वैदिक ज्योतिष में केतु को छाया ग्रह बताया गया है जो कि अधिकतर अशुभ प्रभाव ही देता है लेकिन अगर आप इस अशुभ ग्रह से शुभ प्रभाव पाना चाहते हैं तो इस काम में लहसुनिया रत्न आपकी मदद कर सकता है। इस रत्न की मदद से केतु के दोषपूर्ण प्रभाव को खत्म किया जा सकता है। Show
लहसुनिया रत्न पीले मटमैले रंग, शहद जैसे भूरे रंग और सेब की तरह हरे रंग में आता है। इस रत्न को इसकी अद्भुत चमक के लिए जाना जाता है। केतु किसी एक राशि का स्वामी नहीं है इसलिए से जिस भी राशि में बैठता है, उसी के समान फल देने लगता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु ग्रह कमज़ोर हो या पीडित हो तो उस व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई समस्या आती रहती है। वह अचानक आने वाली बाधाओं से घिरा रहता है। केतु के पीडित होने पर जातक के पैरों में कमज़ोरी आती है। जातक को अपने ननिहाल का प्यार नहीं मिल पाता है। विषय छुपायें 1 लहसुनिया रत्न के फायदे – Lahsuniya stone (cat’s eye gemstone) benefits in Hindi 2 लहसुनिया रत्न के स्वास्थ्य लाभ – cat’s eye gemstone health benefits in Hindi 3 लहसुनिया का बारह राशियों पर प्रभाव – Lahsuniya ratna ka 12 rashiyon par prabhav 3.1 मेष राशि 3.2 वृषभ राशि 3.3 मिथुन राशि 3.4 कर्क राशि 3.5 सिंह राशि 3.6 कन्या राशि 3.7 तुला राशि 3.8 वृश्चिक राशि 3.9 धनु राशि 3.10 मकर राशि 3.11 कुंभ राशि 3.12 मीन राशि 4 लहसुनिया के स्वामी ग्रह केतु के जीवन पर प्रभाव – Lahsuniya ratna ka ketu par prabhav 5 कितने रत्ती का लहसुनिया पहनना चाहिए – Lahsuniya ratna kitte ratti ka pehne 6 किस धातु में पहनना चाहिए लहसुनिया स्टोन – Lahsuniya kis dhatu me pehne 7 लहसुनिया रत्न की धारण विधि – Lahsuniya ratna dharan vidhi in hindi 8 लहसुनिया किस हाथ में पहने – Lahsuniya stone kis hath me pehne 9 लहसुनिया रत्न किसे धारण करना चाहिए – Lahsuniya ratan kise dharan karna chahiye 10 लहसुनिया रत्न किसे पहनना चाहिए – Lehsunia ratna kise pehnna chahiye 11 लहसुनिया किस दिन पहने – Lahsuniya kab pahne 12 लहसुनिया स्टोन धारण करने का मंत्र – Lehsunia ratna dharan karne ka mantra 13 ये लोग रत्न न पहनें – Kise lesunia ratna nahi pehnna chahiye 14 लहसुनिया रत्न का उपरत्न – Lahsuniya ka upratna 15 किस जगह का लहसुनिया सबसे अच्छा होता है – Best quality cat’s eye gemstone in Hindi 16 लहसुनिया रत्न की कीमत – Lehsunia stone price 17 कहां से खरीदें लहसुनिया रत्न – Lehsunia buy online लहसुनिया रत्न के फायदे – Lahsuniya stone (cat’s eye gemstone) benefits in Hindiशेयर मार्केट में अपनी किस्मत आज़माने वाले लोगों के लिए लहसुनिया किसी वरदान से कम नहीं है। जो लोग जोखिम भरे काम करते हैं या जोखिम वाले क्षेत्रों में निवेश करते हैं, उनकी किस्मत लहसुनिया से चमक सकती है। अगर आपके व्यापार में गति नहीं आ रही है या आपको नुकसान हो रहा है और आप तरक्की नहीं कर पा रहे हैं तो भी आपके लिए लहसुनिया स्टोन फायदेमंद साबित हो सकता है। कैट आई स्टोन प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की और सफलता प्रदान करता है। अगर आपका पैसा कहीं फंस गया है या निकल नहीं पा रहा है तो लहसुनिया इस काम को पूरा करने में आपकी मदद कर सकता है। बुरी नज़र से बचने एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिए भी लहसुनिया पहन सकते हैं। अगर कुंडली में केतु पीडित हो तो व्यक्ति को जीवन संघर्ष से भर जाता है। लहसुनिया रत्न इसी संघर्ष एवं चुनौतीपूर्ण जीवन को आसान बनाने में मदद करता है। कैट्स आई स्टोन को पहनने से व्यक्ति अध्यात्म की ओर बढ़ता है। उसकी रूचि धार्मिक और अध्यात्मिक कार्यों में बढ़ती है। आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए भी केतु के इस रत्न को पहना जा सकता है। यह चमत्कारिक रत्न सड़क दुर्घटना, शत्रुओं से भय, कर्ज, गरीबी आदि से भी बचाता है। लहसुनिया रत्न के स्वास्थ्य लाभ – cat’s eye gemstone health benefits in Hindiकेतु का लहसुनिया स्टोन शारीरिक कष्टों को दूर करता है। यह रत्न लकवा, डिप्रेशन और कैंसर जैसी खतरनाक एवं जानलेवा बीमारियों में भी लाभकारी सिद्ध होता है। क्रूर ग्रह केतु को शांत करने वाला यह रत्न मन को शांति प्रदान करता है। इस रत्न को धारण करने से स्मरण शक्ति तेज होती है और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। यह रत्न खून से संबंधित विकारों, एनीमिया, ल्यूकेमिया, हड्डियों के कैंसर, त्वचा रोग, अस्थमा और उन्मादंता के इलाज में मदद करता है। लहसुनिया का बारह राशियों पर प्रभाव – Lahsuniya ratna ka 12 rashiyon par prabhavमेष राशियदि केतु कुंडली के पंचम, छठे, नौवे या बारहवें भाव में बैठा है तो मेष राशि के जातक लहसुनिया पहन सकते हैं। वृषभ राशिकेतु के वृषभ राशि के जातक की कुंडली में नवम या द्वादश भाव में होने पर लहसुनिया रत्न जरूर पहनना चाहिए। मिथुन राशिजन्मकुंडली के नौवे, दशम या ग्यारहवें भाव में केतु विराजमान हो तो मिथुन राशि के लोग इस ग्रह के रत्न को धारण कर सकते हैं। कर्क राशिछाया ग्रह केतु के कुंडली के छठे, नवम या ग्यारहवें भाव में स्थित होने पर और जन्मकुंडली में प्रबल स्थान में होने पर कर्क राशि के व्यक्ति लहसुनिया को पहन सकते हैं। सिंह राशिअगर केतु अष्टम, नवम या ग्यारहवें भाव में बैठा है तो सिंह राशि के जातक लहसुनिया पहन सकते हैं। केतु के निर्णायक स्थिति में होने पर भी सिंह राशि वाले इस स्टोन को पहन सकते हैं। कन्या राशिकन्या राशि के व्यक्ति की कुंडली में केतु चौथे, नौवे और तीसरे भाव में हो एवं मजबूत स्थिति में बैठा हो तो इस राशि के लोग लहसुनिया पहन सकते हैं। तुला राशिकेतु के दूसरे, तीसरे और ग्यारहवें भाव में होने पर तुला राशि के जातक लहसुनिया पहन सकते हैं। वहीं कुंडली में केतु के प्रबल स्थिति में होने पर भी कन्या राशि वाले लहसुनिया पहन सकते हैं। वृश्चिक राशिकुंडली के दूसरे, दसवें और ग्यारहवें घर में स्थित केतु को शांत करने के लिए वृश्चिक राशि वाले लहसुनिया धारण कर सकते हैं। धनु राशियदि केतु दूसरे, चौथे, नौवे और बारहवे भाव में हो तो धनु राशि के लोग लहसुनिया पहन सकते हैं। केतु के निर्णायक स्थिति में होने पर भी लहसुनिया पहना जाता है। मकर राशिमकर राशि के जातकों की कुंडली में केतु के दूसरे, चौथे, नौवे और बारहवें भाव में एवं प्रभावी स्थिति में होने पर लहसुनिया पहना जा सकता है। कुंभ राशिकेतु के दूसरे, दसवें और ग्यारहवें भाव में होने पर कुंभ राशि के जातक लहसुनिया स्टोन पहन सकते हैं। यदि कुंडली में केतु प्रभावशाली स्थिति में हो तो भी कुंभ राशि वाले इस स्टोन को धारण कर सकते हैं। मीन राशिकुंडली के पहले, दूसरे, नौवे और दसवें भाव में केतु विराजामान हो तो मीन राशि वाले लहसुनिया स्टोन की अंगूठी या लॉकेट पहन सकते हैं। लहसुनिया के स्वामी ग्रह केतु के जीवन पर प्रभाव – Lahsuniya ratna ka ketu par prabhavवैदिक ज्योतिष में केतु कर्म के संतुलन, अध्यात्मिकता, धार्मिकता का स्वामी है। केतु के प्रभाव से व्यक्ति की कल्पना शक्ति बढ़ती है और अनेक व्यापारों में उसका भाग्य काम आता है। साथ ही व्यक्ति किसी भी स्रोत से पैसा कमाता है और अच्छा जीवन जीता है। केतु एक छाया ग्रह है जो व्यक्ति को दुख और पीडा अधिक देता है। इससे प्रभावित जातक को मानसिक और भावनात्मक रूप से परेशान करने के साथ-साथ कई बार शारीरिक रूप से भी तकलीफ देता है। इसकी वजह से व्यक्ति को डिप्रेशन, चिंता और बुरे सपने आते हैं। केतु के चंद्रमा के साथ युति होने या इसके विपरीत में होने पर व्यक्ति पागल भी हो सकता है। इस ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम या नष्ट करने के लिए ही लहसुनिया रत्न पहना जाता है। अगर आप केतु को प्रसन्न करना चाहते हैं या कुंडली में केतु के अशुभ प्रभावों से पीडित हैं तो लहसुनिया रत्न आपके काम आ सकता है। यह रत्न केतु के अशुभ प्रभावों को दूर कर इसके सकारात्मक फल देता है और केतु से संबंधित क्षेत्रों में सफलता एवं सुख प्रदान करता है। कितने रत्ती का लहसुनिया पहनना चाहिए – Lahsuniya ratna kitte ratti ka pehneलहसुनिया कितने रत्ती का पहनना है, ये धारणकर्ता के वजन पर निर्भर करता है। आपको लहसुनिया रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए, ये जानने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने वजन को देखें। मान लीजिए आपका वजन 60 कि.ग्रा है, तो आपको 6 रत्ती का लहसुनिया पहनने से लाभ होगा। सामान्यत: 2.25 रत्ती से लेकर 10 रत्ती का लहसुनिया पहना जा सकता है। किस धातु में पहनना चाहिए लहसुनिया स्टोन – Lahsuniya kis dhatu me pehneचांदी की धातु में केतु का लहसुनिया स्टोन पहनना सबसे ज्यादा लाभकारी रहता है। इसके अलावा आप इस स्टोन को पंचधातु में भी पहन सकते हैं। लहसुनिया रत्न की धारण विधि – Lahsuniya ratna dharan vidhi in hindiलहसुनिया रत्न को मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। शुक्ल पक्ष के मंगलवार को लहसुनिया पहनना ज्यादा शुभ रहता है। मंगलवार को सुबह उठकर स्नान करें और अपने घर के पूजन स्थल में स्वच्छ आसन ग्रहण कर बैठ जाएं। अब एक तांबे का पात्र लें और उसमें गंगाजल या कच्चा दूध डालकर लहसुनिया स्टोन को उसमें डुबो दें। इसके बाद 108 बार ‘ऊं केतवे नम:’ का जाप करें। जब जाप पूर्ण हो जाए तब धूप-दीप दें और फिर इस रत्न को धारण कर लें। इस रत्न को सोने या चांदी की धातु में जड़वाकर पहन सकते हैं। लहसुनिया को मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। लहसुनिया किस हाथ में पहने – Lahsuniya stone kis hath me pehneकेतु के रत्न लहसुनिया को दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में पहना जाता है। आप इसे अपने वर्किंग हैंड में भी पहन सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति लैफ्ट हैंडी है तो वह लहसुनिया स्टोन को अपने बाएं हाथ में धारण कर सकता है। लहसुनिया रत्न किसे धारण करना चाहिए – Lahsuniya ratan kise dharan karna chahiyeकुंडली में केतु ग्रह की गलत दिशा में दृष्टि होने पर लहसुनिया पहना जाता है। निम्न स्थितियों में भी लहसुनिया स्टोन पहनने की सलाह दी जाती है :
लहसुनिया रत्न किसे पहनना चाहिए – Lehsunia ratna kise pehnna chahiyeअगर आपकी कुंडली में केतु पीडित या नीच राशि में बैठकर आपको अशुभ प्रभाव दे रहा है तो इस स्थिति में आप केतु का रत्न लहसुनिया पहन सकते हैं। इसके अलावा शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले लोग और अचानक धन प्राप्ति की कामना रखने वाले लोग भी इस स्टोन को पहन सकते हैं। लहसुनिया किस दिन पहने – Lahsuniya kab pahneकेतु को क्रूर और छाया ग्रह माना गया है एवं इस ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए व्यक्ति को लहसुनिया रत्न मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में पहनना चाहिए। लहसुनिया स्टोन धारण करने का मंत्र – Lehsunia ratna dharan karne ka mantraलहसुनिया रत्न को पहनने से पहले कम से कम 108 बार ‘ऊं केतवे नम:’ मंत्र का जाप करें। रत्न धारण से पूर्व मंत्र जाप से स्टोन की शक्ति और बढ़ जाती है। ये लोग रत्न न पहनें – Kise lesunia ratna nahi pehnna chahiyeराहू की तरह केतु भी बहुत शक्तिशाली ग्रह है और इसका रत्न अत्यंत तेजी से अपना प्रभाव दिखाता है। केतु के मंगल और चंद्रमा के साथ मैत्री संबंध नहीं हैं इसलिए इन दो ग्रहों के रत्न यानी मूंगा और मोती को लहसुनिया के साथ धारण नहीं करना चाहिए। कुछ रत्न ऐसे होते हैं जो लहसुनिया के साथ पहने जाने पर गलत प्रभाव देने लगते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को लहसुनिया के साथ मूंगा और मोती रत्न नहीं पहनना चाहिए। लहसुनिया रत्न का उपरत्न – Lahsuniya ka upratnaअगर आप किसी कारणवश केतु का रत्न लहसुनिया नहीं पहन सकते हैं तो इसकी जगह इसके उपरत्न संगी और गोदंत को भी धारण कर सकते हैं। ये दोनों उपरत्न भी लहसुनिया की तरह ही लाभ देते हैं। किस जगह का लहसुनिया सबसे अच्छा होता है – Best quality cat’s eye gemstone in Hindiश्रीलंका में पाया जाने वाला लहसुनिया रत्न सबसे अच्छी क्वालिटी का होता है। इसके बाद क्वार्ट्ज कैट्स आई भी आता है जो कि श्रीलंका के लहसुनिया से कम कीमती है। लहसुनिया रत्न की कीमत – Lehsunia stone priceभारत में लहसुनिया रत्न की कीमत 1300 रुपए प्रति रत्ती से लेकर 22,000 रुपए प्रति रत्ती तक है। क्वार्ट्ज कैट्स आई की भारत में कीमत 225 से लेकर 600 रुपए प्रति रत्ती है। रत्न की जितनी अच्छी क्वालिटी होगी, उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होगी। लहसुनिया रत्न कितने दिन में असर दिखाता है?रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।
लहसुनिया पहनने से क्या लाभ होता है?लहसुनिया धारण करने से केतु शांत रहते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रत्न पहनने से ना सिर्फ सकारात्मकता आती है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास भी होता है. साथ ही, विशेष ग्रह के सभी दोष दूर होते हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, अगर जन्मकुंडली में केतु की दशा हो तो लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ होता है.
लहसुनिया पत्थर कौन पहन सकता है?किन लोगों को पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार, अगर किसी जातक की कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर है, तो वह इस रत्न को धारण कर सकता है। ऐसा करने से उसे हर तरह के डर से निजात मिल जाएगा। कुंडली में केतु की अंतर या महा दशा चल रही हो, तो लहसुनिया रत्न पहनना लाभकारी होगा।
लहसुनिया कब पहनना चाहिए?लहसुनिया धारण करने की विधि
रत्न शास्त्र के अनुसार सवा रत्ती लहसुनिया, चांदी की अंगूठी या लॉकेट में शनिवार के दिन धारण किया जा सकता है. लहसुनिया को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए. एक अन्य मान्यता के अनुसार विशाखा नक्षत्र में मंगलवार के दिन 7, 8 या 12 रत्ती लहसुनिया मध्यम उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है.
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