क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

सिर की चोट और संघट्टन

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सिर की अधिकतर चोटें चिंताजनक नहीं होती हैं। सामान्यत: आपको हॉस्पिटल में नहीं जाना पड़ता और दो सप्ताह के भीतर आप पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

सिर की चोट के पश्चात हॉस्पिटल जायें, यदि आप अथवा आपका बच्चे को ये लक्षण हैं:

  • आघात के कारण बेहोश हो गया परन्तु अब होश में है
  • चोट लगने के बाद से ही उल्टियाँ हो रही हैं
  • सिरदर्द है परन्तु दर्द-निवारक गोलियों से दूर नहीं हो रहा है
  • व्यवहार में परिवर्तन, उदाहरणार्थ अधिक चिड़चिड़ापन, है
  • याददाश्त की समस्याएँ हैं
  • चोट से तुरन्त पहले मदिरापान अथवा ड्रग्स का सेवन हो रहा था
  • रक्त के थक्के से हेमोफिलिया जैसी परेशानी अथवा वारफारिन जैसी रक्त-पतला करने की दवा ली हैं
  • पहले कभी मस्तिष्क सर्जरी हुई है

आप अथवा आपके बच्चे को संघट्टन हो सकता है।

साधारणत: लक्षण 24 घंटों के भीतर आरम्भ हो जाते हैं, परन्तु कभी-कभी वे 3 सप्ताह तक दिखाई नहीं देते हैं।

आपातकालीन सेवाओं को फ़ोन करें, यदि किसी ने अपना सिर मार दिया है और:

  • आघात के कारण बेहोश हो गया और अभी तक होश में नहीं आया है
  • जागते रहने अथवा आँखें खुली रखने में कठिनाई हो रही हो
  • एक दौरा (जकड़न या आखड़ी)
  • उनकी दृष्टि में समस्याएँ
  • कानों अथवा नाक से साफ द्रव बह रहा हो
  • कानों से रक्तस्त्राव अथवा उनके कानों के पीछे खरोंच हो
  • उनके शरीर के किसी भाग में सुन्नता अथवा कमजोरी हो
  • चलने, संतुलन, समझने, बोलने अथवा लिखने में परेशानियाँ हों
  • किसी कार दुर्घटना जैसी गंभीर एक्सिडेंट में सिर पर आघात हुआ हो

जब आप किसी को सुरक्षापूर्वक हॉस्पिटल तक पहुँचाने में असमर्थ हों तो आपातकाल सेवाओं को फ़ोन करें

किसी मामूली सिर की चोट का उपचार कैसे करें

यदि आपको हॉस्पिटल जाने की आवश्यकता न हो तो साधारणत: आप स्वयं अथवा अपने बच्चे की घर पर ही देखभाल कर सकते हैं।

दो सप्ताह तक हल्के सिरदर्द अथवा बीमार या स्तब्ध महसूस करने जैसे लक्षणों का उत्पन्न होना साधारण बात है।

स्वास्थ्यलाभ में सहायता करने हेतु :

  • सूजन न आये और यदि आई है तो उसे कम करने के लिए एक बर्फ का पैक (अथवा चाय के तौलिये में ठंडे मटरों का बैग) लगाएं
  • विश्राम करें और तनाव से दूर रहें - यदि आप थके हुये हैं तो आप अथवा आपका बच्चे को जागे रहने की आवश्यकता नहीं है
  • दर्द अथवा सिरदर्द से आराम पाने के लिए अथवा लें - एस्प्रिन न लें क्योंकि यह चोट से रक्त बहाव कर सकती है
  • सुनिश्चित करें कि कम से कम पहले 24 घंटों के लिये कोई व्यस्क आपके अथवा आपके बच्चे के साथ रहे

सिर की चोट के पश्चात :

  • जब तक आप बेहतर महसूस न करें, फिस अथवा स्कूल न जायें
  • पूरा स्वास्थ्यलाभ प्राप्त करने तक ड्राइव (कोई वाहन न चलायें) न करें
  • कम से कम 3 सप्ताह तक संपर्क खेल न खेलें - बच्चो को कुछ दिनों के लिये कठिन खेलों से दूर रहना चाहिये
  • जब तक आप बेहतर महसूस न करें, ड्रग्स अथवा मदिरापान न करें
  • स्वास्थ्यलाभ प्राप्त करने के दौरान, डॉक्टर की सलाह के बिना नींद की गोलियां न लें

डॉक्टर से संपर्क करें, यदि:

  • आप अथवा आपके बच्चे के लक्षण दो सप्ताहों से अधिक तक रहते हैं
  • आप सुनिश्चित नहीं है कि आपके लिये ड्राइव करना (वाहन चलना) अथवा ऑफिस, स्कूल या खेलों के लिये लौटना सुरक्षित है

लेख सम्बंधित जानकारी

Last Reviewed:

30 September 2020

Next Review:

30 September 2023

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महत्वपूर्ण सूचना: हमारी वेबसाइट उपयोगी जानकारी प्रदान करती है लेकिन ये जानकारी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय आपको हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

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परिचय

सिर की चोट एक ऐसा शब्द है जो सिर के सभी भागों की चोट का वर्णन करता है, जैसे खोपड़ी, मस्तिष्क और सिर के अंदरुनी ऊतकों व रक्तवाहिकाओं में किसी प्रकार की चोट लगना। सिर में चोट कई कारणों से लग सकती है जैसे गिरना, फिसलना, सड़क दुर्घटना और शारीरिक हिंसा आदि।

सिर में चोट लगने के कारण मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन या ब्लिडिंग हो सकती है या मस्तिष्क को चारों तरफ से ढकने वाली परत में खून बह सकता है। सिर में चोट लगने के कारण कई बार खोपड़ी की हड्डी नहीं टूटती है लेकिन हड्डी के पीछे मस्तिष्क को चोट लग जाती है, ऐसी स्थिति में सिर बाहर से ठीक लगता है लेकिन मस्तिष्क के अंदर खून बहने लगता है। 

सिर में चोट लगने के तुरंत बाद ही उसके लक्षण महसूस होने लग सकते हैं या लक्षण धीरे-धीरे भी विकसित हो सकते हैं, जिसमें कुछ घंटे से कुछ दिनों तक का समय लग सकता है। इन लक्षणों में सिर में चोट लगने से मतली और उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, याददाश्त चली जाना, उलझन, थकान महसूस होना और शरीर का संतुलन बनाने में कठिनाई महसूस होना आदि शुमार हैं।

(और पढ़ें - कमजोर याददाश्त के लक्षण)

सिर की चोट का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर सिर का परीक्षण करते हैं और यह पूछते हैं कि चोट किस प्रकार लगी थी। परीक्षण के दौरान सीटी स्कैन और सिर का एक्स रे भी किया जा सकता है, इन टेस्टों की मदद से यह पता लगाया जाता है कि सिर की चोट कितनी गंभीर है और सिर की हड्डी सुरक्षित है या नहीं। 

यदि सिर में चोट लगी है तो उस पर तुरंत ध्यान देना और उसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। सिर की चोट का इलाज चोट की जगह, प्रकार और उसकी गंभीरता के आधार पर किया जाता है। जिन लोगों के सिर में हल्की चोट आई है, तो हो सकता है उनको जांच व लक्षणों को नियंत्रित करने के अलावा कोई अन्य उपचार करवाने की जरूरत ना पड़े। लेकिन जिन लोगों के सिर में गंभीर रूप से चोट आई है, जिससे उनकी सिर की हड्डी टूट गई है या फिर सिर के बाहर या मस्तिष्क के अंदर खून बह रहा है तो ऐसी स्थिति में ऑपरेशन की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 

(और पढ़ें - हड्डी टूटने के लक्षण)

सिर में चोट लगने से कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्याएं, कोमा और यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। 

(और पढ़ें - सिर दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)

  1. क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?
    सिर की चोट की प्राथमिक चिकित्सा

सिर की चोट क्या है - What is Head Injury in Hindi

सिर की चोट क्या है?

खोपड़ी, मस्तिष्क या सिर के किसी भी हिस्से में चोट लगने की स्थिति को सिर की चोट कहा जाता है। सिर की चोट खोपड़ी में छोटी सी गांठ से लेकर मस्तिष्क में गंभीर रूप से चोट लगना हो सकती है। सिर की चोट व्यस्कों में अपंगता और मृत्यु के सबसे मुख्य कारणों में से एक है। 

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)

सिर की चोट के प्रकार - Types of Head Injury in Hindi

सिर की चोट कितने प्रकार की होती है?

सिर की चोट खुली चोट (खुले घाव के रूप में) भी हो सकती है या बंद चोट (गुम चोट) भी हो सकती है:

  • खुली चोट -
    जब कोई वस्तु आपके सिर में लगती है और त्वचा और हड्डी के अंदर से छेद करते हुए मस्तिष्क में चली जाती है, तो उसे खुली चोट कहा जाता है। यह अक्सर तब होता जब आप तेज गति में किसी स्थिर वस्तु से टकराएं या फिर कोई वस्तु तीव्र गति के साथ आपके सिर से टकराए और उसमें छेद कर दे, जैसे कार दुर्घटना। सिर में बंदूक की गोली लगना भी खुली चोट का एक उदाहरण है। 
     
  • बंद चोट -
    जब तीव्र गति से आती हुई वस्तु आपके सिर पर टकराती है, जिससे सिर की हड्डी नहीं टूट पाती या सिर की त्वचा में छेद नहीं हो पाता तो उसे बंद चोट कहा जाता है। जिस चोट से त्वचा में छेद नहीं हो पाता उसे गुम चोट या बंद चोट कहा जाता है।

(और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी की चोट)

सिर की चोट के लक्षण - Head Injury Symptoms in Hindi

सिर में चोट लगने के क्या लक्षण हैं?

सिर में चोट लगने के कुछ मामलों में किसी प्रकार लक्षण पैदा नहीं होता है और कुछ मामलों में याददाश्त भूलना या कोमा जैसे गंभीर लक्षण पैदा हो सकते हैं। यह भी जरूरी नहीं है, कि सिर में चोट लगने के तुरंत बाद लक्षण पैदा होने लगें, क्योंकि यदि मस्तिष्क में चोट लगी है तो मस्तिष्क में सूजन आने और खून बहने में थोड़ा समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में चोट लगने के कुछ समय बाद ही लक्षण पहचान में आते हैं। 

सिर की चोट से जुड़े लक्षण जैसे:

  • बेहोश होना, इस स्थिति में व्यक्ति गिर जाता है और कोई प्रतिक्रिया नहीं करता वह लंबे समय तक भी इस स्थिति में रह सकता है। साथ ही एेसा बेहद कम अवधि के लिए भी हो सकता है। 
  • मस्तिष्काघात (Concussion) होना, सिर पर किसी तीव्र गति की वस्तु का प्रहार होने की स्थिति को मस्तिष्काघात कहा जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति का मस्तिष्क अचानक से काम करना बंद कर देता है, जो कुछ समय तक रहता है। इस दौरान व्यक्ति परेशान व उलझन में दिखाई देता है, मस्तिष्काघात से व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है हालांकि यह जरूरी नहीं है। 
  • आवाज व प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • चिड़चिड़ापन
  • उलझन
  • ठीक से सो ना पाना या नींद में प्रकार का बदलाव (जैसे बार-बार उठना या अधिक नींद आना)
  • धुंधला दिखाई देना
  • थकान व सुस्ती (और पढ़ें - सुस्ती का इलाज)
  • ठीक से बोल ना पाना
  • चलने में कठिनाई
  • शरीर की एक तरफ का हिस्सा कमजोर महसूस होना
  • नाक या कान से खून या फिर कोई अन्य द्रव बहना (और पढ़ें - नाक से खून बहने का इलाज)
  • मिर्गी के दौरे पड़ना (और पढ़ें - मिर्गी के दौरे क्यों आते हैं)
  • आंखों के आस-पास सूजन आना (और पढ़ें - आंखों में सूजन का इलाज)
  • कान के पीछे सूजन आना
  • याददाश्त कम होना (और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के उपाय)
  • शरीर सुन्न होना
  • बोलने में कठिनाई महसूस होना (और पढ़ें - बोलने में कठिनाई का इलाज)
  • जागे रहने में परेशानी (हर समय नींद आना)
  • सुनाई ना देना (और पढ़ें - सुनने में परेशानी के घरेलू उपाय)
  • खोपड़ी में छेद या गहरा कट लगना
  • सिर पर खुला घाव बनना
  • कोमा

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

सिर की चोट की गंभीरता की पहचान करना और उसकी फर्स्ट एड करना सीखना जरूरत पड़ने पर किसी की जान बचा सकता है। यदि सिर पर चोट लगने के कारण किसी व्यक्ति को निम्न समस्याएं हो रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए:

  • सिर या चेहरे से गंभीर रूप से खून बहना
  • याददाश्त जाना (यहां तक कि अगर कुछ ही समय के लिए याददाश्त जाती है तो भी डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए। 
  • सिर में गंभीर दर्द होना (और पढ़ें - सिरदर्द का इलाज)
  • गर्दन में अकड़न (और पढ़ें - गर्दन में अकड़न के घरेलू उपाय)
  • एक से अधिक बार उल्टी होना (और पढ़ें - उल्टी रोकने के उपाय)
  • आंख के बीच वाले काले रंग के हिस्से (Pupils) का आकार बदलना
  • बाजू या टांग को हिला ना पाना
  • बहुत अधिक नींद आना (और पढ़ें - नींद की कमी का इलाज)
  • असाधारण रूप से व्यवहार करना

(और पढ़ें - फर्स्ट ऐड बॉक्स क्या है)

सिर की चोट के कारण और जोखिम कारक - Head Injury Causes & Risk Factors in Hindi

क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

सिर में चोट किन कारणों से लगती हैं?

सिर पर गंभीर चोट लगने के कुछ सामान्य कारण जैसे:

  • सड़क दुर्घटना जैसे बाइक या कार एक्सीडेंट
  • घर पर होने वाली दुर्घटना जैसे गिरना या फिसलना
  • काम के समय होने वाली दुर्घटनाएं जैसे किसी मशीन पर काम करते हुऐ सिर पर कुछ लगना या गिरना आदि
  • शारीरिक हिंसा, जैसे सिर पर वार होना
  • खेल-कूद के दौरान लगने वाली चोटें, जैसे सिर पर गेंद आदि लगना

सिर पर चोट लगने का खतरा कब बढ़ता है?

कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनमें सिर की चोट लगने का खतरा काफी अधिक होता है:

  • नवजात शिशुओं से 4 साल तक के बच्चे (और पढ़ें - नवजात शिशु की देखभाल)
  • किसी भी शारीरिक गतिविधि करने से पहले अधिक मात्रा में शराब पी लेना (और पढ़ें - शराब पीने के नुकसान)
  • ठीक से दिखाई ना देना
  • 60 साल से अधिक उम्र के लोग
  • अधिक उम्र वाले लोगों में मुख्य रूप से पुरुषों में सिर की चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। 

(और पढ़ें - कलर ब्लाइंडनेस के लक्षण)

सिर की चोट से बचाव - Prevention of Head Injury in Hindi

क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

सिर में चोट लगने से बचाव कैसे करें?

व्यस्क व्यक्तियों और छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित जगह और सुरक्षित वातावरण बनाए रखना, सिर में चोट लगने से बचाव करने का सबसे पहला तरीका है। 

  • खेल गतिविधियों के दौरान हेलमेट आदि पहनना खेल के दौरान चोट लगने का खतरा कम कर देता है। 
  • खेल के दौरान उचित कपड़े, जूते व अन्य सहारा प्रदान करने वाले गियर (जैसे पैड या दस्ताने) आदि पहन लें। 
  • जब आप बीमार या अधिक थके हुए हैं, तो ऐसे में किसी खेल में भाग ना लें।
  • इसी प्रकार साइकिल या बाइक चलाते समय भी हेलमेट जरूर पहनें, इससे सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली सिर की चोटों का खतरा काफी कम हो जाता है। (और पढ़ें - साइकिल चलाने के फायदे)
  • कार चलाते समय सीट बेल्ट पहनें, इस से सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली सिर की चोटों का खतरा कम हो जाता है।
  • ड्राइविंग करते समय फोन का इस्तेमाल ना करें।
  • शराब व किसी अन्य ड्रग का नशा करके कभी भी ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि अगर ड्राइविंग कोई और कर रहा है और उसने नशा कर रखा है, तो भी उनके साथ यात्रा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि शराब पीने से गिरने और फिसलने आदि जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं। (और पढ़ें - शराब छोड़ने के उपाय)
  • बाथरूम व सीढ़ियों जैसी जगहों पर पकड़ने के हैंडल आदि लगाएं क्योंकि वहां पर गिरने का खतरा अधिक होता है। फर्श को कार्पेट्स या अन्य किसी चीज से ना ढंके, क्योंकि ऐसा करने से फर्श अधिक चिकना हो जाता है और उस पर चलने के दौरान गिरने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा चटाई पर से फर्श पर चलते वक्त फिसलने का खतरा भी काफी अधिक रहता है। एेसे में जरूरत पड़ने पर छड़ी या चलने में मदद करने वाले अन्य उपकरणों का इस्तेमाल करें। 
  • नियमित रूप से अपनी नजर की जांच करवाते रहें। (और पढ़ें - आँखों का टैस्ट)
  • सीढ़ियों के लिए उचित प्रकाश का प्रबंध करें और खासकर जो लोग ठीक से देख नहीं पाते या जिन्हें देखने से जुड़ी अन्य कोई समस्या है, उनके लिए प्रकाश की विशेष रूप से व्यवस्था करनी चाहिए। 
  • सीढ़ियों या फर्श के बीच में कोई ऐसा सामान ना रखें जिनसे ठोकर लग सकती है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करते रहें।

(और पढ़ें - व्यायाम के प्रकार)

सिर की चोट का परीक्षण - Diagnosis of Head Injury in Hindi

सिर की चोट की जांच कैसे करें?

सिर की चोट का परीक्षण डॉक्टर के द्वारा ही किया जाता है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर यह पूछते हैं कि व्यक्ति के सिर में चोट कैसे लगी है। परीक्षण करते समय डॉक्टर मरीज के सिर, चेहरे और गर्दन को बहुत ध्यानपूर्वक देखते हैं। 

मस्तिष्काघात का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर “ग्लासगो कोमा स्केल” (Glasgow coma scale) नामक टेस्ट का उपयोग करते हैं। ग्लासगो कोमा स्केल टेस्ट में 15 बिंदु होते हैं, जो व्यक्ति की मानसिक स्थिति दर्शाते हैं। यदि ग्लासगो कोमा स्केल का रिजल्ट उच्च आता है, तो उसका मतलब है कि सिर में गंभीर चोट है। डॉक्टर जांच करके इनकी स्थितियों का पता लगाते हैं:

  • आंख खोलने की क्षमता
  • बात करने व समझने की क्षमता
  • मांसपेशियों की गतिविधि की प्रक्रिया जैसे कोहनी से बाजू को मोड़ने की क्षमता 

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज)

डॉक्टर को यह निर्धारित करना जरूरी होता है कि आप होश में हैं या नहीं और यदि आप होश में नहीं हैं तो कितनी देर से नहीं हैं। परीक्षण के दौरान डॉक्टर सिर में चोट के संकेत या निशान का पता भी लगा सकते हैं, जैसे सूजन या त्वचा नीली पड़ना। इसके अलावा डॉक्टर न्यूरोलॉजिकल (सर से जुड़े) परीक्षण (Neurological examination) भी कर सकते हैं। इस परीक्षण के दौरान डॉक्टर आपकी मांसपेशियों की मजबूती व नियंत्रण, आंखों के हिलने की क्षमता और अन्य अंगों में सनसनी महसूस होना आदि स्थितियों की जांच करते हैं जिससे ये पता लग जाता है कि नसें कितने अच्छे से काम कर पा रही हैं। 

(और पढ़ें - लैब टेस्ट लिस्ट)

परीक्षण के दौरान किये जाने वाले टेस्ट:

  • एक्स रे (X rays) - सिर की हड्डी (खोपड़ी) में किसी प्रकार के फ्रैक्चर का पता लगाने के लिए एक्स रे टेस्ट किया जाता है। (और पढ़ें - मैमोग्राफी क्या होती है)
  • सीटी स्कैन (CT scan) - इस प्रक्रिया में एक्स रे के साथ अन्य कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी मदद से शरीर के अंदर की तस्वीरें निकाली जाती हैं। सीटी स्कैन की मदद से शरीर के कई हिस्सों की तस्वीरें ली जा सकती हैं, जिनमें हड्डियां, मांसपेशियां, वसा और शरीर के कई अन्य अंग भी शामिल हैं। सीटी स्कैन के द्वारा ली गई तस्वीर में सामान्य एक्स रे से अधिक जानकारी होती है। (और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है)
  • ईईजी (Electroencephalogram) - यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान मरीज की खोपड़ी पर कुछ इलेक्ट्रोड्स (Electrodes) चिपकाए जाते हैं। (और पढ़ें - ईईजी टेस्ट क्या है)
  • एमआरआई (MRI scan) - इस प्रक्रिया में बड़े चुंबकों, रेडियो फ्रिक्वेंसी (Radiofrequencies) और कंप्यूटर मशीन का उपयोग किया जाता है। इस टेस्ट प्रक्रिया की मदद से शरीर के अंदरुनी अंगों और उनकी संरचना की तस्वीरें बनाई जाती हैं। (और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है) 

सिर की चोट का इलाज - Head Injury Treatment in Hindi

क्या सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी होना सामान्य है? - kya sir par chot lagane ke baad ultee hona saamaany hai?

सिर की चोट का इलाज कैसे किया जाता है?

यदि सिर पर चोट लगी है और उसके लिए प्राथमिक उपचार की आवश्यकता है, तो निम्न बातों का पालन करें:

  • यदि व्यक्ति के सिर से खून बह रहा है तो उसको रोकने की कोशिश करें। घाव को छुए नहीं और यदि घाव खुला है, तो उस पर दबाव भी ना दें। इसकी जगह घाव के ऊपर पट्टी बांध दें। 
  • यदि किसी व्यक्ति को उल्टी हो रही है, तो उसको सीधा खड़ा रखें। यदि व्यक्ति नीचे लेटा हुआ है, तो उसके शरीर को एक तरफ घुमा दें ताकि उसका दम ना घुटे। 
  • यदि व्यक्ति बेहोश नहीं है और जाग रहा है, तो उसे अपनी गर्दन व सिर ना हिलाने को कहें। ऐसा करने से मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी में और अधिक क्षति होने का खतरा कम हो जाता है। 
  • यदि व्यक्ति बेहोश पड़ा है और सांस ले रहा है, तो उसके शरीर को स्थिर रखने की कोशिश करें, जैसे उनकी गर्दन व सिर को रीढ़ की हड्डी की रेखा में सीधा रखना।
  • यदि व्यक्ति बेहोश पड़ा है और सांस भी नहीं ले रहा, तो ऐसी स्थिति में सीपीआर (Cardiopulmonary resuscitation) प्रक्रिया शुरू करें। 

सिर की चोट का इलाज

सिर की चोट का इलाज चोट के प्रकार और उसकी गंभीरता के अनुसार किया जाता है। यहां तक कि अगर आपकी चोट मामूली सी लगती है, तो भी आपको उसकी जांच करवा कर यह पता लगा लेना चाहिए ताकि आगे जाकर यह स्थिति गंभीर न हो। 

यदि आपके सिर में गंभीर चोट लगी है तो आपको मिर्गी की रोकथाम करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं। क्योंकि जब आपके सिर में चोट लगती है, तो अगले एक हफ्ते तक आपको मिर्गी पड़ने का खतरा रहता है। (और पढ़ें - मिर्गी से बचने के उपाय)

यदि आपके सिर में गंभीर चोट लगी है, तो आपके सिर की जांच की जाती है जिसमें यह पता लगाया जाता है कि आपके सिर में किसी प्रकार का दबाव तो नहीं बढ़ा हुआ है। सिर की चोट लगने से मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। मस्तिष्क खोपड़ी के अंदर होता है, इसलिए मस्तिष्क में सूजन के लिए बहुत ही कम जगह होती है। ऐसी स्थिति में यदि खोपड़ी पर दबाव दिया जाता है, तो उससे मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो सकता है।

(और पढ़ें - घाव की मरहम पट्टी कैसे करे)

यदि क्षति आपके मस्तिष्क में दबाव बढ़ने के कारण हुई है, तो आपको डाइयुरेटिक्स (Diuretics) दवाएं दी जा सकती हैं। इन दवाओं से शरीर से अधिक मात्रा में द्रव निकलने लगता है जिसकी मदद से मस्तिष्क में दबाव कम करने में मदद मिलती  है। 

सिर की चोट से ग्रस्त कई लोगों को इमर्जेंसी रूम से सीधा ऑपरेटिंग रूम ले जाना पड़ सकता है। कई मामलों में दिमाग और मस्तिष्क की हड्डी के बीच फंसे और जमें खून को निकालने के लिए सर्जरी की जाती है। यह जमा हुआ खून सर पर दबाव ड़ालता है और इससे कई खतरे हो सकते हैं।  

(और पढ़ें - मस्तिष्क संक्रमण के लक्षण)

सिर की चोट की जटिलताएं - Head Injury Complications in Hindi

सिर में चोट लगने की क्या जटिलताएं हैं?

सिर की चोट से होने वाली जटिलताएं इस पर निर्भर करती हैं, कि मस्तिष्क का कौन सा भाग क्षतिग्रस्त हुआ है और कितना हुआ है।

मस्तिष्क क्षतिग्रस्त होने पर मरीज को कई समस्याएं हो सकती हैं:

  • मांसपेशियों में कमजोरी आना
  • मांसपेशियों की गतिविधियां ठीक से काम ना करना
  • ठीक से बोल ना पाना
  • देखने में परेशानी होना (और पढ़ें - आँखों की रौशनी बढ़ाने के उपाय)
  • ठीक से सुनाई ना देना
  • चीजों से स्वाद की पहचान ना कर पाना

मस्तिष्क में चोट लगने से मरीज की व्यवहार में भी कुछ समय या लंबे समय के लिए बदलाव आ सकता है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग के लक्षण)

सिर में चोट लगने से क्या हो सकता है? - What can happen if you have a head injury in Hindi?

सिर में चोट लगने का परिणाम आपकी चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है. ज्यादातर लोग जिनके सिर में मामूली चोटें आई हैं, वह कोई स्थायी परिणाम नहीं अनुभव करते हैं. जिन लोगों के सिर में गंभीर चोटें आई हैं, उनके व्यक्तित्व, शारीरिक क्षमताओं और सोचने की क्षमता में स्थायी परिवर्तन हो सकते हैं.

बचपन में सिर पर लगी गंभीर चोटें विशेष रूप से चिंताजनक हो सकती हैं. आमतौर पर यह माना जाता है कि बच्चों का दिमाग ऐसी चोटों के लिए काफी सेन्सिटिव होता है. ऐसा क्यों होता है, ये जानने के लिए इस विषय में रिसर्च स्टडी चल रहे हैं.

बच्चों के सिर पर चोट लगने पर क्या करना चाहिए? - What to do if a child suffers a head injury in Hindi?

बच्चा अगर किसी चीज से टकरा जाए तो माता-पिता के लिए यह बेहद ही डरावना होता है. ऐसे में अक्सर पैरेंट्स घबरा जाते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि वह क्या करें? ऐसे में सबसे पहले गहरी सांस लें और शांत रहने की कोशिश करें. ज्यादातर मामलों में किसी चीज से टकराने सिर पर मामूली-सी चोट आती है, जिस पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती. यहां तक की 2015 में एक स्टडी के मुताबिक गिरने से सिर पर लगी चोट गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाती. लेकिन कुछ दुर्लभ मामले हैं, जिनको लेकर पैरेंट्स को सतर्क रहना चाहिए.

यदि आपके शिशु के सिर में चोट लगने के बाद इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें -

  • टब में फिसलना
  • पीछे की ओर गिरना
  • बेड से गिरना
  • फर्नीचर पर चढ़कर उससे गिरना
  • शिशु वॉकर का इस्तेमाल करते समय गिरना
  • प्लेग्राउंड में झूले से गिरना

सिर की चोट का इलाज उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है. हल्के मामलों में आप बच्चे के सिर पर बर्फ लगा सकते हैं. साथ ही बेबी को सुला दें, उससे बच्चे को राहत मिलती है.

संदर्भ

  1. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Severe head injury.
  2. The Neurological Institute of New York. [Internet]. Columbia University, New York; Head Injury.
  3. Kasper DL, et al., eds. Concussion and Other Traumatic Brain Injuries. In: Harrison's Principles of Internal Medicine. 19th ed. New York, N.Y.: McGraw-Hill Education; 2015
  4. Bramlett HM, et al.Long-Term Consequences of Traumatic Brain Injury: Current Status of Potential Mechanisms of Injury and Neurological Outcomes. Journal of Neurotrauma. 2015;32:1834
  5. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Symptoms of Traumatic Brain Injury (TBI).

सिर की चोट के डॉक्टर

सिर की चोट की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Head Injury in Hindi

सिर की चोट के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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सिर में चोट लगने के बाद कितनी उल्टी होती है?

सिर पर तेज चोट लगने के बाद शिशु का एक बार उल्टी करना सामान्य है। मगर यदि वह दो या तीन बार उल्टी करें तो डॉक्टर से बात करें। असामान्य ढंग से गहरी नींद सोना।

सिर की चोट गंभीर कैसे पता करें?

चोट केवल खोपड़ी पर मामूली चोट या मस्तिष्क की गंभीर चोट हो सकती है।.
गंभीर सिर या चेहरे से खून बह रहा है।.
व्यक्ति भ्रमित, थका हुआ या बेहोश है।.
व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है।.
आपको गंभीर सिर या गर्दन की चोट पर संदेह है, या व्यक्ति किसी गंभीर सिर की चोट के कोई लक्षण या लक्षण विकसित करता है।.

सिर में चोट लगने से क्या क्या हो सकता है?

उनके परिणामस्वरूप सिरदर्द, दृष्टि का धुंधलापन या मतली और उल्टी भी हो सकती है। गंभीर कुंद सिर आघात: कई मिनटों से लेकर कई दिनों तक चलने वाली चेतना का नुकसान शामिल है। दौरे पड़ सकते हैं। व्यक्ति गंभीर और कभी-कभी स्थायी स्नायविक क्षति से पीड़ित हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है।

बच्चों के सिर में चोट लग जाए तो क्या करना चाहिए?

बच्चे को शांत रखें जब बच्चे को ऐसी कोई चोट लग जाए जिससे सिर में सूजन आ जाए तो उसे शांत रखने की कोशिश करें। यदि बच्चा बहुत छोटा है तो उसे गोद में लेकर चुप कराएं और थोड़ी देर के लिए उसे आराम करने दें। आराम से चोट की रिकवरी जल्दी होती हो और सूजन भी कम हो जाती है।