बंगाल का अंतिम स्वतंत्र हिंदू शासक कौन था? - bangaal ka antim svatantr hindoo shaasak kaun tha?

Bangal Ka Antim Hindu Shashak Kaun Tha

Pradeep Chawla on 19-10-2018

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लक्ष्मण सेन

सम्बन्धित प्रश्न

नील कृषकों की दुर्दशा पर लिखी गई पुस्तक



Comments Mubarak sha on 30-03-2022

Mubarak sha

Rohit Patil on 29-10-2021

मिर्ज़ा सिरोजोदुला

Anita halkar on 29-09-2021

Lashman sen

Khalifa Rajak on 24-08-2021

Lakshman shen

मीर कासिम on 18-09-2020

बंगाल का अंतिम शासक कौन था

बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक कौन था on 23-12-2019

बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक कौन था

Bangal ka antim hindu sasak kon tha on 11-06-2019

Bagal ka antim hindu sasak kon tha

  • दक्षिण एशिया तथा
भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास
बंगाल का अंतिम स्वतंत्र हिंदू शासक कौन था? - bangaal ka antim svatantr hindoo shaasak kaun tha?

पाषाण युग (७०००–३००० ई.पू.)

  • निम्न पुरापाषाण (२० लाख वर्ष पूर्व)
  • मध्य पुरापाषाण (८० हजार वर्ष पूर्व)
  • मध्य पाषाण (१२ हजार वर्ष पूर्व)
  • (नवपाषाण)
  •  – मेहरगढ़ संस्कृति (७०००–३३०० ई.पू.)
  • ताम्रपाषाण (६००० ई.पू.)

कांस्य युग (३०००–१३०० ई.पू.)

  • सिन्धु घाटी सभ्यता (३३००–१३०० ई.पू.)
  •  – प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृति (३३००–२६०० ई.पू.)
  •  – परिपक्व हड़प्पा संस्कृति (२६००–१९०० ई.पू.)
  •  – गत हड़प्पा संस्कृति (१७००–१३०० ई.पू.)
  • गेरूए रंग के मिट्टी के बर्तनों संस्कृति (२००० ई.पू. से)
  • गांधार कब्र संस्कृति (१६००–५०० ई.पू.)

लौह युग (१२००–२६ ई.पू.)

  • वैदिक सभ्यता (२०००–५०० ई.पू.)
  •  – जनपद (१५००-६०० ई.पू.)
  •  – काले और लाल बर्तन की संस्कृति (१३००–१००० ई.पू.)
  •  – धूसर रंग के बर्तन की संस्कृति (१२००–६०० ई.पू.)
  •  – उत्तरी काले रंग के तराशे बर्तन (७००–२०० ई.पू.)
  •  – मगध महाजनपद (५००–३२१ ई.पू.)
  • प्रद्योत वंश (७९९–६८४ ई.पू.)
  • हर्यक राज्य (६८४–४२४ ई.पू.)
  • तीन अभिषिक्त साम्राज्य (६०० ई.पू.-१६०० ई.)
  • महाजनपद (६००–३०० ई.पू.)
  • रोर राज्य (४५० ई.पू.–४८९ ईसवी)
  • शिशुनागा राज्य (४१३–३४५ ई.पू.)
  • नंद साम्राज्य (४२४–३२१ ई.पू.)
  • मौर्य साम्राज्य (३२१–१८४ ई.पू.)
  • पाण्ड्य साम्राज्य (३०० ई.पू.–१३४५ ईसवी)
  • चेर राज्य (३०० ई.पू.–११०२ ईसवी)
  • चोल साम्राज्य (३०० ई.पू.–१२७९ ईसवी)
  • पल्लव साम्राज्य (२५० ई.पू.–८०० ईसवी)
  • महा-मेघा-वाहन राजवंश (२५० ई.पू.–४०० ईसवी)

मध्य साम्राज्य (२३० ई.पू.–१२०६ ईसवी)

  • सातवाहन साम्राज्य (२३० ई.पू.–२२० ईसवी)
  • कूनिंदा राज्य (२०० ई.पू.–३०० ईसवी)
  • मित्रा राजवंश (१५० ई.पू.-५० ई.पू.)
  • शुंग साम्राज्य (१८५–७३ ई.पू.)
  • हिन्द-यवन राज्य (१८० ई.पू.–१० ईसवी)
  • कानवा राजवंश (७५–२६ ई.पू.)
  • हिन्द-स्क्य्थिंस राज्य (२०० ई.पू.–४०० ईसवी)
  • हिंद-पार्थियन राज्य (२१–१३० ईसवी)
  • पश्चिमी क्षत्रप साम्राज्य (३५–४०५ ईसवी)
  • कुषाण साम्राज्य (६०–२४० ईसवी)
  • भारशिव राजवंश (१७०-३५० ईसवी)
  • पद्मावती के नागवंश (२१०-३४० ईसवी)
  • हिंद-सासनिद् राज्य (२३०–३६० ईसवी)
  • वाकाटक साम्राज्य (२५०–५०० ईसवी)
  • कालाब्रा राज्य (२५०–६०० ईसवी)
  • गुप्त साम्राज्य (२८०–५५० ईसवी)
  • कदंब राज्य (३४५–५२५ ईसवी)
  • पश्चिम गंग राज्य (३५०–१००० ईसवी)
  • कामरूप राज्य (३५०–११०० ईसवी)
  • विष्णुकुंड राज्य (४२०–६२४ ईसवी)
  • मैत्रक राजवंश (४७५–७६७ ईसवी)
  • हुन राज्य (४७५–५७६ ईसवी)
  • राय राज्य (४८९–६३२ ईसवी)
  • चालुक्य साम्राज्य (५४३–७५३ ईसवी)
  • शाही साम्राज्य (५००–१०२६ ईसवी)
  • मौखरी राज्य (५५०–७०० ईसवी)
  • हर्षवर्धन साम्राज्य (५९०–६४७ ईसवी)
  • तिब्बती साम्राज्य (६१८-८४१ ईसवी)
  • पूर्वी चालुक्यों राज्य (६२४–१०७५ ईसवी)
  • गुर्जर-प्रतिहार राज्य (६५०–१०३६ ईसवी)
  • पाल साम्राज्य (७५०–११७४ ईसवी)
  • राष्ट्रकूट साम्राज्य (७५३–९८२ ईसवी)
  • परमार राज्य (८००–१३२७ ईसवी)
  • यादवों राज्य (८५०–१३३४ ईसवी)
  • सोलंकी राज्य (९४२–१२४४ ईसवी)
  • प्रतीच्य चालुक्य राज्य (९७३–११८९ ईसवी)
  • लोहारा राज्य (१००३-१३२० ईसवी)
  • होयसल राज्य (१०४०–१३४६ ईसवी)
  • सेन राज्य (१०७०–१२३० ईसवी)
  • पूर्वी गंगा राज्य (१०७८–१४३४ ईसवी)
  • काकतीय राज्य (१०८३–१३२३ ईसवी)
  • ज़मोरीन राज्य (११०२-१७६६ ईसवी)
  • कलचुरी राज्य (११३०–११८४ ईसवी)
  • शुतीया राजवंश (११८७-१६७३ ईसवी)
  • देव राजवंश (१२००-१३०० ईसवी)

देर मध्ययुगीन युग (१२०६–१५९६ ईसवी)

  • दिल्ली सल्तनत (१२०६–१५२६ ईसवी)
  •  – ग़ुलाम सल्तनत (१२०६–१२९० ईसवी)
  •  – ख़िलजी सल्तनत (१२९०–१३२० ईसवी)
  •  – तुग़लक़ सल्तनत (१३२०–१४१४ ईसवी)
  •  – सय्यद सल्तनत (१४१४–१४५१ ईसवी)
  •  – लोदी सल्तनत (१४५१–१५२६ ईसवी)
  • आहोम राज्य (१२२८–१८२६ ईसवी)
  • चित्रदुर्ग राज्य (१३००-१७७९ ईसवी)
  • रेड्डी राज्य (१३२५–१४४८ ईसवी)
  • विजयनगर साम्राज्य (१३३६–१६४६ ईसवी)
  • बंगाल सल्तनत (१३५२-१५७६ ईसवी)
  • गढ़वाल राज्य (१३५८-१८०३ ईसवी)
  • मैसूर राज्य (१३९९–१९४७ ईसवी)
  • गजपति राज्य (१४३४–१५४१ ईसवी)
  • दक्खिन के सल्तनत (१४९०–१५९६ ईसवी)
  •  – अहमदनगर सल्तनत (१४९०-१६३६ ईसवी)
  •  – बेरार सल्तनत (१४९०-१५७४ ईसवी)
  •  – बीदर सल्तनत (१४९२-१६९९ ईसवी)
  •  – बीजापुर सल्तनत (१४९२-१६८६ ईसवी)
  •  – गोलकुंडा सल्तनत (१५१८-१६८७ ईसवी)
  • केलाड़ी राज्य (१४९९–१७६३)
  • कोच राजवंश (१५१५–१९४७ ईसवी)

प्रारंभिक आधुनिक काल (१५२६–१८५८ ईसवी)

  • मुग़ल साम्राज्य (१५२६–१८५८ ईसवी)
  • सूरी साम्राज्य (१५४०–१५५६ ईसवी)
  • मदुरै नायक राजवंश (१५५९–१७३६ ईसवी)
  • तंजावुर राज्य (१५७२–१९१८ ईसवी)
  • बंगाल सूबा (१५७६-१७५७ ईसवी)
  • मारवा राज्य (१६००-१७५० ईसवी)
  • तोंडाइमन राज्य (१६५०-१९४८ ईसवी)
  • मराठा साम्राज्य (१६७४–१८१८ ईसवी)
  • सिक्खों की मिसलें (१७०७-१७९९ ईसवी)
  • दुर्रानी साम्राज्य (१७४७–१८२३ ईसवी)
  • त्रवनकोर राज्य (१७२९–१९४७ ईसवी)
  • सिख साम्राज्य (१७९९–१८४९ ईसवी)

औपनिवेशिक काल (१५०५–१९६१ ईसवी)

  • पुर्तगाली भारत (१५१०–१९६१ ईसवी)
  • डच भारत (१६०५–१८२५ ईसवी)
  • डेनिश भारत (१६२०–१८६९ ईसवी)
  • फ्रांसीसी भारत (१७५९–१९५४ ईसवी)
  • कंपनी राज (१७५७–१८५८ ईसवी)
  • ब्रिटिश राज (१८५८–१९४७ ईसवी)
  • भारत का विभाजन (१९४७ ईसवी)

श्रीलंका के राज्य

  • टैमबापन्नी के राज्य (५४३–५०५ ई.पू.)
  • उपाटिस्सा नुवारा का साम्राज्य (५०५–३७७ ई.पू.)
  • अनुराधापुरा के राज्य (३७७ ई.पू.–१०१७ ईसवी)
  • रोहुन के राज्य (२०० ईसवी)
  • पोलोनारोहवा राज्य (३००–१३१० ईसवी)
  • दम्बदेनिय के राज्य (१२२०–१२७२ ईसवी)
  • यपहुव के राज्य (१२७२–१२९३ ईसवी)
  • कुरुनेगाल के राज्य (१२९३–१३४१ ईसवी)
  • गामपोला के राज्य (१३४१–१३४७ ईसवी)
  • रायगामा के राज्य (१३४७–१४१२ ईसवी)
  • कोटि के राज्य (१४१२–१५९७ ईसवी)
  • सीतावाखा के राज्य (१५२१–१५९४ ईसवी)
  • कैंडी के राज्य (१४६९–१८१५ ईसवी)
  • पुर्तगाली सीलोन (१५०५–१६५८ ईसवी)
  • डच सीलोन (१६५६–१७९६ ईसवी)
  • ब्रिटिश सीलोन (१८१५–१९४८ ईसवी)

राष्ट्र इतिहास

  • अफ़्गानिस्तान
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  • श्रीलंका

क्षेत्रीय इतिहास

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विशेष इतिहास

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  • समयचक्र

  • दे
  • वा
  • सं

बंगाल का अंतिम स्वतंत्र हिंदू शासक कौन था? - bangaal ka antim svatantr hindoo shaasak kaun tha?

बंगाल में सबसे पुरानी शहरी बस्तियों में से एक, महास्तंगढ़ में शहर की दीवार के अवशेष,

भारत के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में भी बंगाल का विशिष्‍ट स्‍थान है। सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में गंगारिदयी नाम का साम्राज्‍य था। गुप्‍त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में शशांक बंगाल नरेश बना। कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्‍दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके बाद गोपाल ने सत्ता संभाली और पाल राजवंश की स्‍थापना की। पालों ने विशाल साम्राज्‍य खड़ा किया और चार शताब्‍दियों तक राज्‍य किया। पाल राजाओं के बाद बंगाल पर सेन राजवंश का अधिकार हुआ, जिसे दिल्‍ली के मुस्‍लिम शासकों ने परास्‍त किया। सोलहवीं शताब्‍दी में मुगलकाल के प्रारंभ से पहले बंगाल पर अनेक मुस्‍लमान राजाओं और सुल्तानों ने शासन किया।

मुगलों के पश्‍चात् आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेजी व्‍यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है। सन् 1757 में प्‍लासी के युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेजों ने पहले-पहल बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए। सन् 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन कर दिया लेकिन कांग्रेस के नेतृत्‍व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्‍वतंत्रता आंदोलन की ज्‍वाला और तेजी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप 1947 में देश की आजादी और विभाजन के साथ हुआ। 1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम शुरू हुआ और राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्‍यों के कुछ बांग्‍लाभाषी क्षेत्रों को भी पश्चिम बंगाल में मिला दिया गया।

अनुक्रम

  • 1 बंगाल के स्वाधीन बौद्ध व हिन्दू राजा
    • 1.1 पाल वंश
    • 1.2 सेन बंश
  • 2 बंगाल के स्वाधीन सुल्तान
    • 2.1 इलियास वंश (प्रथम पर्व)
    • 2.2 बायाजिद बंश
    • 2.3 गणेश बंश
    • 2.4 इलियास वंश (द्बितीय पर्व)
    • 2.5 हाबसि बंश
    • 2.6 हुसेन बंश
  • 3 उत्तर भारत के शूरी राजाओं के अधीन बंगाल
    • 3.1 शूर बंश
  • 4 बंगाल के स्वाधीन सुलतान
    • 4.1 कररानि बंश
  • 5 बंगाल के मुगल शासक
  • 6 बंगाल के मुगल सूबेदार
  • 7 बंगाल के नबाब
    • 7.1 बंगाल के नबाब
    • 7.2 ब्रिटिश काल के नवाब
    • 7.3 इन्हें भी देखें
    • 7.4 बाहरी कड़ियाँ

बंगाल के स्वाधीन बौद्ध व हिन्दू राजा[संपादित करें]

पाल वंश[संपादित करें]

  • प्रथम गोपाल (७५६-७८१)
  • धर्मपाल (७८१-८२१)
  • देबपाल (८२१-८६१)
  • प्रथम बिग्रहपाल, महेन्द्रपाल ओ प्रथम शूरपाल (८६१-८६६)
  • नारायनपाल (८६६-९२०)
  • राज्यपाल (९२०-९५२)
  • द्बितीय गोपाल (९५२-९६९)
  • द्बितीय बिग्रहपाल (९६९-९९५)
  • प्रथम महीपाल (९९५-१०४३)
  • नयापाल (१०४३-१०५८)
  • तृतीय बिग्रहपाल (१०५८-१०७५)
  • द्बितीय महीपाल (१०७५-१०८०)
  • द्बितीय शूरपाल (१०७५-१०७७)
  • रामपाल (१०८२-११२४)
  • कुमारपाल (११२४-११२९)
  • तृतीय गोपाल (११२९-११४३)
  • मदनपाल (११४३-११६२)

सेन बंश[संपादित करें]

  • हेमन्त सेन (१०९७)
  • बिजय सेन (१०९७-११६०)
  • बल्लाल सेन (११६०-११७८)
  • लक्ष्मन सेन (११७८-१२०६)
  • बिश्बरूप सेन (१२०६-१२२०)
  • केशब सेन (१२२०-१२५०)

बंगाल के स्वाधीन सुल्तान[संपादित करें]

इलियास वंश (प्रथम पर्व)[संपादित करें]

  • शामसुद्दीन इलियास शाह (१३४२-१३५८) (१३४२ थेके पश्चिम बांलार लखनौति राज्येर सुलतान एबं १३५२ थेके पुरो बांलाय)
  • प्रथम सिकान्दर शाह (१३५८-१३९०)
  • गियासुद्दीन आजम शाह (१३९०-१४११)
  • साइफुद्दीन हामजा शाह (१४११-१४१३)
  • मुहाम्मद शाह (१४१३)

बायाजिद बंश[संपादित करें]

  • शिहाबुद्दिन बायाजिद शाह (१४१३-१४१४)
  • प्रथम आलाउद्दीन फिरोज शाह (१४१४-१४१५)

गणेश बंश[संपादित करें]

  • राजा गणेश (१४१४-१४१५ एबं १४१६-१४१८)
  • जालालुद्दीन मुहाम्मद शाह (१४१५-१४१६ एबं १४१८-१४३३)
  • शामसुद्दीन आहमद शाह (१४३३-१४३५)

इलियास वंश (द्बितीय पर्व)[संपादित करें]

  • प्रथम नासिरुद्दिन माहमुद शाह (१४३५-१४५९)
  • रुकनुद्दीन बारबक शाह (१४५९-१४७४)
  • शामसुद्दीन इउसुफ शाह (१४७४-१४८१)
  • द्बितीय सिकान्दर शाह (१४८१)
  • जालालुद्दीन फतेह शाह (१४८१-१४८७)

हाबसि बंश[संपादित करें]

  • बारबक शाह (१४८७)
  • साइफुद्दीन फिरोज शाह (१४८७-१४९०)
  • द्बितीय नासिरुद्दिन माहमुद शाह (१४९०)
  • शामसुद्दीन मुजाफ्फर शाह (१४९०-१४९३)

हुसेन बंश[संपादित करें]

  • आलाउद्दिन हुसेन शाह (१४९३-१५१९)
  • नासिरुद्दीन नुसरत शाह (१५१९-१५३२)
  • द्बितीय आलाउद्दीन फिरोज शाह (१५३२-१५३३)
  • गियासुद्दीन माहमुद शाह (१५३३-१५३८)

उत्तर भारत के शूरी राजाओं के अधीन बंगाल[संपादित करें]

शूर बंश[संपादित करें]

  • शेर शाह शूरि (१५४०-१५४५)
  • लाम शाह शूरि (१५४५-१५५३)
  • फिरोज शाह शूरि (१५५३)
  • आदिल शाह शूरि (१५५३-१५५७)-

बंगाल के स्वाधीन सुलतान[संपादित करें]

  • शामसुद्दीन मुहाम्मद शाह (१५५५)
  • प्रथम गियासुद्दीन बाहादुर शाह (१५५५-१५६०)
  • गियासुद्दीन जालाल शाह (१५६०-१५६२)
  • द्बितीय गियासुद्दीन बाहादुर शाह (१५६२-१५६३)

कररानि बंश[संपादित करें]

  • ताज खान कररानि (१५६३)
  • सुलायमान कररानि (१५६३-१५७२)
  • बायाजिद कररानि (१५७२-१५७३)
  • दाउद खान कररानि (१५७३-१५७६)

बंगाल के मुगल शासक[संपादित करें]

बंगाल के मुगल सूबेदार[संपादित करें]

सूबेदार मुग़ल शासक के द्वारा नियुक्त किया गया प्रशासनिक अधिकारी होता था जो प्रायः राजघराने से सम्बंधित होता था और वह प्रायः दिल्ली में रहता था। दीवानी (राजस्व ) सम्बन्धी कार्य मुग़ल शासक द्वारा नियुक्त किया गया दीवान देखता था जो सूबेदार कि अनुपस्थिति में प्रशासनिक कार्य भी देखता था। १७०० ई. में औरंगजेब ने मुर्शीद्कुली खां को बंगाल का दीवान नियुक्त किया गया ,जो १७०७ ई.में औरंगजेब कि मृत्यु के बाद बंगाल का पहला नबाव बना। अतः यही से बंगाल में वंशानुगत शासन कि शुरुआत हुयी जो २३ जून १७५७ ई. को समाप्त हुयी और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का बंगाल पर अधिकार हुआ।

बंगाल के नबाब[संपादित करें]

बंगाल के नबाब[संपादित करें]

  • मुर्शिदकुलि जाफर खान १७१७-१७२७
  • सुजा उद्दिन १७२७-१७३९
  • सरफराज खान १७३९-१७४०
  • अलीबर्दी खान १७४०-१७५६
  • सिराजुद्दौला १७५६-१७५७

ब्रिटिश काल के नवाब[संपादित करें]

  • मीरजाफर 1757-1760
  • मीरकासिम 1760-1763
  • मीरजाफर (द्बितीय बार) 1763-1765 (बक्सर का युद्ध)
  • नाजम उद दौला 1765-1766 (अल्पवयस्क)
  • सइफ उद दौला 1766-1770

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • बंगभंग
  • बंगाल का पुनर्जागरण
  • बिहार का इतिहास
  • ओड़िशा का इतिहास
  • बांग्लादेश का इतिहास
  • म्यांमार का इतिहास

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • A discussion group
  • A systematic history
  • A short history
  • एक पृष्ट में भारत का इतिहास

बंगाल का अंतिम हिंदू राजा कौन था?

मंसूर अली खान बंगाल के अंतिम नवाब थे जिन्होंने 1838 से 1881 तक शासन किया था। उनके बाद उनके सबसे बड़े बेटे हसन अली मिर्ज़ा उत्तराधिकारी बने जो मुर्शिदाबाद के पहले नवाब थे। उन्होंने 1881-1906 तक शासन किया।

भारत का पहला हिन्दू शासक कौन था?

हेमू उर्फ़ हेमचन्द्र, हेमू विक्रमादित्य अथवा हेमचंद्र विक्रमादित्य (निधन: 5 नवम्बर 1556) हिन्दू कमाण्डर थे जो पहले एक सामान्य रूप में सेवा के मुख्यमंत्री के आदिल शाह सूरी के सूरी वंश में एक अवधि के दौरान भारतीय इतिहास जब मुगल और अफगान पूरे उत्तर भारत में सत्ता के लिए होड़ में थे।

दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला प्रथम हिंदू शासक कौन था?

मुहम्मद ग़ौरी का गुलाम क़ुतुबुद्दीन ऐबक, गुलाम वंश का पहला सुल्तान था। ऐबक का साम्राज्य पूरे उत्तर भारत तक फैला था

बंगाल का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था?

बंगाल का सबसे शक्तिशाली शासक कौन था? मुर्शिद कुली खान, अलीवर्दी खान और सिराजुद्दौला ये तीनों ही सबसे अधिक शक्तिशाली शासक थे।