यूरिन शुगर को कैसे कंट्रोल करें? - yoorin shugar ko kaise kantrol karen?

अक्सर लोग पेशाब में आये बदलावों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे आगे चलकर कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं। आपका यूरिन आपको स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत दे सकता है। इन्हीं में से एक स्थिति है डायबिटीज। क्या आप जानते हैं  कि  पेशाब में शुगर के लक्षण देखे जा सकते हैं? जी हाँ,  यह सच है कि यूरिन में शुगर के लक्षण देखे जा सकते हैं। तो आइये इस लेख के द्वारा जानते हैं कि कैसे पेशाब में शुगर के लक्षण को समझा जाए और कौन से टेस्ट करवाने चाहिए?

विषय सूची :

  • पेशाब में शुगर के लक्षण 
  • यूरिन टेस्ट से डायबिटीज कैसे पता करते हैं ? 
  • यूरिन शुगर टेस्ट कब कराया जाता है? 
  • सारांश पढ़ें 
  • अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

पेशाब में शुगर के लक्षण

यदि आपको शुगर की समस्या हो रही है तो आपको यूरिन में शुगर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। 

ये लक्षण कुछ इस प्रकार के हो सकते हैं:

  • पेशाब का रंग और टेक्सचर 

जब यूरिन में बहुत ज्यादा शुगर जमा हो जाती है तो यूरिन का रंग क्लॉउडी हो जाता है। यदि आपका यूरिन क्लॉउडी दिखे, तो डायबिटीज के अन्य लक्षणों पर भी ध्यान दें, जैसे बार-बार पेशाब आना और अत्यधिक प्यास लगना आदि। ध्यान रहे क्लॉउडी यूरिन डायबिटीज के अलावा अन्य बीमारियों का भी लक्षण हो सकता है। इसलिए पेशाब के रंग पर ध्यान देते रहें और अगर स्वास्थ्य में किसी तरह की असुविधा महसूस हो तो डॉक्टर से जरूर बात करें। 

  • बार-बार पेशाब जाना 

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शुगर में बार-बार पेशाब आना मधुमेह के सबसे कॉमन लक्षणों में से एक  है। शुगर की मात्रा ब्लड में अधिक हो जाने से अतिरिक्त ग्लूकोज को निकलने के लिए किडनी को अधिक काम करना पड़ता है। उसी वजह से बार-बार पेशाब जाना पड़ता है। इसके अलावा, डायबिटीज के दौरान व्यक्ति को प्यास बहुत लगती है, जो कि मधुमेह के सामान्य लक्षणों में से एक है। ज़्यादा पानी पीना भी बार-बार पेशाब जाने क्क कारण बन सकता है। 

बार -बार पेशाब जाना इस बात का संकेत है कि डायबिटीज मेलिटस की स्थिति पैदा हो गई है। अगर आप 24 घंटे में 6 से 7 बार पेशाब जाते हैं तो इसे सामान्य माना जाता है, लेकिन इससे ज्यादा बार पेशाब जा रहे हैं तो डायबिटीज का टेस्ट अवश्य कराएं और डॉक्टर से संपर्क करें। 

  • पेशाब की स्मेल में चेंज 

यदि आप डायबिटीज की स्थिति से गुजर रहे हैं तो आपकी यूरिन की स्मेल चेंज हो जाती है।  इसका मतलब यह है कि शरीर शुगर को प्रोसेस नहीं कर पाता है जैसा सामान्य लोगों का शरीर करता है। अतः उनके खून में अतिरिक्त ग्लूकोज बढ़ जाता है, जिसे शरीर पेशाब द्वारा बाहर निकालने की कोशिश करता है। जब पेशाब में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो पेशाब से बदबू आ सकती है और यह बदबू मीठी सी या फलों जैसी हो सकती है। ऐसे में अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं और हो सके तो यूरिन टेस्ट भी करवाएं। 

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यूरिन टेस्ट से डायबिटीज कैसे पता करते हैं?

डायबिटीज के लिए यूरिन टेस्ट में ग्लूकोज और कीटोन्स की उपस्थिति का पता लगाने के लिए लैब में यूरिन टेस्ट किया जाता है।

यदि ग्लूकोज और कीटोन्स दोनों में से कोई भी यूरिन में मौजूद है, तो इसका मतलब यह है कि शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं है। हाई ग्लूकोज लेवल का मतलब यह है कि टेस्ट के समय आपका ब्लड शुगर लेवल हाई है। इस तरह यूरिन टेस्ट द्वारा डायबिटीज का पता लगा सकते हैं। 

यूरिन शुगर टेस्ट कब कराया जाता है?

कुछ स्थितियों में आपके डॉक्टर डायबिटीज का पता लगाने के लिए आपको यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।  ये स्थितियां निम्न है:

  • यदि आप जुकाम, फ्लू, या अन्य बीमारी से परेशान हैं या आपको मतली या उल्टी महसूस हो रही है।
  • अगर आप प्रेग्नेंट हैं।
  • आपका ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dL से ऊपर है।
  • आपको असहज महसूस हो रहा हो या डायबिटीज के कुछ लक्षण जैसे - अत्यधिक प्यास या थकान महसूस होना, धुंधला दिखाई देना, या आपकी सांसों से फलों जैसी गंध आने की समस्या महसूस हो रही हो तो आपके डॉक्टर आपको यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

इस लेख में आपने जाना कि पेशाब में शुगर के लक्षण किस प्रकार दिखाई देते हैं। साथ ही आपने जाना कि कैसे यूरिन में शुगर के लक्षण और डायबिटीज के लिए कब यूरिन टेस्ट कराएं । तो हमारा सुझाव यही है कि अगर आपको पेशाब में ऊपर दिए लक्षण नजर आएं तो उन्हें नजरअंदाज न करें, अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हाई ब्लड शुगर के साथ मूत्र किस रंग का होता है?

क्या मूत्र बता सकता है कि आपको हाई ब्लड शुगर है?

क्या मधुमेह रोगियों के पेशाब में हमेशा ग्लूकोज होता है?

जब आपकी किडनी खराब हो रही हो तो पेशाब का रंग कैसा होता है?

क्या ब्लड शुगर मूत्र को प्रभावित करता है?

बार-बार यूरिन में संक्रमण व कंधे में दर्द रहना भी डायबिटीज के संकेत

कुछ लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का इलाज कराने की जगह तनाव, वर्कलोड या फिर उम्र संबंधी समस्या मानकर नजरअंदाज करते रहते हैं। इस कारण उनकी दिक्कत गंभीर भी हो जाती है। इसका असर शरीर के किसी खास अंगों से पूरे शरीर पर दिखने लगता है। इनमें डायबिटीज भी है। यदि समय रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका दुष्प्रभाव किडनी, लिवर, आंखों आदि अंगों पर भी पड़ता है। अगर किसी को पहली बार इसका पता चलता है तो घबराएं नहीं बल्कि डॉक्टर को दिखाएं। इसको नियंत्रित रखा जा सकता है।

यूरिन शुगर ज्यादा होने पर क्या होता है?

जब यूरिन में बहुत ज्यादा शुगर जमा हो जाती है तो यूरिन का रंग क्लॉउडी हो जाता है। यदि आपका यूरिन क्लॉउडी दिखे, तो डायबिटीज के अन्य लक्षणों पर भी ध्यान दें, जैसे बार-बार पेशाब आना और अत्यधिक प्यास लगना आदि। ध्यान रहे क्लॉउडी यूरिन डायबिटीज के अलावा अन्य बीमारियों का भी लक्षण हो सकता है।

यूरिन में शुगर कितना होना चाहिए?

भोजन से पहले किसी भी व्यक्ति के लिए सामान्य ब्लड शुगर (blood sugar level) का स्तर 80 से 130 मिलीग्राम / डीएल के बीच होता है। भोजन के 1-2 घंटे बाद यह 180 mg/dL से कम होना चाहिए

यूरिन में शुगर कब आती है?

आमतौर पर यूरिन के माध्यम से शरीर से निकलने वाली शुगर की मात्रा का पता नहीं लगाया जा सकता. हालांकि, अगर किसी का ब्लड शुगर लेवल हाई होता है तो चीनी किडनी के माध्यम से ब्लड से निकल जाती है और यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाती है. यदि अपको क्लियर दिखाई नहीं दे रहा है तो यह हाइपरग्लेसेमिया का संकेत हो सकता है.

शुगर को तुरंत कैसे कम करें?

सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है ।