क्या मूंगा और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ? - kya moonga aur pukharaaj ek saath pahanane ke laabh?

मोती और पुखराज (gemstone topaz or pearl) तो किसी को भी पहना दो चलेगा दोनों ही निर्मल और शुद्ध ग्रह हैं। नुकसान तो करेंगे नहीं। यह ज्ञान दिया मेरे एक साथी ज्‍योतिषी ने। वह मोती तो हर किसी को पहना देता है। कहता है मन का कारक है, मोती पहनेगा तो मानसिकता मजबूत होगी। नहीं भी होगी तो नुकसान नहीं करेगा। सामान्‍य बात है, समझ में भी आ गई।

वास्‍तव में जैम स्‍टोन से किस ग्रह का उपचार कैसे किया जाए इस बारे में कई तरह के मत हैं। कोई ग्रह के कमजोर होने पर रत्‍न पहनाने की सलाह देता है तो कोई केवल कारक ग्रह अथवा लग्‍नेश संबंधी ग्रह का रत्‍न पहनने की सलाह देता है। ऐसे में किसे क्‍या पहनाया जाए, यह बताना टेढ़ी खीर है। यहां के.एस. कृष्‍णामूर्ति को कोट करूं तो स्‍पष्‍ट है कि लग्‍नेश या नवमेश अथवा इनसे जुड़े ग्रहों का ही उपचार किया जा सकता है। ऐसे में कई दूसरे ग्रह जो फौरी तौर पर कुण्‍डली में बहुत स्‍ट्रांग पोजिशन में दिखाई भी दें तो उनसे संबंधित उपचार नहीं कराए जा सकते।

मैं उदाहरण से समझाने का प्रयास करता हूं। तुला लग्‍न के जातक की कुण्‍डली में लग्‍न का अधिपति हुआ शुक्र, कारक ग्रह हुआ शनि और नवमेश हुआ बुध। अब कृष्‍णामूर्ति के अनुसार जब तक शनि का संबंध शुक्र या बुध से न हो तो उससे संबंधित उपचार नहीं किए जा सकते, यानि उपचार प्रभावी नहीं होगा, लेकिन परम्‍परागत ज्‍योतिष के अनुसार तुला लग्‍न के जातक को शनि संबंधी रत्‍न प्रमुखता से पहनाया जा सकता है। यहां गाड़ी अटक जाती है।

बिना ठोस वजह के मूंगा और नीलम पहनाने से हुए नुकसानों के हजारों उदाहरण हैं। नीलम के संबंध में कई कहानियां आपने भी सुनी होगी, लेकिन मूंगे और हीरे को लेकर मेरे पास भी दो कहानियां हैं। दोनों ही मेरे अपने अनुभव हैं। हमारे एक जानकार का तबादला बीकानेर से बाहर हो गया। उन्‍होंने सालभर तक कोशिश की और तकरीबन हर ज्‍योतिषी को दिखा दिया।

कई ज्‍योतिषियों ने लग्‍नेश होने के कारण उन सज्‍जन को मूंगा पहनने की सलाह दे डाली। जातक ने सोने की अंगूठी में सवा छह रत्‍ती का मूंगा बनवाकर पहन भी लिया। कुछ ही दिनों में उनका गुस्‍सा परवान चढ़ने लगा। जब वे मेरे पास आए तब उनकी कुण्‍डली में राहु में मंगल का ही अंतर चल रहा था। चंद्रमा इतना कमजोर था कि मैंने कार्ड खेल दिया, मैंने पूछा आप आत्‍महत्‍या का प्रयास तो नहीं कर चुके हैं। जातक ढेर हो गया, उसने कहा दो बार पंखे में रस्‍सी डाल चुका हूं लेकिन परिवार का चेहरा सामने आ गया सो, इरादा टाल दिया। मैंने कहा यह मूंगे के कारण हो रहा है। आप इसे अभी खोल दीजिए। उन्‍होंने मेरी बात मान ली और मूंगा तुरंत उतार दिया।

फिर मैंने उन्‍हें राहु के उपचार बताए और तबादला वापस बीकानेर होने की तिथि बता दी। करीब तीन महीने बाद उनका तबादला वापस बीकानेर हो गया। रास्‍ते में मुझे मिले तो बड़े खुश नजर आ रहे थे। उनकी पत्‍नी साथ थीं, उनकी पत्‍नी ने मुझे देखते ही धन्‍यवाद दिया और बताया कि जिन दिनों में मूंगा पहन रखा था, उन दिनों छोटी-छोटी बात पर जोरदार तैश में आ जाते। अपने बच्‍चों को टीन एजर होने से पहले तक भी हाथ नहीं लगाया उनकी भी पिटाई कर देते थे। अब सहज हो गए हैं।

एक दूसरी घटना शुक्र से जुड़ी है। लाल किताब बताती है कि हम किसी ग्रह से संबंधित वस्‍तु हाथ में धारण करते हैं तो वह ग्रह कुण्‍डली के तीसरे भाव का फल देने लगता है। इसे मैंने चैक किया मेरे एक मित्र पर। मैंने उसे बता दिया था कि यह एक प्रयोग ही है, क्‍योंकि इस बारे में मैं अधिक नहीं जानता। उसे शुक्र के हीरे के रूप में अमरीकन डायमंड की अंगूठी पहनाई। उसका गुरु पहले से ही नौंवे भाव में था। अब अंगूठी पहनाने के बाद लाल किताब के अनुसार शुक्र और गुरू आमने-सामने हो गए थे।

यानि एक दूसरे पर पूर्ण दृष्टि देने वाले। मेरा कुंवारा दोस्‍त पड़ोसन के चक्‍कर में पड़ गया। जो लड़का कभी लड़कियों की तरफ आंख उठाकर नहीं देखता था, वह इतनी लंपटता करने लगा कि एक दिन जब मैं उसके घर गया तो उसने पड़ोसन को दिखाकर उससे अपने संबंध बताए। मैंने उसे हीरा खोल देने की सलाह दी, लेकिन वह अपनी नई स्थिति से खुश था, सो हीरा नहीं खोला। मेरा ख्‍याल है बाद में उसी रत्‍न के चलते उसने सरकारी नौकरी की आस छोड़कर प्राइवेट कंपनी में एप्‍लाई किया और नौकरी लग गया। बाद में कुछ साल बाहर भी रहा। इन दिनों निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर पहुंच चुका है। मैला-कुचैला रहने वाला मेरा दोस्‍त अब टिप-टॉप रहता है और शुक्र के जातक की तरह व्‍यवहार करता है। अब उसे देखता हूं तो लगता है कि उसकी स्थिति तो ठीक हो गई लेकिन वह अपने मूल स्‍वरूप में नहीं रहा।

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Astrologer Sidharth

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ज्‍योतिषी सिद्धार्थ जगन्‍नाथ जोशी भारत के शीर्ष ज्‍योतिषियों में से एक हैं। मूलत: पाराशर ज्‍योतिष और कृष्‍णामूर्ति पद्धति के जरिए फलादेश देते हैं। आमजन को समझ आ सकने वाले सरल अंदाज में लिखे ज्योतिषीय लेखों का संग्रह ज्‍योतिष दर्शन पुस्‍तक के रूप में आ चुका है। मोबाइल नम्‍बर 09413156400 (प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक उपलब्‍ध)

मंगल ग्रह हमारे अंदर अग्नि तत्व की प्रधानता को निरूपित करता है, बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जिनकी लग्न कुंडली में मंगल ग्रह सुप्त अवस्था में होता है, या वह पूरी तरह से निष्क्रिय होता है, जिसकी वजह से जातक के अंदर ऊर्जा शक्ति की कमी रहती है, जिसके कारण वह अपने कार्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं कर पाता है, ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न (munga ratna ke fayde in hindi) धारण किया जाता है, जिससे जातक को मंगल ग्रह से संबंधित शक्तियां प्राप्त हो एवं मंगल से संबंधित कार्य संपन्न हो।

2. दूषित मंगल से पीड़ित व्यक्ति बहुत ही जिद्दी स्वभाव के होते हैं, एवं उनमें घमंड भी बहुत अधिक होता है। वह बहुत दंभी किस्म के होते हैं, कई बार तो ऐसी भी परिस्थितियां उत्पन्न होती है, कि जातक अपने परिवार वालों से ही बैर कर लेते हैं, और घर छोड़कर कहीं अन्यत्र चले जाते हैं। परिस्थितियां ऐसी हो जाती है, कि उनके जीवन में शायद ही कोई कहने को अपना रहे उसके स्वयं मित्र भी उसके शत्रु के समान ही कार्य करते हैं, एवं मौका मिलने पर जातक की स्थिति को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कई बार ऐसे जातक दूसरे के बहकावे में भी आकर गलत निर्णय ले लेते हैं, एवं गलत कार्यों की ओर आकर्षित होने लगते हैं|

क्या मूंगा और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ? - kya moonga aur pukharaaj ek saath pahanane ke laabh?
मूंगा रत्न पहनने के फायदे

 

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3. इन जातकों के अंदर बदला लेने की भावना बहुत अधिक प्रबल होती है, जिसकी वजह से मानसिक तौर पर भी यह बहुत अधिक स्थिर नहीं रह पाते हैं। क्रोध की स्थिति में अपना भला बुरा भी नहीं पहचान पाते है। मंगल ग्रह के दूषित होने से यह सारे परिणाम देखने को मिलते हैं, ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न (munga ratna ke upyog) धारण करना बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। जातक के जीवन से धीरे-धीरे यह सारे अवगुण दूर होने लगते हैं, एवं उस की सहनशीलता बढ़ने लगती है, तथा अपनी शक्ति का उपयोग सही दिशा में करने लगता हैl जिससे उसके दोष भी शुभ योग में बदलने लगते हैं|

4. कुछ लोगों का यह भी मानना होता है, कि जब भी मूंगा रत्न (coral benefits in hindi) को चांदी या तांबे या सोने के लॉकेट में मड़वा कर बच्चे के गले में पहनाई जाती है, तो उस से ऊपरी बाधा संबंधित चीज है। उस पर बिल्कुल भी अपना असर नहीं दिखा पाती हैl वह किसी भी परिस्थिति में अपना दुष्प्रभाव बच्चे के ऊपर नहीं दिखा पाती हैंl टोना टोटका, नजर दोष संबंधित चीजों का भय पूरी तरह से समाप्त हो जाता है|

5. मानसिक अवसाद या नीरसता को नियंत्रण में रखने के लिए भी मूंगा रत्न लोगों के द्वारा धारण किया जाता है।

6. मंगल से संबंधित दोष की वजह से जातक बहुत गुस्सैल प्रवृत्ति का हो जाता हैl ऐसी स्थिति में मूंगा रत्न (munga ratna kyo pahna jata hai) को धारण अवश्य करना चाहिए, जिससे उसका मन मस्तिष्क शांत रहेl धीरे-धीरे उसके गुस्सैल प्रवृत्ति में परिवर्तन आता है, तथा वह सौम्य एवं शांति को प्राप्त करता है।

7. मूंगा रत्न (munga ratna benefits in hindi) का स्वामी ग्रह मंगल गर्म प्रकृति का होता है, या अग्नि तत्व को निरूपित करता है, इसलिए आलस से पीड़ित किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति के द्वारा मूंगा रत्न यदि धारण किया जाता है, तो उसकी आलस को समस्या को मूंगा रत्न दूर करता है, इसके साथ-साथ उसे ऊर्जावान भी बनाता है।

क्या मूंगा और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ? - kya moonga aur pukharaaj ek saath pahanane ke laabh?
मूंगा रत्न पहनने के फायदे

 

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8. मूंगा रत्न से संबंधित विकार में भी मूंगा रत्न बहुत कारगर सिद्ध होता है। बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जो मिर्गी एवं पीलिया के मरीज होते हैं। उनको भी मूंगा रत्न (munga ratna ke labh) अप्रतिम रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है, तथा बहुत से लोगों को दूर करने में मूंगा रत्न अत्यंत हितकारी सिद्ध हो सकता है।

9. बहुत से ऐसे जातक होते हैं, जो मंगल के दुष्प्रभाव की वजह से अत्यंत कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं, ऐसी स्थिति में यदि मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne se kya hota hai) धारण किया जाता है, तो उन्हें मूंगा रत्न धैर्य एवं साहस प्रदान करता है, जिससे विपरीत परिस्थितियों को भी यह धीरे-धीरे ही सही किंतु अनुकूल परिस्थितियों में परिवर्तित करने योग्य बन जाते हैं।

10. मूंगा रत्न (moonga ratna pehnne ke fayde) धारण करने से जातक के अंदर अदम्य साहस की संरचना का निर्माण करता है, जिससे जातक चुनौतियों से लड़ने में सक्षम होता है। चुनौतियां उसके अडिग पथ को हिलाने में असक्षम हो जाती हैं।

11. मंगल ग्रह नवरत्नों में सेनापति की उपाधि से अलंकृत किया जाता है, और सूर्य को राजा से संबोधित किया जाता है, इसलिए सूर्य एवं मंगल आपस में मित्र होते हैं, क्योंकि सूर्य ग्रह को राजा होने के नाते अपने सेनापति पर बहुत अधिक विश्वास होता है, इसलिए मूंगा रत्न (munga ratna dharan karne ke fayde) को सूर्य ग्रह के साथ धारण करना और अधिक लाभ प्रदान करता है।

क्या मूंगा और पुखराज एक साथ पहनने के लाभ? - kya moonga aur pukharaaj ek saath pahanane ke laabh?
मूंगा रत्न पहनने के फायदे

 

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12. मूंगा रत्न (munga ratna pehne ke fayde) को धारण करने से जातक की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत होती है, एवं मान सम्मान प्राप्ति के भी योग बनते हैं|

13. प्रशासनिक विभाग हो या सैन्य संबंधित विभाग, पुलिस ,डॉक्टर, आर्मी ,हथियार निर्माण या उपयोग संबंधित वर्ग ,अभियंता आदि चीजों का प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह के द्वारा किया जाता हैl अतः इन कार्य क्षेत्रों में संलग्न व्यक्तियों के द्वारा यदि मूंगा रत्न (munga ratna ki jankari) धारण किया जाता है, तो उन्हें विशेष लाभ प्राप्त होता है|

14. प्राचीन काल में मूंगा रत्न (coral benefits in hindi) का उपयोग विभिन्न प्रकार के विषधरो के विष के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जाता था आज भी कहीं कहीं यह पद्धति अभी भी जीवित है तथा कुछ खास जगहों पर आज भी मूंगा रत्न का उपयोग विभिन्न प्रकार के जीवो के द्वारा काटे जाने पर विष के प्रभाव को कम करने के लिए उपयोग में लाया जाता है|

15. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी मूंगा रत्न (red coral benefits in hindi) को धारण किया जाता हैl यह एक जैविक रत्न होता है, जिसकी वजह से इस में प्राकृतिक रूप से बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे जातक के द्वारा मूंगा रत्न धारण किया जाता हैl उसे यह अप्रतिम रूप से स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है, एवं उसकी स्वास्थ्य प्रणाली को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने में बहुत अधिक प्रभावित करता है।

16. मूंगा रत्न (munga ratna kise pahnna chahiye) को धारण करने से जातक निडर, साहसी एवं पराक्रमी बनता है, तथा उसकी निर्णायक क्षमता भी बहुत अधिक प्रभाव शील बनती है|

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अभिमंत्रित मूंगा रत्न कहाँ से प्राप्त करें –

मित्रों यदि आप चाहें तो हमारे नवदुर्गा ज्योतिष केंद्र से अभिमंत्रित मुंगा रत्न प्राप्त कर सकते है जो हमारे यहाँ से अभिमंत्रित प्राप्त कर सकते हैं जो हमारे यहाँ लम्बा मूंगा मात्र – 300 रुपये रत्ती और त्रिकोण मूंगा 400₹ रत्ती मिल जाएगा, सर्टिफीकेट और गारंटी कार्ड साथ में दिया जायेगा – Call and Whatsapp – 7567233021

मूंगा और पुखराज साथ में पहन सकते हैं क्या?

लाल मूंगा और पुखराज रत्न एक साथ धारण करने के सर्वोत्तम उपाय वो जातक इस मिश्रण को धारण करने पर विचार कर सकते हैं वे हैं मेष, वृश्चिक-मंगल द्वारा शासित, कर्क-शासित चंद्रमा और मीन राशि बृहस्पति द्वारा प्रबंधित। 2. यदि ये तीनों ग्रह महत्वपूर्ण हों, तो (योग कारक) एक ही भाव में एक-दूसरे की युति या पूरक हो।

मूंगा कब नहीं पहनना चाहिए?

– बिना कुंडली दिखाए मूंगा नहीं पहनना चाहिए। दरअसल, मंगल की दो राशियां होती हैं मेष और वृश्चिक। – जिस व्यक्ति की राशि मेष, वृश्चिक हो या लग्न में सिंह, धनु, मीन राशि हो वह लोग मूंगा पहन सकते हैं। – यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो ऐसे व्यक्ति को मूंगा धारण करना से लाभ मिलता है।

पुखराज का असर कितने दिनों में होता है?

रत्न शास्त्र के अनुसार अगर पुखराज किसी जातक को सूट कर जाए,तो वे 30 दिन में असर दिखाने लगता है. पुखराज रत्न बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे में बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशियां धनु और मीन राशि के जातकों के लिए ये वरदान के समान है. वहीं, मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातक भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं.

क्या पुखराज और मोती एक साथ पहन सकते हैं?

इन्‍हें एक साथ पहनने से होती है धन हान‍ि पन्‍ना बुध का रत्‍न होता है। इससे पहनने से बुध ग्रह संबंधी दोष खत्‍म हो जाते हैं। लेक‍िन अगर इसके साथ पुखराज, मूंगा और मोती पहन ल‍िया जाए तो जातक के जीवन में धन संबंधी परेशान‍ियां आ जाती हैं