मछली पालन कैसे शुरू करे? Show पूरी दुनिया में हमारे देश यानी भारत को मछली पालन में दूसरा स्थान प्राप्त है , जिसका ख़ास कारन भारत की जलवायु है , यहाँ की जलवायु मछली पालन के लिए काफी उपयोगी है , और क्योकि मछली में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है इसलिए यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है और यह एक दूसरा कारन भी है जिससे भारत में मछली पालन
का काम जोरो पर है , भारत में लगभग हर घर में हर सप्ताहंत में एक बार तो मछली को खाने के रूप में लाया ही जाता होगा ,और सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि मछलियों का तेल भी काफी उपयोगी होता है जिससे न जाने ऐसे कितने ही रोग है जिनमे मछलियों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है जिसके कारण इसकी मार्किट डिमांड भी बहुत अधिक है , क्योकि ताज़ी मछलियों को सिर्फ लगभग 80% ही मार्किट तक पहुच पाती है , बाकी दुर्जन स्थानों पर मछलियों को स्टोर करके पहुँचाया जाता है| सब मिला कर देखा जाय तो भारत में मछली पालन एक अच्छा
व्यापार तो है ही साथ ही फायदेमंद भी है क्योकि यदि हम सिर्फ भारत के सभी कृषि सम्बन्धित व्यवसायों की बात करे तो इंडियन GDP में इनकी हिस्सेदारी 4.6% है तथा इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की भारत में मछलियों की कितनी डिमांड है | 1 . मछली पालन का व्यवसाय कैसे शुरू करूं? लाभदायक मछली पालन व्यवसाय के लिए, आप नीचे दिए गए चरणों में बताए गए कदम से गुजर सकते हैं। यदि आप मछली पालन की योजना बना रहे हैं तो आपको मछली पालन तकनीक, कौशल और मछली पालन तालाबों की दिन-प्रतिदिन निगरानी का विशेष ज्ञान होना चाहिए। a. मछली पालन के लिए उपयुक्त भूमि या खेत का चयन करें मछली पालन व्यवसाय में एक उपयुक्त भूमि या खेत का चयन करना
बहुत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर, मछली की खेती के तरीके झील, नदियों या धारा के पास उपयुक्त होते हैं जहाँ प्राकृतिक जल संसाधन आसानी से उपलब्ध होते हैं। b. मछली पालन के लिए तालाब कैसे बनाएं जैसा कि हम सभी जानते हैं,एक मछली तालाब के बिना मछली की खेती शुरू करना असंभव है। तालाब का डिजाइन भूमि, स्थान और मछली प्रजातियों पर निर्भर करता है। यदि आप भूमि का चयन कर रहे हैं और यह मूल जल संसाधन की तुलना में थोड़ा कम है तो आपको निर्मित मछली तालाब में पानी भरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह स्वचालित रूप से भर जाएगा। मछली तालाब मौसमी मछली तालाब और स्थायी तालाब के प्रकार हैं। एक मौसमी मछली तालाब में, पूरे साल पानी नहीं रह सकता है। c. मछली प्रजातियों का चयन: मछली बीज यानी मछलियों का चयन भी इस व्यापार के लिए काफी अहमियत रखता है , क्योकि कुछ मछलियों को केवल मॉस के रूप में खाने के लिए पालन किया जाता है तथा कुछ मछलियों को तेल निकालने के रूप में पालन किया जाता है , मछली पालन से पहले मछलियों की नस्ल को ध्यान से चुनना चाहिए , अच्छे नस्ल की बात करे तो मछली पालन के लिये लिए सबसे उपयुक्त मानी जाने मछलियों में राहू,सिल्वर कार्प,कतला,म्रगल,ग्रास कार्प,कामन कार्प आदि होती है | इन मछलियों के बीज को आप अपने नजदीकी मार्किट से खरीद सकते है या जिले के मत्स्य पालन विकास प्राधिकरण से सम्पर्क कर सकते है | मछली की खेती के लिए मछली की प्रजातियों या नस्लों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। मछली की खेती के लिए मछली की प्रजातियों का चयन कई कारकों पर निर्भर करता है। d. मछली पालन और प्रबंधन: व्यावसायिक मछली पालन व्यवसाय में मछलिओं को अच्छा चारा खिलाने की प्रमुख भूमिका होती है। आप हमेशा मछली को ताजे,
पौष्टिक और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन प्रदान कर सकते हैं जो मछली तालाब में उगाए जाते हैं। आप विशेष मछली प्रजातियों को विशिष्ट मछली भी खिला सकते हैं। उच्च गुणवत्ता वाली मछली का भोजन मछली के उत्पादन को बढ़ाता है और मछली को स्वस्थ भी बनाता है। 2. मछली पालन व्यवसाय पर विचार: a. सिल्वर कार्प पालन सिल्वर कार्प व्यवसाय शुरू करना और उसका प्रबंधन करना तुलनात्मक रूप से आसान है। इसके अतिरिक्त, व्यवसाय छोटे पूंजी निवेश की मांग करता है। साथ ही, अन्य मछलियों के साथ पॉलीकल्चर खेती संभव है। मूल रूप से, यह एक मीठे पानी की प्रजाति है जो समशीतोष्ण परिस्थितियों में 6–28 ° रहते है। इसके अतिरिक्त, चांदी की कार्प खेती में उच्च ताप दर प्राप्त करने के लिए अच्छी पानी की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। b. सैल्मन पालन सैल्मन सबसे लोकप्रिय मछली प्रजातियों में से एक है जो सबसे अधिक खेती की जाती है। रोग के प्रकोप को रोकने के लिए खेती की गई सैल्मन का टीकाकरण किया जाता है और केवल दुर्लभ अवसरों पर ही उन्हें अतिरिक्त दवाओं की आवश्यकता होती है। सैल्मन फ़ीड जंगली मछली
के भंडार के संरक्षण के लिए बनाया गया है। d. रोहू पालन दरअसल, कार्प पॉलीकल्चर सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली तीन भारतीय प्रमुख कार्प प्रजातियों में रोहू सबसे महत्वपूर्ण है। रोहू एक अपरिपक्व प्रजाति है और 14 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर नहीं पनपती है। यह एक तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति है और सामान्य संस्कृति की परिस्थितियों में एक वर्ष में लगभग 35–45 सेमी कुल लंबाई और 700–800 ग्राम प्राप्त करता है। e. कैटफ़िश पालन कैटफ़िश की खेती गर्म
जलवायु में करना आसान है। आप तालाबों और टैंकों दोनों में कैटफ़िश पालन कर सकते हैं। आमतौर पर, कैटफ़िश अपने स्वास्थ्य लाभ और बाजार की मांग के कारण लोकप्रिय है। आप 18 महीने की उम्र में तालाबों और टैंकों में उठी कैटफ़िश की कटाई कर सकते हैं। और यह इस व्यवसाय में एक त्वरित वापसी सुनिश्चित करता है। मछली पालन व्यवसाय भारत में बहुत लाभदायक और सफल व्यावसायिक व्यवसाय है। भारतीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि खाद्य उत्पादन का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। मूल रूप से,
यह भोजन की टोकरी को पोषण सुरक्षा प्रदान करता है। खाद्य मछली संस्कृति के साथ, सजावटी मछली संस्कृति और उच्च मूल्य वाली मछली की खेती हाल के दिनों में महत्व प्राप्त कर रही है। भारत में, कुछ प्रमुख मछली उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं। जलीय कृषि व्यवसाय में, छोटे पैमाने पर और बड़े पैमाने पर मछली की खेती दोनों लाभदायक हैं। 4. मछली पालन व्यवसाय के आर्थिक लाभ: 1. मछली पालन में, आप कम समय में लाभ प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि मछली दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते खाद्य पदार्थ हैं। a. प्रदूषण: मछली का घनत्व रोग और प्रदूषण जैसी समस्याएं पैदा करता है। प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत समुद्री पेन के नीचे मछली के अपशिष्ट और अनियंत्रित भोजन का संचय है जो आसपास के पानी की गुणवत्ता को ख़राब कर सकता है। भूमि पर वाणिज्यिक खेती के संचालन की तरह, इन कलमों में मछली का घनत्व जानवरों को बीमार होने और चीजों को साफ रखने के लिए कुछ रसायनों की आवश्यकता होती है। समुद्री जलीय कृषि संचालन में इस्तेमाल होने वाले रसायन जैसे दवाइयां, एंटीबायोटिक्स और टीके, कीटाणुनाशक, और उपकरण (पिंजरों, आदि) के क्षरण को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले पदार्थ भी आसपास के जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना को बदल सकते हैं। b. जैव विविधता का प्रभाव: c. रोग और एंटीबायोटिक के उपयोग मछली पालन के लिए लागत कितनी आएगी ? दोस्तों यह तो व्यापर पर निर्भर करता है की आपका व्यापार कितना बड़ा होगा है फिर भी आपको बताना चाहूँगा की आपका व्यापार जितना भी बड़ा हो सरकार द्वारा 75% तक आपको लोन मिल जाएगा , क्योकि मछली पालन के केंद्र सरकार द्वारा 50 प्रतिशत लोन मिलेगा तथा राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत , यानी आपको कुल पूंजी का सिर्फ 25% ही इंतजाम करना होगा , सब्सिडी मिलने से न केवल व्यापार में आर्थिक सहायता मिलेगी बल्कि आप जल्द से जल्द अपना बिज़नस शुरु कर सकते है| मछली पालन करने के लिए क्या क्या चाहिए? ( requirement for fish farming) तालाब दोस्तों मछली पालन में सबसे जरुरी और अहम् चीज होती है मछलियों के रहने के के लिए तालाब यानी जिसके लिए आपको अच्छे खासे जमीं की आवश्यकता होगी जिसपे आपको तालाब बनवाना होगा जिसके लिए लगभग 0.1 हेक्टेयर जमीन चाहिए होगा तालाब बनवाने में सामान्य तौर पर 40 से 50 हजार का खर्च आ जाता है , तालाब में आपको अलग से जालियो को लगाने का प्रबंध भी करना होगा |, तालाब में पानी की जरुरत को पूरा करने के लिए एक बोरबेल लगवाना होगा ताकि समय समय पर तालाब में पानी की कमी को पूरा किया जा सके | मछली आहार और जैसा मछलियों के चुनाव में सावधानी बरतनी पड़ती है उसी प्रकार मछलियों के आहार में भी कई चीजो का ध्यान में रखा जाता है मछली पालन में आहार के लिए चांवल की भूसी (कनकी मिश्रित राईस पालिस) एवं सरसो या मूगं फली की खली लगभग 1800 से 2700 किलोग्राम प्रति हेक्टर प्रतिवर्ष के मान से देना चाहिए। इसके अलावा आप चाहे तो चावल के आटा या गेहू के आते की गोलिया बना कर दे सकते है मछली पालन में मछलियों का रखरखाव कैसे करे? अब जानते है मछलियों के रखरखाव के बारे में जी हां दोस्तों सिर्फ इतनी तैयारी कर लेने से मछली पालन नहीं क्या जा सकता है बल्कि सही मायिने में देखा जाय तो मछलियों के सही ढंग से रखरखाव के बिना मुनाफे के बारे में सोचना भी गलत है , मछलियों के छोटे से बड़े होने तक न जाने उन्हें किन किन परस्थितियो से गुजरना होता है जैसे की मछलियों के बीमारिया, सडन , गंदगी, आहार में कमी, पानी की कमी, अन्य दुसरे पानी के जिव जन्तुओ से बचाव, आदि जिसके लिए आपको किसी मछली पालन के विशेषग्य से मिलना होगा या जिले के मत्स्य पालन विभाग से सम्पर्क करना होगा | मछली पालन में ध्यान देने योग्य बाते • सबसे पहले तालाब जिनमे आपको मछली पालन करना है वह पूरी तरह साफ होना चाहिए ,मछली पालन के दौरान भी तालाब की साफ़ सफाई पर उचित ध्यान रखना होगा क्योकि गंदे तालाब होने से मछलिया मर सकती है या उन्हें किसी प्रकार की बिमारी लग सकती है मछली पालन में मुनाफ़ा कितना होगा ? जैसे की मैंने पहले भी बताया था की लागत तथा मुनाफ़ा दोनों ही व्यापार पर डिपेंड करता है यानी आप आधिक पूंजी लगाते है तो अधिक कमा सकते है , वैसे यदि आप छोटे पेमाने पर लागाकर भी अच्छा कमा सकते है बशर्ते आपकी मार्केटिंग तथा डिस्ट्रीब्यूशन अच्छा होना चाहिए फिर भी मछली पालन में लिप्त लोगो का मानना है की यदि आप एक साल में 5 हजार तक मछलियों का उत्पादन करते है तथा उसे बेचते है तो आपकी महीने की कमाई लगभग 50 हजार से 60 हजार तक आसानी से हो सकती है | Please follow and like us: सबसे जल्दी तैयार होने वाली मछली कौन सी है?वैज्ञानिक नाम :- कतला सामान्य नाम :- कतला, भाखुर भौगोलिक निवास एवं वितरण कतला एक सबसे तेज बढ़ने वाली मछली है यह गंगा नदीय तट की प्रमुख प्रजाति है। भारत में इसका फैलाव आंध्रप्रदेश की गोदावरी नदीं तथा कृष्णा व कावेरी नदियों तक है।
मछली को जल्दी बड़ा कैसे करें?गोबर में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है। इसका अधिकतर भाग पानी से प्रतिक्रिया कर प्लैंक्टन में परिवर्तित हो जाता है। इसे खाकर मछलियां तेजी से बड़ी होती हैं और इनका वजन भी बढ़ता है। जियरा ((छोटी मछली)) डालते समय प्रति हेक्टेयर दो हजार किलो का पहला डोज दिया जाता है।
मछली कितने दिन में तैयार हो जाती है?मछली पालन कैसे करें?. मछली का भोजन क्या है?कुछ मछलियाँ शाकाहारी होती हैं, कुछ सर्वाहारी, कुछ मछलियाँ सिर्फ शैवाल खाती हैं, कुछ झींगे आदि खाती हैं| लेकिन ज़्यादातर मछलियाँ सर्वाहारी ही होती हैं, यानी वो शाकाहारी और माँसाहारी दोनों तरह के भोजन ग्रहण कर लेती हैं।
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