राकेश शर्मा निशीथ. देश के निरंतर विकास में सुचारु व समन्वित परिवहन प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. वर्तमान प्रणाली में यातायात के अनेक साधन, जैसे – रेल, सड़क, तटवर्ती नौ संचालन, वायु परिवहन इत्यादि शामिल हैं . देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण भूमिका है . रेल भारत में यातायात का मुख्य साधन होने के साथ ही देश के जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुकी है . रेलगाड़ियों के आवागमन ने जहां हमारे देश की कला, इतिहास और साहित्य पर अद्भुत प्रभाव डाला है वहीं हमारे देश के विभिन्न प्रांत के लोगों के बीच विविधता में एकता की अहम कड़ी भी है. भारतीय रेल विभिन्न स्थानों को जोड़ती है और लोगों को देश के एक छोर से दूसरे छोर तक बड़े पैमाने पर तेज गति से और कम लागत पर आने-जाने में मदद करती है . इस प्रक्रिया में भारतीय रेल राष्ट्रीय अखंडता का प्रतीक है . Show भारतीय रेल जहां अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह करने के लिए सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखकर यात्री तथा मालगाड़ी काफी कम किराया लेती है, वहीं आपदा या विपत्तियों के समय में देश की नि:स्वार्थ भाव से सेवा भी करती है . विश्व की एकमात्र भारतीय रेलवे है जो कई रेल खंडों पर घाटा सहकर भी वहां यात्री और मालगाड़ी सेवा परिचालित करती है. देश में पहली बार 22 दिसम्बर, 1851 को रेलगाड़ी पटरी पर उतरी थी . पहली यात्री रेल ने 16 अप्रैल, 1853 को मुम्बई से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी . वर्ष 1851 से अभी तक रेलवे का योजनाबध्द विकास हुआ है . भारतीय रेल द्वारा परिसंपत्ति की उत्पादकता बढाने एवं प्रौद्योगिकी का आधुनिकीकरण करने के लिए अनेक प्रयत्न किए जा रहे हैं . वर्तमान में भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणाली है . इसके पास 64,000 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग है, जिंसमें बड़ी लाईन (52,808 किलोमीटर), मीटर गेज लाइन (8,473 किलोमीटर) और छोटी लाइन (2,734 किलोमीटर) शामिल हैं . भारतीय रेल की 13,000 से अधिक रेलगाड़ियां रोजाना चार बार धरती से चांद तक जितनी दूरी तय करती हैं . रेलों के जरिए प्रतिदिन डेढ क़रोड़ से ज्यादा यात्री अपनी मंजिल पर पहुंचते हैं . बजट प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत भारत सरकार की अनुमानित आमदनी और खर्च का विवरण संसद में पेश किया जाता है . रेलवे का वित्त केन्द्र सरकार के आम बजट से अलग है . इसलिए रेलवे बजट अलग से पेश होता है . इसमें कुल राजस्व, आमदनी, राजस्व और निर्माण व्यय, खर्च की तुलना में प्राप्तियों के अधिशेष का विवरण और केन्द्र के पास रेलवे की निधियों का विवरण आदि शामिल होता है . बजट के एक भाग में गत, चालू और आगामी वर्ष के वित्तीय परिणामों का सारांश होता है . दूसरे भाग में निर्माण मांगों का सारांश होता है . अनुच्छेद 114(3) के अंतर्गत जब तक संसद विनियोग विधेयक पारित नहीं कर देती तब तक समेकित निधि से कोई भी निकासी नहीं हो सकती . स्वतंत्र भारत का प्रथम रेल बजट 20 नवम्बर, 1947 को यातायात मंत्री डॉ. जान मथाई द्वारा पेश किया गया था, जो एक जनवरी, 1948 को लागू हुआ था. 2017 के बाद रेल बजट को वित्त बजट के साथ समाहित कर दिया गया. कुछ रोचक तथ्य
प्रतिस्पर्धी और किफायती रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में काफी किफायती है . सड़क परिवहन की तुलना में इसमें 6 गुना कम ऊर्जा खर्च होती है और चार गुना अधिक किफायती है . पर्यावरण के प्रदूषण में भी रेलवे का योगदान कम होता है . रेलों के निर्माण की लागत भी अन्य यातायात से लगभग 6 गुना कम बैठती है . फिर भी आम आदमी को सबसे सुलभ, सुगम और कम किराये में अपने गंतव्य तक पहुंचने का सामान्य साधन भारतीय रेल ही बनी हुई है . भारतीय रेल को अब दूसरे क्षेत्रों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है . इसे एक तरफ राष्ट्रीय महामार्गों और दूसरी तरफ एयरलाइनों से कड़ी प्रतिस्पध्र्दा करनी पड़ रही है . दुनिया में विनिर्माण प्रक्रिया के
वैश्वीकरण की वजह से रेल यातायात की परिभाषा ही बदल गई है . कंटेनर प्रणाली ने रेल और सड़क परिवहन के अंतर को समाप्त कर उपभोक्ता के घर तक सेवा उपलब्ध कराने जैसे समाधान उपलब्ध कराए हैं . 139 डॉयल योजना भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए नई आधुनिक और सुधरी हुई सुविधा शुरू की है . भारतीय रेलवे ने एकीकृत ट्रेन पूछताछ प्रणाली (आईटीईएस) रेल संपर्क कॉल सेंटर सेवा शुरू की है . इसका नम्बर 139 है . इस नंबर पर पूरे देश से रेलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है . इस प्रणाली के अंतर्गत एमटीएनएल और बीएसएनएल के ग्राहक को बिना एसटीडी के 139 डॉयल करने पर यह सुविधा मिलती है . इसके तहत गाड़ियों के आगमन, प्रस्थान, विलंब, किराया, सीटों की उपलब्धता आदि जानकारियां प्राप्त की जा सकती है . पांच अंकीय प्रणाली भारतीय रेलवे प्रतिदिन 10,000 से अधिक रेलगाड़ियों का संचालन करती है, इस वजह से 4 अंकों की संख्या प्राणाली को समाप्त कर पांच अंकों की संख्या प्रणाली को 20 दिसम्बर, 2010 से लागू किया गया . नई प्रणाली में परिवर्तन को सुचारू बनाने के लिए रेलगाड़ियों में चार अंकों वाली संख्यों से पहले केवल 1 संख्या जोड़ देने मात्र से ही समस्या का समाधान हो जाता है. अवकाशत्योहारों की भीड़ आदि से निबटने के लिए रेलवे जो विशेष रेलगाड़ियां चलाती है, उनकी भी संख्या मेल एक्सप्रेस की प्रणाली पर ही लगाई जाती है . केवल उनसे पहले संख्या 0 लगा दी जाती है . विजन 2020 भारतीय रेल ने आम लोगों के बीच रेलवे की वास्तविक स्थिति को सामने रखने के लिए श्वेतपत्र के साथ विजन 2020 दस्तावेज भी संसद के समक्ष प्रस्तुत किया . विजन 2020 दस्तावेज को रेलवे के भविष्य का बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज माना गया है . इस दस्तावेज में विस्तार की बहुत महत्वाकांक्षी योजना रखी गयी है . आगामी 10 वर्षों में भारतीय रेल नेटवर्क में 20,000 पुलों का पुनर्स्थापन, 17,000 बिना चौकीदार वाले समपारों पर चौकीदार तैनात करना, 25,000 किलोमीटर नई लाइनों का निर्माण करना तथा 12,000 किलोमीटर का दोहरीकरण करना शामिल हैं . इस अवधि के दौरान भारतीय रेलों के सामने 2,165 मिलियन टन प्रारंभिक माल यातायात तथा 15,180 मिलियन पैसंजर को ढोने की चुनौती होगी. यह दस्तावेज भारतीय रेल को निम्नलिखित चार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबध्द कराने का प्रयास है –
अपराध रोकथाम व्यवस्था रेलवे में अपराध का इतिहास काफी पुराना है . ब्रिटिश शासन के समय 1861 में पुलिस अधिनियम बना था . परन्तु अपराधों की रोकथाम की सही शुरूआत वाच एंड वार्ड बल मुहैया कराने से वर्ष 1881 में शुरू हो पाई . वर्ष 1954 में इसे रेलवे सुरक्षा बल नाम से पुनर्गठन का प्रस्ताव किया गया . वर्ष 1957 में एक अधिनियम पास किया गया . इसमें समय-समय पर संशोधन होते गए और वर्ष 2003 में इस बल को यात्रियों और सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई . कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य के अधिकार क्षेत्र में होने के कारण राजकीय रेल पुलिस का गठन भी राज्य सीमा के आधार पर किया गया . यह अपने राज्य की सीमा पार नहीं कर सकती . रेलवे ने चोरी, लूटपाट और आतंकी हमलों को रोकने के लिए स्टेशनों पर कैमरे और क्लोज सकिर्ट टेलीविजन लगाए हैं . टक्कररोधी उपकरण टक्कररोधी उपकरण ट्रेनों पर लगाया जाने वाला उपकरण है और यह एक सुरक्षा उपकरण के रूप में कार्य करता है . दुनिया में ट्रेनों की सुरक्षा के लिए बनाया गया यह पहला उपकरण है. इसे कोंकण रेलवे ने विकसित किया है . यह उपकरण 2013 तक भारतीय रेल के पूरे नेटवर्क पर लगा दिया जाएगा . इससे ट्रेनों में परस्पर टक्कर होने की संभावना काफी कम हो जाएंगी . नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे पर यह सफलतापर्वूक काम कर रहा है . यह उपकरण सिग्नलिंग प्रणाली और इंटरलॉकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है और टक्कर होने की संभावना की स्थिति में तुरंत काम करने लगता है . भारतीय रेल के यातायात में उल्लेखनीय वृध्दि होने के बावजूद ट्रेन दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है . दुर्घटना मुआवजा दावा मृतकों और घायल यात्रियों के संबंध में मुआवजा के लिए रेलवे दावा न्यायाधिकरण में मांगपत्र दाखिल करना होता है . यह आवेदनपत्र दुर्घटना स्थल पर राहत कार्यों के दौरान रेलवे प्रशासन की ओर से बांटे जाते हैं . स्थानीय समाचारपत्रों में इसका प्रारूप प्रकाशित होने के अतिरिक्त ये रेलवे की वेबसाइट www.indianrailway.com से भी प्राप्त किए जा सकते हैं. आवेदन की तीन प्रतिलिपियां दाखिल करानी होती हैं . इसे यात्री स्वयं या उसकी ओर से आश्रित या मृतक यात्री के आश्रित संबंधित रेल दावा न्यायाधिकरण में एक वर्ष के भीतर दावा कर सकते हैं. इसके बाद के दावों पर भी रेल दावा न्यायाधिकरण अकसर विचार कर लेता है . छ: वर्ष से कम उम्र के बच्चों, जिनका टिकट भाड़ा नहीं लिया जाता, उन्हें भी मुआवजा दिया जाता है . मुआवजे के लिए वह यात्री जो प्रामाणिक टिकटों पर रेल में सफर करते हैं उनके अलावा इस योजना के अंतर्गत प्लेटफार्म टिकट धारक भी बीमा के योग्य होते हैं. महिलाओं के प्रति समर्पित भारतीय रेल न केवल रेल नेटवर्क में दुनिया की दूसरी बड़ी रेलवे है बल्कि महिलाओं को रोजगार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है . भारतीय रेलवे में महिलाओं ने महत्वपूर्ण पद प्राप्त किए हैं . इनमें से कुछ इस प्रकार हैं – भारतीय रेल की सर्वप्रथम महिला रेल ड्राइवर श्रीमती सुरेखा यादव हैं . येर् व¬ा 1990 में ट्रेनीज सहायक इलेक्ट्रिक ड्राइवर पद पर मध्य रेलवे में नियुक्त हुईं थीं . ये प्रथम ईएमयू (मुम्बई उपनगरीय रेल सेवा) की ड्राइवर भी बन गयी हैं . श्रीमती सुरेखा यादव भारत
एवं एशिया की प्रथम महिला ड्राइवर हैं . राष्ट्रमंडल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन राष्ट्रमंडल खेल-2010 में भारतीय रेल के खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा है . रेलवे के खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि वे आगामी ओलंपिक में दुनिया को अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाएंगे . राष्ट्रमंडल खेल 2010 में भारत ने कुल 38 स्वर्ण, 27 रजत तथा 36 कांस्य पदक जीतकर पदक तालिका में आस्ट्रेलिया के बाद दूसरा स्थान अर्जित किया . इसमें रेलवे के खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 13 स्वर्ण, 3 रजत तथा 7 कांस्य पदक सहित कुल 33 पदक शामिल हैं . इस खेलों में भारतीय रेल के करीब 90 खिलाड़ियों ने भागीदारी की थी . रेलवे के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर जहां नवोदित खिलाड़ियों का हौसला बढाया है, वहीं देश का गौरव भी बढाया है . चुनौतियां एवं सुझाव भारतीय रेल देश के सामाजिक-आर्थिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है . इसका प्रभाव न केवल देश की सामाजिक गतिविधियों पर पड़ा, बल्कि इससे हमारी कला, इतिहास और हमारा साहित्य भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है . इसके अलावा इससे भारत की जनता एकता के सूत्र में भी बंधी . भारतीय रेल नेटवर्क देश की जीवन रेखा बन चुकी है . हमारी रेलवे प्रणाली को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा . इसके लिए कुछ सुझाव इस प्रकार है –
*** भारतीय अर्थव्यवस्था में रेलवे का महत्व क्या है?रेलवे नेटवर्क ऊर्जा के कुशल और आर्थिक मोड और परिवहन के अलावा थोक वस्तुओं की लंबी दूरी और आवाजाही के लिए आदर्श है। भारतीय रेलवे 2017-2018 में 16% की लोडिंग के साथ देश में ऑटोमोबाइल का पसंदीदा वाहक भी है। भारत सरकार माल और उच्च गति ट्रेनों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए रेलवे में निवेश करने पर केंद्रित है।
देश के विकास में रेलवे का क्या योगदान है?भारतीय रेल विभिन्न स्थानों को जोड़ती है और लोगों को देश के एक छोर से दूसरे छोर तक बड़े पैमाने पर तेज गति से और कम लागत पर आने-जाने में मदद करती है . इस प्रक्रिया में भारतीय रेल राष्ट्रीय अखंडता का प्रतीक है .
रेलवे का महत्व क्या है?रेल परिवहन द्वारा कृषि एवं उद्योग क्षेत्र के विकास एवं विस्तार में सहायता मिलती है, क्योंकि ये कच्चे माल, मशीनरी, तैयार माल, श्रमिक एवं ईधन के व्यापक संचलन को संभव बनाता है तथा बाजार के एकीकरण में सहायता करता है। रेलवे द्वारा सूखा एवं अन्य आपदाओं से ग्रस्त क्षेत्रों में अनिवार्य वस्तुओं की त्वरित आपूर्ति की जाती है।
भारतीय रेलवे का विकास क्या है?1853 से शुरू हुआ 34 किलोमीटर का सफर. 1875 में 9100 किलोमीटर का हो गया. उसके बाद 1900 में रेलवे का विस्तार 38,640 किलोमीटर तक का हो गया और आजादी तक आते-आते विस्तार का दायरा बढ़कर 49,323 किलोमीटर तक जा पहुंचा. भारतीय रेलवे ने आजादी के बाद भी विकास किया.
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