क्षोभरहित होते हैं। वीर पुरुष किसी के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करते। अर्थात् दूसरों को सदैव समान रुप से आदर व सम्मान देते हैं।